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सूरा अल-अला - शब्द द्वारा शब्द

Al-A'la

(The Most High, Glory To Your Lord In The Highest)

bismillaahirrahmaanirrahiim

سَبِّحِ اسْمَ رَبِّكَ الْاَعْلَىۙ ١

sabbiḥi
سَبِّحِ
तस्बीह कीजिए
is'ma
ٱسْمَ
नाम की
rabbika
رَبِّكَ
अपने रब के
l-aʿlā
ٱلْأَعْلَى
जो बहुत बुलन्द है
तसबीह करो, अपने सर्वाच्च रब के नाम की, ([८७] अल-अला: 1)
Tafseer (तफ़सीर )

الَّذِيْ خَلَقَ فَسَوّٰىۖ ٢

alladhī
ٱلَّذِى
वो जिसने
khalaqa
خَلَقَ
पैदा किया
fasawwā
فَسَوَّىٰ
फिर उसने दुरुस्त किया
जिसने पैदा किया, फिर ठीक-ठाक किया, ([८७] अल-अला: 2)
Tafseer (तफ़सीर )

وَالَّذِيْ قَدَّرَ فَهَدٰىۖ ٣

wa-alladhī
وَٱلَّذِى
और वो जिसने
qaddara
قَدَّرَ
अंदाज़ा किया
fahadā
فَهَدَىٰ
फिर उसने हिदायत बख़्शी
जिसने निर्धारित किया, फिर मार्ग दिखाया, ([८७] अल-अला: 3)
Tafseer (तफ़सीर )

وَالَّذِيْٓ اَخْرَجَ الْمَرْعٰىۖ ٤

wa-alladhī
وَٱلَّذِىٓ
और वो जिसने
akhraja
أَخْرَجَ
निकाला
l-marʿā
ٱلْمَرْعَىٰ
चारा
जिसने वनस्पति उगाई, ([८७] अल-अला: 4)
Tafseer (तफ़सीर )

فَجَعَلَهٗ غُثَاۤءً اَحْوٰىۖ ٥

fajaʿalahu
فَجَعَلَهُۥ
फिर उसने बना दिया उसे
ghuthāan
غُثَآءً
कूड़ा
aḥwā
أَحْوَىٰ
स्याह
फिर उसे ख़ूब घना और हरा-भरा कर दिया ([८७] अल-अला: 5)
Tafseer (तफ़सीर )

سَنُقْرِئُكَ فَلَا تَنْسٰىٓ ۖ ٦

sanuq'ri-uka
سَنُقْرِئُكَ
अनक़रीब हम पढ़ा देंगे आपको
falā
فَلَا
फिर नहीं
tansā
تَنسَىٰٓ
आप भूलेंगे
हम तुम्हें पढ़ा देंगे, फिर तुम भूलोगे नहीं ([८७] अल-अला: 6)
Tafseer (तफ़सीर )

اِلَّا مَا شَاۤءَ اللّٰهُ ۗاِنَّهٗ يَعْلَمُ الْجَهْرَ وَمَا يَخْفٰىۗ ٧

illā
إِلَّا
मगर
مَا
जो
shāa
شَآءَ
चाहे
l-lahu
ٱللَّهُۚ
अल्लाह
innahu
إِنَّهُۥ
बेशक वो
yaʿlamu
يَعْلَمُ
वो जानता है
l-jahra
ٱلْجَهْرَ
ज़ाहिर को
wamā
وَمَا
और उसको जो
yakhfā
يَخْفَىٰ
पोशीदा है
बात यह है कि अल्लाह की इच्छा ही क्रियान्वित है। निश्चय ही वह जानता है खुले को भी और उसे भी जो छिपा रहे ([८७] अल-अला: 7)
Tafseer (तफ़सीर )

وَنُيَسِّرُكَ لِلْيُسْرٰىۖ ٨

wanuyassiruka
وَنُيَسِّرُكَ
और हम आसानी कर देंगे आपके लिए
lil'yus'rā
لِلْيُسْرَىٰ
आसान(रास्ते) की
हम तुम्हें सहज ढंग से उस चीज़ की पात्र बना देंगे जो सहज एवं मृदुल (आरामदायक) है ([८७] अल-अला: 8)
Tafseer (तफ़सीर )

فَذَكِّرْ اِنْ نَّفَعَتِ الذِّكْرٰىۗ ٩

fadhakkir
فَذَكِّرْ
पस नसीहत कीजिए
in
إِن
अगर
nafaʿati
نَّفَعَتِ
फ़ायदा दे
l-dhik'rā
ٱلذِّكْرَىٰ
नसीहत करना
अतः नसीहत करो, यदि नसीहत लाभप्रद हो! ([८७] अल-अला: 9)
Tafseer (तफ़सीर )
१०

سَيَذَّكَّرُ مَنْ يَّخْشٰىۙ ١٠

sayadhakkaru
سَيَذَّكَّرُ
अनक़रीब नसीहत पकड़ेगा
man
مَن
वो जो
yakhshā
يَخْشَىٰ
डरता होगा
नसीहत हासिल कर लेगा जिसको डर होगा, ([८७] अल-अला: 10)
Tafseer (तफ़सीर )