सूरा अल-इन्शिराह - शब्द द्वारा शब्द
Ash-Sharh
(Solace, Consolation, Relief)
१
اَلَمْ نَشْرَحْ لَكَ صَدْرَكَۙ ١
- alam
- أَلَمْ
- क्या नहीं
- nashraḥ
- نَشْرَحْ
- हमने खोल दिया
- laka
- لَكَ
- आपके लिए
- ṣadraka
- صَدْرَكَ
- सीना आपका
क्या ऐसा नहीं कि हमने तुम्हारा सीना तुम्हारे लिए खोल दिया? ([९४] अल-इन्शिराह: 1)Tafseer (तफ़सीर )
२
وَوَضَعْنَا عَنْكَ وِزْرَكَۙ ٢
- wawaḍaʿnā
- وَوَضَعْنَا
- और उतार दिया हमने
- ʿanka
- عَنكَ
- आपसे
- wiz'raka
- وِزْرَكَ
- बोझ आपका
और तुमपर से तुम्हारा बोझ उतार दिया, ([९४] अल-इन्शिराह: 2)Tafseer (तफ़सीर )
३
الَّذِيْٓ اَنْقَضَ ظَهْرَكَۙ ٣
- alladhī
- ٱلَّذِىٓ
- वो जिसने
- anqaḍa
- أَنقَضَ
- तोड़ दी थी
- ẓahraka
- ظَهْرَكَ
- कमर आपकी
जो तुम्हारी कमर तोड़े डाल रहा था? ([९४] अल-इन्शिराह: 3)Tafseer (तफ़सीर )
४
وَرَفَعْنَا لَكَ ذِكْرَكَۗ ٤
- warafaʿnā
- وَرَفَعْنَا
- और बुलन्द किया हमने
- laka
- لَكَ
- आपके लिए
- dhik'raka
- ذِكْرَكَ
- ज़िक्र आपका
और तुम्हारे लिए तुम्हारे ज़िक्र को ऊँचा कर दिया? ([९४] अल-इन्शिराह: 4)Tafseer (तफ़सीर )
५
فَاِنَّ مَعَ الْعُسْرِ يُسْرًاۙ ٥
- fa-inna
- فَإِنَّ
- पस यक़ीनन
- maʿa
- مَعَ
- साथ
- l-ʿus'ri
- ٱلْعُسْرِ
- तंगी के
- yus'ran
- يُسْرًا
- आसानी है
अतः निस्संदेह कठिनाई के साथ आसानी भी है ([९४] अल-इन्शिराह: 5)Tafseer (तफ़सीर )
६
اِنَّ مَعَ الْعُسْرِ يُسْرًاۗ ٦
- inna
- إِنَّ
- यक़ीनन
- maʿa
- مَعَ
- साथ
- l-ʿus'ri
- ٱلْعُسْرِ
- तंगी के
- yus'ran
- يُسْرًا
- आसानी है
निस्संदेह कठिनाई के साथ आसानी भी है ([९४] अल-इन्शिराह: 6)Tafseer (तफ़सीर )
७
فَاِذَا فَرَغْتَ فَانْصَبْۙ ٧
- fa-idhā
- فَإِذَا
- पस जब
- faraghta
- فَرَغْتَ
- फ़ारिग़ हो जाऐं आप
- fa-inṣab
- فَٱنصَبْ
- तो मेहनत कीजिए
अतः जब निवृत हो तो परिश्रम में लग जाओ, ([९४] अल-इन्शिराह: 7)Tafseer (तफ़सीर )
८
وَاِلٰى رَبِّكَ فَارْغَبْ ࣖ ٨
- wa-ilā
- وَإِلَىٰ
- और तरफ़ अपने रब के
- rabbika
- رَبِّكَ
- और तरफ़ अपने रब के
- fa-ir'ghab
- فَٱرْغَب
- पस रग़बत कीजिए
और अपने रब से लौ लगाओ ([९४] अल-इन्शिराह: 8)Tafseer (तफ़सीर )