१
وَيْلٌ لِّلْمُطَفِّفِيْنَۙ ١
- waylun
- وَيْلٌ
- हलाकतहै
- lil'muṭaffifīna
- لِّلْمُطَفِّفِينَ
- नाप-तोल में कमी करने वालों के लिए
तबाही है घटानेवालों के लिए, ([८३] अल-मुताफ्फिन: 1)Tafseer (तफ़सीर )
२
الَّذِيْنَ اِذَا اكْتَالُوْا عَلَى النَّاسِ يَسْتَوْفُوْنَۖ ٢
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- वो लोग
- idhā
- إِذَا
- जब
- ik'tālū
- ٱكْتَالُوا۟
- वो नाप कर लेते हैं
- ʿalā
- عَلَى
- लोगों से
- l-nāsi
- ٱلنَّاسِ
- लोगों से
- yastawfūna
- يَسْتَوْفُونَ
- वो पूरा-पूरा लेते हैं
जो नापकर लोगों पर नज़र जमाए हुए लेते हैं तो पूरा-पूरा लेते हैं, ([८३] अल-मुताफ्फिन: 2)Tafseer (तफ़सीर )
३
وَاِذَا كَالُوْهُمْ اَوْ وَّزَنُوْهُمْ يُخْسِرُوْنَۗ ٣
- wa-idhā
- وَإِذَا
- और जब
- kālūhum
- كَالُوهُمْ
- वो नाप कर देते हैं उन्हें
- aw
- أَو
- या
- wazanūhum
- وَّزَنُوهُمْ
- वो तोल कर देते हैं उन्हें
- yukh'sirūna
- يُخْسِرُونَ
- वो कम देते हैं
किन्तु जब उन्हें नापकर या तौलकर देते हैं तो घटाकर देते हैं ([८३] अल-मुताफ्फिन: 3)Tafseer (तफ़सीर )
४
اَلَا يَظُنُّ اُولٰۤىِٕكَ اَنَّهُمْ مَّبْعُوْثُوْنَۙ ٤
- alā
- أَلَا
- क्या नहीं
- yaẓunnu
- يَظُنُّ
- यक़ीन रखते
- ulāika
- أُو۟لَٰٓئِكَ
- ये लोग
- annahum
- أَنَّهُم
- बेशक वो
- mabʿūthūna
- مَّبْعُوثُونَ
- उठाए जाने वाले हैं
क्या वे समझते नहीं कि उन्हें (जीवित होकर) उठना है, ([८३] अल-मुताफ्फिन: 4)Tafseer (तफ़सीर )
५
لِيَوْمٍ عَظِيْمٍۙ ٥
- liyawmin
- لِيَوْمٍ
- एक बड़े दिन के लिए
- ʿaẓīmin
- عَظِيمٍ
- एक बड़े दिन के लिए
एक भारी दिन के लिए, ([८३] अल-मुताफ्फिन: 5)Tafseer (तफ़सीर )
६
يَّوْمَ يَقُوْمُ النَّاسُ لِرَبِّ الْعٰلَمِيْنَۗ ٦
- yawma
- يَوْمَ
- जिस दिन
- yaqūmu
- يَقُومُ
- खड़े होंगे
- l-nāsu
- ٱلنَّاسُ
- लोग
- lirabbi
- لِرَبِّ
- रब के लिए
- l-ʿālamīna
- ٱلْعَٰلَمِينَ
- तमाम जहानों के
जिस दिन लोग सारे संसार के रब के सामने खड़े होंगे? ([८३] अल-मुताफ्फिन: 6)Tafseer (तफ़सीर )
७
كَلَّآ اِنَّ كِتٰبَ الْفُجَّارِ لَفِيْ سِجِّيْنٍۗ ٧
- kallā
- كَلَّآ
- हरगिज़ नहीं
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- kitāba
- كِتَٰبَ
- किताब(आमाल नामा)
- l-fujāri
- ٱلْفُجَّارِ
- बदकारों की
- lafī
- لَفِى
- यक़ीनन सिज्जीन में है
- sijjīnin
- سِجِّينٍ
- यक़ीनन सिज्जीन में है
कुछ नहीं, निश्चय ही दुराचारियों का काग़ज 'सिज्जीन' में है ([८३] अल-मुताफ्फिन: 7)Tafseer (तफ़सीर )
८
وَمَآ اَدْرٰىكَ مَا سِجِّيْنٌۗ ٨
- wamā
- وَمَآ
- और क्या चीज़
- adrāka
- أَدْرَىٰكَ
- बताए आपको
- mā
- مَا
- क्या है
- sijjīnun
- سِجِّينٌ
- सिज्जीन
तुम्हें क्या मालूम कि 'सिज्जीन' क्या हैं? ([८३] अल-मुताफ्फिन: 8)Tafseer (तफ़सीर )
९
كِتٰبٌ مَّرْقُوْمٌۗ ٩
- kitābun
- كِتَٰبٌ
- एक किताब है
- marqūmun
- مَّرْقُومٌ
- लिखी हुई
मुहर लगा हुआ काग़ज ([८३] अल-मुताफ्फिन: 9)Tafseer (तफ़सीर )
१०
وَيْلٌ يَّوْمَىِٕذٍ لِّلْمُكَذِّبِيْنَۙ ١٠
- waylun
- وَيْلٌ
- हलाकत है
- yawma-idhin
- يَوْمَئِذٍ
- उस दिन
- lil'mukadhibīna
- لِّلْمُكَذِّبِينَ
- झुठलाने वालों के लिए
तबाही है उस दिन झुठलाने-वालों की, ([८३] अल-मुताफ्फिन: 10)Tafseer (तफ़सीर )