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सूरा अल-अलक - शब्द द्वारा शब्द

Al-'Alaq

(The Clot, Recite)

bismillaahirrahmaanirrahiim

اِقْرَأْ بِاسْمِ رَبِّكَ الَّذِيْ خَلَقَۚ ١

iq'ra
ٱقْرَأْ
पढ़िए
bi-is'mi
بِٱسْمِ
नाम से
rabbika
رَبِّكَ
अपने रब के
alladhī
ٱلَّذِى
वो जिसने
khalaqa
خَلَقَ
पैदा किया
पढ़ो, अपने रब के नाम के साथ जिसने पैदा किया, ([९६] अल-अलक: 1)
Tafseer (तफ़सीर )

خَلَقَ الْاِنْسَانَ مِنْ عَلَقٍۚ ٢

khalaqa
خَلَقَ
उसने पैदा किया
l-insāna
ٱلْإِنسَٰنَ
इन्सान को
min
مِنْ
जमे हुए ख़ून से
ʿalaqin
عَلَقٍ
जमे हुए ख़ून से
पैदा किया मनुष्य को जमे हुए ख़ून के एक लोथड़े से ([९६] अल-अलक: 2)
Tafseer (तफ़सीर )

اِقْرَأْ وَرَبُّكَ الْاَكْرَمُۙ ٣

iq'ra
ٱقْرَأْ
पढ़िए
warabbuka
وَرَبُّكَ
और रब आपका
l-akramu
ٱلْأَكْرَمُ
सब से ज़्यादा करम वाला है
पढ़ो, हाल यह है कि तुम्हारा रब बड़ा ही उदार है, ([९६] अल-अलक: 3)
Tafseer (तफ़सीर )

الَّذِيْ عَلَّمَ بِالْقَلَمِۙ ٤

alladhī
ٱلَّذِى
वो जिसने
ʿallama
عَلَّمَ
सिखाया
bil-qalami
بِٱلْقَلَمِ
साथ क़लम के
जिसने क़लम के द्वारा शिक्षा दी, ([९६] अल-अलक: 4)
Tafseer (तफ़सीर )

عَلَّمَ الْاِنْسَانَ مَا لَمْ يَعْلَمْۗ ٥

ʿallama
عَلَّمَ
उसने सिखाया
l-insāna
ٱلْإِنسَٰنَ
इन्सान को
مَا
जो
lam
لَمْ
नहीं
yaʿlam
يَعْلَمْ
वो जानता था
मनुष्य को वह ज्ञान प्रदान किया जिस वह न जानता था ([९६] अल-अलक: 5)
Tafseer (तफ़सीर )

كَلَّآ اِنَّ الْاِنْسَانَ لَيَطْغٰىٓ ۙ ٦

kallā
كَلَّآ
हरगिज़ नहीं
inna
إِنَّ
बेशक
l-insāna
ٱلْإِنسَٰنَ
इन्सान
layaṭghā
لَيَطْغَىٰٓ
अलबत्ता सरकशी करता है
कदापि नहीं, मनुष्य सरकशी करता है, ([९६] अल-अलक: 6)
Tafseer (तफ़सीर )

اَنْ رَّاٰهُ اسْتَغْنٰىۗ ٧

an
أَن
कि
raāhu
رَّءَاهُ
वो देखता है ख़ुद को
is'taghnā
ٱسْتَغْنَىٰٓ
बेनियाज़
इसलिए कि वह अपने आपको आत्मनिर्भर देखता है ([९६] अल-अलक: 7)
Tafseer (तफ़सीर )

اِنَّ اِلٰى رَبِّكَ الرُّجْعٰىۗ ٨

inna
إِنَّ
बेशक
ilā
إِلَىٰ
तरफ़ आपके रब के
rabbika
رَبِّكَ
तरफ़ आपके रब के
l-ruj'ʿā
ٱلرُّجْعَىٰٓ
पलटना है
निश्चय ही तुम्हारे रब ही की ओर पलटना है ([९६] अल-अलक: 8)
Tafseer (तफ़सीर )

اَرَاَيْتَ الَّذِيْ يَنْهٰىۙ ٩

ara-ayta
أَرَءَيْتَ
क्या देखा आपने
alladhī
ٱلَّذِى
उस शख़्स को जो
yanhā
يَنْهَىٰ
रोकता है
क्या तुमने देखा उस व्यक्ति को ([९६] अल-अलक: 9)
Tafseer (तफ़सीर )
१०

عَبْدًا اِذَا صَلّٰىۗ ١٠

ʿabdan
عَبْدًا
एक बन्दे को
idhā
إِذَا
जब
ṣallā
صَلَّىٰٓ
वो नमाज़ पढ़ता है
जो एक बन्दे को रोकता है, जब वह नमाज़ अदा करता है? - ([९६] अल-अलक: 10)
Tafseer (तफ़सीर )