१
وَالضُّحٰىۙ ١
- wal-ḍuḥā
- وَٱلضُّحَىٰ
- क़सम है चाश्त की
साक्षी है चढ़ता दिन, ([९३] अद-दुहा: 1)Tafseer (तफ़सीर )
२
وَالَّيْلِ اِذَا سَجٰىۙ ٢
- wa-al-layli
- وَٱلَّيْلِ
- और रात की
- idhā
- إِذَا
- जब
- sajā
- سَجَىٰ
- वो छा जाए
और रात जबकि उसका सन्नाटा छा जाए ([९३] अद-दुहा: 2)Tafseer (तफ़सीर )
३
مَا وَدَّعَكَ رَبُّكَ وَمَا قَلٰىۗ ٣
- mā
- مَا
- नहीं
- waddaʿaka
- وَدَّعَكَ
- छोड़ा आपको
- rabbuka
- رَبُّكَ
- आपके रब ने
- wamā
- وَمَا
- और ना
- qalā
- قَلَىٰ
- वो नाराज़ हुआ
तुम्हारे रब ने तुम्हें न तो विदा किया और न वह बेज़ार (अप्रसन्न) हुआ ([९३] अद-दुहा: 3)Tafseer (तफ़सीर )
४
وَلَلْاٰخِرَةُ خَيْرٌ لَّكَ مِنَ الْاُوْلٰىۗ ٤
- walalākhiratu
- وَلَلْءَاخِرَةُ
- और यक़ीनन आख़िरत
- khayrun
- خَيْرٌ
- बेहतर है
- laka
- لَّكَ
- आपके लिए
- mina
- مِنَ
- पहली (दुनिया) से
- l-ūlā
- ٱلْأُولَىٰ
- पहली (दुनिया) से
और निश्चय ही बाद में आनेवाली (अवधि) तुम्हारे लिए पहलेवाली से उत्तम है ([९३] अद-दुहा: 4)Tafseer (तफ़सीर )
५
وَلَسَوْفَ يُعْطِيْكَ رَبُّكَ فَتَرْضٰىۗ ٥
- walasawfa
- وَلَسَوْفَ
- और यक़ीनन अनक़रीब
- yuʿ'ṭīka
- يُعْطِيكَ
- अता करेगा आपको
- rabbuka
- رَبُّكَ
- रब आपका
- fatarḍā
- فَتَرْضَىٰٓ
- तो आप राज़ी हो जाऐंगे
और शीघ्र ही तुम्हारा रब तुम्हें प्रदान करेगा कि तुम प्रसन्न हो जाओगे ([९३] अद-दुहा: 5)Tafseer (तफ़सीर )
६
اَلَمْ يَجِدْكَ يَتِيْمًا فَاٰوٰىۖ ٦
- alam
- أَلَمْ
- क्या नहीं
- yajid'ka
- يَجِدْكَ
- उसने पाया आपको
- yatīman
- يَتِيمًا
- यतीम
- faāwā
- فَـَٔاوَىٰ
- फिर उसने ठिकान फ़राहम किया
क्या ऐसा नहीं कि उसने तुम्हें अनाथ पाया तो ठिकाना दिया? ([९३] अद-दुहा: 6)Tafseer (तफ़सीर )
७
وَوَجَدَكَ ضَاۤلًّا فَهَدٰىۖ ٧
- wawajadaka
- وَوَجَدَكَ
- और उसने पाया आपको
- ḍāllan
- ضَآلًّا
- राह भूला
- fahadā
- فَهَدَىٰ
- तो उसने रहनुमाई की
और तुम्हें मार्ग से अपरिचित पाया तो मार्ग दिखाया? ([९३] अद-दुहा: 7)Tafseer (तफ़सीर )
८
وَوَجَدَكَ عَاۤىِٕلًا فَاَغْنٰىۗ ٨
- wawajadaka
- وَوَجَدَكَ
- और उसने पाया आपको
- ʿāilan
- عَآئِلًا
- तंग दस्त
- fa-aghnā
- فَأَغْنَىٰ
- तो उसने ग़नी कर दिया
और तुम्हें निर्धन पाया तो समृद्ध कर दिया? ([९३] अद-दुहा: 8)Tafseer (तफ़सीर )
९
فَاَمَّا الْيَتِيْمَ فَلَا تَقْهَرْۗ ٩
- fa-ammā
- فَأَمَّا
- तो रहा
- l-yatīma
- ٱلْيَتِيمَ
- यतीम
- falā
- فَلَا
- पस ना
- taqhar
- تَقْهَرْ
- आप सख़्ती कीजिए(उस पर)
अतः जो अनाथ हो उसे मत दबाना, ([९३] अद-दुहा: 9)Tafseer (तफ़सीर )
१०
وَاَمَّا السَّاۤىِٕلَ فَلَا تَنْهَرْ ١٠
- wa-ammā
- وَأَمَّا
- और रहा
- l-sāila
- ٱلسَّآئِلَ
- सवाली
- falā
- فَلَا
- पस ना
- tanhar
- تَنْهَرْ
- आप झिड़कये (उसे)
और जो माँगता हो उसे न झिझकना, ([९३] अद-दुहा: 10)Tafseer (तफ़सीर )