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सूरा अत-तहरिम - Page: 2

At-Tahrim

(Banning, Prohibition)

११

وَضَرَبَ اللّٰهُ مَثَلًا لِّلَّذِيْنَ اٰمَنُوا امْرَاَتَ فِرْعَوْنَۘ اِذْ قَالَتْ رَبِّ ابْنِ لِيْ عِنْدَكَ بَيْتًا فِى الْجَنَّةِ وَنَجِّنِيْ مِنْ فِرْعَوْنَ وَعَمَلِهٖ وَنَجِّنِيْ مِنَ الْقَوْمِ الظّٰلِمِيْنَۙ ١١

waḍaraba
وَضَرَبَ
और बयान की
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
mathalan
مَثَلًا
एक मिसाल
lilladhīna
لِّلَّذِينَ
उनके लिए जो
āmanū
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
im'ra-ata
ٱمْرَأَتَ
फ़िरऔन की बीवी की
fir'ʿawna
فِرْعَوْنَ
फ़िरऔन की बीवी की
idh
إِذْ
जब
qālat
قَالَتْ
उसने कहा
rabbi
رَبِّ
ऐ मेरे रब
ib'ni
ٱبْنِ
बना
لِى
मेरे लिए
ʿindaka
عِندَكَ
अपने पास
baytan
بَيْتًا
एक घर
فِى
जन्नत में
l-janati
ٱلْجَنَّةِ
जन्नत में
wanajjinī
وَنَجِّنِى
और निजात दे मुझे
min
مِن
फ़िरऔन से
fir'ʿawna
فِرْعَوْنَ
फ़िरऔन से
waʿamalihi
وَعَمَلِهِۦ
और उसके अमल से
wanajjinī
وَنَجِّنِى
और निजात दे मुझे
mina
مِنَ
उन लोगों से
l-qawmi
ٱلْقَوْمِ
उन लोगों से
l-ẓālimīna
ٱلظَّٰلِمِينَ
जो ज़ालिम हैं
और ईमान लानेवालों के लिए अल्लाह ने फ़िरऔन की स्त्री की मिसाल पेश की है, जबकि उसने कहा, 'ऐ मेरे रब! तू मेरे लिए अपने पास जन्नत में एक घर बना और मुझे फ़िरऔन और उसके कर्म से छुटकारा दे, और छुटकारा दे मुझे ज़ालिम लोगों से।' ([६६] अत-तहरिम: 11)
Tafseer (तफ़सीर )
१२

وَمَرْيَمَ ابْنَتَ عِمْرٰنَ الَّتِيْٓ اَحْصَنَتْ فَرْجَهَا فَنَفَخْنَا فِيْهِ مِنْ رُّوْحِنَا وَصَدَّقَتْ بِكَلِمٰتِ رَبِّهَا وَكُتُبِهٖ وَكَانَتْ مِنَ الْقٰنِتِيْنَ ࣖ ۔ ١٢

wamaryama
وَمَرْيَمَ
और मरियम
ib'nata
ٱبْنَتَ
बेटी
ʿim'rāna
عِمْرَٰنَ
इमरान की
allatī
ٱلَّتِىٓ
वो जिसने
aḥṣanat
أَحْصَنَتْ
महफ़ूज़ रखा
farjahā
فَرْجَهَا
अपनी शर्मगाह को
fanafakhnā
فَنَفَخْنَا
तो फ़ूँक दिया हमने
fīhi
فِيهِ
उसमें
min
مِن
अपनी रूह से
rūḥinā
رُّوحِنَا
अपनी रूह से
waṣaddaqat
وَصَدَّقَتْ
और उसने तस्दीक़ की
bikalimāti
بِكَلِمَٰتِ
कलमात की
rabbihā
رَبِّهَا
अपने रब के
wakutubihi
وَكُتُبِهِۦ
और उसकी किताबों की
wakānat
وَكَانَتْ
और थी वो
mina
مِنَ
फ़रमाबरदारों में से
l-qānitīna
ٱلْقَٰنِتِينَ
फ़रमाबरदारों में से
और इमरान की बेटी मरयम की मिसाल पेश ही है जिसने अपने सतीत्व की रक्षा की थी, फिर हमने उस स्त्री के भीतर अपनी रूह फूँक दी और उसने अपने रब के बोलों और उसकी किताबों की पुष्टि की और वह भक्ति-प्रवृत्त आज्ञाकारियों में से थी ([६६] अत-तहरिम: 12)
Tafseer (तफ़सीर )