११
كِرَامًا كَاتِبِيْنَۙ ١١
- kirāman
- كِرَامًا
- जो मुअज़्ज़िज़
- kātibīna
- كَٰتِبِينَ
- लिखने वालो हैं
प्रतिष्ठित लिपिक ([८२] अल-इन्फिकार: 11)Tafseer (तफ़सीर )
१२
يَعْلَمُوْنَ مَا تَفْعَلُوْنَ ١٢
- yaʿlamūna
- يَعْلَمُونَ
- वो जानते हैं
- mā
- مَا
- जो कुछ
- tafʿalūna
- تَفْعَلُونَ
- तुम करते हो
वे जान रहे होते है जो कुछ भी तुम लोग करते हो ([८२] अल-इन्फिकार: 12)Tafseer (तफ़सीर )
१३
اِنَّ الْاَبْرَارَ لَفِيْ نَعِيْمٍۙ ١٣
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- l-abrāra
- ٱلْأَبْرَارَ
- नेक लोग
- lafī
- لَفِى
- यक़ीनन नेअमतों में होंगे
- naʿīmin
- نَعِيمٍ
- यक़ीनन नेअमतों में होंगे
निस्संदेह वफ़ादार लोग नेमतों में होंगे ([८२] अल-इन्फिकार: 13)Tafseer (तफ़सीर )
१४
وَّاِنَّ الْفُجَّارَ لَفِيْ جَحِيْمٍ ١٤
- wa-inna
- وَإِنَّ
- और बेशक
- l-fujāra
- ٱلْفُجَّارَ
- बदकार लोग
- lafī
- لَفِى
- यक़ीनन जहन्नम में होंगे
- jaḥīmin
- جَحِيمٍ
- यक़ीनन जहन्नम में होंगे
और निश्चय ही दुराचारी भड़कती हुई आग में ([८२] अल-इन्फिकार: 14)Tafseer (तफ़सीर )
१५
يَصْلَوْنَهَا يَوْمَ الدِّيْنِ ١٥
- yaṣlawnahā
- يَصْلَوْنَهَا
- वो जलेंगे उसमें
- yawma
- يَوْمَ
- दिन
- l-dīni
- ٱلدِّينِ
- बदले के
जिसमें वे बदले के दिन प्रवेश करेंगे ([८२] अल-इन्फिकार: 15)Tafseer (तफ़सीर )
१६
وَمَا هُمْ عَنْهَا بِغَاۤىِٕبِيْنَۗ ١٦
- wamā
- وَمَا
- और नहीं
- hum
- هُمْ
- वो
- ʿanhā
- عَنْهَا
- उससे
- bighāibīna
- بِغَآئِبِينَ
- कभी ग़ायब होने वाले
और उससे वे ओझल नहीं होंगे ([८२] अल-इन्फिकार: 16)Tafseer (तफ़सीर )
१७
وَمَآ اَدْرٰىكَ مَا يَوْمُ الدِّيْنِۙ ١٧
- wamā
- وَمَآ
- और क्या चीज़
- adrāka
- أَدْرَىٰكَ
- बताए आपको
- mā
- مَا
- क्या है
- yawmu
- يَوْمُ
- दिन
- l-dīni
- ٱلدِّينِ
- बदले का
और तुम्हें क्या मालूम कि बदले का दिन क्या है? ([८२] अल-इन्फिकार: 17)Tafseer (तफ़सीर )
१८
ثُمَّ مَآ اَدْرٰىكَ مَا يَوْمُ الدِّيْنِۗ ١٨
- thumma
- ثُمَّ
- फिर
- mā
- مَآ
- क्या चीज़
- adrāka
- أَدْرَىٰكَ
- बताए आपको
- mā
- مَا
- क्या है
- yawmu
- يَوْمُ
- दिन
- l-dīni
- ٱلدِّينِ
- बदले का
फिर तुम्हें क्या मालूम कि बदले का दिन क्या है? ([८२] अल-इन्फिकार: 18)Tafseer (तफ़सीर )
१९
يَوْمَ لَا تَمْلِكُ نَفْسٌ لِّنَفْسٍ شَيْـًٔا ۗوَالْاَمْرُ يَوْمَىِٕذٍ لِّلّٰهِ ࣖ ١٩
- yawma
- يَوْمَ
- जिस दिन
- lā
- لَا
- ना मालिक होगा
- tamliku
- تَمْلِكُ
- ना मालिक होगा
- nafsun
- نَفْسٌ
- कोई नफ़्स
- linafsin
- لِّنَفْسٍ
- किसी नफ़्स के लिए
- shayan
- شَيْـًٔاۖ
- कुछ भी
- wal-amru
- وَٱلْأَمْرُ
- और हुक्म
- yawma-idhin
- يَوْمَئِذٍ
- उस दिन
- lillahi
- لِّلَّهِ
- अल्लाह ही का होगा
जिस दिन कोई व्यक्ति किसी व्यक्ति के लिए किसी चीज़ का अधिकारी न होगा, मामला उस दिन अल्लाह ही के हाथ में होगा ([८२] अल-इन्फिकार: 19)Tafseer (तफ़सीर )