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सूरा अल-बय्यिना - शब्द द्वारा शब्द

Al-Bayyinah

(The Clear Proof, Evidence)

bismillaahirrahmaanirrahiim

لَمْ يَكُنِ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا مِنْ اَهْلِ الْكِتٰبِ وَالْمُشْرِكِيْنَ مُنْفَكِّيْنَ حَتّٰى تَأْتِيَهُمُ الْبَيِّنَةُۙ ١

lam
لَمْ
नहीं
yakuni
يَكُنِ
थे
alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो जिन्होंने
kafarū
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
min
مِنْ
अहले किताब में से
ahli
أَهْلِ
अहले किताब में से
l-kitābi
ٱلْكِتَٰبِ
अहले किताब में से
wal-mush'rikīna
وَٱلْمُشْرِكِينَ
और मुशरिकीन में से
munfakkīna
مُنفَكِّينَ
बाज़ आने वाले
ḥattā
حَتَّىٰ
यहाँ तक कि
tatiyahumu
تَأْتِيَهُمُ
आ जाए उनके पास
l-bayinatu
ٱلْبَيِّنَةُ
वाज़ेह दलील
किताबवालों और मुशरिकों (बहुदेववादियों) में से जिन लोगों ने इनकार किया वे कुफ़्र (इनकार) से अलग होनेवाले नहीं जब तक कि उनके पास स्पष्ट प्रमाण न आ जाए; ([९८] अल-बय्यिना: 1)
Tafseer (तफ़सीर )

رَسُوْلٌ مِّنَ اللّٰهِ يَتْلُوْا صُحُفًا مُّطَهَّرَةًۙ ٢

rasūlun
رَسُولٌ
एक रसूल
mina
مِّنَ
अल्लाह की तरफ़ से
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह की तरफ़ से
yatlū
يَتْلُوا۟
जो पढ़ता है
ṣuḥufan
صُحُفًا
सहीफ़े
muṭahharatan
مُّطَهَّرَةً
पाकीज़ा
अल्लाह की ओर से एक रसूल पवित्र पृष्ठों को पढ़ता हुआ; ([९८] अल-बय्यिना: 2)
Tafseer (तफ़सीर )

فِيْهَا كُتُبٌ قَيِّمَةٌ ۗ ٣

fīhā
فِيهَا
उसमें
kutubun
كُتُبٌ
तहरीरें हैं
qayyimatun
قَيِّمَةٌ
दुरुस्त
जिनमें ठोस और ठीक आदेश अंकित हों, ([९८] अल-बय्यिना: 3)
Tafseer (तफ़सीर )

وَمَا تَفَرَّقَ الَّذِيْنَ اُوْتُوا الْكِتٰبَ اِلَّا مِنْۢ بَعْدِ مَا جَاۤءَتْهُمُ الْبَيِّنَةُ ۗ ٤

wamā
وَمَا
और नहीं
tafarraqa
تَفَرَّقَ
तफ़रक़ा किया
alladhīna
ٱلَّذِينَ
उन लोगों ने जो
ūtū
أُوتُوا۟
दिए गए
l-kitāba
ٱلْكِتَٰبَ
किताब
illā
إِلَّا
मगर
min
مِنۢ
बाद उसके
baʿdi
بَعْدِ
बाद उसके
مَا
जो
jāathumu
جَآءَتْهُمُ
आई उनके पास
l-bayinatu
ٱلْبَيِّنَةُ
खुली दलील
हालाँकि जिन्हें किताब दी गई थी। वे इसके पश्चात फूट में पड़े कि उनके पास स्पष्ट प्रमाण आ चुका था ([९८] अल-बय्यिना: 4)
Tafseer (तफ़सीर )

وَمَآ اُمِرُوْٓا اِلَّا لِيَعْبُدُوا اللّٰهَ مُخْلِصِيْنَ لَهُ الدِّيْنَ ەۙ حُنَفَاۤءَ وَيُقِيْمُوا الصَّلٰوةَ وَيُؤْتُوا الزَّكٰوةَ وَذٰلِكَ دِيْنُ الْقَيِّمَةِۗ ٥

wamā
وَمَآ
और नहीं
umirū
أُمِرُوٓا۟
वो हुक्म दिए गए थे
illā
إِلَّا
मगर
liyaʿbudū
لِيَعْبُدُوا۟
ये कि वो इबादत करें
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह की
mukh'liṣīna
مُخْلِصِينَ
ख़ालिस करने वाले
lahu
لَهُ
उसके लिए
l-dīna
ٱلدِّينَ
दीन को
ḥunafāa
حُنَفَآءَ
यक्सू हो कर
wayuqīmū
وَيُقِيمُوا۟
और वो क़ायम करें
l-ṣalata
ٱلصَّلَوٰةَ
नमाज़
wayu'tū
وَيُؤْتُوا۟
और वो अदा करे
l-zakata
ٱلزَّكَوٰةَۚ
ज़कात
wadhālika
وَذَٰلِكَ
और ये है
dīnu
دِينُ
दीन
l-qayimati
ٱلْقَيِّمَةِ
दुरुस्त
और उन्हें आदेश भी बस यही दिया गया था कि वे अल्लाह की बन्दगी करे निष्ठा एवं विनयशीलता को उसके लिए विशिष्ट करके, बिलकुल एकाग्र होकर, और नमाज़ की पाबन्दी करें और ज़कात दे। और यही है सत्यवादी समुदाय का धर्म ([९८] अल-बय्यिना: 5)
Tafseer (तफ़सीर )

اِنَّ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا مِنْ اَهْلِ الْكِتٰبِ وَالْمُشْرِكِيْنَ فِيْ نَارِ جَهَنَّمَ خٰلِدِيْنَ فِيْهَاۗ اُولٰۤىِٕكَ هُمْ شَرُّ الْبَرِيَّةِۗ ٦

inna
إِنَّ
बेशक
alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो जिन्होंने
kafarū
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
min
مِنْ
अहले किताब में से
ahli
أَهْلِ
अहले किताब में से
l-kitābi
ٱلْكِتَٰبِ
अहले किताब में से
wal-mush'rikīna
وَٱلْمُشْرِكِينَ
और मुशरिकीन
فِى
आग में होंगे
nāri
نَارِ
आग में होंगे
jahannama
جَهَنَّمَ
जहन्नम की
khālidīna
خَٰلِدِينَ
हमेशा रहने वाले
fīhā
فِيهَآۚ
उसमें
ulāika
أُو۟لَٰٓئِكَ
यही लोग हैं
hum
هُمْ
वो
sharru
شَرُّ
बदतरीन
l-bariyati
ٱلْبَرِيَّةِ
मख़लूक़
निस्संदेह किताबवालों और मुशरिकों (बहुदेववादियों) में से जिन लोगों ने इनकार किया है, वे जहन्नम की आग में पड़ेगे; उसमें सदैव रहने के लिए। वही पैदा किए गए प्राणियों में सबसे बुरे है ([९८] अल-बय्यिना: 6)
Tafseer (तफ़सीर )

اِنَّ الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ اُولٰۤىِٕكَ هُمْ خَيْرُ الْبَرِيَّةِۗ ٧

inna
إِنَّ
बेशक
alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो लोग जो
āmanū
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
waʿamilū
وَعَمِلُوا۟
और उन्होंने अमल किए
l-ṣāliḥāti
ٱلصَّٰلِحَٰتِ
नेक
ulāika
أُو۟لَٰٓئِكَ
यही लोग हैं
hum
هُمْ
वो
khayru
خَيْرُ
बेहतरीन
l-bariyati
ٱلْبَرِيَّةِ
मख़लूक़
किन्तु निश्चय ही वे लोग, जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए पैदा किए गए प्राणियों में सबसे अच्छे है ([९८] अल-बय्यिना: 7)
Tafseer (तफ़सीर )

جَزَاۤؤُهُمْ عِنْدَ رَبِّهِمْ جَنّٰتُ عَدْنٍ تَجْرِيْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ خٰلِدِيْنَ فِيْهَآ اَبَدًا ۗرَضِيَ اللّٰهُ عَنْهُمْ وَرَضُوْا عَنْهُ ۗ ذٰلِكَ لِمَنْ خَشِيَ رَبَّهٗ ࣖ ٨

jazāuhum
جَزَآؤُهُمْ
बदला उनका
ʿinda
عِندَ
पास है
rabbihim
رَبِّهِمْ
उनके रब के
jannātu
جَنَّٰتُ
बाग़ात
ʿadnin
عَدْنٍ
हमेशगी के
tajrī
تَجْرِى
बहती हैं
min
مِن
उनके नीचे से
taḥtihā
تَحْتِهَا
उनके नीचे से
l-anhāru
ٱلْأَنْهَٰرُ
नहरें
khālidīna
خَٰلِدِينَ
हमेशा रहने वाले हैं
fīhā
فِيهَآ
उनमें
abadan
أَبَدًاۖ
हमेशा-हमेशा
raḍiya
رَّضِىَ
राज़ी हो गया
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
ʿanhum
عَنْهُمْ
उनसे
waraḍū
وَرَضُوا۟
और वो राज़ी हो गए
ʿanhu
عَنْهُۚ
उससे
dhālika
ذَٰلِكَ
ये
liman
لِمَنْ
उसके लिए जो
khashiya
خَشِىَ
डर गया
rabbahu
رَبَّهُۥ
अपने रब से
उनका बदला उनके अपने रब के पास सदाबहार बाग़ है, जिनके नीचे नहरें बह रही होंगी। उनमें वे सदैव रहेंगे। अल्लाह उनसे राज़ी हुआ और वे उससे राज़ी हुए। यह कुछ उसके लिए है, जो अपने रब से डरा ([९८] अल-बय्यिना: 8)
Tafseer (तफ़सीर )