११
وَيَتَجَنَّبُهَا الْاَشْقَىۙ ١١
- wayatajannabuhā
- وَيَتَجَنَّبُهَا
- और इज्तिनाब करेगा उससे
- l-ashqā
- ٱلْأَشْقَى
- सबसे ज़्यादा बदबख़्त
किन्तु उससे कतराएगा वह अत्यन्त दुर्भाग्यवाला, ([८७] अल-अला: 11)Tafseer (तफ़सीर )
१२
الَّذِيْ يَصْلَى النَّارَ الْكُبْرٰىۚ ١٢
- alladhī
- ٱلَّذِى
- वो जो
- yaṣlā
- يَصْلَى
- जलेगा
- l-nāra
- ٱلنَّارَ
- आग मे
- l-kub'rā
- ٱلْكُبْرَىٰ
- बहुत बड़ी
जो बड़ी आग में पड़ेगा, ([८७] अल-अला: 12)Tafseer (तफ़सीर )
१३
ثُمَّ لَا يَمُوْتُ فِيْهَا وَلَا يَحْيٰىۗ ١٣
- thumma
- ثُمَّ
- फिर
- lā
- لَا
- ना वो मरेगा
- yamūtu
- يَمُوتُ
- ना वो मरेगा
- fīhā
- فِيهَا
- उसमें
- walā
- وَلَا
- और ना
- yaḥyā
- يَحْيَىٰ
- वो जिएगा
फिर वह उसमें न मरेगा न जिएगा ([८७] अल-अला: 13)Tafseer (तफ़सीर )
१४
قَدْ اَفْلَحَ مَنْ تَزَكّٰىۙ ١٤
- qad
- قَدْ
- यक़ीनन
- aflaḥa
- أَفْلَحَ
- फ़लाह पा गया
- man
- مَن
- वो जो
- tazakkā
- تَزَكَّىٰ
- पाक हुआ
सफल हो गया वह जिसने अपने आपको निखार लिया, ([८७] अल-अला: 14)Tafseer (तफ़सीर )
१५
وَذَكَرَ اسْمَ رَبِّهٖ فَصَلّٰىۗ ١٥
- wadhakara
- وَذَكَرَ
- और उसने ज़िक्र किया
- is'ma
- ٱسْمَ
- नाम
- rabbihi
- رَبِّهِۦ
- अपने रब का
- faṣallā
- فَصَلَّىٰ
- फिर उसने नमाज़ पढ़ी
और अपने रब के नाम का स्मरण किया, अतः नमाज़ अदा की ([८७] अल-अला: 15)Tafseer (तफ़सीर )
१६
بَلْ تُؤْثِرُوْنَ الْحَيٰوةَ الدُّنْيَاۖ ١٦
- bal
- بَلْ
- बल्कि
- tu'thirūna
- تُؤْثِرُونَ
- तुम तरजीह देते हो
- l-ḥayata
- ٱلْحَيَوٰةَ
- ज़िन्दगी को
- l-dun'yā
- ٱلدُّنْيَا
- दुनिया की
नहीं, बल्कि तुम तो सांसारिक जीवन को प्राथमिकता देते हो, ([८७] अल-अला: 16)Tafseer (तफ़सीर )
१७
وَالْاٰخِرَةُ خَيْرٌ وَّاَبْقٰىۗ ١٧
- wal-ākhiratu
- وَٱلْءَاخِرَةُ
- और आख़िरत
- khayrun
- خَيْرٌ
- बेहतर है
- wa-abqā
- وَأَبْقَىٰٓ
- और ज़्यादा बाक़ी रहने वाली है
हालाँकि आख़िरत अधिक उत्तम और शेष रहनेवाली है ([८७] अल-अला: 17)Tafseer (तफ़सीर )
१८
اِنَّ هٰذَا لَفِى الصُّحُفِ الْاُوْلٰىۙ ١٨
- inna
- إِنَّ
- यक़ीनन
- hādhā
- هَٰذَا
- ये
- lafī
- لَفِى
- अलबत्ता सहीफ़ों में है
- l-ṣuḥufi
- ٱلصُّحُفِ
- अलबत्ता सहीफ़ों में है
- l-ūlā
- ٱلْأُولَىٰ
- पहले
निस्संदेह यही बात पहले की किताबों में भी है; ([८७] अल-अला: 18)Tafseer (तफ़सीर )
१९
صُحُفِ اِبْرٰهِيْمَ وَمُوْسٰى ࣖ ١٩
- ṣuḥufi
- صُحُفِ
- सहीफ़े
- ib'rāhīma
- إِبْرَٰهِيمَ
- इब्राहीम
- wamūsā
- وَمُوسَىٰ
- और मूसा के
इबराईम और मूसा की किताबों में ([८७] अल-अला: 19)Tafseer (तफ़सीर )