३१
وَفَاكِهَةً وَّاَبًّا ٣١
- wafākihatan
- وَفَٰكِهَةً
- और फल
- wa-abban
- وَأَبًّا
- और चारा
और मेवे और घास-चारा, ([८०] सूरह अबसा: 31)Tafseer (तफ़सीर )
३२
مَتَاعًا لَّكُمْ وَلِاَنْعَامِكُمْۗ ٣٢
- matāʿan
- مَّتَٰعًا
- फ़ायदे की चीज़ें हैं
- lakum
- لَّكُمْ
- तुम्हारे लिए
- wali-anʿāmikum
- وَلِأَنْعَٰمِكُمْ
- और तुम्हारे मवेशियों के लिए
तुम्हारे लिए और तुम्हारे चौपायों के लिेए जीवन-सामग्री के रूप में ([८०] सूरह अबसा: 32)Tafseer (तफ़सीर )
३३
فَاِذَا جَاۤءَتِ الصَّاۤخَّةُ ۖ ٣٣
- fa-idhā
- فَإِذَا
- तो जब
- jāati
- جَآءَتِ
- आ जाएगी
- l-ṣākhatu
- ٱلصَّآخَّةُ
- कान बहरा कर देने वाली सख़्त आवाज़
फिर जब वह बहरा कर देनेवाली प्रचंड आवाज़ आएगी, ([८०] सूरह अबसा: 33)Tafseer (तफ़सीर )
३४
يَوْمَ يَفِرُّ الْمَرْءُ مِنْ اَخِيْهِۙ ٣٤
- yawma
- يَوْمَ
- उस दिन
- yafirru
- يَفِرُّ
- भागेगा
- l-maru
- ٱلْمَرْءُ
- इन्सान
- min
- مِنْ
- अपने भाई से
- akhīhi
- أَخِيهِ
- अपने भाई से
जिस दिन आदमी भागेगा अपने भाई से, ([८०] सूरह अबसा: 34)Tafseer (तफ़सीर )
३५
وَاُمِّهٖ وَاَبِيْهِۙ ٣٥
- wa-ummihi
- وَأُمِّهِۦ
- और अपनी माँ से
- wa-abīhi
- وَأَبِيهِ
- और अपने बाप से
और अपनी माँ और अपने बाप से, ([८०] सूरह अबसा: 35)Tafseer (तफ़सीर )
३६
وَصَاحِبَتِهٖ وَبَنِيْهِۗ ٣٦
- waṣāḥibatihi
- وَصَٰحِبَتِهِۦ
- और अपनी बीवी से
- wabanīhi
- وَبَنِيهِ
- और अपने बेटों से
और अपनी पत्नी और अपने बेटों से ([८०] सूरह अबसा: 36)Tafseer (तफ़सीर )
३७
لِكُلِّ امْرِئٍ مِّنْهُمْ يَوْمَىِٕذٍ شَأْنٌ يُّغْنِيْهِۗ ٣٧
- likulli
- لِكُلِّ
- वास्ते हर
- im'ri-in
- ٱمْرِئٍ
- शख़्स के
- min'hum
- مِّنْهُمْ
- उनमें से
- yawma-idhin
- يَوْمَئِذٍ
- उस दिन
- shanun
- شَأْنٌ
- ऐसी हालत होगी
- yugh'nīhi
- يُغْنِيهِ
- जो बेपरवा कर देगी उसे
उनमें से प्रत्येक व्यक्ति को उस दिन ऐसी पड़ी होगी जो उसे दूसरों से बेपरवाह कर देगी ([८०] सूरह अबसा: 37)Tafseer (तफ़सीर )
३८
وُجُوْهٌ يَّوْمَىِٕذٍ مُّسْفِرَةٌۙ ٣٨
- wujūhun
- وُجُوهٌ
- कुछ चेहरे
- yawma-idhin
- يَوْمَئِذٍ
- उस दिन
- mus'firatun
- مُّسْفِرَةٌ
- रौशन होंगे
कितने ही चेहरे उस दिन रौशन होंगे, ([८०] सूरह अबसा: 38)Tafseer (तफ़सीर )
३९
ضَاحِكَةٌ مُّسْتَبْشِرَةٌ ۚ ٣٩
- ḍāḥikatun
- ضَاحِكَةٌ
- हँसते होंगे
- mus'tabshiratun
- مُّسْتَبْشِرَةٌ
- ख़ुशख़बरी पाने वाले होंगे
हँसते, प्रफुल्लित ([८०] सूरह अबसा: 39)Tafseer (तफ़सीर )
४०
وَوُجُوْهٌ يَّوْمَىِٕذٍ عَلَيْهَا غَبَرَةٌۙ ٤٠
- wawujūhun
- وَوُجُوهٌ
- और कुछ चेहरे
- yawma-idhin
- يَوْمَئِذٍ
- उस दिन
- ʿalayhā
- عَلَيْهَا
- उन पर
- ghabaratun
- غَبَرَةٌ
- ग़ुबार होगा
और कितने ही चेहरे होंगे जिनपर उस दिन धूल पड़ी होगी, ([८०] सूरह अबसा: 40)Tafseer (तफ़सीर )