يَسْـَٔلُوْنَكَ عَنِ الْاَنْفَالِۗ قُلِ الْاَنْفَالُ لِلّٰهِ وَالرَّسُوْلِۚ فَاتَّقُوا اللّٰهَ وَاَصْلِحُوْا ذَاتَ بَيْنِكُمْ ۖوَاَطِيْعُوا اللّٰهَ وَرَسُوْلَهٗٓ اِنْ كُنْتُمْ مُّؤْمِنِيْنَ ١
- yasalūnaka
- يَسْـَٔلُونَكَ
- वो सवाल करते हैं आप से
- ʿani
- عَنِ
- ग़नीमतों के बारे में
- l-anfāli
- ٱلْأَنفَالِۖ
- ग़नीमतों के बारे में
- quli
- قُلِ
- कह दीजिए
- l-anfālu
- ٱلْأَنفَالُ
- ग़नीमतें
- lillahi
- لِلَّهِ
- अल्लाह के लिए
- wal-rasūli
- وَٱلرَّسُولِۖ
- और रसूल के लिए हैं
- fa-ittaqū
- فَٱتَّقُوا۟
- पस डरो
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह से
- wa-aṣliḥū
- وَأَصْلِحُوا۟
- और इस्लाह करो
- dhāta
- ذَاتَ
- आपस में
- baynikum
- بَيْنِكُمْۖ
- आपस में
- wa-aṭīʿū
- وَأَطِيعُوا۟
- और इताअत करो
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह की
- warasūlahu
- وَرَسُولَهُۥٓ
- और उसके रसूल की
- in
- إِن
- अगर
- kuntum
- كُنتُم
- हो तुम
- mu'minīna
- مُّؤْمِنِينَ
- ईमान लाने वाले
वे तुमसे ग़नीमतों के विषय में पूछते है। कहो, 'ग़नीमतें अल्लाह और रसूल की है। अतः अल्लाह का डर रखों और आपस के सम्बन्धों को ठीक रखो। और, अल्लाह और उसके रसूल की आज्ञा का पालन करो, यदि तुम ईमानवाले हो ([८] अल-अन्फाल: 1)Tafseer (तफ़सीर )
اِنَّمَا الْمُؤْمِنُوْنَ الَّذِيْنَ اِذَا ذُكِرَ اللّٰهُ وَجِلَتْ قُلُوْبُهُمْ وَاِذَا تُلِيَتْ عَلَيْهِمْ اٰيٰتُهٗ زَادَتْهُمْ اِيْمَانًا وَّعَلٰى رَبِّهِمْ يَتَوَكَّلُوْنَۙ ٢
- innamā
- إِنَّمَا
- बेशक
- l-mu'minūna
- ٱلْمُؤْمِنُونَ
- मोमिन तो
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- वो हैं
- idhā
- إِذَا
- जब
- dhukira
- ذُكِرَ
- ज़िक्र किया जाता है
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह का
- wajilat
- وَجِلَتْ
- डर जाते हैं
- qulūbuhum
- قُلُوبُهُمْ
- दिल उनके
- wa-idhā
- وَإِذَا
- और जब
- tuliyat
- تُلِيَتْ
- पढ़ी जाती हैं
- ʿalayhim
- عَلَيْهِمْ
- उन पर
- āyātuhu
- ءَايَٰتُهُۥ
- आयात उसकी
- zādathum
- زَادَتْهُمْ
- वो ज़्यादा कर देती है उन्हें
- īmānan
- إِيمَٰنًا
- ईमान में
- waʿalā
- وَعَلَىٰ
- और अपने रब पर ही
- rabbihim
- رَبِّهِمْ
- और अपने रब पर ही
- yatawakkalūna
- يَتَوَكَّلُونَ
- वो तवक्कल करते हैं
ईमानवाले तो वही लोग है जिनके दिल उस समय काँप उठे जबकि अल्लाह को याद किया जाए। और जब उनके सामने उसकी आयतें पढ़ी जाएँ तो वे उनके ईमान को और अधिक बढ़ा दें और वे अपने रब पर भरोसा रखते हों ([८] अल-अन्फाल: 2)Tafseer (तफ़सीर )
الَّذِيْنَ يُقِيْمُوْنَ الصَّلٰوةَ وَمِمَّا رَزَقْنٰهُمْ يُنْفِقُوْنَۗ ٣
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- वो जो
- yuqīmūna
- يُقِيمُونَ
- क़ायम करते हैं
- l-ṣalata
- ٱلصَّلَوٰةَ
- नमाज़
- wamimmā
- وَمِمَّا
- और उसमें से जो
- razaqnāhum
- رَزَقْنَٰهُمْ
- रिज़्क़ दिया हमने उन्हें
- yunfiqūna
- يُنفِقُونَ
- वो ख़र्च करते हैं
ये वे लोग हैं जो नमाज़ क़ायम करते है और जो कुछ हमने दिया है उसमें से ख़र्च करते हैं ([८] अल-अन्फाल: 3)Tafseer (तफ़सीर )
اُولٰۤىِٕكَ هُمُ الْمُؤْمِنُوْنَ حَقًّاۗ لَهُمْ دَرَجٰتٌ عِنْدَ رَبِّهِمْ وَمَغْفِرَةٌ وَّرِزْقٌ كَرِيْمٌۚ ٤
- ulāika
- أُو۟لَٰٓئِكَ
- यही लोग हैं
- humu
- هُمُ
- वो
- l-mu'minūna
- ٱلْمُؤْمِنُونَ
- जो मोमिन हैं
- ḥaqqan
- حَقًّاۚ
- सच्चे
- lahum
- لَّهُمْ
- उनके लिए
- darajātun
- دَرَجَٰتٌ
- दर्जे हैं
- ʿinda
- عِندَ
- उनके रब के पास
- rabbihim
- رَبِّهِمْ
- उनके रब के पास
- wamaghfiratun
- وَمَغْفِرَةٌ
- और बख़्शिश
- wariz'qun
- وَرِزْقٌ
- और रिज़्क़ है
- karīmun
- كَرِيمٌ
- इज़्ज़त वाला
वही लोग वास्तव में ईमानवाले है। उनके लिेए रब के पास बड़े दर्जे है और क्षमा और सम्मानित उत्तम आजीविका भी ([८] अल-अन्फाल: 4)Tafseer (तफ़सीर )
كَمَآ اَخْرَجَكَ رَبُّكَ مِنْۢ بَيْتِكَ بِالْحَقِّۖ وَاِنَّ فَرِيْقًا مِّنَ الْمُؤْمِنِيْنَ لَكٰرِهُوْنَ ٥
- kamā
- كَمَآ
- जैसा कि
- akhrajaka
- أَخْرَجَكَ
- निकाला आपको
- rabbuka
- رَبُّكَ
- आपके रब ने
- min
- مِنۢ
- आपके घर से
- baytika
- بَيْتِكَ
- आपके घर से
- bil-ḥaqi
- بِٱلْحَقِّ
- साथ हक़ के
- wa-inna
- وَإِنَّ
- और बेशक
- farīqan
- فَرِيقًا
- गिरोह
- mina
- مِّنَ
- मोमिनों में से
- l-mu'minīna
- ٱلْمُؤْمِنِينَ
- मोमिनों में से
- lakārihūna
- لَكَٰرِهُونَ
- अलबत्ता नापसंद करने वाला था
(यह बिल्कुल वैसी ही परिस्थित है) जैसे तुम्हारे ने तुम्हें तुम्हारे घर से एक उद्देश्य के साथ निकाला, किन्तु ईमानवालों में से एक गिरोह को यह अप्रिय लगा था ([८] अल-अन्फाल: 5)Tafseer (तफ़सीर )
يُجَادِلُوْنَكَ فِى الْحَقِّ بَعْدَمَا تَبَيَّنَ كَاَنَّمَا يُسَاقُوْنَ اِلَى الْمَوْتِ وَهُمْ يَنْظُرُوْنَ ۗ ٦
- yujādilūnaka
- يُجَٰدِلُونَكَ
- वो झगड़ते थे आप से
- fī
- فِى
- हक़ में
- l-ḥaqi
- ٱلْحَقِّ
- हक़ में
- baʿdamā
- بَعْدَمَا
- बाद उसके जो
- tabayyana
- تَبَيَّنَ
- वो वाज़ेह हो गया था
- ka-annamā
- كَأَنَّمَا
- गोया कि
- yusāqūna
- يُسَاقُونَ
- वो हाँके जा रहे थे
- ilā
- إِلَى
- तरफ़ मौत के
- l-mawti
- ٱلْمَوْتِ
- तरफ़ मौत के
- wahum
- وَهُمْ
- और वो
- yanẓurūna
- يَنظُرُونَ
- वो देख रहे थे
वे सत्य के विषय में उसके स्पष्ट हो जाने के पश्चात तुमसे झगड़ रहे थे। मानो वे आँखों देखी मृत्यु की ओर हाँके जा रहे हों ([८] अल-अन्फाल: 6)Tafseer (तफ़सीर )
وَاِذْ يَعِدُكُمُ اللّٰهُ اِحْدَى الطَّاۤىِٕفَتَيْنِ اَنَّهَا لَكُمْ وَتَوَدُّوْنَ اَنَّ غَيْرَ ذَاتِ الشَّوْكَةِ تَكُوْنُ لَكُمْ وَيُرِيْدُ اللّٰهُ اَنْ يُّحِقَّ الْحَقَّ بِكَلِمٰتِهٖ وَيَقْطَعَ دَابِرَ الْكٰفِرِيْنَۙ ٧
- wa-idh
- وَإِذْ
- और जब
- yaʿidukumu
- يَعِدُكُمُ
- वादा कर रहा था तुमसे
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह
- iḥ'dā
- إِحْدَى
- एक का
- l-ṭāifatayni
- ٱلطَّآئِفَتَيْنِ
- दो गिरोहों में से
- annahā
- أَنَّهَا
- बेशक वो
- lakum
- لَكُمْ
- तुम्हारे लिए है
- watawaddūna
- وَتَوَدُّونَ
- और तुम चाहते थे
- anna
- أَنَّ
- बेशक
- ghayra
- غَيْرَ
- बग़ैर
- dhāti
- ذَاتِ
- हथियार वाला
- l-shawkati
- ٱلشَّوْكَةِ
- हथियार वाला
- takūnu
- تَكُونُ
- हो जाए
- lakum
- لَكُمْ
- तुम्हारे लिए
- wayurīdu
- وَيُرِيدُ
- और चाहता था
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह
- an
- أَن
- कि
- yuḥiqqa
- يُحِقَّ
- वो साबित कर दे
- l-ḥaqa
- ٱلْحَقَّ
- हक़ को
- bikalimātihi
- بِكَلِمَٰتِهِۦ
- अपने कलिमात से
- wayaqṭaʿa
- وَيَقْطَعَ
- और वो काट डाले
- dābira
- دَابِرَ
- जड़
- l-kāfirīna
- ٱلْكَٰفِرِينَ
- काफ़िरों की
और याद करो जब अल्लाह तुमसे वादा कर रहा था कि दो गिरोहों में से एक तुम्हारे हाथ आएगा और तुम चाहते थे कि तुम्हें वह हाथ आए, जो निःशस्त्र था, हालाँकि अल्लाह चाहता था कि अपने वचनों से सत्य को सत्य कर दिखाए और इनकार करनेवालों की जड़ काट दे ([८] अल-अन्फाल: 7)Tafseer (तफ़सीर )
لِيُحِقَّ الْحَقَّ وَيُبْطِلَ الْبَاطِلَ وَلَوْ كَرِهَ الْمُجْرِمُوْنَۚ ٨
- liyuḥiqqa
- لِيُحِقَّ
- ताकि वो साबित कर दे
- l-ḥaqa
- ٱلْحَقَّ
- हक़ को
- wayub'ṭila
- وَيُبْطِلَ
- और वो बातिल कर दे
- l-bāṭila
- ٱلْبَٰطِلَ
- बातिल को
- walaw
- وَلَوْ
- और अगरचे
- kariha
- كَرِهَ
- नापसंद करें
- l-muj'rimūna
- ٱلْمُجْرِمُونَ
- मुजरिम लोग
ताकि सत्य को सत्य कर दिखाए और असत्य को असत्य, चाहे अपराधियों को कितना ही अप्रिय लगे ([८] अल-अन्फाल: 8)Tafseer (तफ़सीर )
اِذْ تَسْتَغِيْثُوْنَ رَبَّكُمْ فَاسْتَجَابَ لَكُمْ اَنِّيْ مُمِدُّكُمْ بِاَلْفٍ مِّنَ الْمَلٰۤىِٕكَةِ مُرْدِفِيْنَ ٩
- idh
- إِذْ
- जब
- tastaghīthūna
- تَسْتَغِيثُونَ
- तुम फ़रियाद कर रहे थे
- rabbakum
- رَبَّكُمْ
- अपने रब से
- fa-is'tajāba
- فَٱسْتَجَابَ
- तो उसने (दुआ) क़ुबूल कर ली
- lakum
- لَكُمْ
- तुम्हारी
- annī
- أَنِّى
- कि बेशक मैं
- mumiddukum
- مُمِدُّكُم
- मदद देने वाला हूँ तुम्हें
- bi-alfin
- بِأَلْفٍ
- साथ एक हज़ार
- mina
- مِّنَ
- फ़रिश्तों के
- l-malāikati
- ٱلْمَلَٰٓئِكَةِ
- फ़रिश्तों के
- mur'difīna
- مُرْدِفِينَ
- एक दूसरे के पीछे आने वाले
याद करो जब तुम अपने रब से फ़रियाद कर रहे थे, तो उसने तुम्हारी पुकार सुन ली। (उसने कहा,) 'मैं एक हजार फ़रिश्तों से तुम्हारी मदद करूँगा जो तुम्हारे साथी होंगे।' ([८] अल-अन्फाल: 9)Tafseer (तफ़सीर )
وَمَا جَعَلَهُ اللّٰهُ اِلَّا بُشْرٰى وَلِتَطْمَىِٕنَّ بِهٖ قُلُوْبُكُمْۗ وَمَا النَّصْرُ اِلَّا مِنْ عِنْدِ اللّٰهِ ۗاِنَّ اللّٰهَ عَزِيْزٌ حَكِيْمٌ ࣖ ١٠
- wamā
- وَمَا
- और नहीं
- jaʿalahu
- جَعَلَهُ
- बनाया उसे
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह ने
- illā
- إِلَّا
- मगर
- bush'rā
- بُشْرَىٰ
- ख़ुशख़बरी
- walitaṭma-inna
- وَلِتَطْمَئِنَّ
- और ताकि मुत्मईन हो जाऐं
- bihi
- بِهِۦ
- साथ उसके
- qulūbukum
- قُلُوبُكُمْۚ
- दिल तुम्हारे
- wamā
- وَمَا
- और नहीं
- l-naṣru
- ٱلنَّصْرُ
- मदद
- illā
- إِلَّا
- मगर
- min
- مِنْ
- अल्लाह के पास से
- ʿindi
- عِندِ
- अल्लाह के पास से
- l-lahi
- ٱللَّهِۚ
- अल्लाह के पास से
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- ʿazīzun
- عَزِيزٌ
- बहुत ज़बरदस्त है
- ḥakīmun
- حَكِيمٌ
- ख़ूब हिकमत वाला है
अल्लाह ने यह केवल इसलिए किया कि यह एक शुभ-सूचना हो और ताकि इससे तुम्हारे हृदय संतुष्ट हो जाएँ। सहायता अल्लाह ही के यहाँ से होती है। निस्संदेह अल्लाह अत्यन्त प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी है ([८] अल-अन्फाल: 10)Tafseer (तफ़सीर )