اِنَّ الَّذِيْنَ اتَّقَوْا اِذَا مَسَّهُمْ طٰۤىِٕفٌ مِّنَ الشَّيْطٰنِ تَذَكَّرُوْا فَاِذَا هُمْ مُّبْصِرُوْنَۚ ٢٠١
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- वो जिन्होंने
- ittaqaw
- ٱتَّقَوْا۟
- तक़वा किया
- idhā
- إِذَا
- जब
- massahum
- مَسَّهُمْ
- छू जाता है उन्हें
- ṭāifun
- طَٰٓئِفٌ
- कोई ख़्याल
- mina
- مِّنَ
- शैतान की तरफ़ से
- l-shayṭāni
- ٱلشَّيْطَٰنِ
- शैतान की तरफ़ से
- tadhakkarū
- تَذَكَّرُوا۟
- तो वो चौंक पड़ते हैं
- fa-idhā
- فَإِذَا
- फिर यकायक
- hum
- هُم
- वो
- mub'ṣirūna
- مُّبْصِرُونَ
- देखने लगते हैं
जो डर रखते हैं, उन्हें जब शैतान की ओर से कोई ख़याल छू जाता है, तो वे चौंक उठते हैं। फिर वे साफ़ देखने लगते हैं ([७] अल-आराफ़: 201)Tafseer (तफ़सीर )
وَاِخْوَانُهُمْ يَمُدُّوْنَهُمْ فِى الْغَيِّ ثُمَّ لَا يُقْصِرُوْنَ ٢٠٢
- wa-ikh'wānuhum
- وَإِخْوَٰنُهُمْ
- और भाई उन (शैतानों) के
- yamuddūnahum
- يَمُدُّونَهُمْ
- वो खींचते हैं उन्हें
- fī
- فِى
- गुमराही में
- l-ghayi
- ٱلْغَىِّ
- गुमराही में
- thumma
- ثُمَّ
- फिर
- lā
- لَا
- नहीं वो कमी करते
- yuq'ṣirūna
- يُقْصِرُونَ
- नहीं वो कमी करते
और उन (शैतानों) के भाई उन्हें गुमराही में खींचे लिए जाते हैं, फिर वे कोई कमी नहीं करते ([७] अल-आराफ़: 202)Tafseer (तफ़सीर )
وَاِذَا لَمْ تَأْتِهِمْ بِاٰيَةٍ قَالُوْا لَوْلَا اجْتَبَيْتَهَاۗ قُلْ اِنَّمَآ اَتَّبِعُ مَا يُوْحٰٓى اِلَيَّ مِنْ رَّبِّيْۗ هٰذَا بَصَاۤىِٕرُ مِنْ رَّبِّكُمْ وَهُدًى وَّرَحْمَةٌ لِّقَوْمٍ يُّؤْمِنُوْنَ ٢٠٣
- wa-idhā
- وَإِذَا
- और जब
- lam
- لَمْ
- नहीं
- tatihim
- تَأْتِهِم
- आप लाते उनके पास
- biāyatin
- بِـَٔايَةٍ
- कोई निशानी
- qālū
- قَالُوا۟
- वो कहते हैं
- lawlā
- لَوْلَا
- क्यों ना
- ij'tabaytahā
- ٱجْتَبَيْتَهَاۚ
- चुन लाया तू उसे
- qul
- قُلْ
- कह दीजिए
- innamā
- إِنَّمَآ
- बेशक
- attabiʿu
- أَتَّبِعُ
- मैं पैरवी करता हूँ
- mā
- مَا
- उसकी जो
- yūḥā
- يُوحَىٰٓ
- वही की जाती है
- ilayya
- إِلَىَّ
- तरफ़ मेरे
- min
- مِن
- मेरे रब की तरफ़ से
- rabbī
- رَّبِّىۚ
- मेरे रब की तरफ़ से
- hādhā
- هَٰذَا
- ये
- baṣāiru
- بَصَآئِرُ
- बसीरत की बातें हैं
- min
- مِن
- तुम्हारे रब की तरफ़ से
- rabbikum
- رَّبِّكُمْ
- तुम्हारे रब की तरफ़ से
- wahudan
- وَهُدًى
- और हिदायत
- waraḥmatun
- وَرَحْمَةٌ
- और रहमत है
- liqawmin
- لِّقَوْمٍ
- उन लोगों के लिए
- yu'minūna
- يُؤْمِنُونَ
- जो ईमान लाते हैं
और जब तुम उनके सामने कोई निशानी नहीं लाते तो वे कहते हैं, 'तुम स्वयं कोई निशानी क्यों न छाँट लाए?' कह दो, 'मैं तो केवल उसी का अनुसरण करता हूँ जो मेरे रब की ओर से प्रकाशना की जाती है। यह तुम्हारे रब की ओर से अन्तर्दृष्टियों का प्रकाश-पुंज है, और ईमान लानेवालों के लिए मार्गदर्शन और दयालुता है।' ([७] अल-आराफ़: 203)Tafseer (तफ़सीर )
وَاِذَا قُرِئَ الْقُرْاٰنُ فَاسْتَمِعُوْا لَهٗ وَاَنْصِتُوْا لَعَلَّكُمْ تُرْحَمُوْنَ ٢٠٤
- wa-idhā
- وَإِذَا
- और जब
- quri-a
- قُرِئَ
- पढ़ा जाए
- l-qur'ānu
- ٱلْقُرْءَانُ
- क़ुरआन
- fa-is'tamiʿū
- فَٱسْتَمِعُوا۟
- पस ग़ौर से सुनो
- lahu
- لَهُۥ
- उसे
- wa-anṣitū
- وَأَنصِتُوا۟
- और ख़ामोश रहो
- laʿallakum
- لَعَلَّكُمْ
- ताकि तुम
- tur'ḥamūna
- تُرْحَمُونَ
- तुम रहम किए जाओ
जब क़ुरआन पढ़ा जाए तो उसे ध्यानपूर्वक सुनो और चुप रहो, ताकि तुमपर दया की जाए ([७] अल-आराफ़: 204)Tafseer (तफ़सीर )
وَاذْكُرْ رَّبَّكَ فِيْ نَفْسِكَ تَضَرُّعًا وَّخِيْفَةً وَّدُوْنَ الْجَهْرِ مِنَ الْقَوْلِ بِالْغُدُوِّ وَالْاٰصَالِ وَلَا تَكُنْ مِّنَ الْغٰفِلِيْنَ ٢٠٥
- wa-udh'kur
- وَٱذْكُر
- और ज़िक्र कीजिए
- rabbaka
- رَّبَّكَ
- अपने रब का
- fī
- فِى
- अपने दिल में
- nafsika
- نَفْسِكَ
- अपने दिल में
- taḍarruʿan
- تَضَرُّعًا
- आजिज़ी
- wakhīfatan
- وَخِيفَةً
- और ख़ौफ़ से
- wadūna
- وَدُونَ
- और बग़ैर
- l-jahri
- ٱلْجَهْرِ
- बुलन्द
- mina
- مِنَ
- आवाज़ के
- l-qawli
- ٱلْقَوْلِ
- आवाज़ के
- bil-ghuduwi
- بِٱلْغُدُوِّ
- सुबह के वक़्त
- wal-āṣāli
- وَٱلْءَاصَالِ
- और शाम के वक़्त
- walā
- وَلَا
- और ना
- takun
- تَكُن
- हों आप
- mina
- مِّنَ
- ग़ाफ़िलों में से
- l-ghāfilīna
- ٱلْغَٰفِلِينَ
- ग़ाफ़िलों में से
अपने रब को अपने मन में प्रातः और संध्या के समयों में विनम्रतापूर्वक, डरते हुए और हल्की आवाज़ के साथ याद किया करो। और उन लोगों में से न हो जाओ जो ग़फ़लत में पड़े हुए है ([७] अल-आराफ़: 205)Tafseer (तफ़सीर )
اِنَّ الَّذِيْنَ عِنْدَ رَبِّكَ لَا يَسْتَكْبِرُوْنَ عَنْ عِبَادَتِهٖ وَيُسَبِّحُوْنَهٗ وَلَهٗ يَسْجُدُوْنَ ࣖ ۩ ٢٠٦
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- वो (फ़रिश्ते ) जो
- ʿinda
- عِندَ
- आपके रब के पास हैं
- rabbika
- رَبِّكَ
- आपके रब के पास हैं
- lā
- لَا
- नहीं वो तकब्बुर करते
- yastakbirūna
- يَسْتَكْبِرُونَ
- नहीं वो तकब्बुर करते
- ʿan
- عَنْ
- उसकी इबादत से
- ʿibādatihi
- عِبَادَتِهِۦ
- उसकी इबादत से
- wayusabbiḥūnahu
- وَيُسَبِّحُونَهُۥ
- और वो तस्बीह करते हैं उसकी
- walahu
- وَلَهُۥ
- और उसी को
- yasjudūna
- يَسْجُدُونَ۩
- वो सजदा करते हैं
निस्संदेह जो तुम्हारे रब के पास है, वे उसकी बन्दगी के मुक़ाबले में अहंकार की नीति नहीं अपनाते; वे तो उसकी तसबीह (महिमागान) करते है और उसी को सजदा करते है ([७] अल-आराफ़: 206)Tafseer (तफ़सीर )