يٰٓاَيُّهَا النَّبِيُّ لِمَ تُحَرِّمُ مَآ اَحَلَّ اللّٰهُ لَكَۚ تَبْتَغِيْ مَرْضَاتَ اَزْوَاجِكَۗ وَاللّٰهُ غَفُوْرٌ رَّحِيْمٌ ١
- yāayyuhā
- يَٰٓأَيُّهَا
- ऐ
- l-nabiyu
- ٱلنَّبِىُّ
- नबी
- lima
- لِمَ
- क्यों
- tuḥarrimu
- تُحَرِّمُ
- आप हराम करते हैं
- mā
- مَآ
- उसको जो
- aḥalla
- أَحَلَّ
- हलाल किया
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह ने
- laka
- لَكَۖ
- आपके लिए
- tabtaghī
- تَبْتَغِى
- आप चाहते हैं
- marḍāta
- مَرْضَاتَ
- रज़ामन्दी
- azwājika
- أَزْوَٰجِكَۚ
- अपनी बीवियों की
- wal-lahu
- وَٱللَّهُ
- और अल्लाह
- ghafūrun
- غَفُورٌ
- बहुत बख़्शने वाला है
- raḥīmun
- رَّحِيمٌ
- निहायत रहम करने वाला है
ऐ नबी! जिस चीज़ को अल्लाह ने तुम्हारे लिए वैध ठहराया है उसे तुम अपनी पत्नियों की प्रसन्नता प्राप्त करने के लिए क्यो अवैध करते हो? अल्लाह बड़ा क्षमाशील, अत्यन्त दयावान है ([६६] अत-तहरिम: 1)Tafseer (तफ़सीर )
قَدْ فَرَضَ اللّٰهُ لَكُمْ تَحِلَّةَ اَيْمَانِكُمْۚ وَاللّٰهُ مَوْلٰىكُمْۚ وَهُوَ الْعَلِيْمُ الْحَكِيْمُ ٢
- qad
- قَدْ
- तहक़ीक़
- faraḍa
- فَرَضَ
- मुक़र्रर कर दिया है
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह ने
- lakum
- لَكُمْ
- तुम्हारे लिए
- taḥillata
- تَحِلَّةَ
- खोलना (कफ़्फ़ारा)
- aymānikum
- أَيْمَٰنِكُمْۚ
- तुम्हारी क़समों का
- wal-lahu
- وَٱللَّهُ
- और अल्लाह
- mawlākum
- مَوْلَىٰكُمْۖ
- मौला है तुम्हारा
- wahuwa
- وَهُوَ
- और वो ही है
- l-ʿalīmu
- ٱلْعَلِيمُ
- ख़ूब इल्म वाला
- l-ḥakīmu
- ٱلْحَكِيمُ
- ख़ूब हिकमत वाला
अल्लाह ने तुम लोगों के लिए तुम्हारी अपनी क़समों की पाबंदी से निकलने का उपाय निश्चित कर दिया है। अल्लाह तुम्हारा संरक्षक है और वही सर्वज्ञ, अत्यन्त तत्वदर्शी है ([६६] अत-तहरिम: 2)Tafseer (तफ़सीर )
وَاِذْ اَسَرَّ النَّبِيُّ اِلٰى بَعْضِ اَزْوَاجِهٖ حَدِيْثًاۚ فَلَمَّا نَبَّاَتْ بِهٖ وَاَظْهَرَهُ اللّٰهُ عَلَيْهِ عَرَّفَ بَعْضَهٗ وَاَعْرَضَ عَنْۢ بَعْضٍۚ فَلَمَّا نَبَّاَهَا بِهٖ قَالَتْ مَنْ اَنْۢبَاَكَ هٰذَاۗ قَالَ نَبَّاَنِيَ الْعَلِيْمُ الْخَبِيْرُ ٣
- wa-idh
- وَإِذْ
- और जब
- asarra
- أَسَرَّ
- छुपा कर की
- l-nabiyu
- ٱلنَّبِىُّ
- नबी ने
- ilā
- إِلَىٰ
- तरफ़ बाज़
- baʿḍi
- بَعْضِ
- तरफ़ बाज़
- azwājihi
- أَزْوَٰجِهِۦ
- अपनी बीवियों के
- ḥadīthan
- حَدِيثًا
- एक बात
- falammā
- فَلَمَّا
- तो जब
- nabba-at
- نَبَّأَتْ
- उसने ख़बर दे दी
- bihi
- بِهِۦ
- उसकी
- wa-aẓharahu
- وَأَظْهَرَهُ
- और ज़ाहिर कर दिया उसे
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह ने
- ʿalayhi
- عَلَيْهِ
- उस पर
- ʿarrafa
- عَرَّفَ
- उसने बता दिया
- baʿḍahu
- بَعْضَهُۥ
- बाज़ हिस्सा उसका
- wa-aʿraḍa
- وَأَعْرَضَ
- और उसने ऐराज़ किया
- ʿan
- عَنۢ
- बाज़ से
- baʿḍin
- بَعْضٍۖ
- बाज़ से
- falammā
- فَلَمَّا
- तो जब
- nabba-ahā
- نَبَّأَهَا
- उसने ख़बर दी उसे
- bihi
- بِهِۦ
- उस (बात) की
- qālat
- قَالَتْ
- वो कहने लगी
- man
- مَنْ
- किस ने
- anba-aka
- أَنۢبَأَكَ
- ख़बर दी आपको
- hādhā
- هَٰذَاۖ
- इसकी
- qāla
- قَالَ
- कहा
- nabba-aniya
- نَبَّأَنِىَ
- ख़बर दी मुझे
- l-ʿalīmu
- ٱلْعَلِيمُ
- ख़ूब इल्म वाले ने
- l-khabīru
- ٱلْخَبِيرُ
- बहुत बाख़बर ने
जब नबी ने अपनी पत्ऩियों में से किसी से एक गोपनीय बात कही, फिर जब उसने उसकी ख़बर कर दी और अल्लाह ने उसे उसपर ज़ाहिर कर दिया, तो उसने उसे किसी हद तक बता दिया और किसी हद तक टाल गया। फिर जब उसने उसकी उसे ख़बर की तो वह बोली, 'आपको इसकी ख़बर किसने दी?' उसने कहा, 'मुझे उसने ख़बर दी जो सब कुछ जाननेवाला, ख़बर रखनेवाला है।' ([६६] अत-तहरिम: 3)Tafseer (तफ़सीर )
اِنْ تَتُوْبَآ اِلَى اللّٰهِ فَقَدْ صَغَتْ قُلُوْبُكُمَاۚ وَاِنْ تَظٰهَرَا عَلَيْهِ فَاِنَّ اللّٰهَ هُوَ مَوْلٰىهُ وَجِبْرِيْلُ وَصَالِحُ الْمُؤْمِنِيْنَۚ وَالْمَلٰۤىِٕكَةُ بَعْدَ ذٰلِكَ ظَهِيْرٌ ٤
- in
- إِن
- अगर
- tatūbā
- تَتُوبَآ
- तुम दोनों तौबा करो
- ilā
- إِلَى
- तरफ़ अल्लाह के
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- तरफ़ अल्लाह के
- faqad
- فَقَدْ
- पस तहक़ीक़
- ṣaghat
- صَغَتْ
- झुक पड़े हैं
- qulūbukumā
- قُلُوبُكُمَاۖ
- दिल तुम दोनों के
- wa-in
- وَإِن
- और अगर
- taẓāharā
- تَظَٰهَرَا
- तुम एक दूसरे की मदद करोगी
- ʿalayhi
- عَلَيْهِ
- उसके ख़िलाफ़
- fa-inna
- فَإِنَّ
- पस बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- huwa
- هُوَ
- वो
- mawlāhu
- مَوْلَىٰهُ
- मौला है उसका
- wajib'rīlu
- وَجِبْرِيلُ
- और जिबराईल
- waṣāliḥu
- وَصَٰلِحُ
- और नेक
- l-mu'minīna
- ٱلْمُؤْمِنِينَۖ
- मोमिनीन
- wal-malāikatu
- وَٱلْمَلَٰٓئِكَةُ
- और फ़रिश्ते
- baʿda
- بَعْدَ
- बाद
- dhālika
- ذَٰلِكَ
- उसके
- ẓahīrun
- ظَهِيرٌ
- मददगार हैं
यदि तुम दोनों अल्लाह की ओर रुजू हो तो तुम्हारे दिल तो झुक ही चुके हैं, किन्तु यदि तुम उसके विरुद्ध एक-दूसरे की सहायता करोगी तो अल्लाह उसकी संरक्षक है, और जिबरील और नेक ईमानवाले भी, और इसके बाद फ़रिश्ते भी उसके सहायक है ([६६] अत-तहरिम: 4)Tafseer (तफ़सीर )
عَسٰى رَبُّهٗٓ اِنْ طَلَّقَكُنَّ اَنْ يُّبْدِلَهٗٓ اَزْوَاجًا خَيْرًا مِّنْكُنَّ مُسْلِمٰتٍ مُّؤْمِنٰتٍ قٰنِتٰتٍ تٰۤىِٕبٰتٍ عٰبِدٰتٍ سٰۤىِٕحٰتٍ ثَيِّبٰتٍ وَّاَبْكَارًا ٥
- ʿasā
- عَسَىٰ
- उम्मीद है
- rabbuhu
- رَبُّهُۥٓ
- रब उसका
- in
- إِن
- अगर
- ṭallaqakunna
- طَلَّقَكُنَّ
- वो तलाक़ दे दे तुम्हें
- an
- أَن
- कि
- yub'dilahu
- يُبْدِلَهُۥٓ
- वो बदल कर दे दे उसे
- azwājan
- أَزْوَٰجًا
- बीवियाँ
- khayran
- خَيْرًا
- बेहतर
- minkunna
- مِّنكُنَّ
- तुम से
- mus'limātin
- مُسْلِمَٰتٍ
- मुसलमान
- mu'minātin
- مُّؤْمِنَٰتٍ
- मोमिन
- qānitātin
- قَٰنِتَٰتٍ
- इताअत गुज़ार
- tāibātin
- تَٰٓئِبَٰتٍ
- तौबा गुज़ार
- ʿābidātin
- عَٰبِدَٰتٍ
- इबादत गुज़ार
- sāiḥātin
- سَٰٓئِحَٰتٍ
- रोज़ा दार
- thayyibātin
- ثَيِّبَٰتٍ
- शौहर दीदा
- wa-abkāran
- وَأَبْكَارًا
- और कुवारियाँ
इसकी बहुत सम्भावना है कि यदि वह तुम्हें तलाक़ दे दे तो उसका रब तुम्हारे बदले में तुमसे अच्छी पत्ऩियाँ उसे प्रदान करे - मुस्लिम, ईमानवाली, आज्ञाकारिणी, तौबा करनेवाली, इबादत करनेवाली, (अल्लाह के मार्ग में) सफ़र करनेवाली, विवाहिता और कुँवारियाँ भी ([६६] अत-तहरिम: 5)Tafseer (तफ़सीर )
يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا قُوْٓا اَنْفُسَكُمْ وَاَهْلِيْكُمْ نَارًا وَّقُوْدُهَا النَّاسُ وَالْحِجَارَةُ عَلَيْهَا مَلٰۤىِٕكَةٌ غِلَاظٌ شِدَادٌ لَّا يَعْصُوْنَ اللّٰهَ مَآ اَمَرَهُمْ وَيَفْعَلُوْنَ مَا يُؤْمَرُوْنَ ٦
- yāayyuhā
- يَٰٓأَيُّهَا
- ऐ लोगो जो
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- ऐ लोगो जो
- āmanū
- ءَامَنُوا۟
- ईमान लाए हो
- qū
- قُوٓا۟
- बचाओ
- anfusakum
- أَنفُسَكُمْ
- अपने आपको
- wa-ahlīkum
- وَأَهْلِيكُمْ
- और अपने घर वालों को
- nāran
- نَارًا
- ऐसी आग से
- waqūduhā
- وَقُودُهَا
- ईंधन होगा उसका
- l-nāsu
- ٱلنَّاسُ
- लोग
- wal-ḥijāratu
- وَٱلْحِجَارَةُ
- और पत्थर
- ʿalayhā
- عَلَيْهَا
- उस पर
- malāikatun
- مَلَٰٓئِكَةٌ
- फ़रिश्ते हैं
- ghilāẓun
- غِلَاظٌ
- सख़्त
- shidādun
- شِدَادٌ
- ज़बरदस्त
- lā
- لَّا
- नहीं वो नाफ़रमानी करते
- yaʿṣūna
- يَعْصُونَ
- नहीं वो नाफ़रमानी करते
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह की
- mā
- مَآ
- उसमें जिसका
- amarahum
- أَمَرَهُمْ
- उसने हुक्म दिया उन्हें
- wayafʿalūna
- وَيَفْعَلُونَ
- और वो करते हैं
- mā
- مَا
- जिसका
- yu'marūna
- يُؤْمَرُونَ
- वो हुक्म दिए जाते हैं
ऐ ईमान लानेवालो! अपने आपको और अपने घरवालों को उस आग से बचाओ जिसका ईधन मनुष्य और पत्थर होंगे, जिसपर कठोर स्वभाव के ऐसे बलशाली फ़रिश्ते नियुक्त होंगे जो अल्लाह की अवज्ञा उसमें नहीं करेंगे जो आदेश भी वह उन्हें देगा, और वे वही करेंगे जिसका उन्हें आदेश दिया जाएगा ([६६] अत-तहरिम: 6)Tafseer (तफ़सीर )
يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ كَفَرُوْا لَا تَعْتَذِرُوا الْيَوْمَۗ اِنَّمَا تُجْزَوْنَ مَا كُنْتُمْ تَعْمَلُوْنَ ࣖ ٧
- yāayyuhā
- يَٰٓأَيُّهَا
- ऐ लोगो जिन्होंने
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- ऐ लोगो जिन्होंने
- kafarū
- كَفَرُوا۟
- कुफ़्र किया
- lā
- لَا
- ना तुम मअज़रत करो
- taʿtadhirū
- تَعْتَذِرُوا۟
- ना तुम मअज़रत करो
- l-yawma
- ٱلْيَوْمَۖ
- आज के दिन
- innamā
- إِنَّمَا
- बेशक
- tuj'zawna
- تُجْزَوْنَ
- तुम बदला दिए जा रहे हो
- mā
- مَا
- उसका जो
- kuntum
- كُنتُمْ
- थे तुम
- taʿmalūna
- تَعْمَلُونَ
- तुम अमल करते
ऐ इनकार करनेवालो! आज उज़्र पेश न करो। तुम्हें बदले में वही तो दिया जा रहा है जो कुछ तुम करते रहे हो ([६६] अत-तहरिम: 7)Tafseer (तफ़सीर )
يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا تُوْبُوْٓا اِلَى اللّٰهِ تَوْبَةً نَّصُوْحًاۗ عَسٰى رَبُّكُمْ اَنْ يُّكَفِّرَ عَنْكُمْ سَيِّاٰتِكُمْ وَيُدْخِلَكُمْ جَنّٰتٍ تَجْرِيْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُۙ يَوْمَ لَا يُخْزِى اللّٰهُ النَّبِيَّ وَالَّذِيْنَ اٰمَنُوْا مَعَهٗۚ نُوْرُهُمْ يَسْعٰى بَيْنَ اَيْدِيْهِمْ وَبِاَيْمَانِهِمْ يَقُوْلُوْنَ رَبَّنَآ اَتْمِمْ لَنَا نُوْرَنَا وَاغْفِرْ لَنَاۚ اِنَّكَ عَلٰى كُلِّ شَيْءٍ قَدِيْرٌ ٨
- yāayyuhā
- يَٰٓأَيُّهَا
- ऐ लोगो जो
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- ऐ लोगो जो
- āmanū
- ءَامَنُوا۟
- ईमान लाए हो
- tūbū
- تُوبُوٓا۟
- तौबा करो
- ilā
- إِلَى
- तरफ़ अल्लाह के
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- तरफ़ अल्लाह के
- tawbatan
- تَوْبَةً
- तौबा
- naṣūḥan
- نَّصُوحًا
- ख़ालिस
- ʿasā
- عَسَىٰ
- उम्मीद है
- rabbukum
- رَبُّكُمْ
- रब तुम्हारा
- an
- أَن
- कि
- yukaffira
- يُكَفِّرَ
- वो दूर कर देगा
- ʿankum
- عَنكُمْ
- तुम से
- sayyiātikum
- سَيِّـَٔاتِكُمْ
- बुराइयाँ तुम्हारी
- wayud'khilakum
- وَيُدْخِلَكُمْ
- और वो दाख़िल कर देगा तुम्हें
- jannātin
- جَنَّٰتٍ
- बाग़ात में
- tajrī
- تَجْرِى
- बहती हैं
- min
- مِن
- उनके नीचे से
- taḥtihā
- تَحْتِهَا
- उनके नीचे से
- l-anhāru
- ٱلْأَنْهَٰرُ
- नहरें
- yawma
- يَوْمَ
- जिस दिन
- lā
- لَا
- ना रुस्वा करेगा
- yukh'zī
- يُخْزِى
- ना रुस्वा करेगा
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह
- l-nabiya
- ٱلنَّبِىَّ
- नबी को
- wa-alladhīna
- وَٱلَّذِينَ
- और उन्हें जो
- āmanū
- ءَامَنُوا۟
- ईमान लाए
- maʿahu
- مَعَهُۥۖ
- साथ उसके
- nūruhum
- نُورُهُمْ
- नूर उनका
- yasʿā
- يَسْعَىٰ
- दौड़ता होगा
- bayna
- بَيْنَ
- उनके आगे
- aydīhim
- أَيْدِيهِمْ
- उनके आगे
- wabi-aymānihim
- وَبِأَيْمَٰنِهِمْ
- और उनके दाऐं
- yaqūlūna
- يَقُولُونَ
- वो कहेंगे
- rabbanā
- رَبَّنَآ
- ऐ हमारे रब
- atmim
- أَتْمِمْ
- तमाम कर दे
- lanā
- لَنَا
- हमारे लिए
- nūranā
- نُورَنَا
- नूर हमारा
- wa-igh'fir
- وَٱغْفِرْ
- और बख़्श दे
- lanā
- لَنَآۖ
- हमें
- innaka
- إِنَّكَ
- बेशक तू
- ʿalā
- عَلَىٰ
- ऊपर
- kulli
- كُلِّ
- हर
- shayin
- شَىْءٍ
- चीज़ के
- qadīrun
- قَدِيرٌ
- ख़ूब क़ुदरत रखने वाला है
ऐ ईमान लानेवाले! अल्लाह के आगे तौबा करो, विशुद्ध तौबा। बहुत सम्भव है कि तुम्हारा रब तुम्हारी बुराइयाँ तुमसे दूर कर दे और तुम्हें ऐसे बाग़ों में दाख़िल करे जिनके नीचे नहरे बह रही होंगी, जिस दिन अल्लाह नबी को और उनको जो ईमान लाकर उसके साथ हुए, रुसवा न करेगा। उनका प्रकाश उनके आगे-आगे दौड़ रहा होगा और उनके दाहिने हाथ मे होगा। वे कह रहे होंगे, 'ऐ हमारे रब! हमारे लिए हमारे प्रकाश को पूर्ण कर दे और हमें क्षमा कर। निश्चय ही तू हर चीज़ की सामर्थ्य रखता है।' ([६६] अत-तहरिम: 8)Tafseer (तफ़सीर )
يٰٓاَيُّهَا النَّبِيُّ جَاهِدِ الْكُفَّارَ وَالْمُنٰفِقِيْنَ وَاغْلُظْ عَلَيْهِمْۗ وَمَأْوٰىهُمْ جَهَنَّمُۗ وَبِئْسَ الْمَصِيْرُ ٩
- yāayyuhā
- يَٰٓأَيُّهَا
- ऐ
- l-nabiyu
- ٱلنَّبِىُّ
- नबी
- jāhidi
- جَٰهِدِ
- जिहाद कीजिए
- l-kufāra
- ٱلْكُفَّارَ
- काफ़िरों से
- wal-munāfiqīna
- وَٱلْمُنَٰفِقِينَ
- और मुनाफ़िक़ों से
- wa-ugh'luẓ
- وَٱغْلُظْ
- और सख़्ती कीजिए
- ʿalayhim
- عَلَيْهِمْۚ
- उन पर
- wamawāhum
- وَمَأْوَىٰهُمْ
- और ठिकाना उनका
- jahannamu
- جَهَنَّمُۖ
- जहन्नम है
- wabi'sa
- وَبِئْسَ
- और कितनी बुरी है
- l-maṣīru
- ٱلْمَصِيرُ
- लौटने की जगह
ऐ नबी! इनकार करनेवालों और कपटाचारियों से जिहाद करो और उनके साथ सख़्ती से पेश आओ। उनका ठिकाना जहन्नम है और वह अन्ततः पहुँचने की बहुत बुरी जगह है ([६६] अत-तहरिम: 9)Tafseer (तफ़सीर )
ضَرَبَ اللّٰهُ مَثَلًا لِّلَّذِيْنَ كَفَرُوا امْرَاَتَ نُوْحٍ وَّامْرَاَتَ لُوْطٍۗ كَانَتَا تَحْتَ عَبْدَيْنِ مِنْ عِبَادِنَا صَالِحَيْنِ فَخَانَتٰهُمَا فَلَمْ يُغْنِيَا عَنْهُمَا مِنَ اللّٰهِ شَيْـًٔا وَّقِيْلَ ادْخُلَا النَّارَ مَعَ الدَّاخِلِيْنَ ١٠
- ḍaraba
- ضَرَبَ
- बयान की
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह ने
- mathalan
- مَثَلًا
- एक मिसाल
- lilladhīna
- لِّلَّذِينَ
- उनके लिए जिन्होंने
- kafarū
- كَفَرُوا۟
- कुफ़्र किया
- im'ra-ata
- ٱمْرَأَتَ
- नूह की बीवी की
- nūḥin
- نُوحٍ
- नूह की बीवी की
- wa-im'ra-ata
- وَٱمْرَأَتَ
- और लूत की बीवी की
- lūṭin
- لُوطٍۖ
- और लूत की बीवी की
- kānatā
- كَانَتَا
- वो दोनों थीं
- taḥta
- تَحْتَ
- नीचे
- ʿabdayni
- عَبْدَيْنِ
- दो बन्दों के
- min
- مِنْ
- हमारे बन्दों में से
- ʿibādinā
- عِبَادِنَا
- हमारे बन्दों में से
- ṣāliḥayni
- صَٰلِحَيْنِ
- जो दोनों नेक थे
- fakhānatāhumā
- فَخَانَتَاهُمَا
- तो उन दोनों ने ख़ियानत की
- falam
- فَلَمْ
- तो ना
- yugh'niyā
- يُغْنِيَا
- वो दोनों काम आ सके
- ʿanhumā
- عَنْهُمَا
- उन दोनों के
- mina
- مِنَ
- अल्लाह से
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह से
- shayan
- شَيْـًٔا
- कुछ भी
- waqīla
- وَقِيلَ
- और कह दिया गया
- ud'khulā
- ٱدْخُلَا
- दोनों दाख़िल हो जाओ
- l-nāra
- ٱلنَّارَ
- आग में
- maʿa
- مَعَ
- साथ दाख़िल होने वालों के
- l-dākhilīna
- ٱلدَّٰخِلِينَ
- साथ दाख़िल होने वालों के
अल्लाह ने इनकार करनेवालों के लिए नूह की स्त्री और लूत की स्त्री की मिसाल पेश की है। वे हमारे बन्दों में से दो नेक बन्दों के अधीन थीं। किन्तु उन दोनों स्त्रियों ने उनसे विश्वासघात किया तो अल्लाह के मुक़ाबले में उनके कुछ काम न आ सके और कह दिया गया, 'प्रवेश करनेवालों के साथ दोनों आग में प्रविष्ट हो जाओ।' ([६६] अत-तहरिम: 10)Tafseer (तफ़सीर )