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सूरा अत-तहरिम - शब्द द्वारा शब्द

At-Tahrim

(Banning, Prohibition)

bismillaahirrahmaanirrahiim

يٰٓاَيُّهَا النَّبِيُّ لِمَ تُحَرِّمُ مَآ اَحَلَّ اللّٰهُ لَكَۚ تَبْتَغِيْ مَرْضَاتَ اَزْوَاجِكَۗ وَاللّٰهُ غَفُوْرٌ رَّحِيْمٌ ١

yāayyuhā
يَٰٓأَيُّهَا
l-nabiyu
ٱلنَّبِىُّ
नबी
lima
لِمَ
क्यों
tuḥarrimu
تُحَرِّمُ
आप हराम करते हैं
مَآ
उसको जो
aḥalla
أَحَلَّ
हलाल किया
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
laka
لَكَۖ
आपके लिए
tabtaghī
تَبْتَغِى
आप चाहते हैं
marḍāta
مَرْضَاتَ
रज़ामन्दी
azwājika
أَزْوَٰجِكَۚ
अपनी बीवियों की
wal-lahu
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
ghafūrun
غَفُورٌ
बहुत बख़्शने वाला है
raḥīmun
رَّحِيمٌ
निहायत रहम करने वाला है
ऐ नबी! जिस चीज़ को अल्लाह ने तुम्हारे लिए वैध ठहराया है उसे तुम अपनी पत्नियों की प्रसन्नता प्राप्त करने के लिए क्यो अवैध करते हो? अल्लाह बड़ा क्षमाशील, अत्यन्त दयावान है ([६६] अत-तहरिम: 1)
Tafseer (तफ़सीर )

قَدْ فَرَضَ اللّٰهُ لَكُمْ تَحِلَّةَ اَيْمَانِكُمْۚ وَاللّٰهُ مَوْلٰىكُمْۚ وَهُوَ الْعَلِيْمُ الْحَكِيْمُ ٢

qad
قَدْ
तहक़ीक़
faraḍa
فَرَضَ
मुक़र्रर कर दिया है
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
lakum
لَكُمْ
तुम्हारे लिए
taḥillata
تَحِلَّةَ
खोलना (कफ़्फ़ारा)
aymānikum
أَيْمَٰنِكُمْۚ
तुम्हारी क़समों का
wal-lahu
وَٱللَّهُ
और अल्लाह
mawlākum
مَوْلَىٰكُمْۖ
मौला है तुम्हारा
wahuwa
وَهُوَ
और वो ही है
l-ʿalīmu
ٱلْعَلِيمُ
ख़ूब इल्म वाला
l-ḥakīmu
ٱلْحَكِيمُ
ख़ूब हिकमत वाला
अल्लाह ने तुम लोगों के लिए तुम्हारी अपनी क़समों की पाबंदी से निकलने का उपाय निश्चित कर दिया है। अल्लाह तुम्हारा संरक्षक है और वही सर्वज्ञ, अत्यन्त तत्वदर्शी है ([६६] अत-तहरिम: 2)
Tafseer (तफ़सीर )

وَاِذْ اَسَرَّ النَّبِيُّ اِلٰى بَعْضِ اَزْوَاجِهٖ حَدِيْثًاۚ فَلَمَّا نَبَّاَتْ بِهٖ وَاَظْهَرَهُ اللّٰهُ عَلَيْهِ عَرَّفَ بَعْضَهٗ وَاَعْرَضَ عَنْۢ بَعْضٍۚ فَلَمَّا نَبَّاَهَا بِهٖ قَالَتْ مَنْ اَنْۢبَاَكَ هٰذَاۗ قَالَ نَبَّاَنِيَ الْعَلِيْمُ الْخَبِيْرُ ٣

wa-idh
وَإِذْ
और जब
asarra
أَسَرَّ
छुपा कर की
l-nabiyu
ٱلنَّبِىُّ
नबी ने
ilā
إِلَىٰ
तरफ़ बाज़
baʿḍi
بَعْضِ
तरफ़ बाज़
azwājihi
أَزْوَٰجِهِۦ
अपनी बीवियों के
ḥadīthan
حَدِيثًا
एक बात
falammā
فَلَمَّا
तो जब
nabba-at
نَبَّأَتْ
उसने ख़बर दे दी
bihi
بِهِۦ
उसकी
wa-aẓharahu
وَأَظْهَرَهُ
और ज़ाहिर कर दिया उसे
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
ʿalayhi
عَلَيْهِ
उस पर
ʿarrafa
عَرَّفَ
उसने बता दिया
baʿḍahu
بَعْضَهُۥ
बाज़ हिस्सा उसका
wa-aʿraḍa
وَأَعْرَضَ
और उसने ऐराज़ किया
ʿan
عَنۢ
बाज़ से
baʿḍin
بَعْضٍۖ
बाज़ से
falammā
فَلَمَّا
तो जब
nabba-ahā
نَبَّأَهَا
उसने ख़बर दी उसे
bihi
بِهِۦ
उस (बात) की
qālat
قَالَتْ
वो कहने लगी
man
مَنْ
किस ने
anba-aka
أَنۢبَأَكَ
ख़बर दी आपको
hādhā
هَٰذَاۖ
इसकी
qāla
قَالَ
कहा
nabba-aniya
نَبَّأَنِىَ
ख़बर दी मुझे
l-ʿalīmu
ٱلْعَلِيمُ
ख़ूब इल्म वाले ने
l-khabīru
ٱلْخَبِيرُ
बहुत बाख़बर ने
जब नबी ने अपनी पत्ऩियों में से किसी से एक गोपनीय बात कही, फिर जब उसने उसकी ख़बर कर दी और अल्लाह ने उसे उसपर ज़ाहिर कर दिया, तो उसने उसे किसी हद तक बता दिया और किसी हद तक टाल गया। फिर जब उसने उसकी उसे ख़बर की तो वह बोली, 'आपको इसकी ख़बर किसने दी?' उसने कहा, 'मुझे उसने ख़बर दी जो सब कुछ जाननेवाला, ख़बर रखनेवाला है।' ([६६] अत-तहरिम: 3)
Tafseer (तफ़सीर )

اِنْ تَتُوْبَآ اِلَى اللّٰهِ فَقَدْ صَغَتْ قُلُوْبُكُمَاۚ وَاِنْ تَظٰهَرَا عَلَيْهِ فَاِنَّ اللّٰهَ هُوَ مَوْلٰىهُ وَجِبْرِيْلُ وَصَالِحُ الْمُؤْمِنِيْنَۚ وَالْمَلٰۤىِٕكَةُ بَعْدَ ذٰلِكَ ظَهِيْرٌ ٤

in
إِن
अगर
tatūbā
تَتُوبَآ
तुम दोनों तौबा करो
ilā
إِلَى
तरफ़ अल्लाह के
l-lahi
ٱللَّهِ
तरफ़ अल्लाह के
faqad
فَقَدْ
पस तहक़ीक़
ṣaghat
صَغَتْ
झुक पड़े हैं
qulūbukumā
قُلُوبُكُمَاۖ
दिल तुम दोनों के
wa-in
وَإِن
और अगर
taẓāharā
تَظَٰهَرَا
तुम एक दूसरे की मदद करोगी
ʿalayhi
عَلَيْهِ
उसके ख़िलाफ़
fa-inna
فَإِنَّ
पस बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
huwa
هُوَ
वो
mawlāhu
مَوْلَىٰهُ
मौला है उसका
wajib'rīlu
وَجِبْرِيلُ
और जिबराईल
waṣāliḥu
وَصَٰلِحُ
और नेक
l-mu'minīna
ٱلْمُؤْمِنِينَۖ
मोमिनीन
wal-malāikatu
وَٱلْمَلَٰٓئِكَةُ
और फ़रिश्ते
baʿda
بَعْدَ
बाद
dhālika
ذَٰلِكَ
उसके
ẓahīrun
ظَهِيرٌ
मददगार हैं
यदि तुम दोनों अल्लाह की ओर रुजू हो तो तुम्हारे दिल तो झुक ही चुके हैं, किन्तु यदि तुम उसके विरुद्ध एक-दूसरे की सहायता करोगी तो अल्लाह उसकी संरक्षक है, और जिबरील और नेक ईमानवाले भी, और इसके बाद फ़रिश्ते भी उसके सहायक है ([६६] अत-तहरिम: 4)
Tafseer (तफ़सीर )

عَسٰى رَبُّهٗٓ اِنْ طَلَّقَكُنَّ اَنْ يُّبْدِلَهٗٓ اَزْوَاجًا خَيْرًا مِّنْكُنَّ مُسْلِمٰتٍ مُّؤْمِنٰتٍ قٰنِتٰتٍ تٰۤىِٕبٰتٍ عٰبِدٰتٍ سٰۤىِٕحٰتٍ ثَيِّبٰتٍ وَّاَبْكَارًا ٥

ʿasā
عَسَىٰ
उम्मीद है
rabbuhu
رَبُّهُۥٓ
रब उसका
in
إِن
अगर
ṭallaqakunna
طَلَّقَكُنَّ
वो तलाक़ दे दे तुम्हें
an
أَن
कि
yub'dilahu
يُبْدِلَهُۥٓ
वो बदल कर दे दे उसे
azwājan
أَزْوَٰجًا
बीवियाँ
khayran
خَيْرًا
बेहतर
minkunna
مِّنكُنَّ
तुम से
mus'limātin
مُسْلِمَٰتٍ
मुसलमान
mu'minātin
مُّؤْمِنَٰتٍ
मोमिन
qānitātin
قَٰنِتَٰتٍ
इताअत गुज़ार
tāibātin
تَٰٓئِبَٰتٍ
तौबा गुज़ार
ʿābidātin
عَٰبِدَٰتٍ
इबादत गुज़ार
sāiḥātin
سَٰٓئِحَٰتٍ
रोज़ा दार
thayyibātin
ثَيِّبَٰتٍ
शौहर दीदा
wa-abkāran
وَأَبْكَارًا
और कुवारियाँ
इसकी बहुत सम्भावना है कि यदि वह तुम्हें तलाक़ दे दे तो उसका रब तुम्हारे बदले में तुमसे अच्छी पत्ऩियाँ उसे प्रदान करे - मुस्लिम, ईमानवाली, आज्ञाकारिणी, तौबा करनेवाली, इबादत करनेवाली, (अल्लाह के मार्ग में) सफ़र करनेवाली, विवाहिता और कुँवारियाँ भी ([६६] अत-तहरिम: 5)
Tafseer (तफ़सीर )

يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا قُوْٓا اَنْفُسَكُمْ وَاَهْلِيْكُمْ نَارًا وَّقُوْدُهَا النَّاسُ وَالْحِجَارَةُ عَلَيْهَا مَلٰۤىِٕكَةٌ غِلَاظٌ شِدَادٌ لَّا يَعْصُوْنَ اللّٰهَ مَآ اَمَرَهُمْ وَيَفْعَلُوْنَ مَا يُؤْمَرُوْنَ ٦

yāayyuhā
يَٰٓأَيُّهَا
ऐ लोगो जो
alladhīna
ٱلَّذِينَ
ऐ लोगो जो
āmanū
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए हो
قُوٓا۟
बचाओ
anfusakum
أَنفُسَكُمْ
अपने आपको
wa-ahlīkum
وَأَهْلِيكُمْ
और अपने घर वालों को
nāran
نَارًا
ऐसी आग से
waqūduhā
وَقُودُهَا
ईंधन होगा उसका
l-nāsu
ٱلنَّاسُ
लोग
wal-ḥijāratu
وَٱلْحِجَارَةُ
और पत्थर
ʿalayhā
عَلَيْهَا
उस पर
malāikatun
مَلَٰٓئِكَةٌ
फ़रिश्ते हैं
ghilāẓun
غِلَاظٌ
सख़्त
shidādun
شِدَادٌ
ज़बरदस्त
لَّا
नहीं वो नाफ़रमानी करते
yaʿṣūna
يَعْصُونَ
नहीं वो नाफ़रमानी करते
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह की
مَآ
उसमें जिसका
amarahum
أَمَرَهُمْ
उसने हुक्म दिया उन्हें
wayafʿalūna
وَيَفْعَلُونَ
और वो करते हैं
مَا
जिसका
yu'marūna
يُؤْمَرُونَ
वो हुक्म दिए जाते हैं
ऐ ईमान लानेवालो! अपने आपको और अपने घरवालों को उस आग से बचाओ जिसका ईधन मनुष्य और पत्थर होंगे, जिसपर कठोर स्वभाव के ऐसे बलशाली फ़रिश्ते नियुक्त होंगे जो अल्लाह की अवज्ञा उसमें नहीं करेंगे जो आदेश भी वह उन्हें देगा, और वे वही करेंगे जिसका उन्हें आदेश दिया जाएगा ([६६] अत-तहरिम: 6)
Tafseer (तफ़सीर )

يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ كَفَرُوْا لَا تَعْتَذِرُوا الْيَوْمَۗ اِنَّمَا تُجْزَوْنَ مَا كُنْتُمْ تَعْمَلُوْنَ ࣖ ٧

yāayyuhā
يَٰٓأَيُّهَا
ऐ लोगो जिन्होंने
alladhīna
ٱلَّذِينَ
ऐ लोगो जिन्होंने
kafarū
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
لَا
ना तुम मअज़रत करो
taʿtadhirū
تَعْتَذِرُوا۟
ना तुम मअज़रत करो
l-yawma
ٱلْيَوْمَۖ
आज के दिन
innamā
إِنَّمَا
बेशक
tuj'zawna
تُجْزَوْنَ
तुम बदला दिए जा रहे हो
مَا
उसका जो
kuntum
كُنتُمْ
थे तुम
taʿmalūna
تَعْمَلُونَ
तुम अमल करते
ऐ इनकार करनेवालो! आज उज़्र पेश न करो। तुम्हें बदले में वही तो दिया जा रहा है जो कुछ तुम करते रहे हो ([६६] अत-तहरिम: 7)
Tafseer (तफ़सीर )

يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا تُوْبُوْٓا اِلَى اللّٰهِ تَوْبَةً نَّصُوْحًاۗ عَسٰى رَبُّكُمْ اَنْ يُّكَفِّرَ عَنْكُمْ سَيِّاٰتِكُمْ وَيُدْخِلَكُمْ جَنّٰتٍ تَجْرِيْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُۙ يَوْمَ لَا يُخْزِى اللّٰهُ النَّبِيَّ وَالَّذِيْنَ اٰمَنُوْا مَعَهٗۚ نُوْرُهُمْ يَسْعٰى بَيْنَ اَيْدِيْهِمْ وَبِاَيْمَانِهِمْ يَقُوْلُوْنَ رَبَّنَآ اَتْمِمْ لَنَا نُوْرَنَا وَاغْفِرْ لَنَاۚ اِنَّكَ عَلٰى كُلِّ شَيْءٍ قَدِيْرٌ ٨

yāayyuhā
يَٰٓأَيُّهَا
ऐ लोगो जो
alladhīna
ٱلَّذِينَ
ऐ लोगो जो
āmanū
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए हो
tūbū
تُوبُوٓا۟
तौबा करो
ilā
إِلَى
तरफ़ अल्लाह के
l-lahi
ٱللَّهِ
तरफ़ अल्लाह के
tawbatan
تَوْبَةً
तौबा
naṣūḥan
نَّصُوحًا
ख़ालिस
ʿasā
عَسَىٰ
उम्मीद है
rabbukum
رَبُّكُمْ
रब तुम्हारा
an
أَن
कि
yukaffira
يُكَفِّرَ
वो दूर कर देगा
ʿankum
عَنكُمْ
तुम से
sayyiātikum
سَيِّـَٔاتِكُمْ
बुराइयाँ तुम्हारी
wayud'khilakum
وَيُدْخِلَكُمْ
और वो दाख़िल कर देगा तुम्हें
jannātin
جَنَّٰتٍ
बाग़ात में
tajrī
تَجْرِى
बहती हैं
min
مِن
उनके नीचे से
taḥtihā
تَحْتِهَا
उनके नीचे से
l-anhāru
ٱلْأَنْهَٰرُ
नहरें
yawma
يَوْمَ
जिस दिन
لَا
ना रुस्वा करेगा
yukh'zī
يُخْزِى
ना रुस्वा करेगा
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
l-nabiya
ٱلنَّبِىَّ
नबी को
wa-alladhīna
وَٱلَّذِينَ
और उन्हें जो
āmanū
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
maʿahu
مَعَهُۥۖ
साथ उसके
nūruhum
نُورُهُمْ
नूर उनका
yasʿā
يَسْعَىٰ
दौड़ता होगा
bayna
بَيْنَ
उनके आगे
aydīhim
أَيْدِيهِمْ
उनके आगे
wabi-aymānihim
وَبِأَيْمَٰنِهِمْ
और उनके दाऐं
yaqūlūna
يَقُولُونَ
वो कहेंगे
rabbanā
رَبَّنَآ
ऐ हमारे रब
atmim
أَتْمِمْ
तमाम कर दे
lanā
لَنَا
हमारे लिए
nūranā
نُورَنَا
नूर हमारा
wa-igh'fir
وَٱغْفِرْ
और बख़्श दे
lanā
لَنَآۖ
हमें
innaka
إِنَّكَ
बेशक तू
ʿalā
عَلَىٰ
ऊपर
kulli
كُلِّ
हर
shayin
شَىْءٍ
चीज़ के
qadīrun
قَدِيرٌ
ख़ूब क़ुदरत रखने वाला है
ऐ ईमान लानेवाले! अल्लाह के आगे तौबा करो, विशुद्ध तौबा। बहुत सम्भव है कि तुम्हारा रब तुम्हारी बुराइयाँ तुमसे दूर कर दे और तुम्हें ऐसे बाग़ों में दाख़िल करे जिनके नीचे नहरे बह रही होंगी, जिस दिन अल्लाह नबी को और उनको जो ईमान लाकर उसके साथ हुए, रुसवा न करेगा। उनका प्रकाश उनके आगे-आगे दौड़ रहा होगा और उनके दाहिने हाथ मे होगा। वे कह रहे होंगे, 'ऐ हमारे रब! हमारे लिए हमारे प्रकाश को पूर्ण कर दे और हमें क्षमा कर। निश्चय ही तू हर चीज़ की सामर्थ्य रखता है।' ([६६] अत-तहरिम: 8)
Tafseer (तफ़सीर )

يٰٓاَيُّهَا النَّبِيُّ جَاهِدِ الْكُفَّارَ وَالْمُنٰفِقِيْنَ وَاغْلُظْ عَلَيْهِمْۗ وَمَأْوٰىهُمْ جَهَنَّمُۗ وَبِئْسَ الْمَصِيْرُ ٩

yāayyuhā
يَٰٓأَيُّهَا
l-nabiyu
ٱلنَّبِىُّ
नबी
jāhidi
جَٰهِدِ
जिहाद कीजिए
l-kufāra
ٱلْكُفَّارَ
काफ़िरों से
wal-munāfiqīna
وَٱلْمُنَٰفِقِينَ
और मुनाफ़िक़ों से
wa-ugh'luẓ
وَٱغْلُظْ
और सख़्ती कीजिए
ʿalayhim
عَلَيْهِمْۚ
उन पर
wamawāhum
وَمَأْوَىٰهُمْ
और ठिकाना उनका
jahannamu
جَهَنَّمُۖ
जहन्नम है
wabi'sa
وَبِئْسَ
और कितनी बुरी है
l-maṣīru
ٱلْمَصِيرُ
लौटने की जगह
ऐ नबी! इनकार करनेवालों और कपटाचारियों से जिहाद करो और उनके साथ सख़्ती से पेश आओ। उनका ठिकाना जहन्नम है और वह अन्ततः पहुँचने की बहुत बुरी जगह है ([६६] अत-तहरिम: 9)
Tafseer (तफ़सीर )
१०

ضَرَبَ اللّٰهُ مَثَلًا لِّلَّذِيْنَ كَفَرُوا امْرَاَتَ نُوْحٍ وَّامْرَاَتَ لُوْطٍۗ كَانَتَا تَحْتَ عَبْدَيْنِ مِنْ عِبَادِنَا صَالِحَيْنِ فَخَانَتٰهُمَا فَلَمْ يُغْنِيَا عَنْهُمَا مِنَ اللّٰهِ شَيْـًٔا وَّقِيْلَ ادْخُلَا النَّارَ مَعَ الدَّاخِلِيْنَ ١٠

ḍaraba
ضَرَبَ
बयान की
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
mathalan
مَثَلًا
एक मिसाल
lilladhīna
لِّلَّذِينَ
उनके लिए जिन्होंने
kafarū
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
im'ra-ata
ٱمْرَأَتَ
नूह की बीवी की
nūḥin
نُوحٍ
नूह की बीवी की
wa-im'ra-ata
وَٱمْرَأَتَ
और लूत की बीवी की
lūṭin
لُوطٍۖ
और लूत की बीवी की
kānatā
كَانَتَا
वो दोनों थीं
taḥta
تَحْتَ
नीचे
ʿabdayni
عَبْدَيْنِ
दो बन्दों के
min
مِنْ
हमारे बन्दों में से
ʿibādinā
عِبَادِنَا
हमारे बन्दों में से
ṣāliḥayni
صَٰلِحَيْنِ
जो दोनों नेक थे
fakhānatāhumā
فَخَانَتَاهُمَا
तो उन दोनों ने ख़ियानत की
falam
فَلَمْ
तो ना
yugh'niyā
يُغْنِيَا
वो दोनों काम आ सके
ʿanhumā
عَنْهُمَا
उन दोनों के
mina
مِنَ
अल्लाह से
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह से
shayan
شَيْـًٔا
कुछ भी
waqīla
وَقِيلَ
और कह दिया गया
ud'khulā
ٱدْخُلَا
दोनों दाख़िल हो जाओ
l-nāra
ٱلنَّارَ
आग में
maʿa
مَعَ
साथ दाख़िल होने वालों के
l-dākhilīna
ٱلدَّٰخِلِينَ
साथ दाख़िल होने वालों के
अल्लाह ने इनकार करनेवालों के लिए नूह की स्त्री और लूत की स्त्री की मिसाल पेश की है। वे हमारे बन्दों में से दो नेक बन्दों के अधीन थीं। किन्तु उन दोनों स्त्रियों ने उनसे विश्वासघात किया तो अल्लाह के मुक़ाबले में उनके कुछ काम न आ सके और कह दिया गया, 'प्रवेश करनेवालों के साथ दोनों आग में प्रविष्ट हो जाओ।' ([६६] अत-तहरिम: 10)
Tafseer (तफ़सीर )