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सूरा अल-अन्फाल - शब्द द्वारा शब्द

Al-Anfal

(The Spoils of War)

bismillaahirrahmaanirrahiim

يَسْـَٔلُوْنَكَ عَنِ الْاَنْفَالِۗ قُلِ الْاَنْفَالُ لِلّٰهِ وَالرَّسُوْلِۚ فَاتَّقُوا اللّٰهَ وَاَصْلِحُوْا ذَاتَ بَيْنِكُمْ ۖوَاَطِيْعُوا اللّٰهَ وَرَسُوْلَهٗٓ اِنْ كُنْتُمْ مُّؤْمِنِيْنَ ١

yasalūnaka
يَسْـَٔلُونَكَ
वो सवाल करते हैं आप से
ʿani
عَنِ
ग़नीमतों के बारे में
l-anfāli
ٱلْأَنفَالِۖ
ग़नीमतों के बारे में
quli
قُلِ
कह दीजिए
l-anfālu
ٱلْأَنفَالُ
ग़नीमतें
lillahi
لِلَّهِ
अल्लाह के लिए
wal-rasūli
وَٱلرَّسُولِۖ
और रसूल के लिए हैं
fa-ittaqū
فَٱتَّقُوا۟
पस डरो
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह से
wa-aṣliḥū
وَأَصْلِحُوا۟
और इस्लाह करो
dhāta
ذَاتَ
आपस में
baynikum
بَيْنِكُمْۖ
आपस में
wa-aṭīʿū
وَأَطِيعُوا۟
और इताअत करो
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह की
warasūlahu
وَرَسُولَهُۥٓ
और उसके रसूल की
in
إِن
अगर
kuntum
كُنتُم
हो तुम
mu'minīna
مُّؤْمِنِينَ
ईमान लाने वाले
वे तुमसे ग़नीमतों के विषय में पूछते है। कहो, 'ग़नीमतें अल्लाह और रसूल की है। अतः अल्लाह का डर रखों और आपस के सम्बन्धों को ठीक रखो। और, अल्लाह और उसके रसूल की आज्ञा का पालन करो, यदि तुम ईमानवाले हो ([८] अल-अन्फाल: 1)
Tafseer (तफ़सीर )

اِنَّمَا الْمُؤْمِنُوْنَ الَّذِيْنَ اِذَا ذُكِرَ اللّٰهُ وَجِلَتْ قُلُوْبُهُمْ وَاِذَا تُلِيَتْ عَلَيْهِمْ اٰيٰتُهٗ زَادَتْهُمْ اِيْمَانًا وَّعَلٰى رَبِّهِمْ يَتَوَكَّلُوْنَۙ ٢

innamā
إِنَّمَا
बेशक
l-mu'minūna
ٱلْمُؤْمِنُونَ
मोमिन तो
alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो हैं
idhā
إِذَا
जब
dhukira
ذُكِرَ
ज़िक्र किया जाता है
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह का
wajilat
وَجِلَتْ
डर जाते हैं
qulūbuhum
قُلُوبُهُمْ
दिल उनके
wa-idhā
وَإِذَا
और जब
tuliyat
تُلِيَتْ
पढ़ी जाती हैं
ʿalayhim
عَلَيْهِمْ
उन पर
āyātuhu
ءَايَٰتُهُۥ
आयात उसकी
zādathum
زَادَتْهُمْ
वो ज़्यादा कर देती है उन्हें
īmānan
إِيمَٰنًا
ईमान में
waʿalā
وَعَلَىٰ
और अपने रब पर ही
rabbihim
رَبِّهِمْ
और अपने रब पर ही
yatawakkalūna
يَتَوَكَّلُونَ
वो तवक्कल करते हैं
ईमानवाले तो वही लोग है जिनके दिल उस समय काँप उठे जबकि अल्लाह को याद किया जाए। और जब उनके सामने उसकी आयतें पढ़ी जाएँ तो वे उनके ईमान को और अधिक बढ़ा दें और वे अपने रब पर भरोसा रखते हों ([८] अल-अन्फाल: 2)
Tafseer (तफ़सीर )

الَّذِيْنَ يُقِيْمُوْنَ الصَّلٰوةَ وَمِمَّا رَزَقْنٰهُمْ يُنْفِقُوْنَۗ ٣

alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो जो
yuqīmūna
يُقِيمُونَ
क़ायम करते हैं
l-ṣalata
ٱلصَّلَوٰةَ
नमाज़
wamimmā
وَمِمَّا
और उसमें से जो
razaqnāhum
رَزَقْنَٰهُمْ
रिज़्क़ दिया हमने उन्हें
yunfiqūna
يُنفِقُونَ
वो ख़र्च करते हैं
ये वे लोग हैं जो नमाज़ क़ायम करते है और जो कुछ हमने दिया है उसमें से ख़र्च करते हैं ([८] अल-अन्फाल: 3)
Tafseer (तफ़सीर )

اُولٰۤىِٕكَ هُمُ الْمُؤْمِنُوْنَ حَقًّاۗ لَهُمْ دَرَجٰتٌ عِنْدَ رَبِّهِمْ وَمَغْفِرَةٌ وَّرِزْقٌ كَرِيْمٌۚ ٤

ulāika
أُو۟لَٰٓئِكَ
यही लोग हैं
humu
هُمُ
वो
l-mu'minūna
ٱلْمُؤْمِنُونَ
जो मोमिन हैं
ḥaqqan
حَقًّاۚ
सच्चे
lahum
لَّهُمْ
उनके लिए
darajātun
دَرَجَٰتٌ
दर्जे हैं
ʿinda
عِندَ
उनके रब के पास
rabbihim
رَبِّهِمْ
उनके रब के पास
wamaghfiratun
وَمَغْفِرَةٌ
और बख़्शिश
wariz'qun
وَرِزْقٌ
और रिज़्क़ है
karīmun
كَرِيمٌ
इज़्ज़त वाला
वही लोग वास्तव में ईमानवाले है। उनके लिेए रब के पास बड़े दर्जे है और क्षमा और सम्मानित उत्तम आजीविका भी ([८] अल-अन्फाल: 4)
Tafseer (तफ़सीर )

كَمَآ اَخْرَجَكَ رَبُّكَ مِنْۢ بَيْتِكَ بِالْحَقِّۖ وَاِنَّ فَرِيْقًا مِّنَ الْمُؤْمِنِيْنَ لَكٰرِهُوْنَ ٥

kamā
كَمَآ
जैसा कि
akhrajaka
أَخْرَجَكَ
निकाला आपको
rabbuka
رَبُّكَ
आपके रब ने
min
مِنۢ
आपके घर से
baytika
بَيْتِكَ
आपके घर से
bil-ḥaqi
بِٱلْحَقِّ
साथ हक़ के
wa-inna
وَإِنَّ
और बेशक
farīqan
فَرِيقًا
गिरोह
mina
مِّنَ
मोमिनों में से
l-mu'minīna
ٱلْمُؤْمِنِينَ
मोमिनों में से
lakārihūna
لَكَٰرِهُونَ
अलबत्ता नापसंद करने वाला था
(यह बिल्कुल वैसी ही परिस्थित है) जैसे तुम्हारे ने तुम्हें तुम्हारे घर से एक उद्देश्य के साथ निकाला, किन्तु ईमानवालों में से एक गिरोह को यह अप्रिय लगा था ([८] अल-अन्फाल: 5)
Tafseer (तफ़सीर )

يُجَادِلُوْنَكَ فِى الْحَقِّ بَعْدَمَا تَبَيَّنَ كَاَنَّمَا يُسَاقُوْنَ اِلَى الْمَوْتِ وَهُمْ يَنْظُرُوْنَ ۗ ٦

yujādilūnaka
يُجَٰدِلُونَكَ
वो झगड़ते थे आप से
فِى
हक़ में
l-ḥaqi
ٱلْحَقِّ
हक़ में
baʿdamā
بَعْدَمَا
बाद उसके जो
tabayyana
تَبَيَّنَ
वो वाज़ेह हो गया था
ka-annamā
كَأَنَّمَا
गोया कि
yusāqūna
يُسَاقُونَ
वो हाँके जा रहे थे
ilā
إِلَى
तरफ़ मौत के
l-mawti
ٱلْمَوْتِ
तरफ़ मौत के
wahum
وَهُمْ
और वो
yanẓurūna
يَنظُرُونَ
वो देख रहे थे
वे सत्य के विषय में उसके स्पष्ट हो जाने के पश्चात तुमसे झगड़ रहे थे। मानो वे आँखों देखी मृत्यु की ओर हाँके जा रहे हों ([८] अल-अन्फाल: 6)
Tafseer (तफ़सीर )

وَاِذْ يَعِدُكُمُ اللّٰهُ اِحْدَى الطَّاۤىِٕفَتَيْنِ اَنَّهَا لَكُمْ وَتَوَدُّوْنَ اَنَّ غَيْرَ ذَاتِ الشَّوْكَةِ تَكُوْنُ لَكُمْ وَيُرِيْدُ اللّٰهُ اَنْ يُّحِقَّ الْحَقَّ بِكَلِمٰتِهٖ وَيَقْطَعَ دَابِرَ الْكٰفِرِيْنَۙ ٧

wa-idh
وَإِذْ
और जब
yaʿidukumu
يَعِدُكُمُ
वादा कर रहा था तुमसे
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
iḥ'dā
إِحْدَى
एक का
l-ṭāifatayni
ٱلطَّآئِفَتَيْنِ
दो गिरोहों में से
annahā
أَنَّهَا
बेशक वो
lakum
لَكُمْ
तुम्हारे लिए है
watawaddūna
وَتَوَدُّونَ
और तुम चाहते थे
anna
أَنَّ
बेशक
ghayra
غَيْرَ
बग़ैर
dhāti
ذَاتِ
हथियार वाला
l-shawkati
ٱلشَّوْكَةِ
हथियार वाला
takūnu
تَكُونُ
हो जाए
lakum
لَكُمْ
तुम्हारे लिए
wayurīdu
وَيُرِيدُ
और चाहता था
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
an
أَن
कि
yuḥiqqa
يُحِقَّ
वो साबित कर दे
l-ḥaqa
ٱلْحَقَّ
हक़ को
bikalimātihi
بِكَلِمَٰتِهِۦ
अपने कलिमात से
wayaqṭaʿa
وَيَقْطَعَ
और वो काट डाले
dābira
دَابِرَ
जड़
l-kāfirīna
ٱلْكَٰفِرِينَ
काफ़िरों की
और याद करो जब अल्लाह तुमसे वादा कर रहा था कि दो गिरोहों में से एक तुम्हारे हाथ आएगा और तुम चाहते थे कि तुम्हें वह हाथ आए, जो निःशस्त्र था, हालाँकि अल्लाह चाहता था कि अपने वचनों से सत्य को सत्य कर दिखाए और इनकार करनेवालों की जड़ काट दे ([८] अल-अन्फाल: 7)
Tafseer (तफ़सीर )

لِيُحِقَّ الْحَقَّ وَيُبْطِلَ الْبَاطِلَ وَلَوْ كَرِهَ الْمُجْرِمُوْنَۚ ٨

liyuḥiqqa
لِيُحِقَّ
ताकि वो साबित कर दे
l-ḥaqa
ٱلْحَقَّ
हक़ को
wayub'ṭila
وَيُبْطِلَ
और वो बातिल कर दे
l-bāṭila
ٱلْبَٰطِلَ
बातिल को
walaw
وَلَوْ
और अगरचे
kariha
كَرِهَ
नापसंद करें
l-muj'rimūna
ٱلْمُجْرِمُونَ
मुजरिम लोग
ताकि सत्य को सत्य कर दिखाए और असत्य को असत्य, चाहे अपराधियों को कितना ही अप्रिय लगे ([८] अल-अन्फाल: 8)
Tafseer (तफ़सीर )

اِذْ تَسْتَغِيْثُوْنَ رَبَّكُمْ فَاسْتَجَابَ لَكُمْ اَنِّيْ مُمِدُّكُمْ بِاَلْفٍ مِّنَ الْمَلٰۤىِٕكَةِ مُرْدِفِيْنَ ٩

idh
إِذْ
जब
tastaghīthūna
تَسْتَغِيثُونَ
तुम फ़रियाद कर रहे थे
rabbakum
رَبَّكُمْ
अपने रब से
fa-is'tajāba
فَٱسْتَجَابَ
तो उसने (दुआ) क़ुबूल कर ली
lakum
لَكُمْ
तुम्हारी
annī
أَنِّى
कि बेशक मैं
mumiddukum
مُمِدُّكُم
मदद देने वाला हूँ तुम्हें
bi-alfin
بِأَلْفٍ
साथ एक हज़ार
mina
مِّنَ
फ़रिश्तों के
l-malāikati
ٱلْمَلَٰٓئِكَةِ
फ़रिश्तों के
mur'difīna
مُرْدِفِينَ
एक दूसरे के पीछे आने वाले
याद करो जब तुम अपने रब से फ़रियाद कर रहे थे, तो उसने तुम्हारी पुकार सुन ली। (उसने कहा,) 'मैं एक हजार फ़रिश्तों से तुम्हारी मदद करूँगा जो तुम्हारे साथी होंगे।' ([८] अल-अन्फाल: 9)
Tafseer (तफ़सीर )
१०

وَمَا جَعَلَهُ اللّٰهُ اِلَّا بُشْرٰى وَلِتَطْمَىِٕنَّ بِهٖ قُلُوْبُكُمْۗ وَمَا النَّصْرُ اِلَّا مِنْ عِنْدِ اللّٰهِ ۗاِنَّ اللّٰهَ عَزِيْزٌ حَكِيْمٌ ࣖ ١٠

wamā
وَمَا
और नहीं
jaʿalahu
جَعَلَهُ
बनाया उसे
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
illā
إِلَّا
मगर
bush'rā
بُشْرَىٰ
ख़ुशख़बरी
walitaṭma-inna
وَلِتَطْمَئِنَّ
और ताकि मुत्मईन हो जाऐं
bihi
بِهِۦ
साथ उसके
qulūbukum
قُلُوبُكُمْۚ
दिल तुम्हारे
wamā
وَمَا
और नहीं
l-naṣru
ٱلنَّصْرُ
मदद
illā
إِلَّا
मगर
min
مِنْ
अल्लाह के पास से
ʿindi
عِندِ
अल्लाह के पास से
l-lahi
ٱللَّهِۚ
अल्लाह के पास से
inna
إِنَّ
बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
ʿazīzun
عَزِيزٌ
बहुत ज़बरदस्त है
ḥakīmun
حَكِيمٌ
ख़ूब हिकमत वाला है
अल्लाह ने यह केवल इसलिए किया कि यह एक शुभ-सूचना हो और ताकि इससे तुम्हारे हृदय संतुष्ट हो जाएँ। सहायता अल्लाह ही के यहाँ से होती है। निस्संदेह अल्लाह अत्यन्त प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी है ([८] अल-अन्फाल: 10)
Tafseer (तफ़सीर )