११
وَاِذَا الرُّسُلُ اُقِّتَتْۗ ١١
- wa-idhā
- وَإِذَا
- और जब
- l-rusulu
- ٱلرُّسُلُ
- रसूल
- uqqitat
- أُقِّتَتْ
- मुक़र्रर वक़्त पर लाए जाऐंगे
और जब रसूलों का हाल यह होगा कि उन का समय नियत कर दिया गया होगा - ([७७] अल-मुर्सलत: 11)Tafseer (तफ़सीर )
१२
لِاَيِّ يَوْمٍ اُجِّلَتْۗ ١٢
- li-ayyi
- لِأَىِّ
- किस दिन के लिए
- yawmin
- يَوْمٍ
- किस दिन के लिए
- ujjilat
- أُجِّلَتْ
- मुअख़्खर किए गए
किस दिन के लिए वे टाले गए है? ([७७] अल-मुर्सलत: 12)Tafseer (तफ़सीर )
१३
لِيَوْمِ الْفَصْلِۚ ١٣
- liyawmi
- لِيَوْمِ
- दिन के लिए
- l-faṣli
- ٱلْفَصْلِ
- फ़ैसले के
फ़ैसले के दिन के लिए ([७७] अल-मुर्सलत: 13)Tafseer (तफ़सीर )
१४
وَمَآ اَدْرٰىكَ مَا يَوْمُ الْفَصْلِۗ ١٤
- wamā
- وَمَآ
- और क्या चीज़
- adrāka
- أَدْرَىٰكَ
- बताए आपको
- mā
- مَا
- क्या है
- yawmu
- يَوْمُ
- दिन
- l-faṣli
- ٱلْفَصْلِ
- फ़ैसले का
और तुम्हें क्या मालूम कि वह फ़ैसले का दिन क्या है? - ([७७] अल-मुर्सलत: 14)Tafseer (तफ़सीर )
१५
وَيْلٌ يَّوْمَىِٕذٍ لِّلْمُكَذِّبِيْنَ ١٥
- waylun
- وَيْلٌ
- हलाकत है
- yawma-idhin
- يَوْمَئِذٍ
- उस दिन
- lil'mukadhibīna
- لِّلْمُكَذِّبِينَ
- झुठलाने वालों के लिए
तबाही है उस दिन झूठलाने-वालों की! ([७७] अल-मुर्सलत: 15)Tafseer (तफ़सीर )
१६
اَلَمْ نُهْلِكِ الْاَوَّلِيْنَۗ ١٦
- alam
- أَلَمْ
- क्या नहीं
- nuh'liki
- نُهْلِكِ
- हमने हलाक किया
- l-awalīna
- ٱلْأَوَّلِينَ
- पहलों को
क्या ऐसा नहीं हुआ कि हमने पहलों को विनष्ट किया? ([७७] अल-मुर्सलत: 16)Tafseer (तफ़सीर )
१७
ثُمَّ نُتْبِعُهُمُ الْاٰخِرِيْنَ ١٧
- thumma
- ثُمَّ
- फिर
- nut'biʿuhumu
- نُتْبِعُهُمُ
- हम पीछे लाते हैं उनके
- l-ākhirīna
- ٱلْءَاخِرِينَ
- बाद वालों को
फिर उन्हीं के पीछे बादवालों को भी लगाते रहे? ([७७] अल-मुर्सलत: 17)Tafseer (तफ़सीर )
१८
كَذٰلِكَ نَفْعَلُ بِالْمُجْرِمِيْنَ ١٨
- kadhālika
- كَذَٰلِكَ
- इसी तरह
- nafʿalu
- نَفْعَلُ
- हम करते हैं
- bil-muj'rimīna
- بِٱلْمُجْرِمِينَ
- साथ मुजरिमों के
अपराधियों के साथ हम ऐसा ही करते है ([७७] अल-मुर्सलत: 18)Tafseer (तफ़सीर )
१९
وَيْلٌ يَّوْمَىِٕذٍ لِّلْمُكَذِّبِيْنَ ١٩
- waylun
- وَيْلٌ
- हलाकत है
- yawma-idhin
- يَوْمَئِذٍ
- उस दिन
- lil'mukadhibīna
- لِّلْمُكَذِّبِينَ
- झुठलाने वालों के लिए
तबाही है उस दिन झुठलानेवालो की! ([७७] अल-मुर्सलत: 19)Tafseer (तफ़सीर )
२०
اَلَمْ نَخْلُقْكُّمْ مِّنْ مَّاۤءٍ مَّهِيْنٍۙ ٢٠
- alam
- أَلَمْ
- क्या नहीं
- nakhluqkkum
- نَخْلُقكُّم
- हमने पैदा किया तुम्हें
- min
- مِّن
- पानी से
- māin
- مَّآءٍ
- पानी से
- mahīnin
- مَّهِينٍ
- हक़ीर
क्या ऐस नहीं है कि हमने तुम्हे तुच्छ जल से पैदा किया, ([७७] अल-मुर्सलत: 20)Tafseer (तफ़सीर )