११
وَاِذَا السَّمَاۤءُ كُشِطَتْۖ ١١
- wa-idhā
- وَإِذَا
- और जब
- l-samāu
- ٱلسَّمَآءُ
- आसमान
- kushiṭat
- كُشِطَتْ
- खाल उतार दी जाएगी (उसकी )
और जब आकाश की खाल उतार दी जाएगी, ([८१] अत-तक्वीर: 11)Tafseer (तफ़सीर )
१२
وَاِذَا الْجَحِيْمُ سُعِّرَتْۖ ١٢
- wa-idhā
- وَإِذَا
- और जब
- l-jaḥīmu
- ٱلْجَحِيمُ
- जहन्नम
- suʿʿirat
- سُعِّرَتْ
- भड़का दी जाएगी
जब जहन्नम को दहकाया जाएगा, ([८१] अत-तक्वीर: 12)Tafseer (तफ़सीर )
१३
وَاِذَا الْجَنَّةُ اُزْلِفَتْۖ ١٣
- wa-idhā
- وَإِذَا
- और जब
- l-janatu
- ٱلْجَنَّةُ
- जन्नत
- uz'lifat
- أُزْلِفَتْ
- क़रीब ले आई जाएगी
और जब जन्नत निकट कर दी जाएगी, ([८१] अत-तक्वीर: 13)Tafseer (तफ़सीर )
१४
عَلِمَتْ نَفْسٌ مَّآ اَحْضَرَتْۗ ١٤
- ʿalimat
- عَلِمَتْ
- जान लेगा
- nafsun
- نَفْسٌ
- हर नफ़्स
- mā
- مَّآ
- जो
- aḥḍarat
- أَحْضَرَتْ
- उसने हाज़िर किया
तो कोई भी क्यक्ति जान लेगा कि उसने क्या उपस्थित किया है ([८१] अत-तक्वीर: 14)Tafseer (तफ़सीर )
१५
فَلَآ اُقْسِمُ بِالْخُنَّسِۙ ١٥
- falā
- فَلَآ
- पस नहीं
- uq'simu
- أُقْسِمُ
- मैं क़सम खाता हूँ
- bil-khunasi
- بِٱلْخُنَّسِ
- पीछे हटने वाले
अतः नहीं! मैं क़सम खाता हूँ पीछे हटनेवालों की, ([८१] अत-तक्वीर: 15)Tafseer (तफ़सीर )
१६
الْجَوَارِ الْكُنَّسِۙ ١٦
- al-jawāri
- ٱلْجَوَارِ
- चलने वाले
- l-kunasi
- ٱلْكُنَّسِ
- छुप जाने वाले (सितारों की )
चलनेवालों, छिपने-दुबकने-वालों की ([८१] अत-तक्वीर: 16)Tafseer (तफ़सीर )
१७
وَالَّيْلِ اِذَا عَسْعَسَۙ ١٧
- wa-al-layli
- وَٱلَّيْلِ
- और रात की
- idhā
- إِذَا
- जब
- ʿasʿasa
- عَسْعَسَ
- वो रुख़्सत होती है
साक्षी है रात्रि जब वह प्रस्थान करे, ([८१] अत-तक्वीर: 17)Tafseer (तफ़सीर )
१८
وَالصُّبْحِ اِذَا تَنَفَّسَۙ ١٨
- wal-ṣub'ḥi
- وَٱلصُّبْحِ
- और सुबह की
- idhā
- إِذَا
- जब
- tanaffasa
- تَنَفَّسَ
- वो साँस लेती है
और साक्षी है प्रातः जब वह साँस ले ([८१] अत-तक्वीर: 18)Tafseer (तफ़सीर )
१९
اِنَّهٗ لَقَوْلُ رَسُوْلٍ كَرِيْمٍۙ ١٩
- innahu
- إِنَّهُۥ
- बेशक वो (क़ुरआन)
- laqawlu
- لَقَوْلُ
- यक़ीनन क़ौल है
- rasūlin
- رَسُولٍ
- एक पयामबर
- karīmin
- كَرِيمٍ
- मुअज़्ज़िज़ का
निश्चय ही वह एक आदरणीय संदेशवाहक की लाई हुई वाणी है, ([८१] अत-तक्वीर: 19)Tafseer (तफ़सीर )
२०
ذِيْ قُوَّةٍ عِنْدَ ذِى الْعَرْشِ مَكِيْنٍۙ ٢٠
- dhī
- ذِى
- जो क़ुव्वत वाला है
- quwwatin
- قُوَّةٍ
- जो क़ुव्वत वाला है
- ʿinda
- عِندَ
- नज़दीक
- dhī
- ذِى
- अर्श वाले के
- l-ʿarshi
- ٱلْعَرْشِ
- अर्श वाले के
- makīnin
- مَكِينٍ
- बुलन्द मरतबा है
जो शक्तिवाला है, सिंहासनवाले के यहाँ जिसकी पैठ है ([८१] अत-तक्वीर: 20)Tafseer (तफ़सीर )