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सूरा अल-मुर्सलत - Page: 2

Al-Mursalat

(The Emissaries, Winds Sent Forth)

११

وَاِذَا الرُّسُلُ اُقِّتَتْۗ ١١

wa-idhā
وَإِذَا
और जब
l-rusulu
ٱلرُّسُلُ
रसूल
uqqitat
أُقِّتَتْ
मुक़र्रर वक़्त पर लाए जाऐंगे
और जब रसूलों का हाल यह होगा कि उन का समय नियत कर दिया गया होगा - ([७७] अल-मुर्सलत: 11)
Tafseer (तफ़सीर )
१२

لِاَيِّ يَوْمٍ اُجِّلَتْۗ ١٢

li-ayyi
لِأَىِّ
किस दिन के लिए
yawmin
يَوْمٍ
किस दिन के लिए
ujjilat
أُجِّلَتْ
मुअख़्खर किए गए
किस दिन के लिए वे टाले गए है? ([७७] अल-मुर्सलत: 12)
Tafseer (तफ़सीर )
१३

لِيَوْمِ الْفَصْلِۚ ١٣

liyawmi
لِيَوْمِ
दिन के लिए
l-faṣli
ٱلْفَصْلِ
फ़ैसले के
फ़ैसले के दिन के लिए ([७७] अल-मुर्सलत: 13)
Tafseer (तफ़सीर )
१४

وَمَآ اَدْرٰىكَ مَا يَوْمُ الْفَصْلِۗ ١٤

wamā
وَمَآ
और क्या चीज़
adrāka
أَدْرَىٰكَ
बताए आपको
مَا
क्या है
yawmu
يَوْمُ
दिन
l-faṣli
ٱلْفَصْلِ
फ़ैसले का
और तुम्हें क्या मालूम कि वह फ़ैसले का दिन क्या है? - ([७७] अल-मुर्सलत: 14)
Tafseer (तफ़सीर )
१५

وَيْلٌ يَّوْمَىِٕذٍ لِّلْمُكَذِّبِيْنَ ١٥

waylun
وَيْلٌ
हलाकत है
yawma-idhin
يَوْمَئِذٍ
उस दिन
lil'mukadhibīna
لِّلْمُكَذِّبِينَ
झुठलाने वालों के लिए
तबाही है उस दिन झूठलाने-वालों की! ([७७] अल-मुर्सलत: 15)
Tafseer (तफ़सीर )
१६

اَلَمْ نُهْلِكِ الْاَوَّلِيْنَۗ ١٦

alam
أَلَمْ
क्या नहीं
nuh'liki
نُهْلِكِ
हमने हलाक किया
l-awalīna
ٱلْأَوَّلِينَ
पहलों को
क्या ऐसा नहीं हुआ कि हमने पहलों को विनष्ट किया? ([७७] अल-मुर्सलत: 16)
Tafseer (तफ़सीर )
१७

ثُمَّ نُتْبِعُهُمُ الْاٰخِرِيْنَ ١٧

thumma
ثُمَّ
फिर
nut'biʿuhumu
نُتْبِعُهُمُ
हम पीछे लाते हैं उनके
l-ākhirīna
ٱلْءَاخِرِينَ
बाद वालों को
फिर उन्हीं के पीछे बादवालों को भी लगाते रहे? ([७७] अल-मुर्सलत: 17)
Tafseer (तफ़सीर )
१८

كَذٰلِكَ نَفْعَلُ بِالْمُجْرِمِيْنَ ١٨

kadhālika
كَذَٰلِكَ
इसी तरह
nafʿalu
نَفْعَلُ
हम करते हैं
bil-muj'rimīna
بِٱلْمُجْرِمِينَ
साथ मुजरिमों के
अपराधियों के साथ हम ऐसा ही करते है ([७७] अल-मुर्सलत: 18)
Tafseer (तफ़सीर )
१९

وَيْلٌ يَّوْمَىِٕذٍ لِّلْمُكَذِّبِيْنَ ١٩

waylun
وَيْلٌ
हलाकत है
yawma-idhin
يَوْمَئِذٍ
उस दिन
lil'mukadhibīna
لِّلْمُكَذِّبِينَ
झुठलाने वालों के लिए
तबाही है उस दिन झुठलानेवालो की! ([७७] अल-मुर्सलत: 19)
Tafseer (तफ़सीर )
२०

اَلَمْ نَخْلُقْكُّمْ مِّنْ مَّاۤءٍ مَّهِيْنٍۙ ٢٠

alam
أَلَمْ
क्या नहीं
nakhluqkkum
نَخْلُقكُّم
हमने पैदा किया तुम्हें
min
مِّن
पानी से
māin
مَّآءٍ
पानी से
mahīnin
مَّهِينٍ
हक़ीर
क्या ऐस नहीं है कि हमने तुम्हे तुच्छ जल से पैदा किया, ([७७] अल-मुर्सलत: 20)
Tafseer (तफ़सीर )