Skip to content

सूरा अल-जिन्न - Page: 3

Al-Jinn

(जिन्न)

२१

قُلْ اِنِّيْ لَآ اَمْلِكُ لَكُمْ ضَرًّا وَّلَا رَشَدًا ٢١

qul
قُلْ
कह दीजिए
innī
إِنِّى
बेशक मैं
لَآ
नहीं मैं मालिक हो सकता
amliku
أَمْلِكُ
नहीं मैं मालिक हो सकता
lakum
لَكُمْ
तुम्हारे लिए
ḍarran
ضَرًّا
किसी नुक़्सान का
walā
وَلَا
और ना
rashadan
رَشَدًا
किसी भलाई का
कह दो, 'मैं तो तुम्हारे लिए न किसी हानि का अधिकार रखता हूँ और न किसी भलाई का।' ([७२] अल-जिन्न: 21)
Tafseer (तफ़सीर )
२२

قُلْ اِنِّيْ لَنْ يُّجِيْرَنِيْ مِنَ اللّٰهِ اَحَدٌ ەۙ وَّلَنْ اَجِدَ مِنْ دُوْنِهٖ مُلْتَحَدًا ۙ ٢٢

qul
قُلْ
कह दीजिए
innī
إِنِّى
बेशक
lan
لَن
हरगिज़ ना
yujīranī
يُجِيرَنِى
पनाह देगा मुझे
mina
مِنَ
अल्लाह से
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह से
aḥadun
أَحَدٌ
कोई एक
walan
وَلَنْ
और हरगिज़ ना
ajida
أَجِدَ
मैं पाऊँगा
min
مِن
उसके सिवा
dūnihi
دُونِهِۦ
उसके सिवा
mul'taḥadan
مُلْتَحَدًا
कोई जाएपनाह
कहो, 'अल्लाह के मुक़ाबले में मुझे कोई पनाह नहीं दे सकता और न मैं उससे बचकर कतराने की कोई जगह पा सकता हूँ। - ([७२] अल-जिन्न: 22)
Tafseer (तफ़सीर )
२३

اِلَّا بَلٰغًا مِّنَ اللّٰهِ وَرِسٰلٰتِهٖۗ وَمَنْ يَّعْصِ اللّٰهَ وَرَسُوْلَهٗ فَاِنَّ لَهٗ نَارَ جَهَنَّمَ خٰلِدِيْنَ فِيْهَآ اَبَدًاۗ ٢٣

illā
إِلَّا
मगर
balāghan
بَلَٰغًا
पहुँचा देना है
mina
مِّنَ
अल्लाह की तरफ़ से (हुक्म)
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह की तरफ़ से (हुक्म)
warisālātihi
وَرِسَٰلَٰتِهِۦۚ
और उसके पैग़ामात
waman
وَمَن
और जो कोई
yaʿṣi
يَعْصِ
नाफ़रमानी करेगा
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह की
warasūlahu
وَرَسُولَهُۥ
और उसके रसूल की
fa-inna
فَإِنَّ
तो बेशक
lahu
لَهُۥ
उसके लिए
nāra
نَارَ
आग है
jahannama
جَهَنَّمَ
जहन्नम की
khālidīna
خَٰلِدِينَ
हमेशा रहने वाले हैं
fīhā
فِيهَآ
उसमें
abadan
أَبَدًا
हमेशा-हमेशा
'सिवाय अल्लाह की ओर से पहुँचने और उसके संदेश देने के। और जो कोई अल्लाह और उसके रसूल की अवज्ञा करेगा तो उसके लिए जहन्नम की आग है, जिसमें ऐसे लोग सदैव रहेंगे।' ([७२] अल-जिन्न: 23)
Tafseer (तफ़सीर )
२४

حَتّٰىٓ اِذَا رَاَوْا مَا يُوْعَدُوْنَ فَسَيَعْلَمُوْنَ مَنْ اَضْعَفُ نَاصِرًا وَّاَقَلُّ عَدَدًاۗ ٢٤

ḥattā
حَتَّىٰٓ
यहाँ तक कि
idhā
إِذَا
जब
ra-aw
رَأَوْا۟
वो देखेंगे
مَا
उसे जो
yūʿadūna
يُوعَدُونَ
वो वादा किए जाते हैं
fasayaʿlamūna
فَسَيَعْلَمُونَ
तो अनक़रीब वो जान लेंगे
man
مَنْ
कौन
aḍʿafu
أَضْعَفُ
ज़्यादा कमज़ोर है
nāṣiran
نَاصِرًا
मददगार के ऐतबार से
wa-aqallu
وَأَقَلُّ
और कौन ज़्यादा कम है
ʿadadan
عَدَدًا
तादाद के ऐतबार से
यहाँ तक कि जब वे उस चीज़ को देख लेंगे जिसका उनसे वादा किया जाता है तो वे जान लेंगे कि कौन अपने सहायक की दृष्टि से कमज़ोर और संख्या में न्यूतर है ([७२] अल-जिन्न: 24)
Tafseer (तफ़सीर )
२५

قُلْ اِنْ اَدْرِيْٓ اَقَرِيْبٌ مَّا تُوْعَدُوْنَ اَمْ يَجْعَلُ لَهٗ رَبِّيْٓ اَمَدًا ٢٥

qul
قُلْ
कह दीजिए
in
إِنْ
नहीं
adrī
أَدْرِىٓ
मैं जानता
aqarībun
أَقَرِيبٌ
क्या क़रीब है
مَّا
वो जो
tūʿadūna
تُوعَدُونَ
तुम वादा किए जाते हो
am
أَمْ
या
yajʿalu
يَجْعَلُ
मुक़र्रर कर देगा
lahu
لَهُۥ
उसके लिए
rabbī
رَبِّىٓ
मेरा रब
amadan
أَمَدًا
कोई मुद्दत
कह दो, 'मैं नहीं जानता कि जिस चीज़ का तुमसे वादा किया जाता है वह निकट है या मेरा रब उसके लिए लम्बी अवधि ठहराता है ([७२] अल-जिन्न: 25)
Tafseer (तफ़सीर )
२६

عٰلِمُ الْغَيْبِ فَلَا يُظْهِرُ عَلٰى غَيْبِهٖٓ اَحَدًاۙ ٢٦

ʿālimu
عَٰلِمُ
जानने वाला है
l-ghaybi
ٱلْغَيْبِ
ग़ैब का
falā
فَلَا
पस नहीं
yuẓ'hiru
يُظْهِرُ
वो ज़ाहिर करता
ʿalā
عَلَىٰ
अपने ग़ैब पर
ghaybihi
غَيْبِهِۦٓ
अपने ग़ैब पर
aḥadan
أَحَدًا
किसी एक को
'परोक्ष का जाननेवाला वही है और वह अपने परोक्ष को किसी पर प्रकट नहीं करता, ([७२] अल-जिन्न: 26)
Tafseer (तफ़सीर )
२७

اِلَّا مَنِ ارْتَضٰى مِنْ رَّسُوْلٍ فَاِنَّهٗ يَسْلُكُ مِنْۢ بَيْنِ يَدَيْهِ وَمِنْ خَلْفِهٖ رَصَدًاۙ ٢٧

illā
إِلَّا
मगर
mani
مَنِ
जिसे
ir'taḍā
ٱرْتَضَىٰ
वो पसंद करे
min
مِن
कोई रसूल
rasūlin
رَّسُولٍ
कोई रसूल
fa-innahu
فَإِنَّهُۥ
पस बेशक वो
yasluku
يَسْلُكُ
वो लगा देता है
min
مِنۢ
उसके आगे
bayni
بَيْنِ
उसके आगे
yadayhi
يَدَيْهِ
उसके आगे
wamin
وَمِنْ
और उसके पीछे
khalfihi
خَلْفِهِۦ
और उसके पीछे
raṣadan
رَصَدًا
मुहाफ़िज़
सिवाय उस व्यक्ति के जिसे उसने रसूल की हैसियत से पसन्द कर लिया हो तो उसके आगे से और उसके पीछे से निगरानी की पूर्ण व्यवस्था कर देता है, ([७२] अल-जिन्न: 27)
Tafseer (तफ़सीर )
२८

لِّيَعْلَمَ اَنْ قَدْ اَبْلَغُوْا رِسٰلٰتِ رَبِّهِمْ وَاَحَاطَ بِمَا لَدَيْهِمْ وَاَحْصٰى كُلَّ شَيْءٍ عَدَدًا ࣖ ٢٨

liyaʿlama
لِّيَعْلَمَ
ताकि वो जान ले
an
أَن
कि
qad
قَدْ
तहक़ीक़
ablaghū
أَبْلَغُوا۟
उन्होंने पहुँचा दिए
risālāti
رِسَٰلَٰتِ
पैग़ामात
rabbihim
رَبِّهِمْ
अपने रब के
wa-aḥāṭa
وَأَحَاطَ
और उसने घेर रखा है
bimā
بِمَا
उनको जो
ladayhim
لَدَيْهِمْ
उनके पास है
wa-aḥṣā
وَأَحْصَىٰ
और उसने शुमार कर रखा है
kulla
كُلَّ
हर
shayin
شَىْءٍ
चीज़ को
ʿadadan
عَدَدًۢا
अदद के ऐतबार से
ताकि वह यक़ीनी बना दे कि उन्होंने अपने रब के सन्देश पहुँचा दिए और जो कुछ उनके पास है उसे वह घेरे हुए है और हर चीज़ को उसने गिन रखा है।' ([७२] अल-जिन्न: 28)
Tafseer (तफ़सीर )