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सूरा अल-अन्फाल - Page: 3

Al-Anfal

(The Spoils of War)

२१

وَلَا تَكُوْنُوْا كَالَّذِيْنَ قَالُوْا سَمِعْنَا وَهُمْ لَا يَسْمَعُوْنَۚ ٢١

walā
وَلَا
और ना
takūnū
تَكُونُوا۟
तुम हो जाओ
ka-alladhīna
كَٱلَّذِينَ
उनकी तरह जिन्होंने
qālū
قَالُوا۟
कहा
samiʿ'nā
سَمِعْنَا
सुना हमने
wahum
وَهُمْ
हालाँकि वो
لَا
नहीं वो सुनते
yasmaʿūna
يَسْمَعُونَ
नहीं वो सुनते
और उन लोगों की तरह न हो जाना जिन्होंने कहा था, 'हमने सुना' हालाँकि वे सुनते नहीं ([८] अल-अन्फाल: 21)
Tafseer (तफ़सीर )
२२

۞ اِنَّ شَرَّ الدَّوَاۤبِّ عِنْدَ اللّٰهِ الصُّمُّ الْبُكْمُ الَّذِيْنَ لَا يَعْقِلُوْنَ ٢٢

inna
إِنَّ
बेशक
sharra
شَرَّ
बदतरीन
l-dawābi
ٱلدَّوَآبِّ
जानदार
ʿinda
عِندَ
अल्लाह के नज़दीक
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह के नज़दीक
l-ṣumu
ٱلصُّمُّ
वो बहरे
l-buk'mu
ٱلْبُكْمُ
गूँगे हैं
alladhīna
ٱلَّذِينَ
जो
لَا
नहीं वो अक़्ल से काम लेते
yaʿqilūna
يَعْقِلُونَ
नहीं वो अक़्ल से काम लेते
अल्लाह की स्पष्ट में तो निकृष्ट पशु वे बहरे-गूँगे लोग है, जो बुद्धि से काम नहीं लेते ([८] अल-अन्फाल: 22)
Tafseer (तफ़सीर )
२३

وَلَوْ عَلِمَ اللّٰهُ فِيْهِمْ خَيْرًا لَّاَسْمَعَهُمْۗ وَلَوْ اَسْمَعَهُمْ لَتَوَلَّوْا وَّهُمْ مُّعْرِضُوْنَ ٢٣

walaw
وَلَوْ
और अगर
ʿalima
عَلِمَ
जान लेता
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
fīhim
فِيهِمْ
उनमें
khayran
خَيْرًا
कोई भलाई
la-asmaʿahum
لَّأَسْمَعَهُمْۖ
अलबत्ता वो सुनवा देता उन्हें
walaw
وَلَوْ
और अगर
asmaʿahum
أَسْمَعَهُمْ
वो सुनवा देता उन्हें
latawallaw
لَتَوَلَّوا۟
यक़ीनन वो मुँह फेर जाते
wahum
وَّهُم
और वो हैं ही
muʿ'riḍūna
مُّعْرِضُونَ
ऐराज़ करने वाले
यदि अल्लाह जानता कि उनमें कुछ भी भलाई है, तो वह उन्हें अवश्य सुनने का सौभाग्य प्रदान करता। और यदि वह उन्हें सुना देता तो भी वे कतराते हुए मुँह फेर लेते ([८] अल-अन्फाल: 23)
Tafseer (तफ़सीर )
२४

يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوا اسْتَجِيْبُوْا لِلّٰهِ وَلِلرَّسُوْلِ اِذَا دَعَاكُمْ لِمَا يُحْيِيْكُمْۚ وَاعْلَمُوْٓا اَنَّ اللّٰهَ يَحُوْلُ بَيْنَ الْمَرْءِ وَقَلْبِهٖ وَاَنَّهٗٓ اِلَيْهِ تُحْشَرُوْنَ ٢٤

yāayyuhā
يَٰٓأَيُّهَا
ऐ लोगो जो
alladhīna
ٱلَّذِينَ
ऐ लोगो जो
āmanū
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए हो
is'tajībū
ٱسْتَجِيبُوا۟
क़ुबूल कर लो (हुक्म)
lillahi
لِلَّهِ
अल्लाह का
walilrrasūli
وَلِلرَّسُولِ
और रसूल का
idhā
إِذَا
जब
daʿākum
دَعَاكُمْ
वो पुकारे तुम्हें
limā
لِمَا
उसके लिए जो
yuḥ'yīkum
يُحْيِيكُمْۖ
ज़िन्दगी बख़्शता है तुम्हें
wa-iʿ'lamū
وَٱعْلَمُوٓا۟
और जान लो
anna
أَنَّ
बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
yaḥūlu
يَحُولُ
वो हाइल होता है
bayna
بَيْنَ
दर्मियान
l-mari
ٱلْمَرْءِ
आदमी
waqalbihi
وَقَلْبِهِۦ
और उसके दिल के
wa-annahu
وَأَنَّهُۥٓ
और बेशक वो
ilayhi
إِلَيْهِ
तरफ़ उसी के
tuḥ'sharūna
تُحْشَرُونَ
तुम इकट्ठे किए जाओगे
ऐ ईमान लानेवाले! अल्लाह और रसूल की बात मानो, जब वह तुम्हें उस चीज़ की ओर बुलाए जो तुम्हें जीवन प्रदान करनेवाली है, और जान रखो कि अल्लाह आदमी और उसके दिल के बीच आड़े आ जाता है और यह कि वही है जिसकी ओर (पलटकर) तुम एकत्र होगे ([८] अल-अन्फाल: 24)
Tafseer (तफ़सीर )
२५

وَاتَّقُوْا فِتْنَةً لَّا تُصِيْبَنَّ الَّذِيْنَ ظَلَمُوْا مِنْكُمْ خَاۤصَّةً ۚوَاعْلَمُوْٓا اَنَّ اللّٰهَ شَدِيْدُ الْعِقَابِ ٢٥

wa-ittaqū
وَٱتَّقُوا۟
और डरो
fit'natan
فِتْنَةً
फ़ितने से (उस)
لَّا
जो हरगिज़ ना पहुँचेगा
tuṣībanna
تُصِيبَنَّ
जो हरगिज़ ना पहुँचेगा
alladhīna
ٱلَّذِينَ
उन्हें जिन्होंने
ẓalamū
ظَلَمُوا۟
ज़ुल्म किया
minkum
مِنكُمْ
तुम में से
khāṣṣatan
خَآصَّةًۖ
ख़ासकर
wa-iʿ'lamū
وَٱعْلَمُوٓا۟
और जान लो
anna
أَنَّ
बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
shadīdu
شَدِيدُ
सख़्त
l-ʿiqābi
ٱلْعِقَابِ
सज़ा वाला है
बचो उस फ़ितने से जो अपनी लपेट में विशेष रूप से केवल अत्याचारियों को ही नहीं लेगा, जान लो अल्लाह कठोर दंड देनेवाला है ([८] अल-अन्फाल: 25)
Tafseer (तफ़सीर )
२६

وَاذْكُرُوْٓا اِذْ اَنْتُمْ قَلِيْلٌ مُّسْتَضْعَفُوْنَ فِى الْاَرْضِ تَخَافُوْنَ اَنْ يَّتَخَطَّفَكُمُ النَّاسُ فَاٰوٰىكُمْ وَاَيَّدَكُمْ بِنَصْرِهٖ وَرَزَقَكُمْ مِّنَ الطَّيِّبٰتِ لَعَلَّكُمْ تَشْكُرُوْنَ ٢٦

wa-udh'kurū
وَٱذْكُرُوٓا۟
और याद करो
idh
إِذْ
जब
antum
أَنتُمْ
तुम
qalīlun
قَلِيلٌ
थोड़े थे
mus'taḍʿafūna
مُّسْتَضْعَفُونَ
कमज़ोर समझे जाते थे
فِى
ज़मीन में
l-arḍi
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
takhāfūna
تَخَافُونَ
तुम डरते थे
an
أَن
कि
yatakhaṭṭafakumu
يَتَخَطَّفَكُمُ
उचक लेंगे तुम्हें
l-nāsu
ٱلنَّاسُ
लोग
faāwākum
فَـَٔاوَىٰكُمْ
फिर उसने ठिकाना दिया तुम्हें
wa-ayyadakum
وَأَيَّدَكُم
और उसने ताईद की तुम्हारी
binaṣrihi
بِنَصْرِهِۦ
अपनी मदद से
warazaqakum
وَرَزَقَكُم
और उसने रिज़्क़ दिया तुम्हें
mina
مِّنَ
पाकीज़ा चीज़ों से
l-ṭayibāti
ٱلطَّيِّبَٰتِ
पाकीज़ा चीज़ों से
laʿallakum
لَعَلَّكُمْ
ताकि तुम
tashkurūna
تَشْكُرُونَ
तुम शुक्र अदा करो
और याद करो जब तुम थोड़े थे, धरती में निर्बल थे, डरे-सहमे रहते कि लोग कहीं तु्म्हें उचक न ले जाएँ, फिर उसने तुम्हें ठिकाना दिया और अपनी सहायता से तुम्हें शक्ति प्रदान की और अच्छी-स्वच्छ चीज़ों की तुम्हें रोजी दी, ताकि तुम कृतज्ञता दिखलाओ ([८] अल-अन्फाल: 26)
Tafseer (तफ़सीर )
२७

يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا لَا تَخُوْنُوا اللّٰهَ وَالرَّسُوْلَ وَتَخُوْنُوْٓا اَمٰنٰتِكُمْ وَاَنْتُمْ تَعْلَمُوْنَ ٢٧

yāayyuhā
يَٰٓأَيُّهَا
ऐ लोगो जो
alladhīna
ٱلَّذِينَ
ऐ लोगो जो
āmanū
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए हो
لَا
ना तुम ख़यानत करो
takhūnū
تَخُونُوا۟
ना तुम ख़यानत करो
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
wal-rasūla
وَٱلرَّسُولَ
और रसूल की
watakhūnū
وَتَخُونُوٓا۟
और (ना) तुम ख़यानत करो
amānātikum
أَمَٰنَٰتِكُمْ
अपनी अमानतों में
wa-antum
وَأَنتُمْ
जबकि तुम
taʿlamūna
تَعْلَمُونَ
तुम जानते हो
ऐ ईमान लानेवालो! जानते-बुझते तुम अल्लाह और उसके रसूल के साथ विश्वासघात न करना और न अपनी अमानतों में ख़ियानत करना ([८] अल-अन्फाल: 27)
Tafseer (तफ़सीर )
२८

وَاعْلَمُوْٓا اَنَّمَآ اَمْوَالُكُمْ وَاَوْلَادُكُمْ فِتْنَةٌ ۙوَّاَنَّ اللّٰهَ عِنْدَهٗٓ اَجْرٌ عَظِيْمٌ ࣖ ٢٨

wa-iʿ'lamū
وَٱعْلَمُوٓا۟
और जान लो
annamā
أَنَّمَآ
बेशक
amwālukum
أَمْوَٰلُكُمْ
माल तुम्हारे
wa-awlādukum
وَأَوْلَٰدُكُمْ
और औलाद तुम्हारी
fit'natun
فِتْنَةٌ
आज़माइश हैं
wa-anna
وَأَنَّ
और बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
ʿindahu
عِندَهُۥٓ
उसके पास
ajrun
أَجْرٌ
अजर है
ʿaẓīmun
عَظِيمٌ
बहुत बड़ा
और जान रखो कि तुम्हारे माल और तुम्हारी संतान परीक्षा-सामग्री हैं और यह कि अल्लाह के पास बड़ा प्रतिदान है ([८] अल-अन्फाल: 28)
Tafseer (तफ़सीर )
२९

يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوْٓا اِنْ تَتَّقُوا اللّٰهَ يَجْعَلْ لَّكُمْ فُرْقَانًا وَّيُكَفِّرْ عَنْكُمْ سَيِّاٰتِكُمْ وَيَغْفِرْ لَكُمْۗ وَاللّٰهُ ذُو الْفَضْلِ الْعَظِيْمِ ٢٩

yāayyuhā
يَٰٓأَيُّهَا
alladhīna
ٱلَّذِينَ
लोगो जो
āmanū
ءَامَنُوٓا۟
ईमान लाए हो
in
إِن
अगर
tattaqū
تَتَّقُوا۟
तुम डरोगे
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह से
yajʿal
يَجْعَل
वो बना देगा
lakum
لَّكُمْ
तुम्हारे लिए
fur'qānan
فُرْقَانًا
फ़ुरक़ान
wayukaffir
وَيُكَفِّرْ
और वो दूर कर देगा
ʿankum
عَنكُمْ
तुम से
sayyiātikum
سَيِّـَٔاتِكُمْ
बुराइयाँ तुम्हारी
wayaghfir
وَيَغْفِرْ
और वो बख़्श देगा
lakum
لَكُمْۗ
तुम्हें
wal-lahu
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
dhū
ذُو
फ़ज़ल वाला है
l-faḍli
ٱلْفَضْلِ
फ़ज़ल वाला है
l-ʿaẓīmi
ٱلْعَظِيمِ
बहुत बड़े
ऐ ईमान लानेवालो! यदि तुम अल्लाह का डर रखोगे तो वह तुम्हें एक विशिष्टता प्रदान करेगा और तुमसे तुम्हारी बुराइयाँ दूर करेगा और तुम्हे क्षमा करेगा। अल्लाह बड़ा अनुग्राहक है ([८] अल-अन्फाल: 29)
Tafseer (तफ़सीर )
३०

وَاِذْ يَمْكُرُ بِكَ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا لِيُثْبِتُوْكَ اَوْ يَقْتُلُوْكَ اَوْ يُخْرِجُوْكَۗ وَيَمْكُرُوْنَ وَيَمْكُرُ اللّٰهُ ۗوَاللّٰهُ خَيْرُ الْمَاكِرِيْنَ ٣٠

wa-idh
وَإِذْ
और जब
yamkuru
يَمْكُرُ
चालें चल रहे थे
bika
بِكَ
साथ आपके
alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो जिन्होंने
kafarū
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
liyuth'bitūka
لِيُثْبِتُوكَ
ताकि वो क़ैद कर लें आपको
aw
أَوْ
या
yaqtulūka
يَقْتُلُوكَ
वो क़त्ल कर दें आपको
aw
أَوْ
या
yukh'rijūka
يُخْرِجُوكَۚ
वो निकाल दें आपको
wayamkurūna
وَيَمْكُرُونَ
और वो चालें चल रहे थे
wayamkuru
وَيَمْكُرُ
और तदबीर कर रहा था
l-lahu
ٱللَّهُۖ
अल्लाह
wal-lahu
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
khayru
خَيْرُ
बेहतर है
l-mākirīna
ٱلْمَٰكِرِينَ
सब तदबीर करने वालों से
और याद करो जब इनकार करनेवाले तुम्हारे साथ चालें चल रहे थे कि तम्हें क़ैद रखें या तुम्हे क़त्ल कर दें या तुम्हे निकाल बाहर करे। वे अपनी चालें चल रहे थे और अल्लाह भी अपनी चाल चल रहा था। अल्लाह सबसे अच्छी चाल चलता है ([८] अल-अन्फाल: 30)
Tafseer (तफ़सीर )