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सूरा अल्-मुद्दस्सिर - Page: 2

Al-Muddaththir

(The Cloaked One, The Man Wearing A Cloak)

११

ذَرْنِيْ وَمَنْ خَلَقْتُ وَحِيْدًاۙ ١١

dharnī
ذَرْنِى
छोड़ दो मुझे
waman
وَمَنْ
और जिसे
khalaqtu
خَلَقْتُ
पैदा किया मैं ने
waḥīdan
وَحِيدًا
अकेले
छोड़ दो मुझे और उसको जिसे मैंने अकेला पैदा किया, ([७४] अल्-मुद्दस्सिर: 11)
Tafseer (तफ़सीर )
१२

وَّجَعَلْتُ لَهٗ مَالًا مَّمْدُوْدًاۙ ١٢

wajaʿaltu
وَجَعَلْتُ
और बनाया मैं ने
lahu
لَهُۥ
उसके लिए
mālan
مَالًا
माल
mamdūdan
مَّمْدُودًا
लम्बा चौड़ा
और उसे माल दिया दूर तक फैला हुआ, ([७४] अल्-मुद्दस्सिर: 12)
Tafseer (तफ़सीर )
१३

وَّبَنِيْنَ شُهُوْدًاۙ ١٣

wabanīna
وَبَنِينَ
और बेटे
shuhūdan
شُهُودًا
हाज़िर रहने वाले
और उसके पास उपस्थित रहनेवाले बेटे दिए, ([७४] अल्-मुद्दस्सिर: 13)
Tafseer (तफ़सीर )
१४

وَّمَهَّدْتُّ لَهٗ تَمْهِيْدًاۙ ١٤

wamahhadttu
وَمَهَّدتُّ
और फैलाया मैं ने
lahu
لَهُۥ
उसके लिए
tamhīdan
تَمْهِيدًا
फैलाना
और मैंने उसके लिए अच्छी तरह जीवन-मार्ग समतल किया ([७४] अल्-मुद्दस्सिर: 14)
Tafseer (तफ़सीर )
१५

ثُمَّ يَطْمَعُ اَنْ اَزِيْدَۙ ١٥

thumma
ثُمَّ
फिर
yaṭmaʿu
يَطْمَعُ
वो तमाअ रखता है
an
أَنْ
कि
azīda
أَزِيدَ
मैं ज़्यादा दूँ
फिर वह लोभ रखता है कि मैं उसके लिए और अधिक दूँगा ([७४] अल्-मुद्दस्सिर: 15)
Tafseer (तफ़सीर )
१६

كَلَّاۗ اِنَّهٗ كَانَ لِاٰيٰتِنَا عَنِيْدًاۗ ١٦

kallā
كَلَّآۖ
हरगिज़ नहीं
innahu
إِنَّهُۥ
बेशक वो
kāna
كَانَ
है वो
liāyātinā
لِءَايَٰتِنَا
हमारी आयात से
ʿanīdan
عَنِيدًا
सख़्त इनाद रखने वाला
कदापि नहीं, वह हमारी आयतों का दुश्मन है, ([७४] अल्-मुद्दस्सिर: 16)
Tafseer (तफ़सीर )
१७

سَاُرْهِقُهٗ صَعُوْدًاۗ ١٧

sa-ur'hiquhu
سَأُرْهِقُهُۥ
अनक़रीब मैं चढ़ाऊँगा उसे
ṣaʿūdan
صَعُودًا
कठिन चढ़ाई
शीघ्र ही मैं उसे घेरकर कठिन चढ़ाई चढ़वाऊँगा ([७४] अल्-मुद्दस्सिर: 17)
Tafseer (तफ़सीर )
१८

اِنَّهٗ فَكَّرَ وَقَدَّرَۙ ١٨

innahu
إِنَّهُۥ
बेशक वो
fakkara
فَكَّرَ
उसने सोचा
waqaddara
وَقَدَّرَ
और उसने अंदाज़ा किया
उसने सोचा और अटकल से एक बात बनाई ([७४] अल्-मुद्दस्सिर: 18)
Tafseer (तफ़सीर )
१९

فَقُتِلَ كَيْفَ قَدَّرَۙ ١٩

faqutila
فَقُتِلَ
पस वो मारा जाए
kayfa
كَيْفَ
कैसा
qaddara
قَدَّرَ
उसने अंदाज़ा किया
तो विनष्ट हो, कैसी बात बनाई! ([७४] अल्-मुद्दस्सिर: 19)
Tafseer (तफ़सीर )
२०

ثُمَّ قُتِلَ كَيْفَ قَدَّرَۙ ٢٠

thumma
ثُمَّ
फिर
qutila
قُتِلَ
वो मारा जाए
kayfa
كَيْفَ
कैसा
qaddara
قَدَّرَ
उसने अंदाज़ा किया
फिर विनष्ट हो, कैसी बात बनाई! ([७४] अल्-मुद्दस्सिर: 20)
Tafseer (तफ़सीर )