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सूरा अद-दुहा - शब्द द्वारा शब्द

Ad-Duhaa

(The Morning Hours, Morning Bright)

bismillaahirrahmaanirrahiim

وَالضُّحٰىۙ ١

wal-ḍuḥā
وَٱلضُّحَىٰ
क़सम है चाश्त की
साक्षी है चढ़ता दिन, ([९३] अद-दुहा: 1)
Tafseer (तफ़सीर )

وَالَّيْلِ اِذَا سَجٰىۙ ٢

wa-al-layli
وَٱلَّيْلِ
और रात की
idhā
إِذَا
जब
sajā
سَجَىٰ
वो छा जाए
और रात जबकि उसका सन्नाटा छा जाए ([९३] अद-दुहा: 2)
Tafseer (तफ़सीर )

مَا وَدَّعَكَ رَبُّكَ وَمَا قَلٰىۗ ٣

مَا
नहीं
waddaʿaka
وَدَّعَكَ
छोड़ा आपको
rabbuka
رَبُّكَ
आपके रब ने
wamā
وَمَا
और ना
qalā
قَلَىٰ
वो नाराज़ हुआ
तुम्हारे रब ने तुम्हें न तो विदा किया और न वह बेज़ार (अप्रसन्न) हुआ ([९३] अद-दुहा: 3)
Tafseer (तफ़सीर )

وَلَلْاٰخِرَةُ خَيْرٌ لَّكَ مِنَ الْاُوْلٰىۗ ٤

walalākhiratu
وَلَلْءَاخِرَةُ
और यक़ीनन आख़िरत
khayrun
خَيْرٌ
बेहतर है
laka
لَّكَ
आपके लिए
mina
مِنَ
पहली (दुनिया) से
l-ūlā
ٱلْأُولَىٰ
पहली (दुनिया) से
और निश्चय ही बाद में आनेवाली (अवधि) तुम्हारे लिए पहलेवाली से उत्तम है ([९३] अद-दुहा: 4)
Tafseer (तफ़सीर )

وَلَسَوْفَ يُعْطِيْكَ رَبُّكَ فَتَرْضٰىۗ ٥

walasawfa
وَلَسَوْفَ
और यक़ीनन अनक़रीब
yuʿ'ṭīka
يُعْطِيكَ
अता करेगा आपको
rabbuka
رَبُّكَ
रब आपका
fatarḍā
فَتَرْضَىٰٓ
तो आप राज़ी हो जाऐंगे
और शीघ्र ही तुम्हारा रब तुम्हें प्रदान करेगा कि तुम प्रसन्न हो जाओगे ([९३] अद-दुहा: 5)
Tafseer (तफ़सीर )

اَلَمْ يَجِدْكَ يَتِيْمًا فَاٰوٰىۖ ٦

alam
أَلَمْ
क्या नहीं
yajid'ka
يَجِدْكَ
उसने पाया आपको
yatīman
يَتِيمًا
यतीम
faāwā
فَـَٔاوَىٰ
फिर उसने ठिकान फ़राहम किया
क्या ऐसा नहीं कि उसने तुम्हें अनाथ पाया तो ठिकाना दिया? ([९३] अद-दुहा: 6)
Tafseer (तफ़सीर )

وَوَجَدَكَ ضَاۤلًّا فَهَدٰىۖ ٧

wawajadaka
وَوَجَدَكَ
और उसने पाया आपको
ḍāllan
ضَآلًّا
राह भूला
fahadā
فَهَدَىٰ
तो उसने रहनुमाई की
और तुम्हें मार्ग से अपरिचित पाया तो मार्ग दिखाया? ([९३] अद-दुहा: 7)
Tafseer (तफ़सीर )

وَوَجَدَكَ عَاۤىِٕلًا فَاَغْنٰىۗ ٨

wawajadaka
وَوَجَدَكَ
और उसने पाया आपको
ʿāilan
عَآئِلًا
तंग दस्त
fa-aghnā
فَأَغْنَىٰ
तो उसने ग़नी कर दिया
और तुम्हें निर्धन पाया तो समृद्ध कर दिया? ([९३] अद-दुहा: 8)
Tafseer (तफ़सीर )

فَاَمَّا الْيَتِيْمَ فَلَا تَقْهَرْۗ ٩

fa-ammā
فَأَمَّا
तो रहा
l-yatīma
ٱلْيَتِيمَ
यतीम
falā
فَلَا
पस ना
taqhar
تَقْهَرْ
आप सख़्ती कीजिए(उस पर)
अतः जो अनाथ हो उसे मत दबाना, ([९३] अद-दुहा: 9)
Tafseer (तफ़सीर )
१०

وَاَمَّا السَّاۤىِٕلَ فَلَا تَنْهَرْ ١٠

wa-ammā
وَأَمَّا
और रहा
l-sāila
ٱلسَّآئِلَ
सवाली
falā
فَلَا
पस ना
tanhar
تَنْهَرْ
आप झिड़कये (उसे)
और जो माँगता हो उसे न झिझकना, ([९३] अद-दुहा: 10)
Tafseer (तफ़सीर )