११
ذَرْنِيْ وَمَنْ خَلَقْتُ وَحِيْدًاۙ ١١
- dharnī
- ذَرْنِى
- छोड़ दो मुझे
- waman
- وَمَنْ
- और जिसे
- khalaqtu
- خَلَقْتُ
- पैदा किया मैं ने
- waḥīdan
- وَحِيدًا
- अकेले
छोड़ दो मुझे और उसको जिसे मैंने अकेला पैदा किया, ([७४] अल्-मुद्दस्सिर: 11)Tafseer (तफ़सीर )
१२
وَّجَعَلْتُ لَهٗ مَالًا مَّمْدُوْدًاۙ ١٢
- wajaʿaltu
- وَجَعَلْتُ
- और बनाया मैं ने
- lahu
- لَهُۥ
- उसके लिए
- mālan
- مَالًا
- माल
- mamdūdan
- مَّمْدُودًا
- लम्बा चौड़ा
और उसे माल दिया दूर तक फैला हुआ, ([७४] अल्-मुद्दस्सिर: 12)Tafseer (तफ़सीर )
१३
وَّبَنِيْنَ شُهُوْدًاۙ ١٣
- wabanīna
- وَبَنِينَ
- और बेटे
- shuhūdan
- شُهُودًا
- हाज़िर रहने वाले
और उसके पास उपस्थित रहनेवाले बेटे दिए, ([७४] अल्-मुद्दस्सिर: 13)Tafseer (तफ़सीर )
१४
وَّمَهَّدْتُّ لَهٗ تَمْهِيْدًاۙ ١٤
- wamahhadttu
- وَمَهَّدتُّ
- और फैलाया मैं ने
- lahu
- لَهُۥ
- उसके लिए
- tamhīdan
- تَمْهِيدًا
- फैलाना
और मैंने उसके लिए अच्छी तरह जीवन-मार्ग समतल किया ([७४] अल्-मुद्दस्सिर: 14)Tafseer (तफ़सीर )
१५
ثُمَّ يَطْمَعُ اَنْ اَزِيْدَۙ ١٥
- thumma
- ثُمَّ
- फिर
- yaṭmaʿu
- يَطْمَعُ
- वो तमाअ रखता है
- an
- أَنْ
- कि
- azīda
- أَزِيدَ
- मैं ज़्यादा दूँ
फिर वह लोभ रखता है कि मैं उसके लिए और अधिक दूँगा ([७४] अल्-मुद्दस्सिर: 15)Tafseer (तफ़सीर )
१६
كَلَّاۗ اِنَّهٗ كَانَ لِاٰيٰتِنَا عَنِيْدًاۗ ١٦
- kallā
- كَلَّآۖ
- हरगिज़ नहीं
- innahu
- إِنَّهُۥ
- बेशक वो
- kāna
- كَانَ
- है वो
- liāyātinā
- لِءَايَٰتِنَا
- हमारी आयात से
- ʿanīdan
- عَنِيدًا
- सख़्त इनाद रखने वाला
कदापि नहीं, वह हमारी आयतों का दुश्मन है, ([७४] अल्-मुद्दस्सिर: 16)Tafseer (तफ़सीर )
१७
سَاُرْهِقُهٗ صَعُوْدًاۗ ١٧
- sa-ur'hiquhu
- سَأُرْهِقُهُۥ
- अनक़रीब मैं चढ़ाऊँगा उसे
- ṣaʿūdan
- صَعُودًا
- कठिन चढ़ाई
शीघ्र ही मैं उसे घेरकर कठिन चढ़ाई चढ़वाऊँगा ([७४] अल्-मुद्दस्सिर: 17)Tafseer (तफ़सीर )
१८
اِنَّهٗ فَكَّرَ وَقَدَّرَۙ ١٨
- innahu
- إِنَّهُۥ
- बेशक वो
- fakkara
- فَكَّرَ
- उसने सोचा
- waqaddara
- وَقَدَّرَ
- और उसने अंदाज़ा किया
उसने सोचा और अटकल से एक बात बनाई ([७४] अल्-मुद्दस्सिर: 18)Tafseer (तफ़सीर )
१९
فَقُتِلَ كَيْفَ قَدَّرَۙ ١٩
- faqutila
- فَقُتِلَ
- पस वो मारा जाए
- kayfa
- كَيْفَ
- कैसा
- qaddara
- قَدَّرَ
- उसने अंदाज़ा किया
तो विनष्ट हो, कैसी बात बनाई! ([७४] अल्-मुद्दस्सिर: 19)Tafseer (तफ़सीर )
२०
ثُمَّ قُتِلَ كَيْفَ قَدَّرَۙ ٢٠
- thumma
- ثُمَّ
- फिर
- qutila
- قُتِلَ
- वो मारा जाए
- kayfa
- كَيْفَ
- कैसा
- qaddara
- قَدَّرَ
- उसने अंदाज़ा किया
फिर विनष्ट हो, कैसी बात बनाई! ([७४] अल्-मुद्दस्सिर: 20)Tafseer (तफ़सीर )