१
وَالسَّمَاۤءِ ذَاتِ الْبُرُوْجِۙ ١
- wal-samāi
- وَٱلسَّمَآءِ
- क़सम है आसमान
- dhāti
- ذَاتِ
- बुर्जों वाले की
- l-burūji
- ٱلْبُرُوجِ
- बुर्जों वाले की
साक्षी है बुर्जोंवाला आकाश, ([८५] अल-बुरूज: 1)Tafseer (तफ़सीर )
२
وَالْيَوْمِ الْمَوْعُوْدِۙ ٢
- wal-yawmi
- وَٱلْيَوْمِ
- और दिन
- l-mawʿūdi
- ٱلْمَوْعُودِ
- वादा किए गए की
और वह दिन जिसका वादा किया गया है, ([८५] अल-बुरूज: 2)Tafseer (तफ़सीर )
३
وَشَاهِدٍ وَّمَشْهُوْدٍۗ ٣
- washāhidin
- وَشَاهِدٍ
- और हाज़िर होने वाले
- wamashhūdin
- وَمَشْهُودٍ
- और हाज़िर किए हुए की
और देखनेवाला, और जो देखा गया ([८५] अल-बुरूज: 3)Tafseer (तफ़सीर )
४
قُتِلَ اَصْحٰبُ الْاُخْدُوْدِۙ ٤
- qutila
- قُتِلَ
- मारे गए
- aṣḥābu
- أَصْحَٰبُ
- ख़नदक़ों वाले
- l-ukh'dūdi
- ٱلْأُخْدُودِ
- ख़नदक़ों वाले
विनष्ट हों खाईवाले, ([८५] अल-बुरूज: 4)Tafseer (तफ़सीर )
५
النَّارِ ذَاتِ الْوَقُوْدِۙ ٥
- al-nāri
- ٱلنَّارِ
- जो आग थी
- dhāti
- ذَاتِ
- ईन्धन वाली
- l-waqūdi
- ٱلْوَقُودِ
- ईन्धन वाली
ईधन भरी आगवाले, ([८५] अल-बुरूज: 5)Tafseer (तफ़सीर )
६
اِذْ هُمْ عَلَيْهَا قُعُوْدٌۙ ٦
- idh
- إِذْ
- जब
- hum
- هُمْ
- वो
- ʿalayhā
- عَلَيْهَا
- उस पर
- quʿūdun
- قُعُودٌ
- बैठे हुए थे
जबकि वे वहाँ बैठे होंगे ([८५] अल-बुरूज: 6)Tafseer (तफ़सीर )
७
وَّهُمْ عَلٰى مَا يَفْعَلُوْنَ بِالْمُؤْمِنِيْنَ شُهُوْدٌ ۗ ٧
- wahum
- وَهُمْ
- और वो
- ʿalā
- عَلَىٰ
- ऊपर
- mā
- مَا
- उसके जो
- yafʿalūna
- يَفْعَلُونَ
- वो कर रहे थे
- bil-mu'minīna
- بِٱلْمُؤْمِنِينَ
- साथ मोमिनों के
- shuhūdun
- شُهُودٌ
- गवाह थे
और वे जो कुछ ईमानवालों के साथ करते रहे, उसे देखेंगे ([८५] अल-बुरूज: 7)Tafseer (तफ़सीर )
८
وَمَا نَقَمُوْا مِنْهُمْ اِلَّآ اَنْ يُّؤْمِنُوْا بِاللّٰهِ الْعَزِيْزِ الْحَمِيْدِۙ ٨
- wamā
- وَمَا
- और नहीं
- naqamū
- نَقَمُوا۟
- उन्होंने इन्तिक़ाम लिया
- min'hum
- مِنْهُمْ
- उनसे
- illā
- إِلَّآ
- मगर
- an
- أَن
- ये कि
- yu'minū
- يُؤْمِنُوا۟
- वो ईमान लाए
- bil-lahi
- بِٱللَّهِ
- अल्लाह पर
- l-ʿazīzi
- ٱلْعَزِيزِ
- जो बहुत ज़बरदस्त है
- l-ḥamīdi
- ٱلْحَمِيدِ
- ख़ूब तारीफ़ वाला है
उन्होंने उन (ईमानवालों) से केवल इस कारण बदला लिया और शत्रुता की कि वे उस अल्लाह पर ईमान रखते थे जो अत्यन्त प्रभुत्वशाली, प्रशंसनीय है, ([८५] अल-बुरूज: 8)Tafseer (तफ़सीर )
९
الَّذِيْ لَهٗ مُلْكُ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ ۗوَاللّٰهُ عَلٰى كُلِّ شَيْءٍ شَهِيْدٌ ۗ ٩
- alladhī
- ٱلَّذِى
- वो जो
- lahu
- لَهُۥ
- उसके लिए है
- mul'ku
- مُلْكُ
- बादशाहत
- l-samāwāti
- ٱلسَّمَٰوَٰتِ
- आसमानों
- wal-arḍi
- وَٱلْأَرْضِۚ
- और ज़मीन की
- wal-lahu
- وَٱللَّهُ
- और अल्लाह
- ʿalā
- عَلَىٰ
- ऊपर
- kulli
- كُلِّ
- हर
- shayin
- شَىْءٍ
- चीज़ के
- shahīdun
- شَهِيدٌ
- गवाह है
जिसके लिए आकाशों और धरती की बादशाही है। और अल्लाह हर चीज़ का साक्षी है ([८५] अल-बुरूज: 9)Tafseer (तफ़सीर )
१०
اِنَّ الَّذِيْنَ فَتَنُوا الْمُؤْمِنِيْنَ وَالْمُؤْمِنٰتِ ثُمَّ لَمْ يَتُوْبُوْا فَلَهُمْ عَذَابُ جَهَنَّمَ وَلَهُمْ عَذَابُ الْحَرِيْقِۗ ١٠
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- वो लोग जिन्होंने
- fatanū
- فَتَنُوا۟
- आज़माइश में डाला
- l-mu'minīna
- ٱلْمُؤْمِنِينَ
- मोमिन मर्दों को
- wal-mu'mināti
- وَٱلْمُؤْمِنَٰتِ
- और मोमिन औरतों को
- thumma
- ثُمَّ
- फिर
- lam
- لَمْ
- ना
- yatūbū
- يَتُوبُوا۟
- उन्होंने तौबा की
- falahum
- فَلَهُمْ
- तो उनके लिए
- ʿadhābu
- عَذَابُ
- अज़ाब है
- jahannama
- جَهَنَّمَ
- जहन्नम का
- walahum
- وَلَهُمْ
- और उनके लिए
- ʿadhābu
- عَذَابُ
- अज़ाब है
- l-ḥarīqi
- ٱلْحَرِيقِ
- जलने का
जिन लोगों ने ईमानवाले पुरुषों और ईमानवाली स्त्रियों को सताया और आज़माईश में डाला, फिर तौबा न की, निश्चय ही उनके लिए जहन्नम की यातना है और उनके लिए जलने की यातना है ([८५] अल-बुरूज: 10)Tafseer (तफ़सीर )