१
وَالسَّمَاۤءِ وَالطَّارِقِۙ ١
- wal-samāi
- وَٱلسَّمَآءِ
- क़सम है आसमान की
- wal-ṭāriqi
- وَٱلطَّارِقِ
- और रात को आने वाले की
साक्षी है आकाश, और रात में प्रकट होनेवाला - ([८६] अत-तारिक: 1)Tafseer (तफ़सीर )
२
وَمَآ اَدْرٰىكَ مَا الطَّارِقُۙ ٢
- wamā
- وَمَآ
- और क्या चीज़
- adrāka
- أَدْرَىٰكَ
- बताए आपको
- mā
- مَا
- क्या है
- l-ṭāriqu
- ٱلطَّارِقُ
- रात को आने वाला
और तुम क्या जानो कि रात में प्रकट होनेवाला क्या है? ([८६] अत-तारिक: 2)Tafseer (तफ़सीर )
३
النَّجْمُ الثَّاقِبُۙ ٣
- al-najmu
- ٱلنَّجْمُ
- सितारा है
- l-thāqibu
- ٱلثَّاقِبُ
- चमकता हुआ
दमकता हुआ तारा! - ([८६] अत-तारिक: 3)Tafseer (तफ़सीर )
४
اِنْ كُلُّ نَفْسٍ لَّمَّا عَلَيْهَا حَافِظٌۗ ٤
- in
- إِن
- नहीं
- kullu
- كُلُّ
- कोई नफ़्स
- nafsin
- نَفْسٍ
- कोई नफ़्स
- lammā
- لَّمَّا
- मगर
- ʿalayhā
- عَلَيْهَا
- है उस पर
- ḥāfiẓun
- حَافِظٌ
- एक हिफ़ाज़त करने वाला
कि हर एक व्यक्ति पर एक निगरानी करनेवाला नियुक्त है ([८६] अत-तारिक: 4)Tafseer (तफ़सीर )
५
فَلْيَنْظُرِ الْاِنْسَانُ مِمَّ خُلِقَ ٥
- falyanẓuri
- فَلْيَنظُرِ
- पस चाहिए कि देखे
- l-insānu
- ٱلْإِنسَٰنُ
- इन्सान
- mimma
- مِمَّ
- किस चीज़ से
- khuliqa
- خُلِقَ
- वो पैदा किया गया
अतः मनुष्य को चाहिए कि देखे कि वह किस चीज़ से पैदा किया गया है ([८६] अत-तारिक: 5)Tafseer (तफ़सीर )
६
خُلِقَ مِنْ مَّاۤءٍ دَافِقٍۙ ٦
- khuliqa
- خُلِقَ
- वो पैदा किया गया
- min
- مِن
- पानी से
- māin
- مَّآءٍ
- पानी से
- dāfiqin
- دَافِقٍ
- उछलने वाले
एक उछलते पानी से पैदा किया गया है, ([८६] अत-तारिक: 6)Tafseer (तफ़सीर )
७
يَّخْرُجُ مِنْۢ بَيْنِ الصُّلْبِ وَالتَّرَاۤىِٕبِۗ ٧
- yakhruju
- يَخْرُجُ
- जो निकलता है
- min
- مِنۢ
- दर्मियान से
- bayni
- بَيْنِ
- दर्मियान से
- l-ṣul'bi
- ٱلصُّلْبِ
- पीठ
- wal-tarāibi
- وَٱلتَّرَآئِبِ
- और सीने की हड्डियों के
जो पीठ और पसलियों के मध्य से निकलता है ([८६] अत-तारिक: 7)Tafseer (तफ़सीर )
८
اِنَّهٗ عَلٰى رَجْعِهٖ لَقَادِرٌۗ ٨
- innahu
- إِنَّهُۥ
- बेशक वो
- ʿalā
- عَلَىٰ
- उसके लौटाने पर
- rajʿihi
- رَجْعِهِۦ
- उसके लौटाने पर
- laqādirun
- لَقَادِرٌ
- यक़ीनन क़ादिर है
निश्चय ही वह उसके लौटा देने की सामर्थ्य रखता है ([८६] अत-तारिक: 8)Tafseer (तफ़सीर )
९
يَوْمَ تُبْلَى السَّرَاۤىِٕرُۙ ٩
- yawma
- يَوْمَ
- जिस दिन
- tub'lā
- تُبْلَى
- जाँच पड़ताल की जाएगी
- l-sarāiru
- ٱلسَّرَآئِرُ
- तमाम राज़ों की
जिस दिन छिपी चीज़ें परखी जाएँगी, ([८६] अत-तारिक: 9)Tafseer (तफ़सीर )
१०
فَمَا لَهٗ مِنْ قُوَّةٍ وَّلَا نَاصِرٍۗ ١٠
- famā
- فَمَا
- तो नहीं होगी
- lahu
- لَهُۥ
- उसके लिए
- min
- مِن
- कोई क़ुव्वत
- quwwatin
- قُوَّةٍ
- कोई क़ुव्वत
- walā
- وَلَا
- और ना
- nāṣirin
- نَاصِرٍ
- कोई मददगार
तो उस समय उसके पास न तो अपनी कोई शक्ति होगी और न कोई सहायक ([८६] अत-तारिक: 10)Tafseer (तफ़सीर )