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सूरा अल-अन्फाल - Page: 7

Al-Anfal

(The Spoils of War)

६१

۞ وَاِنْ جَنَحُوْا لِلسَّلْمِ فَاجْنَحْ لَهَا وَتَوَكَّلْ عَلَى اللّٰهِ ۗاِنَّهٗ هُوَ السَّمِيْعُ الْعَلِيْمُ ٦١

wa-in
وَإِن
और अगर
janaḥū
جَنَحُوا۟
वो माइल हों
lilssalmi
لِلسَّلْمِ
सुलह के लिए
fa-ij'naḥ
فَٱجْنَحْ
तो आप भी माइल हो जाइए
lahā
لَهَا
उसके लिए
watawakkal
وَتَوَكَّلْ
और तवक्कल कीजिए
ʿalā
عَلَى
अल्लाह पर
l-lahi
ٱللَّهِۚ
अल्लाह पर
innahu
إِنَّهُۥ
बेशक वो
huwa
هُوَ
वो ही है
l-samīʿu
ٱلسَّمِيعُ
ख़ूब सुनने वाला
l-ʿalīmu
ٱلْعَلِيمُ
ख़ूब जानने वाला
और यदि वे संधि और सलामती की ओर झुकें तो तुम भी इसके लिए झुक जाओ और अल्लाह पर भरोसा रखो। निस्संदेह, वह सब कुछ सुनता, जानता है ([८] अल-अन्फाल: 61)
Tafseer (तफ़सीर )
६२

وَاِنْ يُّرِيْدُوْٓا اَنْ يَّخْدَعُوْكَ فَاِنَّ حَسْبَكَ اللّٰهُ ۗهُوَ الَّذِيْٓ اَيَّدَكَ بِنَصْرِهٖ وَبِالْمُؤْمِنِيْنَۙ ٦٢

wa-in
وَإِن
और अगर
yurīdū
يُرِيدُوٓا۟
वो चाहें
an
أَن
कि
yakhdaʿūka
يَخْدَعُوكَ
वो धोखा दें आपको
fa-inna
فَإِنَّ
तो बेशक
ḥasbaka
حَسْبَكَ
काफ़ी है आपको
l-lahu
ٱللَّهُۚ
अल्लाह
huwa
هُوَ
वो ही है
alladhī
ٱلَّذِىٓ
जिसने
ayyadaka
أَيَّدَكَ
ताईद की आपकी
binaṣrihi
بِنَصْرِهِۦ
साथ अपनी मदद के
wabil-mu'minīna
وَبِٱلْمُؤْمِنِينَ
और साथ मोमिनों के
और यदि वे यह चाहें कि तुम्हें धोखा दें तो तुम्हारे लिए अल्लाह काफ़ी है। वही तो है जिसने तुम्हें अपनी सहायता से और मोमिनों के द्वारा शक्ति प्रदान की ([८] अल-अन्फाल: 62)
Tafseer (तफ़सीर )
६३

وَاَلَّفَ بَيْنَ قُلُوْبِهِمْۗ لَوْاَنْفَقْتَ مَا فِى الْاَرْضِ جَمِيْعًا مَّآ اَلَّفْتَ بَيْنَ قُلُوْبِهِمْ وَلٰكِنَّ اللّٰهَ اَلَّفَ بَيْنَهُمْۗ اِنَّهٗ عَزِيْزٌ حَكِيْمٌ ٦٣

wa-allafa
وَأَلَّفَ
और उसने उलफ़त डाल दी
bayna
بَيْنَ
दर्मियान
qulūbihim
قُلُوبِهِمْۚ
उनके दिलों के
law
لَوْ
अगर
anfaqta
أَنفَقْتَ
ख़र्च करते आप
مَا
जो कुछ
فِى
ज़मीन में है
l-arḍi
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में है
jamīʿan
جَمِيعًا
सारे का सारा
مَّآ
ना
allafta
أَلَّفْتَ
उलफ़त डाल सकते थे आप
bayna
بَيْنَ
दर्मियान
qulūbihim
قُلُوبِهِمْ
उनके दिलों के
walākinna
وَلَٰكِنَّ
और लेकिन
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह ने
allafa
أَلَّفَ
उलफ़त डाल दी
baynahum
بَيْنَهُمْۚ
दर्मियान उनके
innahu
إِنَّهُۥ
बेशक वो
ʿazīzun
عَزِيزٌ
बहुत ज़बरदस्त है
ḥakīmun
حَكِيمٌ
बहुत हिकमत वाला है
और उनके दिल आपस में एक-दूसरे से जोड़ दिए। यदि तुम धरती में जो कुछ है, सब खर्च कर डालते तो भी उनके दिलों को परस्पर जोड़ न सकते, किन्तु अल्लाह ने उन्हें परस्पर जोड़ दिया। निश्चय ही वह अत्यन्त प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी है ([८] अल-अन्फाल: 63)
Tafseer (तफ़सीर )
६४

يٰٓاَيُّهَا النَّبِيُّ حَسْبُكَ اللّٰهُ وَمَنِ اتَّبَعَكَ مِنَ الْمُؤْمِنِيْنَ ࣖ ٦٤

yāayyuhā
يَٰٓأَيُّهَا
l-nabiyu
ٱلنَّبِىُّ
नबी
ḥasbuka
حَسْبُكَ
काफ़ी है आपको
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
wamani
وَمَنِ
और उसे जो
ittabaʿaka
ٱتَّبَعَكَ
पैरवी करे आपकी
mina
مِنَ
मोमिनों में से
l-mu'minīna
ٱلْمُؤْمِنِينَ
मोमिनों में से
ऐ नबी! तुम्हारे लिए अल्लाह और तुम्हारे ईमानवाले अनुयायी ही काफ़ी है ([८] अल-अन्फाल: 64)
Tafseer (तफ़सीर )
६५

يٰٓاَيُّهَا النَّبِيُّ حَرِّضِ الْمُؤْمِنِيْنَ عَلَى الْقِتَالِۗ اِنْ يَّكُنْ مِّنْكُمْ عِشْرُوْنَ صَابِرُوْنَ يَغْلِبُوْا مِائَتَيْنِۚ وَاِنْ يَّكُنْ مِّنْكُمْ مِّائَةٌ يَّغْلِبُوْٓا اَلْفًا مِّنَ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا بِاَنَّهُمْ قَوْمٌ لَّا يَفْقَهُوْنَ ٦٥

yāayyuhā
يَٰٓأَيُّهَا
l-nabiyu
ٱلنَّبِىُّ
नबी
ḥarriḍi
حَرِّضِ
रग़बत दिलाइए
l-mu'minīna
ٱلْمُؤْمِنِينَ
मोमिनों को
ʿalā
عَلَى
जंग पर
l-qitāli
ٱلْقِتَالِۚ
जंग पर
in
إِن
अगर
yakun
يَكُن
होंगे
minkum
مِّنكُمْ
तुम में से
ʿish'rūna
عِشْرُونَ
बीस
ṣābirūna
صَٰبِرُونَ
सब्र करने वाले
yaghlibū
يَغْلِبُوا۟
वो ग़ालिब आ जाऐंगे
mi-atayni
مِا۟ئَتَيْنِۚ
दो सौ पर
wa-in
وَإِن
और अगर
yakun
يَكُن
होंगे
minkum
مِّنكُم
तुम में से
mi-atun
مِّا۟ئَةٌ
एक सौ
yaghlibū
يَغْلِبُوٓا۟
वो ग़ालिब आ जाऐंगे
alfan
أَلْفًا
एक हज़ार पर
mina
مِّنَ
उनमें से जिन्होंने
alladhīna
ٱلَّذِينَ
उनमें से जिन्होंने
kafarū
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
bi-annahum
بِأَنَّهُمْ
बवजह उसके कि वो
qawmun
قَوْمٌ
ऐसे लोग हैं
لَّا
जो समझ नहीं रखते
yafqahūna
يَفْقَهُونَ
जो समझ नहीं रखते
ऐ नबी! मोमिनों को जिहाद पर उभारो। यदि तुम्हारे बीस आदमी जमे होंगे, तो वे दो सौ पर प्रभावी होंगे और यदि तुमसे से ऐसे सौ होंगे तो वे इनकार करनेवालों में से एक हज़ार पर प्रभावी होंगे, क्योंकि वे नासमझ लोग है ([८] अल-अन्फाल: 65)
Tafseer (तफ़सीर )
६६

اَلْـٰٔنَ خَفَّفَ اللّٰهُ عَنْكُمْ وَعَلِمَ اَنَّ فِيْكُمْ ضَعْفًاۗ فَاِنْ يَّكُنْ مِّنْكُمْ مِّائَةٌ صَابِرَةٌ يَّغْلِبُوْا مِائَتَيْنِۚ وَاِنْ يَّكُنْ مِّنْكُمْ اَلْفٌ يَّغْلِبُوْٓا اَلْفَيْنِ بِاِذْنِ اللّٰهِ ۗوَاللّٰهُ مَعَ الصّٰبِرِيْنَ ٦٦

al-āna
ٱلْـَٰٔنَ
अब
khaffafa
خَفَّفَ
हल्का कर दिया (बोझ)
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
ʿankum
عَنكُمْ
तुमसे
waʿalima
وَعَلِمَ
और उसने जान लिया
anna
أَنَّ
बेशक
fīkum
فِيكُمْ
तुम में
ḍaʿfan
ضَعْفًاۚ
कमज़ोरी है
fa-in
فَإِن
पस अगर
yakun
يَكُن
हों
minkum
مِّنكُم
तुम में से
mi-atun
مِّا۟ئَةٌ
एक सौ
ṣābiratun
صَابِرَةٌ
सब्र करने वाले
yaghlibū
يَغْلِبُوا۟
वो ग़ालिब आ जाऐंगे
mi-atayni
مِا۟ئَتَيْنِۚ
दो सौ पर
wa-in
وَإِن
और अगर
yakun
يَكُن
हों
minkum
مِّنكُمْ
तुम में से
alfun
أَلْفٌ
एक हज़ार
yaghlibū
يَغْلِبُوٓا۟
वो ग़ालिब आ जाऐंगे
alfayni
أَلْفَيْنِ
दो हज़ार पर
bi-idh'ni
بِإِذْنِ
अल्लाह के इज़्न से
l-lahi
ٱللَّهِۗ
अल्लाह के इज़्न से
wal-lahu
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
maʿa
مَعَ
साथ है
l-ṣābirīna
ٱلصَّٰبِرِينَ
सब्र करने वालों के
अब अल्लाह ने तुम्हारे बोझ हल्का कर दिया और उसे मालूम हुआ कि तुममें कुछ कमज़ोरी है। तो यदि तुम्हारे सौ आदमी जमे रहनेवाले होंगे, तो वे दो सौ पर प्रभावी रहेंगे और यदि तुममें से ऐसे हजार होंगे तो अल्लाह के हुक्म से वे दो हज़ार पर प्रभावी रहेंगे। अल्लाह तो उन्ही लोगों के साथ है जो जमे रहते है ([८] अल-अन्फाल: 66)
Tafseer (तफ़सीर )
६७

مَاكَانَ لِنَبِيٍّ اَنْ يَّكُوْنَ لَهٗٓ اَسْرٰى حَتّٰى يُثْخِنَ فِى الْاَرْضِۗ تُرِيْدُوْنَ عَرَضَ الدُّنْيَاۖ وَاللّٰهُ يُرِيْدُ الْاٰخِرَةَۗ وَاللّٰهُ عَزِيْزٌحَكِيْمٌ ٦٧

مَا
नहीं
kāna
كَانَ
है
linabiyyin
لِنَبِىٍّ
किसी नबी के लिए
an
أَن
कि
yakūna
يَكُونَ
हों
lahu
لَهُۥٓ
उसके लिए
asrā
أَسْرَىٰ
क़ैदी
ḥattā
حَتَّىٰ
यहाँ तक कि
yuth'khina
يُثْخِنَ
वो अच्छी तरह ख़ून बहा दे
فِى
ज़मीन में
l-arḍi
ٱلْأَرْضِۚ
ज़मीन में
turīdūna
تُرِيدُونَ
तुम चाहते हो
ʿaraḍa
عَرَضَ
सामान
l-dun'yā
ٱلدُّنْيَا
दुनिया का
wal-lahu
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
yurīdu
يُرِيدُ
चाहता है
l-ākhirata
ٱلْءَاخِرَةَۗ
आख़िरत
wal-lahu
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
ʿazīzun
عَزِيزٌ
बहुत ज़बरदस्त है
ḥakīmun
حَكِيمٌ
ख़ूब हिकमत वाला है
किसी नबी के लिए यह उचित नहीं कि उसके पास क़ैदी हो यहाँ तक की वह धरती में रक्तपात करे। तुम लोग संसार की सामग्री चाहते हो, जबकि अल्लाह आख़िरत चाहता है। अल्लाह अत्यन्त प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी है ([८] अल-अन्फाल: 67)
Tafseer (तफ़सीर )
६८

لَوْلَاكِتٰبٌ مِّنَ اللّٰهِ سَبَقَ لَمَسَّكُمْ فِيْمَآ اَخَذْتُمْ عَذَابٌ عَظِيْمٌ ٦٨

lawlā
لَّوْلَا
अगर ना होता
kitābun
كِتَٰبٌ
लिखा हुआ
mina
مِّنَ
अल्लाह की तरफ़ से
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह की तरफ़ से
sabaqa
سَبَقَ
जो गुज़र चुका है
lamassakum
لَمَسَّكُمْ
अलबत्ता पहुँचता तुम्हें
fīmā
فِيمَآ
उसके (बदले) में जो
akhadhtum
أَخَذْتُمْ
लिया तुमने
ʿadhābun
عَذَابٌ
अज़ाब
ʿaẓīmun
عَظِيمٌ
बहुत बड़ा
यदि अल्लाह का लिखा पहले से मौजूद न होता, तो जो कुछ नीति तुमने अपनाई है उसपर तुम्हें कोई बड़ी यातना आ लेती ([८] अल-अन्फाल: 68)
Tafseer (तफ़सीर )
६९

فَكُلُوْا مِمَّاغَنِمْتُمْ حَلٰلًا طَيِّبًاۖ وَّاتَّقُوا اللّٰهَ ۗاِنَّ اللّٰهَ غَفُوْرٌ رَّحِيْمٌ ٦٩

fakulū
فَكُلُوا۟
पस खाओ
mimmā
مِمَّا
उसमें से जो
ghanim'tum
غَنِمْتُمْ
ग़नीमत पाई तुमने
ḥalālan
حَلَٰلًا
हलाल
ṭayyiban
طَيِّبًاۚ
पाक
wa-ittaqū
وَٱتَّقُوا۟
और डरो
l-laha
ٱللَّهَۚ
अल्लाह से
inna
إِنَّ
बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
ghafūrun
غَفُورٌ
बहुत बख़्शने वाला है
raḥīmun
رَّحِيمٌ
निहायत रहम करने वाला है
अतः जो कुछ ग़नीमत का माल तुमने प्राप्त किया है, उसे वैध-पवित्र समझकर खाओ और अल्लाह का डर रखो। निश्चय ही अल्लाह बड़ा क्षमाशील, अत्यन्त दयावान है ([८] अल-अन्फाल: 69)
Tafseer (तफ़सीर )
७०

يٰٓاَيُّهَا النَّبِيُّ قُلْ لِّمَنْ فِيْٓ اَيْدِيْكُمْ مِّنَ الْاَسْرٰٓىۙ اِنْ يَّعْلَمِ اللّٰهُ فِيْ قُلُوْبِكُمْ خَيْرًا يُّؤْتِكُمْ خَيْرًا مِّمَّآ اُخِذَ مِنْكُمْ وَيَغْفِرْ لَكُمْۗ وَاللّٰهُ غَفُوْرٌ رَّحِيْمٌ ࣖ ٧٠

yāayyuhā
يَٰٓأَيُّهَا
l-nabiyu
ٱلنَّبِىُّ
नबी
qul
قُل
कह दीजिए
liman
لِّمَن
उनसे जो
فِىٓ
तुम्हारे हाथों में है
aydīkum
أَيْدِيكُم
तुम्हारे हाथों में है
mina
مِّنَ
क़ैदियों में से
l-asrā
ٱلْأَسْرَىٰٓ
क़ैदियों में से
in
إِن
अगर
yaʿlami
يَعْلَمِ
जान लेगा
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
فِى
तुम्हारे दिलों में
qulūbikum
قُلُوبِكُمْ
तुम्हारे दिलों में
khayran
خَيْرًا
कोई भलाई
yu'tikum
يُؤْتِكُمْ
वो देगा तुम्हें
khayran
خَيْرًا
बेहतर
mimmā
مِّمَّآ
उससे जो
ukhidha
أُخِذَ
ले लिया गया
minkum
مِنكُمْ
तुम से
wayaghfir
وَيَغْفِرْ
और वो बख़्श देगा
lakum
لَكُمْۗ
तुम्हें
wal-lahu
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
ghafūrun
غَفُورٌ
बहुत बख़्शने वाला है
raḥīmun
رَّحِيمٌ
निहायत रहम करने वाला है
ऐ नबी! जो क़ैदी तुम्हारे क़ब्जें में है, उनसे कह दो, 'यदि अल्लाह ने यह जान लिया कि तुम्हारे दिलों में कुछ भलाई है तो वह तुम्हें उससे कहीं उत्तम प्रदान करेगा, जो तुम से छिन गया है और तुम्हें क्षमा कर देगा। और अल्लाह अत्यन्त क्षमाशील, दयावान है।' ([८] अल-अन्फाल: 70)
Tafseer (तफ़सीर )