۞ اِنَّ اللّٰهَ اشْتَرٰى مِنَ الْمُؤْمِنِيْنَ اَنْفُسَهُمْ وَاَمْوَالَهُمْ بِاَنَّ لَهُمُ الْجَنَّةَۗ يُقَاتِلُوْنَ فِيْ سَبِيْلِ اللّٰهِ فَيَقْتُلُوْنَ وَيُقْتَلُوْنَ وَعْدًا عَلَيْهِ حَقًّا فِى التَّوْرٰىةِ وَالْاِنْجِيْلِ وَالْقُرْاٰنِۗ وَمَنْ اَوْفٰى بِعَهْدِهٖ مِنَ اللّٰهِ فَاسْتَبْشِرُوْا بِبَيْعِكُمُ الَّذِيْ بَايَعْتُمْ بِهٖۗ وَذٰلِكَ هُوَ الْفَوْزُ الْعَظِيْمُ ١١١
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह ने
- ish'tarā
- ٱشْتَرَىٰ
- ख़रीद लीं
- mina
- مِنَ
- मोमिनों से
- l-mu'minīna
- ٱلْمُؤْمِنِينَ
- मोमिनों से
- anfusahum
- أَنفُسَهُمْ
- जानें उनकी
- wa-amwālahum
- وَأَمْوَٰلَهُم
- और माल उनके
- bi-anna
- بِأَنَّ
- बवजह उसके कि
- lahumu
- لَهُمُ
- उनके लिए
- l-janata
- ٱلْجَنَّةَۚ
- जन्नत है
- yuqātilūna
- يُقَٰتِلُونَ
- वो जंग करते हैं
- fī
- فِى
- अल्लाह के रास्ते मे
- sabīli
- سَبِيلِ
- अल्लाह के रास्ते मे
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह के रास्ते मे
- fayaqtulūna
- فَيَقْتُلُونَ
- फिर वो मारते हैं
- wayuq'talūna
- وَيُقْتَلُونَۖ
- और वो मारे जाते हैं
- waʿdan
- وَعْدًا
- वादा है
- ʿalayhi
- عَلَيْهِ
- उसके ज़िम्मे
- ḥaqqan
- حَقًّا
- सच्चा
- fī
- فِى
- तौरात में
- l-tawrāti
- ٱلتَّوْرَىٰةِ
- तौरात में
- wal-injīli
- وَٱلْإِنجِيلِ
- और इन्जील
- wal-qur'āni
- وَٱلْقُرْءَانِۚ
- और क़ुरआन में
- waman
- وَمَنْ
- और कौन
- awfā
- أَوْفَىٰ
- ज़्यादा पूरा करने वाला है
- biʿahdihi
- بِعَهْدِهِۦ
- अपने अहद को
- mina
- مِنَ
- अल्लाह से
- l-lahi
- ٱللَّهِۚ
- अल्लाह से
- fa-is'tabshirū
- فَٱسْتَبْشِرُوا۟
- पस ख़ुशियाँ मनाओ
- bibayʿikumu
- بِبَيْعِكُمُ
- अपने सौदे पर
- alladhī
- ٱلَّذِى
- वो जो
- bāyaʿtum
- بَايَعْتُم
- सौदा किया तुमने
- bihi
- بِهِۦۚ
- साथ उसके
- wadhālika
- وَذَٰلِكَ
- और ये
- huwa
- هُوَ
- वो ही है
- l-fawzu
- ٱلْفَوْزُ
- कामयाबी
- l-ʿaẓīmu
- ٱلْعَظِيمُ
- बहुत बड़ी
निस्संदेह अल्लाह ने ईमानवालों से उनके प्राण और उनके माल इसके बदले में खरीद लिए है कि उनके लिए जन्नत है। वे अल्लाह के मार्ग में लड़ते है, तो वे मारते भी है और मारे भी जाते है। यह उनके ज़िम्मे तौरात, इनजील और क़ुरआन में (किया गया) एक पक्का वादा है। और अल्लाह से बढ़कर अपने वादे को पूरा करनेवाला हो भी कौन सकता है? अतः अपने उस सौदे पर खु़शियाँ मनाओ, जो सौदा तुमने उससे किया है। और यही सबसे बड़ी सफलता है ([९] अत-तौबा: 111)Tafseer (तफ़सीर )
اَلتَّاۤىِٕبُوْنَ الْعٰبِدُوْنَ الْحَامِدُوْنَ السَّاۤىِٕحُوْنَ الرَّاكِعُوْنَ السَّاجِدُوْنَ الْاٰمِرُوْنَ بِالْمَعْرُوْفِ وَالنَّاهُوْنَ عَنِ الْمُنْكَرِ وَالْحٰفِظُوْنَ لِحُدُوْدِ اللّٰهِ ۗوَبَشِّرِ الْمُؤْمِنِيْنَ ١١٢
- al-tāibūna
- ٱلتَّٰٓئِبُونَ
- जो तौबा करने वाले
- l-ʿābidūna
- ٱلْعَٰبِدُونَ
- इबादत करने वाले
- l-ḥāmidūna
- ٱلْحَٰمِدُونَ
- हम्द करने वाले
- l-sāiḥūna
- ٱلسَّٰٓئِحُونَ
- सियाहत करने वाले
- l-rākiʿūna
- ٱلرَّٰكِعُونَ
- रुकू करने वाले
- l-sājidūna
- ٱلسَّٰجِدُونَ
- सजदा करने वाले
- l-āmirūna
- ٱلْءَامِرُونَ
- हुक्म देने वाले
- bil-maʿrūfi
- بِٱلْمَعْرُوفِ
- नेकी का
- wal-nāhūna
- وَٱلنَّاهُونَ
- और रोकने वाले
- ʿani
- عَنِ
- बुराई से
- l-munkari
- ٱلْمُنكَرِ
- बुराई से
- wal-ḥāfiẓūna
- وَٱلْحَٰفِظُونَ
- और हिफ़ाज़त करने वाले हैं
- liḥudūdi
- لِحُدُودِ
- अल्लाह की हुदूद की
- l-lahi
- ٱللَّهِۗ
- अल्लाह की हुदूद की
- wabashiri
- وَبَشِّرِ
- और ख़ुशख़बरी दे दीजिए
- l-mu'minīna
- ٱلْمُؤْمِنِينَ
- मोमिनों को
वे ऐसे हैं, जो तौबा करते हैं, बन्दगी करते है, स्तुति करते हैं, (अल्लाह के मार्ग में) भ्रमण करते हैं, (अल्लाह के आगे) झुकते है, सजदा करते है, भलाई का हुक्म देते है और बुराई से रोकते हैं और अल्लाह की निर्धारित सीमाओं की रक्षा करते हैं -और इन ईमानवालों को शुभ-सूचना दे दो ([९] अत-तौबा: 112)Tafseer (तफ़सीर )
مَا كَانَ لِلنَّبِيِّ وَالَّذِيْنَ اٰمَنُوْٓا اَنْ يَّسْتَغْفِرُوْا لِلْمُشْرِكِيْنَ وَلَوْ كَانُوْٓا اُولِيْ قُرْبٰى مِنْۢ بَعْدِ مَا تَبَيَّنَ لَهُمْ اَنَّهُمْ اَصْحٰبُ الْجَحِيْمِ ١١٣
- mā
- مَا
- नहीं
- kāna
- كَانَ
- है (लायक़)
- lilnnabiyyi
- لِلنَّبِىِّ
- नबी के
- wa-alladhīna
- وَٱلَّذِينَ
- और उनके
- āmanū
- ءَامَنُوٓا۟
- जो ईमान लाए
- an
- أَن
- कि
- yastaghfirū
- يَسْتَغْفِرُوا۟
- वो बख़्शिश माँगें
- lil'mush'rikīna
- لِلْمُشْرِكِينَ
- मुशरिकीन के लिए
- walaw
- وَلَوْ
- और अगरचे
- kānū
- كَانُوٓا۟
- हों वो
- ulī
- أُو۟لِى
- क़राबत वाले
- qur'bā
- قُرْبَىٰ
- क़राबत वाले
- min
- مِنۢ
- बाद इसके
- baʿdi
- بَعْدِ
- बाद इसके
- mā
- مَا
- जो
- tabayyana
- تَبَيَّنَ
- वाज़ेह हो गया
- lahum
- لَهُمْ
- उनके लिए
- annahum
- أَنَّهُمْ
- कि बेशक वो
- aṣḥābu
- أَصْحَٰبُ
- साथी हैं
- l-jaḥīmi
- ٱلْجَحِيمِ
- जहन्नम के
नबी और ईमान लानेवालों के लिए उचित नहीं कि वे बहुदेववादियों के लिए क्षमा की प्रार्थना करें, यद्यपि वे उसके नातेदार ही क्यों न हो, जबकि उनपर यह बात खुल चुकी है कि वे भड़कती आगवाले हैं ([९] अत-तौबा: 113)Tafseer (तफ़सीर )
وَمَا كَانَ اسْتِغْفَارُ اِبْرٰهِيْمَ لِاَبِيْهِ اِلَّا عَنْ مَّوْعِدَةٍ وَّعَدَهَآ اِيَّاهُۚ فَلَمَّا تَبَيَّنَ لَهٗٓ اَنَّهٗ عَدُوٌّ لِّلّٰهِ تَبَرَّاَ مِنْهُۗ اِنَّ اِبْرٰهِيْمَ لَاَوَّاهٌ حَلِيْمٌ ١١٤
- wamā
- وَمَا
- और ना
- kāna
- كَانَ
- था
- is'tigh'fāru
- ٱسْتِغْفَارُ
- इस्तिग़फ़ार करना
- ib'rāhīma
- إِبْرَٰهِيمَ
- इब्राहीम का
- li-abīhi
- لِأَبِيهِ
- अपने बाप के लिए
- illā
- إِلَّا
- मगर
- ʿan
- عَن
- एक वादे की वजह से
- mawʿidatin
- مَّوْعِدَةٍ
- एक वादे की वजह से
- waʿadahā
- وَعَدَهَآ
- उसने वादा किया उसका
- iyyāhu
- إِيَّاهُ
- उससे
- falammā
- فَلَمَّا
- फिर जब
- tabayyana
- تَبَيَّنَ
- ज़ाहिर हो गया
- lahu
- لَهُۥٓ
- उसके लिए
- annahu
- أَنَّهُۥ
- कि बेशक वो
- ʿaduwwun
- عَدُوٌّ
- दुश्मन है
- lillahi
- لِّلَّهِ
- अल्लाह का
- tabarra-a
- تَبَرَّأَ
- वो बेज़ार हो गया
- min'hu
- مِنْهُۚ
- उससे
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- ib'rāhīma
- إِبْرَٰهِيمَ
- इब्राहीम
- la-awwāhun
- لَأَوَّٰهٌ
- अलबत्ता बहुत आह वा ज़ारी करने वाला
- ḥalīmun
- حَلِيمٌ
- बहुत बुर्दबार था
इबराहीम ने अपने बाप के लिए जो क्षमा की प्रार्थना की थी, वह तो केवल एक वादे के कारण की थी, जो वादा वह उससे कर चुका था। फिर जब उसपर यह बात खुल गई कि वह अल्लाह का शत्रु है तो वह उससे विरक्त हो गया। वास्तव में, इबराहीम बड़ा ही कोमल हृदय, अत्यन्त सहनशील था ([९] अत-तौबा: 114)Tafseer (तफ़सीर )
وَمَا كَانَ اللّٰهُ لِيُضِلَّ قَوْمًاۢ بَعْدَ اِذْ هَدٰىهُمْ حَتّٰى يُبَيِّنَ لَهُمْ مَّا يَتَّقُوْنَۗ اِنَّ اللّٰهَ بِكُلِّ شَيْءٍ عَلِيْمٌ ١١٥
- wamā
- وَمَا
- और नहीं
- kāna
- كَانَ
- है
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह
- liyuḍilla
- لِيُضِلَّ
- कि वो भटका दे
- qawman
- قَوْمًۢا
- किसी क़ौम को
- baʿda
- بَعْدَ
- बाद इसके
- idh
- إِذْ
- जब
- hadāhum
- هَدَىٰهُمْ
- उसने हिदायत दी उन्हें
- ḥattā
- حَتَّىٰ
- यहाँ तक कि
- yubayyina
- يُبَيِّنَ
- वो वाज़ेह कर दे
- lahum
- لَهُم
- उनके लिए
- mā
- مَّا
- वो जिससे
- yattaqūna
- يَتَّقُونَۚ
- वो बचें
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- bikulli
- بِكُلِّ
- हर
- shayin
- شَىْءٍ
- चीज़ का
- ʿalīmun
- عَلِيمٌ
- ख़ूब इल्म रखने वाला है
अल्लाह ऐसा नहीं कि लोगों को पथभ्रष्ट ठहराए, जबकि वह उनको राह पर ला चुका हो, जब तक कि उन्हें साफ़-साफ़ वे बातें बता न दे, जिनसे उन्हें बचना है। निस्संदेह अल्लाह हर चीज़ को भली-भाँति जानता है ([९] अत-तौबा: 115)Tafseer (तफ़सीर )
اِنَّ اللّٰهَ لَهٗ مُلْكُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِۗ يُحْيٖ وَيُمِيْتُۗ وَمَا لَكُمْ مِّنْ دُوْنِ اللّٰهِ مِنْ وَّلِيٍّ وَّلَا نَصِيْرٍ ١١٦
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- lahu
- لَهُۥ
- उसी के लिए है
- mul'ku
- مُلْكُ
- बादशाहत
- l-samāwāti
- ٱلسَّمَٰوَٰتِ
- आसमानों
- wal-arḍi
- وَٱلْأَرْضِۖ
- और ज़मीन की
- yuḥ'yī
- يُحْىِۦ
- वो ज़िन्दा करता है
- wayumītu
- وَيُمِيتُۚ
- और वो मौत देता है
- wamā
- وَمَا
- और नहीं
- lakum
- لَكُم
- तुम्हारे लिए
- min
- مِّن
- सिवाय
- dūni
- دُونِ
- सिवाय
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह के
- min
- مِن
- कोई दोस्त
- waliyyin
- وَلِىٍّ
- कोई दोस्त
- walā
- وَلَا
- और ना
- naṣīrin
- نَصِيرٍ
- कोई मददगार
आकाशों और धरती का राज्य अल्लाह ही का है, वही जिलाता है और मारता है। अल्लाह से हटकर न तुम्हारा कोई मित्र है और न सहायक ([९] अत-तौबा: 116)Tafseer (तफ़सीर )
لَقَدْ تَّابَ اللّٰهُ عَلَى النَّبِيِّ وَالْمُهٰجِرِيْنَ وَالْاَنْصَارِ الَّذِيْنَ اتَّبَعُوْهُ فِيْ سَاعَةِ الْعُسْرَةِ مِنْۢ بَعْدِ مَا كَادَ يَزِيْغُ قُلُوْبُ فَرِيْقٍ مِّنْهُمْ ثُمَّ تَابَ عَلَيْهِمْۗ اِنَّهٗ بِهِمْ رَءُوْفٌ رَّحِيْمٌ ۙ ١١٧
- laqad
- لَّقَد
- अलबत्ता तहक़ीक़
- tāba
- تَّابَ
- मेहरबान हुआ
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह
- ʿalā
- عَلَى
- नबी पर
- l-nabiyi
- ٱلنَّبِىِّ
- नबी पर
- wal-muhājirīna
- وَٱلْمُهَٰجِرِينَ
- और मुहाजिरीन
- wal-anṣāri
- وَٱلْأَنصَارِ
- और अन्सार पर
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- जिन्होंने
- ittabaʿūhu
- ٱتَّبَعُوهُ
- पैरवी की उसकी
- fī
- فِى
- घड़ी में
- sāʿati
- سَاعَةِ
- घड़ी में
- l-ʿus'rati
- ٱلْعُسْرَةِ
- तंगी की
- min
- مِنۢ
- बाद इसके
- baʿdi
- بَعْدِ
- बाद इसके
- mā
- مَا
- जो क़रीब था कि
- kāda
- كَادَ
- जो क़रीब था कि
- yazīghu
- يَزِيغُ
- टेढ़े हो जाते
- qulūbu
- قُلُوبُ
- दिल
- farīqin
- فَرِيقٍ
- एक गिरोह के
- min'hum
- مِّنْهُمْ
- उनमें से
- thumma
- ثُمَّ
- फिर
- tāba
- تَابَ
- वो मेहरबान हुआ
- ʿalayhim
- عَلَيْهِمْۚ
- उन पर
- innahu
- إِنَّهُۥ
- बेशक वो
- bihim
- بِهِمْ
- उन पर
- raūfun
- رَءُوفٌ
- बहुत शफ़क़त करने वाला है
- raḥīmun
- رَّحِيمٌ
- निहायत रहम करने वाला है
अल्लाह नबी पर मेहरबान हो गया और मुहाजिरों और अनसार पर भी, जिन्होंने तंगी की घड़ी में उसका साथ दिया, इसके पश्चात कि उनमें से एक गिरोह के दिल कुटिलता की ओर झुक गए थे। फिर उसने उनपर दया-दृष्टि दर्शाई। निस्संदेह, वह उनके लिए अत्यन्त करुणामय, दयावान है ([९] अत-तौबा: 117)Tafseer (तफ़सीर )
وَّعَلَى الثَّلٰثَةِ الَّذِيْنَ خُلِّفُوْاۗ حَتّٰٓى اِذَا ضَاقَتْ عَلَيْهِمُ الْاَرْضُ بِمَا رَحُبَتْ وَضَاقَتْ عَلَيْهِمْ اَنْفُسُهُمْ وَظَنُّوْٓا اَنْ لَّا مَلْجَاَ مِنَ اللّٰهِ اِلَّآ اِلَيْهِۗ ثُمَّ تَابَ عَلَيْهِمْ لِيَتُوْبُوْاۗ اِنَّ اللّٰهَ هُوَ التَّوَّابُ الرَّحِيْمُ ࣖ ١١٨
- waʿalā
- وَعَلَى
- और उन तीनों पर (भी)
- l-thalāthati
- ٱلثَّلَٰثَةِ
- और उन तीनों पर (भी)
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- जो
- khullifū
- خُلِّفُوا۟
- छोड़ दिए गए
- ḥattā
- حَتَّىٰٓ
- यहाँ तक कि
- idhā
- إِذَا
- जब
- ḍāqat
- ضَاقَتْ
- तंग हो गई
- ʿalayhimu
- عَلَيْهِمُ
- उन पर
- l-arḍu
- ٱلْأَرْضُ
- ज़मीन
- bimā
- بِمَا
- बावजूद इसके
- raḥubat
- رَحُبَتْ
- कि वो कुशादा थी
- waḍāqat
- وَضَاقَتْ
- और तंग हो गए
- ʿalayhim
- عَلَيْهِمْ
- उन पर
- anfusuhum
- أَنفُسُهُمْ
- नफ़्स उनके
- waẓannū
- وَظَنُّوٓا۟
- और उन्होंने यक़ीन कर लिया
- an
- أَن
- कि
- lā
- لَّا
- नहीं कोई जाए पनाह
- malja-a
- مَلْجَأَ
- नहीं कोई जाए पनाह
- mina
- مِنَ
- अल्लाह से
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह से
- illā
- إِلَّآ
- मगर
- ilayhi
- إِلَيْهِ
- तरफ़ उसी के
- thumma
- ثُمَّ
- फिर
- tāba
- تَابَ
- वो मेहरबान हुआ
- ʿalayhim
- عَلَيْهِمْ
- उन पर
- liyatūbū
- لِيَتُوبُوٓا۟ۚ
- ताकि वो तौबा करें
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- huwa
- هُوَ
- वो ही है
- l-tawābu
- ٱلتَّوَّابُ
- बहुत तौबा क़ुबूल करने वाला
- l-raḥīmu
- ٱلرَّحِيمُ
- निहायत रहम करने वाला
और उन तीनों पर भी जो पीछे छोड़ दिए गए थे, यहाँ तक कि जब धरती विशाल होते हुए भी उनपर तंग हो गई और उनके प्राण उनपर दुभर हो गए और उन्होंने समझा कि अल्लाह से बचने के लिए कोई शरण नहीं मिल सकती है तो उसी के यहाँ। फिर उसने उनपर कृपा-दृष्टि की ताकि वे पलट आएँ। निस्संदेह अल्लाह ही तौबा क़बूल करनेवाला, अत्यन्त दयावान है ([९] अत-तौबा: 118)Tafseer (तफ़सीर )
يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوا اتَّقُوا اللّٰهَ وَكُوْنُوْا مَعَ الصّٰدِقِيْنَ ١١٩
- yāayyuhā
- يَٰٓأَيُّهَا
- ऐ लोगो जो
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- ऐ लोगो जो
- āmanū
- ءَامَنُوا۟
- ईमान लाए हो
- ittaqū
- ٱتَّقُوا۟
- डरो
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह से
- wakūnū
- وَكُونُوا۟
- और हो जाओ
- maʿa
- مَعَ
- साथ
- l-ṣādiqīna
- ٱلصَّٰدِقِينَ
- सच्चे लोगों के
ऐ ईमान लानेवालो! अल्लाह का डर रखों और सच्चे लोगों के साथ हो जाओ ([९] अत-तौबा: 119)Tafseer (तफ़सीर )
مَا كَانَ لِاَهْلِ الْمَدِيْنَةِ وَمَنْ حَوْلَهُمْ مِّنَ الْاَعْرَابِ اَنْ يَّتَخَلَّفُوْا عَنْ رَّسُوْلِ اللّٰهِ وَلَا يَرْغَبُوْا بِاَنْفُسِهِمْ عَنْ نَّفْسِهٖۗ ذٰلِكَ بِاَنَّهُمْ لَا يُصِيْبُهُمْ ظَمَاٌ وَّلَا نَصَبٌ وَّلَا مَخْمَصَةٌ فِيْ سَبِيْلِ اللّٰهِ وَلَا يَطَـُٔوْنَ مَوْطِئًا يَّغِيْظُ الْكُفَّارَ وَلَا يَنَالُوْنَ مِنْ عَدُوٍّ نَّيْلًا اِلَّا كُتِبَ لَهُمْ بِهٖ عَمَلٌ صَالِحٌۗ اِنَّ اللّٰهَ لَا يُضِيْعُ اَجْرَ الْمُحْسِنِيْنَ ١٢٠
- mā
- مَا
- ना
- kāna
- كَانَ
- था
- li-ahli
- لِأَهْلِ
- मदीना वालों के (लायक़)
- l-madīnati
- ٱلْمَدِينَةِ
- मदीना वालों के (लायक़)
- waman
- وَمَنْ
- और उनके जो
- ḥawlahum
- حَوْلَهُم
- उनके आस पास थे
- mina
- مِّنَ
- देहातियों/बदवियों में से
- l-aʿrābi
- ٱلْأَعْرَابِ
- देहातियों/बदवियों में से
- an
- أَن
- कि
- yatakhallafū
- يَتَخَلَّفُوا۟
- वो पीछे रह जाऐं
- ʿan
- عَن
- अल्लाह के रसूल से
- rasūli
- رَّسُولِ
- अल्लाह के रसूल से
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह के रसूल से
- walā
- وَلَا
- और ना
- yarghabū
- يَرْغَبُوا۟
- कि वो रग़बत रखें
- bi-anfusihim
- بِأَنفُسِهِمْ
- अपनी जानों की
- ʿan
- عَن
- आपकी जान से (ज़्यादा)
- nafsihi
- نَّفْسِهِۦۚ
- आपकी जान से (ज़्यादा)
- dhālika
- ذَٰلِكَ
- ये
- bi-annahum
- بِأَنَّهُمْ
- बवजह इसके कि वो
- lā
- لَا
- नहीं पहुँचती उन्हें
- yuṣībuhum
- يُصِيبُهُمْ
- नहीं पहुँचती उन्हें
- ẓama-on
- ظَمَأٌ
- कोई प्यास
- walā
- وَلَا
- और ना
- naṣabun
- نَصَبٌ
- कोई थकावट
- walā
- وَلَا
- और ना
- makhmaṣatun
- مَخْمَصَةٌ
- कोई भूख
- fī
- فِى
- अल्लाह के रास्ते में
- sabīli
- سَبِيلِ
- अल्लाह के रास्ते में
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह के रास्ते में
- walā
- وَلَا
- और नहीं
- yaṭaūna
- يَطَـُٔونَ
- वो रौंदते
- mawṭi-an
- مَوْطِئًا
- किसी जगह को
- yaghīẓu
- يَغِيظُ
- जो ग़ुस्सा दिलाए
- l-kufāra
- ٱلْكُفَّارَ
- कुफ़्फ़ार को
- walā
- وَلَا
- और नहीं
- yanālūna
- يَنَالُونَ
- वो हासिल करते
- min
- مِنْ
- दुश्मन पर
- ʿaduwwin
- عَدُوٍّ
- दुश्मन पर
- naylan
- نَّيْلًا
- कोई कामयाबी
- illā
- إِلَّا
- मगर
- kutiba
- كُتِبَ
- लिखा जाता है
- lahum
- لَهُم
- उनके लिए
- bihi
- بِهِۦ
- साथ उसके
- ʿamalun
- عَمَلٌ
- अमल
- ṣāliḥun
- صَٰلِحٌۚ
- नेक
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- lā
- لَا
- नहीं वो ज़ाया करता
- yuḍīʿu
- يُضِيعُ
- नहीं वो ज़ाया करता
- ajra
- أَجْرَ
- अजर
- l-muḥ'sinīna
- ٱلْمُحْسِنِينَ
- नेको कारों का
मदीनावालों और उसके आसपास के बद्दूहओं को ऐसा नहीं चाहिए था कि अल्लाह के रसूल को छोड़कर पीछे रह जाएँ और न यह कि उसकी जान के मुक़ाबले में उन्हें अपनी जान अधिक प्रिय हो, क्योंकि वह अल्लाह के मार्ग में प्यास या थकान या भूख की कोई भी तकलीफ़ उठाएँ या किसी ऐसी जगह क़दम रखें, जिससे काफ़िरों का क्रोध भड़के या जो चरका भी वे शत्रु को लगाएँ, उसपर उनके हक में अनिवार्यतः एक सुकर्म लिख लिया जाता है। निस्संदेह अल्लाह उत्तमकार का कर्मफल अकारथ नहीं जाने देता ([९] अत-तौबा: 120)Tafseer (तफ़सीर )