ذٰلِكَ بِمَا قَدَّمَتْ اَيْدِيْكُمْ وَاَنَّ اللّٰهَ لَيْسَ بِظَلَّامٍ لِّلْعَبِيْدِۙ ٥١
- dhālika
- ذَٰلِكَ
- ये
- bimā
- بِمَا
- बवजह उसके जो
- qaddamat
- قَدَّمَتْ
- आगे भेजा
- aydīkum
- أَيْدِيكُمْ
- तुम्हारे हाथों ने
- wa-anna
- وَأَنَّ
- और बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- laysa
- لَيْسَ
- नहीं है
- biẓallāmin
- بِظَلَّٰمٍ
- कोई ज़ुल्म करने वाला
- lil'ʿabīdi
- لِّلْعَبِيدِ
- बन्दों पर
यह तो उसी का बदला है जो तुम्हारे हाथों ने आगे भेजा और यह कि अल्लाह अपने बन्दों पर तनिक भी अत्याचार नहीं करता ([८] अल-अन्फाल: 51)Tafseer (तफ़सीर )
كَدَأْبِ اٰلِ فِرْعَوْنَۙ وَالَّذِيْنَ مِنْ قَبْلِهِمْۗ كَفَرُوْا بِاٰيٰتِ اللّٰهِ فَاَخَذَهُمُ اللّٰهُ بِذُنُوْبِهِمْۗ اِنَّ اللّٰهَ قَوِيٌّ شَدِيْدُ الْعِقَابِ ٥٢
- kadabi
- كَدَأْبِ
- जैसी हालत थी
- āli
- ءَالِ
- आले फ़िरऔन की
- fir'ʿawna
- فِرْعَوْنَۙ
- आले फ़िरऔन की
- wa-alladhīna
- وَٱلَّذِينَ
- और उनकी जो
- min
- مِن
- उनसे पहले थे
- qablihim
- قَبْلِهِمْۚ
- उनसे पहले थे
- kafarū
- كَفَرُوا۟
- उन्होंने कुफ़्र किया
- biāyāti
- بِـَٔايَٰتِ
- अल्लाह की आयात का
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह की आयात का
- fa-akhadhahumu
- فَأَخَذَهُمُ
- फिर पकड़ लिया उन्हें
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह ने
- bidhunūbihim
- بِذُنُوبِهِمْۗ
- बवजह उनके गुनाहों के
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- qawiyyun
- قَوِىٌّ
- बहुत क़ुव्वत वाला है
- shadīdu
- شَدِيدُ
- सख़्त
- l-ʿiqābi
- ٱلْعِقَابِ
- सज़ा वाला है
इनके साथ वैसा ही मामला पेश आया जैसा फ़िरऔन के लोगों और उनसे पहले के लोगों के साथ पेश आया। उन्होंने अल्लाह की आयतों का इनकार किया तो अल्लाह ने उनके गुनाहों के कारण उन्हें पकड़ लिया। निस्संदेह अल्लाह शक्तिशाली, कठोर यातना देनेवाला है ([८] अल-अन्फाल: 52)Tafseer (तफ़सीर )
ذٰلِكَ بِاَنَّ اللّٰهَ لَمْ يَكُ مُغَيِّرًا نِّعْمَةً اَنْعَمَهَا عَلٰى قَوْمٍ حَتّٰى يُغَيِّرُوْا مَا بِاَنْفُسِهِمْۙ وَاَنَّ اللّٰهَ سَمِيْعٌ عَلِيْمٌۙ ٥٣
- dhālika
- ذَٰلِكَ
- ये
- bi-anna
- بِأَنَّ
- बवजह इसके कि
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- lam
- لَمْ
- नहीं
- yaku
- يَكُ
- है वो
- mughayyiran
- مُغَيِّرًا
- तब्दील करने वाला
- niʿ'matan
- نِّعْمَةً
- किसी नेअमत को
- anʿamahā
- أَنْعَمَهَا
- उसने इनाम किया हो जिसे
- ʿalā
- عَلَىٰ
- किसी क़ौम पर
- qawmin
- قَوْمٍ
- किसी क़ौम पर
- ḥattā
- حَتَّىٰ
- यहाँ तक कि
- yughayyirū
- يُغَيِّرُوا۟
- वो तब्दील कर दें
- mā
- مَا
- उसे जो
- bi-anfusihim
- بِأَنفُسِهِمْۙ
- उनके नफ़्सों में है
- wa-anna
- وَأَنَّ
- और बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- samīʿun
- سَمِيعٌ
- ख़ूब सुनने वाला है
- ʿalīmun
- عَلِيمٌ
- ख़ूब जानने वाला है
यह इसलिए हुआ कि अल्लाह उस उदार अनुग्रह (नेमत) को, जो उसने किसी क़ौम पर किया हो, बदलनेवाला नहीं हैं, जब तक कि लोग उस चीज़ को न बदल डालें, जिसका सम्बन्ध स्वयं उनसे है। और यह कि अल्लाह सब कुछ सुनता, जानता है ([८] अल-अन्फाल: 53)Tafseer (तफ़सीर )
كَدَأْبِ اٰلِ فِرْعَوْنَۙ وَالَّذِيْنَ مِنْ قَبْلِهِمْۚ كَذَّبُوْا بِاٰيٰتِ رَبِّهِمْ فَاَهْلَكْنٰهُمْ بِذُنُوْبِهِمْ وَاَغْرَقْنَآ اٰلَ فِرْعَوْنَۚ وَكُلٌّ كَانُوْا ظٰلِمِيْنَ ٥٤
- kadabi
- كَدَأْبِ
- जैसी हालत थी
- āli
- ءَالِ
- आले फ़िरऔन की
- fir'ʿawna
- فِرْعَوْنَۙ
- आले फ़िरऔन की
- wa-alladhīna
- وَٱلَّذِينَ
- और उनकी जो
- min
- مِن
- उनसे पहले थे
- qablihim
- قَبْلِهِمْۚ
- उनसे पहले थे
- kadhabū
- كَذَّبُوا۟
- उन्होंने झुठलाया
- biāyāti
- بِـَٔايَٰتِ
- आयात को
- rabbihim
- رَبِّهِمْ
- अपने रब की
- fa-ahlaknāhum
- فَأَهْلَكْنَٰهُم
- तो हलाक कर दिया हमने उन्हें
- bidhunūbihim
- بِذُنُوبِهِمْ
- बवजह उनके गुनाहों के
- wa-aghraqnā
- وَأَغْرَقْنَآ
- और ग़र्क़ कर दिया हमने
- āla
- ءَالَ
- आले फ़िरऔन को
- fir'ʿawna
- فِرْعَوْنَۚ
- आले फ़िरऔन को
- wakullun
- وَكُلٌّ
- और सबके सब
- kānū
- كَانُوا۟
- थे वो
- ẓālimīna
- ظَٰلِمِينَ
- ज़ालिम
जैसे फ़िरऔनियों और उनसे पहले के लोगों का हाल हुआ। उन्होंने अपने रब की आयतों को झुठलाया तो हमने उन्हें उनके गुनाहों के बदले में विनष्ट कर दिया और फ़िरऔनियों को डूबो दिया। ये सभी अत्याचारी थे ([८] अल-अन्फाल: 54)Tafseer (तफ़सीर )
اِنَّ شَرَّ الدَّوَاۤبِّ عِنْدَ اللّٰهِ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا فَهُمْ لَا يُؤْمِنُوْنَۖ ٥٥
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- sharra
- شَرَّ
- बदतरीन
- l-dawābi
- ٱلدَّوَآبِّ
- जानदारों में
- ʿinda
- عِندَ
- अल्लाह के नज़दीक
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह के नज़दीक
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- वो हैं जिन्होंने
- kafarū
- كَفَرُوا۟
- कुफ़्र किया
- fahum
- فَهُمْ
- पस वो
- lā
- لَا
- नहीं वो ईमान लाऐंगे
- yu'minūna
- يُؤْمِنُونَ
- नहीं वो ईमान लाऐंगे
निश्चय ही, सबसे बुरे प्राणी अल्लाह की स्पष्ट में वे लोग है, जिन्होंने इनकार किया। फिर वे ईमान नहीं लाते ([८] अल-अन्फाल: 55)Tafseer (तफ़सीर )
الَّذِيْنَ عَاهَدْتَّ مِنْهُمْ ثُمَّ يَنْقُضُوْنَ عَهْدَهُمْ فِيْ كُلِّ مَرَّةٍ وَّهُمْ لَا يَتَّقُوْنَ ٥٦
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- वो लोग जो
- ʿāhadtta
- عَٰهَدتَّ
- अहद लिया आपने
- min'hum
- مِنْهُمْ
- उनसे
- thumma
- ثُمَّ
- फिर
- yanquḍūna
- يَنقُضُونَ
- वो तोड़ देते हैं
- ʿahdahum
- عَهْدَهُمْ
- अपने अहद को
- fī
- فِى
- हर
- kulli
- كُلِّ
- हर
- marratin
- مَرَّةٍ
- बार
- wahum
- وَهُمْ
- और वो
- lā
- لَا
- नहीं वो डरते
- yattaqūna
- يَتَّقُونَ
- नहीं वो डरते
जिनसे तुमने वचन लिया वे फिर हर बार अपने वचन को भंग कर देते है और वे डर नहीं रखते ([८] अल-अन्फाल: 56)Tafseer (तफ़सीर )
فَاِمَّا تَثْقَفَنَّهُمْ فِى الْحَرْبِ فَشَرِّدْ بِهِمْ مَّنْ خَلْفَهُمْ لَعَلَّهُمْ يَذَّكَّرُوْنَ ٥٧
- fa-immā
- فَإِمَّا
- फिर अगर
- tathqafannahum
- تَثْقَفَنَّهُمْ
- आप पाऐं उन्हें
- fī
- فِى
- जंग में
- l-ḥarbi
- ٱلْحَرْبِ
- जंग में
- fasharrid
- فَشَرِّدْ
- तो मार भगाऐं
- bihim
- بِهِم
- उनके ज़रिए
- man
- مَّنْ
- उन्हें जो
- khalfahum
- خَلْفَهُمْ
- पीछे हैं उनके
- laʿallahum
- لَعَلَّهُمْ
- शायद कि वो
- yadhakkarūna
- يَذَّكَّرُونَ
- वो नसीहत पकड़ें
अतः यदि युद्ध में तुम उनपर क़ाबू पाओ, तो उनके साथ इस तरह पेश आओ कि उनके पीछेवाले भी भाग खड़े हों, ताकि वे शिक्षा ग्रहण करें ([८] अल-अन्फाल: 57)Tafseer (तफ़सीर )
وَاِمَّا تَخَافَنَّ مِنْ قَوْمٍ خِيَانَةً فَانْۢبِذْ اِلَيْهِمْ عَلٰى سَوَاۤءٍۗ اِنَّ اللّٰهَ لَا يُحِبُّ الْخَاۤىِٕنِيْنَ ࣖ ٥٨
- wa-immā
- وَإِمَّا
- और अगर
- takhāfanna
- تَخَافَنَّ
- आप वाक़ई ख़ौफ़ रखते हैं
- min
- مِن
- किसी क़ौम से
- qawmin
- قَوْمٍ
- किसी क़ौम से
- khiyānatan
- خِيَانَةً
- ख़यानत का
- fa-inbidh
- فَٱنۢبِذْ
- पस फेंक दीजिए (अहद)
- ilayhim
- إِلَيْهِمْ
- तरफ़ उनके
- ʿalā
- عَلَىٰ
- बराबरी पर
- sawāin
- سَوَآءٍۚ
- बराबरी पर
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- lā
- لَا
- नहीं वो पसंद करता
- yuḥibbu
- يُحِبُّ
- नहीं वो पसंद करता
- l-khāinīna
- ٱلْخَآئِنِينَ
- ख़यानत करने वालों को
और यदि तुम्हें किसी क़ौम से विश्वासघात की आशंका हो, तो तुम भी उसी प्रकार ऐसे लोगों के साथ हुई संधि को खुल्लम-खुल्ला उनके आगे फेंक दो। निश्चय ही अल्लाह को विश्वासघात करनेवाले प्रिय नहीं ([८] अल-अन्फाल: 58)Tafseer (तफ़सीर )
وَلَا يَحْسَبَنَّ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا سَبَقُوْاۗ اِنَّهُمْ لَا يُعْجِزُوْنَ ٥٩
- walā
- وَلَا
- और ना
- yaḥsabanna
- يَحْسَبَنَّ
- हरगिज़ गुमान करें
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- वो जिन्होंने
- kafarū
- كَفَرُوا۟
- कुफ़्र किया
- sabaqū
- سَبَقُوٓا۟ۚ
- कि वो सबक़त ले गए
- innahum
- إِنَّهُمْ
- बेशक वो
- lā
- لَا
- नहीं वो आजिज़ कर सकते
- yuʿ'jizūna
- يُعْجِزُونَ
- नहीं वो आजिज़ कर सकते
इनकार करनेवाले यह न समझे कि वे आगे निकल गए। वे क़ाबू से बाहर नहीं जा सकते ([८] अल-अन्फाल: 59)Tafseer (तफ़सीर )
وَاَعِدُّوْا لَهُمْ مَّا اسْتَطَعْتُمْ مِّنْ قُوَّةٍ وَّمِنْ رِّبَاطِ الْخَيْلِ تُرْهِبُوْنَ بِهٖ عَدُوَّ اللّٰهِ وَعَدُوَّكُمْ وَاٰخَرِيْنَ مِنْ دُوْنِهِمْۚ لَا تَعْلَمُوْنَهُمْۚ اَللّٰهُ يَعْلَمُهُمْۗ وَمَا تُنْفِقُوْا مِنْ شَيْءٍ فِيْ سَبِيْلِ اللّٰهِ يُوَفَّ اِلَيْكُمْ وَاَنْتُمْ لَا تُظْلَمُوْنَ ٦٠
- wa-aʿiddū
- وَأَعِدُّوا۟
- और तैयार रखो
- lahum
- لَهُم
- उनके लिए
- mā
- مَّا
- जो
- is'taṭaʿtum
- ٱسْتَطَعْتُم
- इस्तिताअत रखते हो तुम
- min
- مِّن
- क़ुव्वत में से
- quwwatin
- قُوَّةٍ
- क़ुव्वत में से
- wamin
- وَمِن
- और बाँधे हुए घोड़ों से
- ribāṭi
- رِّبَاطِ
- और बाँधे हुए घोड़ों से
- l-khayli
- ٱلْخَيْلِ
- और बाँधे हुए घोड़ों से
- tur'hibūna
- تُرْهِبُونَ
- तुम डराओगे
- bihi
- بِهِۦ
- साथ उसके
- ʿaduwwa
- عَدُوَّ
- अल्लाह के दुश्मनों को
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह के दुश्मनों को
- waʿaduwwakum
- وَعَدُوَّكُمْ
- और अपने दुश्मनों को
- waākharīna
- وَءَاخَرِينَ
- और कुछ दूसरों को
- min
- مِن
- उनके अलावा
- dūnihim
- دُونِهِمْ
- उनके अलावा
- lā
- لَا
- नहीं तुम जानते उन्हें
- taʿlamūnahumu
- تَعْلَمُونَهُمُ
- नहीं तुम जानते उन्हें
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह
- yaʿlamuhum
- يَعْلَمُهُمْۚ
- वो जानता है उन्हें
- wamā
- وَمَا
- और जो
- tunfiqū
- تُنفِقُوا۟
- तुम ख़र्च करोगे
- min
- مِن
- कुछ भी
- shayin
- شَىْءٍ
- कुछ भी
- fī
- فِى
- अल्लाह के रास्ते में
- sabīli
- سَبِيلِ
- अल्लाह के रास्ते में
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह के रास्ते में
- yuwaffa
- يُوَفَّ
- वो पूरा-पूरा दिया जाएगा
- ilaykum
- إِلَيْكُمْ
- तुम्हें
- wa-antum
- وَأَنتُمْ
- और तुम
- lā
- لَا
- ना तुम ज़ुल्म किए जाओगे
- tuẓ'lamūna
- تُظْلَمُونَ
- ना तुम ज़ुल्म किए जाओगे
और जो भी तुमसे हो सके, उनके लिए बल और बँधे घोड़े तैयार रखो, ताकि इसके द्वारा अल्लाह के शत्रुओं और अपने शत्रुओं और इनके अतिरिक्त उन दूसरे लोगों को भी भयभीत कर दो जिन्हें तुम नहीं जानते। अल्लाह उनको जानता है और अल्लाह के मार्ग में तुम जो कुछ भी ख़र्च करोगे, वह तुम्हें पूरा-पूरा चुका दिया जाएगा और तुम्हारे साथ कदापि अन्याय न होगा ([८] अल-अन्फाल: 60)Tafseer (तफ़सीर )