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सूरा अल-आराफ़ - Page: 12

Al-A'raf

(The Heights)

१११

قَالُوْآ اَرْجِهْ وَاَخَاهُ وَاَرْسِلْ فِى الْمَدَاۤىِٕنِ حٰشِرِيْنَۙ ١١١

qālū
قَالُوٓا۟
उन्होंने कहा
arjih
أَرْجِهْ
इन्तिज़ार में रखो इसे
wa-akhāhu
وَأَخَاهُ
और इसके भाई को
wa-arsil
وَأَرْسِلْ
और भेज दो
فِى
शहरों में
l-madāini
ٱلْمَدَآئِنِ
शहरों में
ḥāshirīna
حَٰشِرِينَ
इकट्ठा करने वाले
उन्होंने कहा, 'इसे और इसके भाई को प्रतीक्षा में रखो और नगरों में हरकारे भेज दो, ([७] अल-आराफ़: 111)
Tafseer (तफ़सीर )
११२

يَأْتُوْكَ بِكُلِّ سٰحِرٍ عَلِيْمٍ ١١٢

yatūka
يَأْتُوكَ
वो ले आऐंगे तेरे पास
bikulli
بِكُلِّ
हर
sāḥirin
سَٰحِرٍ
जादूगर
ʿalīmin
عَلِيمٍ
माहिर को
'कि वे हर कुशल जादूगर को तुम्हारे पास ले आएँ।' ([७] अल-आराफ़: 112)
Tafseer (तफ़सीर )
११३

وَجَاۤءَ السَّحَرَةُ فِرْعَوْنَ قَالُوْٓا اِنَّ لَنَا لَاَجْرًا اِنْ كُنَّا نَحْنُ الْغٰلِبِيْنَ ١١٣

wajāa
وَجَآءَ
और आए
l-saḥaratu
ٱلسَّحَرَةُ
जादूगर
fir'ʿawna
فِرْعَوْنَ
फ़िरऔन के पास
qālū
قَالُوٓا۟
वो कहने लगे
inna
إِنَّ
बेशक
lanā
لَنَا
हमारे लिए
la-ajran
لَأَجْرًا
अलबत्ता अजर (इनाम ) होगा
in
إِن
अगर
kunnā
كُنَّا
हुए हम
naḥnu
نَحْنُ
हम
l-ghālibīna
ٱلْغَٰلِبِينَ
ग़ालिब
अतएव जादूगर फ़िरऔन के पास आ गए। कहने लगे, 'यदि हम विजयी हुए तो अवश्य ही हमें बड़ा बदला मिलेगा?' ([७] अल-आराफ़: 113)
Tafseer (तफ़सीर )
११४

قَالَ نَعَمْ وَاِنَّكُمْ لَمِنَ الْمُقَرَّبِيْنَ ١١٤

qāla
قَالَ
उसने कहा
naʿam
نَعَمْ
हाँ
wa-innakum
وَإِنَّكُمْ
और बेशक तुम
lamina
لَمِنَ
अलबत्ता मुक़र्रबीन में से होगे
l-muqarabīna
ٱلْمُقَرَّبِينَ
अलबत्ता मुक़र्रबीन में से होगे
उसने कहा, 'हाँ, और बेशक तुम (मेरे) क़रीबियों में से हो जाओगे।' ([७] अल-आराफ़: 114)
Tafseer (तफ़सीर )
११५

قَالُوْا يٰمُوْسٰٓى اِمَّآ اَنْ تُلْقِيَ وَاِمَّآ اَنْ نَّكُوْنَ نَحْنُ الْمُلْقِيْنَ ١١٥

qālū
قَالُوا۟
उन्होंने कहा
yāmūsā
يَٰمُوسَىٰٓ
ऐ मूसा
immā
إِمَّآ
या
an
أَن
ये कि
tul'qiya
تُلْقِىَ
तुम डालो
wa-immā
وَإِمَّآ
और या
an
أَن
ये कि
nakūna
نَّكُونَ
हम हों
naḥnu
نَحْنُ
हम ही
l-mul'qīna
ٱلْمُلْقِينَ
डालने वाले
उन्होंने कहा, 'ऐ मूसा! या तुम डालो या फिर हम डालते हैं?' ([७] अल-आराफ़: 115)
Tafseer (तफ़सीर )
११६

قَالَ اَلْقُوْاۚ فَلَمَّآ اَلْقَوْا سَحَرُوْٓا اَعْيُنَ النَّاسِ وَاسْتَرْهَبُوْهُمْ وَجَاۤءُوْ بِسِحْرٍ عَظِيْمٍ ١١٦

qāla
قَالَ
उसने कहा
alqū
أَلْقُوا۟ۖ
तुम डालो
falammā
فَلَمَّآ
तो जब
alqaw
أَلْقَوْا۟
उन्होंने डाला
saḥarū
سَحَرُوٓا۟
उन्होंने मसहूर कर दिया
aʿyuna
أَعْيُنَ
निगाहों को
l-nāsi
ٱلنَّاسِ
लोगों की
wa-is'tarhabūhum
وَٱسْتَرْهَبُوهُمْ
और उन्होंने ख़ौफ़ज़दा कर दिया उन्हें
wajāū
وَجَآءُو
और वो लाए
bisiḥ'rin
بِسِحْرٍ
जादू
ʿaẓīmin
عَظِيمٍ
बहुत बड़ा
उसने कहा, 'तुम ही डालो।' फिर उन्होंने डाला तो लोगो की आँखों पर जादू कर दिया और उन्हें भयभीत कर दिया। उन्होंने एक बहुत बड़े जादू का प्रदर्शन किया ([७] अल-आराफ़: 116)
Tafseer (तफ़सीर )
११७

۞ وَاَوْحَيْنَآ اِلٰى مُوْسٰٓى اَنْ اَلْقِ عَصَاكَۚ فَاِذَا هِيَ تَلْقَفُ مَا يَأْفِكُوْنَۚ ١١٧

wa-awḥaynā
وَأَوْحَيْنَآ
और वही की हमने
ilā
إِلَىٰ
तरफ़ मूसा के
mūsā
مُوسَىٰٓ
तरफ़ मूसा के
an
أَنْ
ये कि
alqi
أَلْقِ
फेंको तुम
ʿaṣāka
عَصَاكَۖ
लाठी अपनी
fa-idhā
فَإِذَا
तो यकायक
hiya
هِىَ
वो
talqafu
تَلْقَفُ
वो निगल रही थी
مَا
उसे जो
yafikūna
يَأْفِكُونَ
वो गढ़ लाए थे
हमने मूसा की ओर प्रकाशना कि कि 'अपनी लाठी डाल दे।' फिर क्या देखते है कि वह उनके रचें हुए स्वांग को निगलती जा रही है ([७] अल-आराफ़: 117)
Tafseer (तफ़सीर )
११८

فَوَقَعَ الْحَقُّ وَبَطَلَ مَا كَانُوْا يَعْمَلُوْنَۚ ١١٨

fawaqaʿa
فَوَقَعَ
तो साबित हो गया
l-ḥaqu
ٱلْحَقُّ
हक़
wabaṭala
وَبَطَلَ
और बातिल हो गया
مَا
जो
kānū
كَانُوا۟
थे वो
yaʿmalūna
يَعْمَلُونَ
वो अमल करते
इस प्रकार सत्य प्रकट हो गया और जो कुछ वे कर रहे थे, मिथ्या होकर रहा ([७] अल-आराफ़: 118)
Tafseer (तफ़सीर )
११९

فَغُلِبُوْا هُنَالِكَ وَانْقَلَبُوْا صٰغِرِيْنَۚ ١١٩

faghulibū
فَغُلِبُوا۟
पस मग़लूब कर दिए गए
hunālika
هُنَالِكَ
उसी जगह
wa-inqalabū
وَٱنقَلَبُوا۟
और वो पलटे
ṣāghirīna
صَٰغِرِينَ
ज़लील होकर
अतः वे पराभूत हो गए और अपमानित होकर रहे ([७] अल-आराफ़: 119)
Tafseer (तफ़सीर )
१२०

وَاُلْقِيَ السَّحَرَةُ سٰجِدِيْنَۙ ١٢٠

wa-ul'qiya
وَأُلْقِىَ
और डाल दिए गए
l-saḥaratu
ٱلسَّحَرَةُ
जादूगर
sājidīna
سَٰجِدِينَ
सजदे में
और जादूगर सहसा सजदे में गिर पड़े ([७] अल-आराफ़: 120)
Tafseer (तफ़सीर )