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सूरा अत-तलाक - Page: 2

At-Talaq

(तलाक़)

११

رَّسُوْلًا يَّتْلُوْا عَلَيْكُمْ اٰيٰتِ اللّٰهِ مُبَيِّنٰتٍ لِّيُخْرِجَ الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا وَعَمِلُوا الصّٰلِحٰتِ مِنَ الظُّلُمٰتِ اِلَى النُّوْرِۗ وَمَنْ يُّؤْمِنْۢ بِاللّٰهِ وَيَعْمَلْ صَالِحًا يُّدْخِلْهُ جَنّٰتٍ تَجْرِيْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ خٰلِدِيْنَ فِيْهَآ اَبَدًاۗ قَدْ اَحْسَنَ اللّٰهُ لَهٗ رِزْقًا ١١

rasūlan
رَّسُولًا
एक रसूल
yatlū
يَتْلُوا۟
जो तिलावत करता है
ʿalaykum
عَلَيْكُمْ
तुम पर
āyāti
ءَايَٰتِ
आयात
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह की
mubayyinātin
مُبَيِّنَٰتٍ
वाज़ेह
liyukh'rija
لِّيُخْرِجَ
ताकि वो निकाले
alladhīna
ٱلَّذِينَ
उन लोगों को जो
āmanū
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए
waʿamilū
وَعَمِلُوا۟
और उन्होंने अमल किए
l-ṣāliḥāti
ٱلصَّٰلِحَٰتِ
नेक
mina
مِنَ
अंधेरों से
l-ẓulumāti
ٱلظُّلُمَٰتِ
अंधेरों से
ilā
إِلَى
तरफ़ नूर के
l-nūri
ٱلنُّورِۚ
तरफ़ नूर के
waman
وَمَن
और जो कोई
yu'min
يُؤْمِنۢ
ईमान लाए
bil-lahi
بِٱللَّهِ
अल्लाह पर
wayaʿmal
وَيَعْمَلْ
और वो अमल करे
ṣāliḥan
صَٰلِحًا
नेक
yud'khil'hu
يُدْخِلْهُ
वो दाख़िल करेगा उसे
jannātin
جَنَّٰتٍ
बाग़ात में
tajrī
تَجْرِى
बहती हैं
min
مِن
उनके नीचे से
taḥtihā
تَحْتِهَا
उनके नीचे से
l-anhāru
ٱلْأَنْهَٰرُ
नहरें
khālidīna
خَٰلِدِينَ
हमेशा रहने वाले हैं
fīhā
فِيهَآ
उनमें
abadan
أَبَدًاۖ
हमेशा-हमेशा
qad
قَدْ
तहक़ीक़
aḥsana
أَحْسَنَ
अच्छा दिया
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
lahu
لَهُۥ
उसे
riz'qan
رِزْقًا
रिज़्क़
(अर्थात) एक रसूल जो तुम्हें अल्लाह की स्पष्ट आयतें पढ़कर सुनाता है, ताकि वह उन लोगों को, जो ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए, अँधेरों से निकालकर प्रकाश की ओर ले आए। जो कोई अल्लाह पर ईमान लाए और अच्छा कर्म करे, उसे वह ऐसे बाग़़ों में दाख़िल करेगा जिनके नीचे नहरें बह रही होगी - ऐसे लोग उनमें सदैव रहेंगे - अल्लाह ने उनके लिए उत्तम रोज़ी रखी है ([६५] अत-तलाक: 11)
Tafseer (तफ़सीर )
१२

اَللّٰهُ الَّذِيْ خَلَقَ سَبْعَ سَمٰوٰتٍ وَّمِنَ الْاَرْضِ مِثْلَهُنَّۗ يَتَنَزَّلُ الْاَمْرُ بَيْنَهُنَّ لِتَعْلَمُوْٓا اَنَّ اللّٰهَ عَلٰى كُلِّ شَيْءٍ قَدِيْرٌ ەۙ وَّاَنَّ اللّٰهَ قَدْ اَحَاطَ بِكُلِّ شَيْءٍ عِلْمًا ࣖ ١٢

al-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
alladhī
ٱلَّذِى
वो जिसने
khalaqa
خَلَقَ
पैदा किया
sabʿa
سَبْعَ
सात
samāwātin
سَمَٰوَٰتٍ
आसमानों को
wamina
وَمِنَ
और ज़मीन में से
l-arḍi
ٱلْأَرْضِ
और ज़मीन में से
mith'lahunna
مِثْلَهُنَّ
मानिन्द उन्हीं के
yatanazzalu
يَتَنَزَّلُ
उतरता है
l-amru
ٱلْأَمْرُ
हुक्म
baynahunna
بَيْنَهُنَّ
दर्मियान उनके
litaʿlamū
لِتَعْلَمُوٓا۟
ताकि तुम जान लो
anna
أَنَّ
बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
ʿalā
عَلَىٰ
ऊपर
kulli
كُلِّ
हर
shayin
شَىْءٍ
चीज़ के
qadīrun
قَدِيرٌ
ख़ूब क़ुदरत रखने वाला है
wa-anna
وَأَنَّ
और बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
qad
قَدْ
तहक़ीक़
aḥāṭa
أَحَاطَ
उसने घेर रखा है
bikulli
بِكُلِّ
हर
shayin
شَىْءٍ
चीज़ को
ʿil'man
عِلْمًۢا
इल्म के ऐतबार से
अल्लाह ही है जिसने सात आकाश बनाए और उन्ही के सदृश धरती से भी। उनके बीच (उसका) आदेश उतरता रहता है ताकि तुम जान लो कि अल्लाह को हर चीज़ का सामर्थ्य प्राप्त है और यह कि अल्लाह हर चीज़ को अपनी ज्ञान-परिधि में लिए हुए है ([६५] अत-तलाक: 12)
Tafseer (तफ़सीर )