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सूरा अल-मुर्सलत - Page: 4

Al-Mursalat

(The Emissaries, Winds Sent Forth)

३१

لَا ظَلِيْلٍ وَّلَا يُغْنِيْ مِنَ اللَّهَبِۗ ٣١

لَّا
ना साया देने वाला होगा
ẓalīlin
ظَلِيلٍ
ना साया देने वाला होगा
walā
وَلَا
और ना
yugh'nī
يُغْنِى
वो बचाएगा
mina
مِنَ
शोले से
l-lahabi
ٱللَّهَبِ
शोले से
जिसमें न छाँव है और न वह अग्नि-ज्वाला से बचा सकती है ([७७] अल-मुर्सलत: 31)
Tafseer (तफ़सीर )
३२

اِنَّهَا تَرْمِيْ بِشَرَرٍ كَالْقَصْرِۚ ٣٢

innahā
إِنَّهَا
बेशक वो
tarmī
تَرْمِى
वो फेंकेगी
bishararin
بِشَرَرٍ
चिंगारियाँ
kal-qaṣri
كَٱلْقَصْرِ
महल जैसी
निस्संदेह वे (ज्वालाएँ) महल जैसी (ऊँची) चिंगारियाँ फेंकती है ([७७] अल-मुर्सलत: 32)
Tafseer (तफ़सीर )
३३

كَاَنَّهٗ جِمٰلَتٌ صُفْرٌۗ ٣٣

ka-annahu
كَأَنَّهُۥ
गोया कि वो
jimālatun
جِمَٰلَتٌ
ऊँट हैं
ṣuf'run
صُفْرٌ
ज़र्द रंग के
मानो वे पीले ऊँट हैं! ([७७] अल-मुर्सलत: 33)
Tafseer (तफ़सीर )
३४

وَيْلٌ يَّوْمَىِٕذٍ لِّلْمُكَذِّبِيْنَ ٣٤

waylun
وَيْلٌ
हलाकत है
yawma-idhin
يَوْمَئِذٍ
उस दिन
lil'mukadhibīna
لِّلْمُكَذِّبِينَ
झुठलाने वालों के लिए
तबाही है उस झुठलानेवालों की! ([७७] अल-मुर्सलत: 34)
Tafseer (तफ़सीर )
३५

هٰذَا يَوْمُ لَا يَنْطِقُوْنَۙ ٣٥

hādhā
هَٰذَا
ये
yawmu
يَوْمُ
दिन है
لَا
ना वो बोल सकेंगे
yanṭiqūna
يَنطِقُونَ
ना वो बोल सकेंगे
यह वह दिन है कि वे कुछ बोल नहीं रहे है, ([७७] अल-मुर्सलत: 35)
Tafseer (तफ़सीर )
३६

وَلَا يُؤْذَنُ لَهُمْ فَيَعْتَذِرُوْنَ ٣٦

walā
وَلَا
और ना
yu'dhanu
يُؤْذَنُ
इजाज़त दी जाएगी
lahum
لَهُمْ
उन्हें
fayaʿtadhirūna
فَيَعْتَذِرُونَ
कि वो मआज़रत करें
तो कोई उज़ पेश करें, (बात यह है कि) उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी जा रही है ([७७] अल-मुर्सलत: 36)
Tafseer (तफ़सीर )
३७

وَيْلٌ يَّوْمَىِٕذٍ لِّلْمُكَذِّبِيْنَ ٣٧

waylun
وَيْلٌ
हलाकत है
yawma-idhin
يَوْمَئِذٍ
उस दिन
lil'mukadhibīna
لِّلْمُكَذِّبِينَ
झुठलाने वालों के लिए
तबाही है उस दिन झुठलानेवालों की ([७७] अल-मुर्सलत: 37)
Tafseer (तफ़सीर )
३८

هٰذَا يَوْمُ الْفَصْلِ جَمَعْنٰكُمْ وَالْاَوَّلِيْنَ ٣٨

hādhā
هَٰذَا
ये
yawmu
يَوْمُ
दिन है
l-faṣli
ٱلْفَصْلِۖ
फ़ैसले का
jamaʿnākum
جَمَعْنَٰكُمْ
जमा कर दिया हमने तुम्हें
wal-awalīna
وَٱلْأَوَّلِينَ
और पहलों को
'यह फ़ैसले का दिन है, हमने तुम्हें भी और पहलों को भी इकट्ठा कर दिया ([७७] अल-मुर्सलत: 38)
Tafseer (तफ़सीर )
३९

فَاِنْ كَانَ لَكُمْ كَيْدٌ فَكِيْدُوْنِ ٣٩

fa-in
فَإِن
फिर अगर
kāna
كَانَ
है
lakum
لَكُمْ
तुम्हारे लिए
kaydun
كَيْدٌ
कोई चाल
fakīdūni
فَكِيدُونِ
पस चाल चलो मुझ से
'अब यदि तुम्हारे पास कोई चाल है तो मेरे विरुद्ध चलो।' ([७७] अल-मुर्सलत: 39)
Tafseer (तफ़सीर )
४०

وَيْلٌ يَّوْمَىِٕذٍ لِّلْمُكَذِّبِيْنَ ࣖ ٤٠

waylun
وَيْلٌ
हलाकत है
yawma-idhin
يَوْمَئِذٍ
उस दिन
lil'mukadhibīna
لِّلْمُكَذِّبِينَ
झुठलाने वालों के लिए
तबाही है उस दिन झुठलानेवालो की! ([७७] अल-मुर्सलत: 40)
Tafseer (तफ़सीर )