لَهُمْ مِّنْ جَهَنَّمَ مِهَادٌ وَّمِنْ فَوْقِهِمْ غَوَاشٍۗ وَكَذٰلِكَ نَجْزِى الظّٰلِمِيْنَ ٤١
- lahum
- لَهُم
- उनके लिए
- min
- مِّن
- जहन्नम से
- jahannama
- جَهَنَّمَ
- जहन्नम से
- mihādun
- مِهَادٌ
- बिछौना है
- wamin
- وَمِن
- और उनके ऊपर से
- fawqihim
- فَوْقِهِمْ
- और उनके ऊपर से
- ghawāshin
- غَوَاشٍۚ
- ओढ़ना है
- wakadhālika
- وَكَذَٰلِكَ
- और इसी तरह
- najzī
- نَجْزِى
- हम बदला देंगे
- l-ẓālimīna
- ٱلظَّٰلِمِينَ
- ज़ालिमों को
उनके लिए बिछौना जहन्नम का होगा और ओढ़ना भी उसी का। अत्याचारियों को हम ऐसा ही बदला देते है ([७] अल-आराफ़: 41)Tafseer (तफ़सीर )
وَالَّذِيْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ لَا نُكَلِّفُ نَفْسًا اِلَّا وُسْعَهَآ اُولٰۤىِٕكَ اَصْحٰبُ الْجَنَّةِۚ هُمْ فِيْهَا خٰلِدُوْنَ ٤٢
- wa-alladhīna
- وَٱلَّذِينَ
- और वो जो
- āmanū
- ءَامَنُوا۟
- ईमान लाए
- waʿamilū
- وَعَمِلُوا۟
- और उन्होंने अमल किए
- l-ṣāliḥāti
- ٱلصَّٰلِحَٰتِ
- नेक
- lā
- لَا
- नहीं हम तकलीफ़ देते
- nukallifu
- نُكَلِّفُ
- नहीं हम तकलीफ़ देते
- nafsan
- نَفْسًا
- किसी जान को
- illā
- إِلَّا
- मगर
- wus'ʿahā
- وُسْعَهَآ
- उसकी वुसअत के मुताबिक़
- ulāika
- أُو۟لَٰٓئِكَ
- यही लोग हैं
- aṣḥābu
- أَصْحَٰبُ
- साथी
- l-janati
- ٱلْجَنَّةِۖ
- जन्नत के
- hum
- هُمْ
- वो
- fīhā
- فِيهَا
- उसमें
- khālidūna
- خَٰلِدُونَ
- हमेशा रहने वाले हैं
इसके विपरित जो लोग ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए - हम किसी पर उसकी सामर्थ्य से बढ़कर बोझ नहीं डालते - वही लोग जन्नतवाले है। वे उसमें सदैव रहेंगे ([७] अल-आराफ़: 42)Tafseer (तफ़सीर )
وَنَزَعْنَا مَا فِيْ صُدُوْرِهِمْ مِّنْ غِلٍّ تَجْرِيْ مِنْ تَحْتِهِمُ الْانْهٰرُۚ وَقَالُوا الْحَمْدُ لِلّٰهِ الَّذِيْ هَدٰىنَا لِهٰذَاۗ وَمَا كُنَّا لِنَهْتَدِيَ لَوْلَآ اَنْ هَدٰىنَا اللّٰهُ ۚ لَقَدْ جَاۤءَتْ رُسُلُ رَبِّنَا بِالْحَقِّۗ وَنُوْدُوْٓا اَنْ تِلْكُمُ الْجَنَّةُ اُوْرِثْتُمُوْهَا بِمَا كُنْتُمْ تَعْمَلُوْنَ ٤٣
- wanazaʿnā
- وَنَزَعْنَا
- और निकाल लेंगे हम
- mā
- مَا
- जो
- fī
- فِى
- उनके सीनों में होगा
- ṣudūrihim
- صُدُورِهِم
- उनके सीनों में होगा
- min
- مِّنْ
- कोई कीना
- ghillin
- غِلٍّ
- कोई कीना
- tajrī
- تَجْرِى
- बहती होंगी
- min
- مِن
- उनके नीचे से
- taḥtihimu
- تَحْتِهِمُ
- उनके नीचे से
- l-anhāru
- ٱلْأَنْهَٰرُۖ
- नहरें
- waqālū
- وَقَالُوا۟
- और वो कहेंगे
- l-ḥamdu
- ٱلْحَمْدُ
- सब तारीफ़
- lillahi
- لِلَّهِ
- अल्लाह के लिए है
- alladhī
- ٱلَّذِى
- वो जिसने
- hadānā
- هَدَىٰنَا
- रहनुमाई की हमारी
- lihādhā
- لِهَٰذَا
- इसके लिए
- wamā
- وَمَا
- और ना
- kunnā
- كُنَّا
- थे हम
- linahtadiya
- لِنَهْتَدِىَ
- कि हम हिदायत पाते
- lawlā
- لَوْلَآ
- अगर ना (होता)
- an
- أَنْ
- ये कि
- hadānā
- هَدَىٰنَا
- हिदायत देता हमें
- l-lahu
- ٱللَّهُۖ
- अल्लाह
- laqad
- لَقَدْ
- अलबत्ता तहक़ीक़
- jāat
- جَآءَتْ
- आ गए
- rusulu
- رُسُلُ
- रसूल
- rabbinā
- رَبِّنَا
- हमारे रब के
- bil-ḥaqi
- بِٱلْحَقِّۖ
- साथ हक़ के
- wanūdū
- وَنُودُوٓا۟
- और वो पुकारे जाऐंगे
- an
- أَن
- कि
- til'kumu
- تِلْكُمُ
- ये
- l-janatu
- ٱلْجَنَّةُ
- जन्नत है
- ūrith'tumūhā
- أُورِثْتُمُوهَا
- वारिस बनाए गए हो तुम इसके
- bimā
- بِمَا
- बवजह उसके जो
- kuntum
- كُنتُمْ
- थे तुम
- taʿmalūna
- تَعْمَلُونَ
- तुम अमल करते
उनके सीनों में एक-दूसरे के प्रति जो रंजिश होगी, उसे हम दूर कर देंगे; उनके नीचें नहरें बह रही होंगी और वे कहेंगे, 'प्रशंसा अल्लाह के लिए है, जिसने इसकी ओर हमारा मार्गदर्शन किया। और यदि अल्लाह हमारा मार्गदर्शन न करतो तो हम कदापि मार्ग नहीं पा सकते थे। हमारे रब के रसूल निस्संदेह सत्य लेकर आए थे।' और उन्हें आवाज़ दी जाएगी, 'यह जन्नत है, जिसके तुम वारिस बनाए गए। उन कर्मों के बदले में जो तुम करते रहे थे।' ([७] अल-आराफ़: 43)Tafseer (तफ़सीर )
وَنَادٰٓى اَصْحٰبُ الْجَنَّةِ اَصْحٰبَ النَّارِ اَنْ قَدْ وَجَدْنَا مَا وَعَدَنَا رَبُّنَا حَقًّا فَهَلْ وَجَدْتُّمْ مَّا وَعَدَ رَبُّكُمْ حَقًّا ۗقَالُوْا نَعَمْۚ فَاَذَّنَ مُؤَذِّنٌۢ بَيْنَهُمْ اَنْ لَّعْنَةُ اللّٰهِ عَلَى الظّٰلِمِيْنَ ٤٤
- wanādā
- وَنَادَىٰٓ
- और पुकारेंगे
- aṣḥābu
- أَصْحَٰبُ
- जन्नत वाले
- l-janati
- ٱلْجَنَّةِ
- जन्नत वाले
- aṣḥāba
- أَصْحَٰبَ
- आग वालों को
- l-nāri
- ٱلنَّارِ
- आग वालों को
- an
- أَن
- कि
- qad
- قَدْ
- तहक़ीक़
- wajadnā
- وَجَدْنَا
- पा लिया हमने
- mā
- مَا
- जो
- waʿadanā
- وَعَدَنَا
- वादा किया था हम से
- rabbunā
- رَبُّنَا
- हमारे रब ने
- ḥaqqan
- حَقًّا
- सच्चा
- fahal
- فَهَلْ
- तो क्या
- wajadttum
- وَجَدتُّم
- पा लिया तुमने
- mā
- مَّا
- जो
- waʿada
- وَعَدَ
- वादा किया था
- rabbukum
- رَبُّكُمْ
- तुम्हारे रब ने
- ḥaqqan
- حَقًّاۖ
- सच्चा
- qālū
- قَالُوا۟
- वो कहेंगे
- naʿam
- نَعَمْۚ
- हाँ
- fa-adhana
- فَأَذَّنَ
- तो पुकारेगा
- mu-adhinun
- مُؤَذِّنٌۢ
- एक पुकारने वाला
- baynahum
- بَيْنَهُمْ
- उनके दर्मियान
- an
- أَن
- कि
- laʿnatu
- لَّعْنَةُ
- लानत हो
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह की
- ʿalā
- عَلَى
- ज़ालिमों पर
- l-ẓālimīna
- ٱلظَّٰلِمِينَ
- ज़ालिमों पर
जन्नतवाले आगवालों को पुकारेंगे, 'हमसे हमारे रब ने जो वादा किया था, उसे हमने सच पाया। तो क्या तुमसे तुम्हारे रब ने जो वादा कर रखा था, तुमने भी उसे सच पाया?' वे कहेंगे, 'हाँ।' इतने में एक पुकारनेवाला उनके बीच पुकारेगा, 'अल्लाह की फिटकार है अत्याचारियों पर।' ([७] अल-आराफ़: 44)Tafseer (तफ़सीर )
اَلَّذِيْنَ يَصُدُّوْنَ عَنْ سَبِيْلِ اللّٰهِ وَيَبْغُوْنَهَا عِوَجًاۚ وَهُمْ بِالْاٰخِرَةِ كٰفِرُوْنَۘ ٤٥
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- वो जो
- yaṣuddūna
- يَصُدُّونَ
- रोकते थे
- ʿan
- عَن
- अल्लाह के रास्ते से
- sabīli
- سَبِيلِ
- अल्लाह के रास्ते से
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह के रास्ते से
- wayabghūnahā
- وَيَبْغُونَهَا
- और वो तलाश करते थे उसमें
- ʿiwajan
- عِوَجًا
- टेढ़ापन
- wahum
- وَهُم
- और वो
- bil-ākhirati
- بِٱلْءَاخِرَةِ
- आख़िरत का
- kāfirūna
- كَٰفِرُونَ
- इन्कार करने वाले थे
जो अल्लाह के मार्ग से रोकते और उसे टेढ़ा करना चाहते है और जो आख़िरत का इनकार करते है, ([७] अल-आराफ़: 45)Tafseer (तफ़सीर )
وَبَيْنَهُمَا حِجَابٌۚ وَعَلَى الْاَعْرَافِ رِجَالٌ يَّعْرِفُوْنَ كُلًّا ۢ بِسِيْمٰىهُمْۚ وَنَادَوْا اَصْحٰبَ الْجَنَّةِ اَنْ سَلٰمٌ عَلَيْكُمْۗ لَمْ يَدْخُلُوْهَا وَهُمْ يَطْمَعُوْنَ ٤٦
- wabaynahumā
- وَبَيْنَهُمَا
- और दर्मियान उन दोनों के
- ḥijābun
- حِجَابٌۚ
- एक हिजाब होगा
- waʿalā
- وَعَلَى
- और आराफ़ पर
- l-aʿrāfi
- ٱلْأَعْرَافِ
- और आराफ़ पर
- rijālun
- رِجَالٌ
- कुछ लोग होंगे
- yaʿrifūna
- يَعْرِفُونَ
- वो पहचानते होंगे
- kullan
- كُلًّۢا
- हर एक को
- bisīmāhum
- بِسِيمَىٰهُمْۚ
- उनकी अलामत से
- wanādaw
- وَنَادَوْا۟
- और वो पुकारेंगे
- aṣḥāba
- أَصْحَٰبَ
- जन्नत वालों को
- l-janati
- ٱلْجَنَّةِ
- जन्नत वालों को
- an
- أَن
- कि
- salāmun
- سَلَٰمٌ
- सलाम हो
- ʿalaykum
- عَلَيْكُمْۚ
- तुम पर
- lam
- لَمْ
- नहीं
- yadkhulūhā
- يَدْخُلُوهَا
- वो दाख़िल हुए होंगे उसमें
- wahum
- وَهُمْ
- और वो
- yaṭmaʿūna
- يَطْمَعُونَ
- वो उम्मीद रखते होंगे
और इन दोनों के मध्य एक ओट होगी। और ऊँचाइयों पर कुछ लोग होंगे जो प्रत्येक को उसके लक्षणों से पहचानते होंगे, और जन्नतवालों से पुकारकर कहेंगे, 'तुम पर सलाम है।' वे अभी जन्नत में प्रविष्ट तो नहीं हुए होंगे, यद्यपि वे आस लगाए होंगे ([७] अल-आराफ़: 46)Tafseer (तफ़सीर )
۞ وَاِذَا صُرِفَتْ اَبْصَارُهُمْ تِلْقَاۤءَ اَصْحٰبِ النَّارِۙ قَالُوْا رَبَّنَا لَا تَجْعَلْنَا مَعَ الْقَوْمِ الظّٰلِمِيْنَ ࣖ ٤٧
- wa-idhā
- وَإِذَا
- और जब
- ṣurifat
- صُرِفَتْ
- फेरी जाऐंगी
- abṣāruhum
- أَبْصَٰرُهُمْ
- निगाहें उनकी
- til'qāa
- تِلْقَآءَ
- तरफ़
- aṣḥābi
- أَصْحَٰبِ
- आग वालों के
- l-nāri
- ٱلنَّارِ
- आग वालों के
- qālū
- قَالُوا۟
- वो कहेंगे
- rabbanā
- رَبَّنَا
- ऐ हमारे रब
- lā
- لَا
- ना तू कर हमें
- tajʿalnā
- تَجْعَلْنَا
- ना तू कर हमें
- maʿa
- مَعَ
- साथ उन लोगों के
- l-qawmi
- ٱلْقَوْمِ
- साथ उन लोगों के
- l-ẓālimīna
- ٱلظَّٰلِمِينَ
- जो ज़ालिम हैं
और जब उनकी निगाहें आगवालों की ओर फिरेंगी, तो कहेंगे, 'हमारे रब, हमें अत्याचारी लोगों में न सम्मिलित न करना।' ([७] अल-आराफ़: 47)Tafseer (तफ़सीर )
وَنَادٰٓى اَصْحٰبُ الْاَعْرَافِ رِجَالًا يَّعْرِفُوْنَهُمْ بِسِيْمٰىهُمْ قَالُوْا مَآ اَغْنٰى عَنْكُمْ جَمْعُكُمْ وَمَا كُنْتُمْ تَسْتَكْبِرُوْنَ ٤٨
- wanādā
- وَنَادَىٰٓ
- और पुकारेंगे
- aṣḥābu
- أَصْحَٰبُ
- आराफ़ वाले
- l-aʿrāfi
- ٱلْأَعْرَافِ
- आराफ़ वाले
- rijālan
- رِجَالًا
- कुछ लोगों को
- yaʿrifūnahum
- يَعْرِفُونَهُم
- वो पहचानते होंगे उन्हें
- bisīmāhum
- بِسِيمَىٰهُمْ
- उनकी अलामत से
- qālū
- قَالُوا۟
- वो कहेंगे
- mā
- مَآ
- ना
- aghnā
- أَغْنَىٰ
- काम आई
- ʿankum
- عَنكُمْ
- तुम्हें
- jamʿukum
- جَمْعُكُمْ
- जमाअत तुम्हारी
- wamā
- وَمَا
- और जो कुछ
- kuntum
- كُنتُمْ
- थे तुम
- tastakbirūna
- تَسْتَكْبِرُونَ
- तुम तकब्बुर करते
और ये ऊँचाइयोंवाले कुछ ऐसे लोगों से, जिन्हें ये उनके लक्षणों से पहचानते हैं, कहेंगे, 'तुम्हारे जत्थे तो तुम्हारे कुछ काम न आए और न तुम्हारा अकड़ते रहना ही। ([७] अल-आराफ़: 48)Tafseer (तफ़सीर )
اَهٰٓؤُلَاۤءِ الَّذِيْنَ اَقْسَمْتُمْ لَا يَنَالُهُمُ اللّٰهُ بِرَحْمَةٍۗ اُدْخُلُوا الْجَنَّةَ لَا خَوْفٌ عَلَيْكُمْ وَلَآ اَنْتُمْ تَحْزَنُوْنَ ٤٩
- ahāulāi
- أَهَٰٓؤُلَآءِ
- क्या यही लोग हैं
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- वो जो
- aqsamtum
- أَقْسَمْتُمْ
- क़सम खाई थी तुमने
- lā
- لَا
- नहीं पहुँचाएगा उन्हें
- yanāluhumu
- يَنَالُهُمُ
- नहीं पहुँचाएगा उन्हें
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह
- biraḥmatin
- بِرَحْمَةٍۚ
- कोई रहमत
- ud'khulū
- ٱدْخُلُوا۟
- दाख़िल हो जाओ
- l-janata
- ٱلْجَنَّةَ
- जन्नत में
- lā
- لَا
- नहीं
- khawfun
- خَوْفٌ
- कोई ख़ौफ़ होगा
- ʿalaykum
- عَلَيْكُمْ
- तुम पर
- walā
- وَلَآ
- और ना
- antum
- أَنتُمْ
- तुम
- taḥzanūna
- تَحْزَنُونَ
- तुम ग़मगीन होगे
'क्या ये वही हैं ना, जिनके विषय में तुम क़समें खाते थे कि अल्लाह उनपर अपनी दया-दृष्टि न करेगा।' 'जन्नत में प्रवेश करो, तुम्हारे लिए न कोई भय है और न तुम्हें कोई शोक होगा।' ([७] अल-आराफ़: 49)Tafseer (तफ़सीर )
وَنَادٰٓى اَصْحٰبُ النَّارِ اَصْحٰبَ الْجَنَّةِ اَنْ اَفِيْضُوْا عَلَيْنَا مِنَ الْمَاۤءِ اَوْ مِمَّا رَزَقَكُمُ اللّٰهُ ۗقَالُوْٓا اِنَّ اللّٰهَ حَرَّمَهُمَا عَلَى الْكٰفِرِيْنَۙ ٥٠
- wanādā
- وَنَادَىٰٓ
- और पुकारेंगे
- aṣḥābu
- أَصْحَٰبُ
- आग वाले
- l-nāri
- ٱلنَّارِ
- आग वाले
- aṣḥāba
- أَصْحَٰبَ
- जन्नत वालों को
- l-janati
- ٱلْجَنَّةِ
- जन्नत वालों को
- an
- أَنْ
- कि
- afīḍū
- أَفِيضُوا۟
- डालो
- ʿalaynā
- عَلَيْنَا
- हम पर
- mina
- مِنَ
- कुछ पानी
- l-māi
- ٱلْمَآءِ
- कुछ पानी
- aw
- أَوْ
- या
- mimmā
- مِمَّا
- उससे जो
- razaqakumu
- رَزَقَكُمُ
- रिज़्क़ दिया तुम्हें
- l-lahu
- ٱللَّهُۚ
- अल्लाह ने
- qālū
- قَالُوٓا۟
- वो कहेंगे
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह ने
- ḥarramahumā
- حَرَّمَهُمَا
- हराम कर दिया उन दोनों को
- ʿalā
- عَلَى
- काफ़िरों पर
- l-kāfirīna
- ٱلْكَٰفِرِينَ
- काफ़िरों पर
आगवाले जन्नतवालों को पुकारेंगे कि ,'थोड़ा पानी हमपर बहा दो, या उन चीज़ों में से कुछ दे दो जो अल्लाह ने तुम्हें दी हैं।' वे कहेंगे, 'अल्लाह ने तो ये दोनों चीज़ें इनकार करनेवालों के लिए वर्जित कर दी है।' ([७] अल-आराफ़: 50)Tafseer (तफ़सीर )