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सूरा नूह - Page: 2

Nuh

(Noah)

११

يُّرْسِلِ السَّمَاۤءَ عَلَيْكُمْ مِّدْرَارًاۙ ١١

yur'sili
يُرْسِلِ
वो भेजेगा
l-samāa
ٱلسَّمَآءَ
आसमान को
ʿalaykum
عَلَيْكُم
तुम पर
mid'rāran
مِّدْرَارًا
ख़ूब बरसने वाला
'वह बादल भेजेगा तुमपर ख़ूब बरसनेवाला, ([७१] नूह: 11)
Tafseer (तफ़सीर )
१२

وَّيُمْدِدْكُمْ بِاَمْوَالٍ وَّبَنِيْنَ وَيَجْعَلْ لَّكُمْ جَنّٰتٍ وَّيَجْعَلْ لَّكُمْ اَنْهٰرًاۗ ١٢

wayum'did'kum
وَيُمْدِدْكُم
और वो मदद करेगा तुम्हारी
bi-amwālin
بِأَمْوَٰلٍ
साथ मालों
wabanīna
وَبَنِينَ
और बेटों के
wayajʿal
وَيَجْعَل
और वो बनाएगा
lakum
لَّكُمْ
तुम्हारे लिए
jannātin
جَنَّٰتٍ
बाग़ात
wayajʿal
وَيَجْعَل
और वो बनाएगा
lakum
لَّكُمْ
तुम्हारे लिए
anhāran
أَنْهَٰرًا
नहरें
'और वह माल और बेटों से तुम्हें बढ़ोतरी प्रदान करेगा, और तुम्हारे लिए बाग़ पैदा करेगा और तुम्हारे लिए नहरें प्रवाहित करेगा ([७१] नूह: 12)
Tafseer (तफ़सीर )
१३

مَا لَكُمْ لَا تَرْجُوْنَ لِلّٰهِ وَقَارًاۚ ١٣

مَّا
क्या है
lakum
لَكُمْ
तुम्हें
لَا
नहीं तुम तवक़्क़ो रखते
tarjūna
تَرْجُونَ
नहीं तुम तवक़्क़ो रखते
lillahi
لِلَّهِ
अल्लाह के लिए
waqāran
وَقَارًا
किसी वक़ार /अज़मत की
'तुम्हें क्या हो गया है कि तुम (अपने दिलों में) अल्लाह के लिए किसी गौरव की आशा नहीं रखते? ([७१] नूह: 13)
Tafseer (तफ़सीर )
१४

وَقَدْ خَلَقَكُمْ اَطْوَارًا ١٤

waqad
وَقَدْ
और तहक़ीक़
khalaqakum
خَلَقَكُمْ
उसने पैदा किया तुम्हें
aṭwāran
أَطْوَارًا
मुख़्तलिफ़ मरहलों में
'हालाँकि उसने तुम्हें विभिन्न अवस्थाओं से गुज़ारते हुए पैदा किया ([७१] नूह: 14)
Tafseer (तफ़सीर )
१५

اَلَمْ تَرَوْا كَيْفَ خَلَقَ اللّٰهُ سَبْعَ سَمٰوٰتٍ طِبَاقًاۙ ١٥

alam
أَلَمْ
क्या नहीं
taraw
تَرَوْا۟
तुमने देखा
kayfa
كَيْفَ
किस तरह
khalaqa
خَلَقَ
पैदा किया
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
sabʿa
سَبْعَ
सात
samāwātin
سَمَٰوَٰتٍ
आसमानों को
ṭibāqan
طِبَاقًا
ऊपर तले
'क्या तुमने देखा नहीं कि अल्लाह ने किस प्रकार ऊपर तले सात आकाश बनाए, ([७१] नूह: 15)
Tafseer (तफ़सीर )
१६

وَّجَعَلَ الْقَمَرَ فِيْهِنَّ نُوْرًا وَّجَعَلَ الشَّمْسَ سِرَاجًا ١٦

wajaʿala
وَجَعَلَ
और उसने बनाया
l-qamara
ٱلْقَمَرَ
चाँद को
fīhinna
فِيهِنَّ
उनमें
nūran
نُورًا
नूर
wajaʿala
وَجَعَلَ
और उसने बनाया
l-shamsa
ٱلشَّمْسَ
सूरज को
sirājan
سِرَاجًا
चिराग़
'और उनमें चन्द्रमा को प्रकाश और सूर्य का प्रदीप बनाया? ([७१] नूह: 16)
Tafseer (तफ़सीर )
१७

وَاللّٰهُ اَنْۢبَتَكُمْ مِّنَ الْاَرْضِ نَبَاتًاۙ ١٧

wal-lahu
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
anbatakum
أَنۢبَتَكُم
उसने उगाया तुम्हें
mina
مِّنَ
ज़मीन से
l-arḍi
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन से
nabātan
نَبَاتًا
उगाना
'और अल्लाह ने तुम्हें धरती से विशिष्ट प्रकार से विकसित किया, ([७१] नूह: 17)
Tafseer (तफ़सीर )
१८

ثُمَّ يُعِيْدُكُمْ فِيْهَا وَيُخْرِجُكُمْ اِخْرَاجًا ١٨

thumma
ثُمَّ
फिर
yuʿīdukum
يُعِيدُكُمْ
वो एआदा करेगा तुम्हारा
fīhā
فِيهَا
उसमें
wayukh'rijukum
وَيُخْرِجُكُمْ
और वो निकालेगा तुम्हें
ikh'rājan
إِخْرَاجًا
निकालना
'फिर वह तुम्हें उसमें लौटाता है और तुम्हें बाहर निकालेगा भी ([७१] नूह: 18)
Tafseer (तफ़सीर )
१९

وَاللّٰهُ جَعَلَ لَكُمُ الْاَرْضَ بِسَاطًاۙ ١٩

wal-lahu
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
jaʿala
جَعَلَ
उसने बनाया
lakumu
لَكُمُ
तुम्हारे लिए
l-arḍa
ٱلْأَرْضَ
ज़मीन को
bisāṭan
بِسَاطًا
बिछौना
'और अल्लाह ने तुम्हारे लिए धरती को बिछौना बनाया, ([७१] नूह: 19)
Tafseer (तफ़सीर )
२०

لِّتَسْلُكُوْا مِنْهَا سُبُلًا فِجَاجًا ࣖ ٢٠

litaslukū
لِّتَسْلُكُوا۟
ताकि तुम चलो
min'hā
مِنْهَا
उसके
subulan
سُبُلًا
रास्तों में
fijājan
فِجَاجًا
जो कुशादा हैं
'ताकि तुम उसके विस्तृत मार्गों पर चलो।' ([७१] नूह: 20)
Tafseer (तफ़सीर )