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सूरा अल-बलद - शब्द द्वारा शब्द

Al-Balad

(The City, This Countryside)

bismillaahirrahmaanirrahiim

لَآ اُقْسِمُ بِهٰذَا الْبَلَدِۙ ١

لَآ
नहीं मैं क़सम खाता हूँ
uq'simu
أُقْسِمُ
नहीं मैं क़सम खाता हूँ
bihādhā
بِهَٰذَا
इस शहर की
l-baladi
ٱلْبَلَدِ
इस शहर की
सुनो! मैं क़सम खाता हूँ इस नगर (मक्का) की - ([९०] अल-बलद: 1)
Tafseer (तफ़सीर )

وَاَنْتَ حِلٌّۢ بِهٰذَا الْبَلَدِۙ ٢

wa-anta
وَأَنتَ
और आप
ḥillun
حِلٌّۢ
मुक़ीम हैं
bihādhā
بِهَٰذَا
इस शहर में
l-baladi
ٱلْبَلَدِ
इस शहर में
हाल यह है कि तुम इसी नगर में रह रहे हो - ([९०] अल-बलद: 2)
Tafseer (तफ़सीर )

وَوَالِدٍ وَّمَا وَلَدَۙ ٣

wawālidin
وَوَالِدٍ
क़सम है वालिद की
wamā
وَمَا
और जिसे
walada
وَلَدَ
उसने जन्म दिया
और बाप और उसकी सन्तान की, ([९०] अल-बलद: 3)
Tafseer (तफ़सीर )

لَقَدْ خَلَقْنَا الْاِنْسَانَ فِيْ كَبَدٍۗ ٤

laqad
لَقَدْ
अलबत्ता तहक़ीक़
khalaqnā
خَلَقْنَا
पैदा किया हमने
l-insāna
ٱلْإِنسَٰنَ
इन्सान को
فِى
मशक़्क़त में
kabadin
كَبَدٍ
मशक़्क़त में
निस्संदेह हमने मनुष्य को पूर्ण मशक़्क़त (अनुकूलता और सन्तुलन) के साथ पैदा किया ([९०] अल-बलद: 4)
Tafseer (तफ़सीर )

اَيَحْسَبُ اَنْ لَّنْ يَّقْدِرَ عَلَيْهِ اَحَدٌ ۘ ٥

ayaḥsabu
أَيَحْسَبُ
क्या वो समझता है
an
أَن
कि
lan
لَّن
हरगिज़ नहीं
yaqdira
يَقْدِرَ
क़ादिर होगा
ʿalayhi
عَلَيْهِ
उस पर
aḥadun
أَحَدٌ
कोई एक
क्या वह समझता है कि उसपर किसी का बस न चलेगा? ([९०] अल-बलद: 5)
Tafseer (तफ़सीर )

يَقُوْلُ اَهْلَكْتُ مَالًا لُّبَدًاۗ ٦

yaqūlu
يَقُولُ
वो कहता है
ahlaktu
أَهْلَكْتُ
हलाक कर दिया मैं ने
mālan
مَالًا
माल
lubadan
لُّبَدًا
ढेरों
कहता है कि 'मैंने ढेरो माल उड़ा दिया।' ([९०] अल-बलद: 6)
Tafseer (तफ़सीर )

اَيَحْسَبُ اَنْ لَّمْ يَرَهٗٓ اَحَدٌۗ ٧

ayaḥsabu
أَيَحْسَبُ
क्या वो समझता है
an
أَن
कि
lam
لَّمْ
नहीं
yarahu
يَرَهُۥٓ
देखा उसे
aḥadun
أَحَدٌ
किसी एक ने
क्या वह समझता है कि किसी ने उसे देखा नहीं? ([९०] अल-बलद: 7)
Tafseer (तफ़सीर )

اَلَمْ نَجْعَلْ لَّهٗ عَيْنَيْنِۙ ٨

alam
أَلَمْ
क्या नहीं
najʿal
نَجْعَل
हमने बनाईं
lahu
لَّهُۥ
उसके लिए
ʿaynayni
عَيْنَيْنِ
दो आँखें
क्या हमने उसे नहीं दी दो आँखें, ([९०] अल-बलद: 8)
Tafseer (तफ़सीर )

وَلِسَانًا وَّشَفَتَيْنِۙ ٩

walisānan
وَلِسَانًا
और एक ज़बान
washafatayni
وَشَفَتَيْنِ
और दो होंट
और एक ज़बान और दो होंठ? ([९०] अल-बलद: 9)
Tafseer (तफ़सीर )
१०

وَهَدَيْنٰهُ النَّجْدَيْنِۙ ١٠

wahadaynāhu
وَهَدَيْنَٰهُ
और दिखाए हमने उसे
l-najdayni
ٱلنَّجْدَيْنِ
दो रास्ते
और क्या ऐसा नहीं है कि हमने दिखाई उसे दो ऊँचाइयाँ? ([९०] अल-बलद: 10)
Tafseer (तफ़सीर )