يُسَبِّحُ لِلّٰهِ مَا فِى السَّمٰوٰتِ وَمَا فِى الْاَرْضِ الْمَلِكِ الْقُدُّوْسِ الْعَزِيْزِ الْحَكِيْمِ ١
- yusabbiḥu
- يُسَبِّحُ
- तस्बीह करती है
- lillahi
- لِلَّهِ
- अल्लाह के लिए
- mā
- مَا
- हर वो चीज़ जो
- fī
- فِى
- आसमानों में है
- l-samāwāti
- ٱلسَّمَٰوَٰتِ
- आसमानों में है
- wamā
- وَمَا
- और जो
- fī
- فِى
- ज़मीन में है
- l-arḍi
- ٱلْأَرْضِ
- ज़मीन में है
- l-maliki
- ٱلْمَلِكِ
- जो बादशाह है
- l-qudūsi
- ٱلْقُدُّوسِ
- निहायत पाकीज़ा है
- l-ʿazīzi
- ٱلْعَزِيزِ
- बहुत ज़बरदस्त है
- l-ḥakīmi
- ٱلْحَكِيمِ
- ख़ूब हिकमत वाला है
अल्लाह की तसबीह कर रही है हर वह चीज़ जो आकाशों में है और जो धरती में है, जो सम्राट है, अत्यन्त पवित्र, प्रभुत्वशाली तत्वदर्शी ([६२] अल-जुमाअ: 1)Tafseer (तफ़सीर )
هُوَ الَّذِيْ بَعَثَ فِى الْاُمِّيّٖنَ رَسُوْلًا مِّنْهُمْ يَتْلُوْا عَلَيْهِمْ اٰيٰتِهٖ وَيُزَكِّيْهِمْ وَيُعَلِّمُهُمُ الْكِتٰبَ وَالْحِكْمَةَ وَاِنْ كَانُوْا مِنْ قَبْلُ لَفِيْ ضَلٰلٍ مُّبِيْنٍۙ ٢
- huwa
- هُوَ
- वो ही है
- alladhī
- ٱلَّذِى
- जिसने
- baʿatha
- بَعَثَ
- भेजा
- fī
- فِى
- अनपढ़ लोगों में
- l-umiyīna
- ٱلْأُمِّيِّۦنَ
- अनपढ़ लोगों में
- rasūlan
- رَسُولًا
- एक रसूल
- min'hum
- مِّنْهُمْ
- उन्हीं में से
- yatlū
- يَتْلُوا۟
- जो तिलावत करता है
- ʿalayhim
- عَلَيْهِمْ
- उन पर
- āyātihi
- ءَايَٰتِهِۦ
- उसकी आयात
- wayuzakkīhim
- وَيُزَكِّيهِمْ
- और वो तज़किया करता है उनका
- wayuʿallimuhumu
- وَيُعَلِّمُهُمُ
- और वो सिखाता है उन्हें
- l-kitāba
- ٱلْكِتَٰبَ
- किताब
- wal-ḥik'mata
- وَٱلْحِكْمَةَ
- और हिकमत
- wa-in
- وَإِن
- और बेशक
- kānū
- كَانُوا۟
- थे वो
- min
- مِن
- इससे पहले
- qablu
- قَبْلُ
- इससे पहले
- lafī
- لَفِى
- अलबत्ता गुमराही में
- ḍalālin
- ضَلَٰلٍ
- अलबत्ता गुमराही में
- mubīnin
- مُّبِينٍ
- खुली
वही है जिसने उम्मियों में उन्हीं में से एक रसूल उठाया जो उन्हें उसकी आयतें पढ़कर सुनाता है, उन्हें निखारता है और उन्हें किताब और हिकमत (तत्वदर्शिता) की शिक्षा देता है, यद्यपि इससे पहले तो वे खुली हुई गुमराही में पड़े हुए थे, - ([६२] अल-जुमाअ: 2)Tafseer (तफ़सीर )
وَّاٰخَرِيْنَ مِنْهُمْ لَمَّا يَلْحَقُوْا بِهِمْۗ وَهُوَ الْعَزِيْزُ الْحَكِيْمُۙ ٣
- waākharīna
- وَءَاخَرِينَ
- और दूसरों (के लिए भी )
- min'hum
- مِنْهُمْ
- उनमें से
- lammā
- لَمَّا
- जो अभी तक नहीं
- yalḥaqū
- يَلْحَقُوا۟
- वो मिले
- bihim
- بِهِمْۚ
- उनसे
- wahuwa
- وَهُوَ
- और वो
- l-ʿazīzu
- ٱلْعَزِيزُ
- बहुत ज़बरदस्त है
- l-ḥakīmu
- ٱلْحَكِيمُ
- ख़ूब हिकमत वाला है
और उन दूसरे लोगों को भी (किताब और हिकमत की शिक्षा दे) जो अभी उनसे मिले नहीं है, वे उन्हीं में से होंगे। और वही प्रभुत्वशाली, तत्वशाली है ([६२] अल-जुमाअ: 3)Tafseer (तफ़सीर )
ذٰلِكَ فَضْلُ اللّٰهِ يُؤْتِيْهِ مَنْ يَّشَاۤءُۗ وَاللّٰهُ ذُو الْفَضْلِ الْعَظِيْمِ ٤
- dhālika
- ذَٰلِكَ
- ये
- faḍlu
- فَضْلُ
- फ़ज़ल है
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह का
- yu'tīhi
- يُؤْتِيهِ
- वो देता है उसको
- man
- مَن
- जिसे
- yashāu
- يَشَآءُۚ
- वो चाहता है
- wal-lahu
- وَٱللَّهُ
- और अल्लाह
- dhū
- ذُو
- फ़ज़ल वाला है
- l-faḍli
- ٱلْفَضْلِ
- फ़ज़ल वाला है
- l-ʿaẓīmi
- ٱلْعَظِيمِ
- बहुत बड़े
यह अल्लाह का उदार अनुग्रह है, जिसको चाहता है उसे प्रदान करता है। अल्लाह बड़े अनुग्रह का मालिक है ([६२] अल-जुमाअ: 4)Tafseer (तफ़सीर )
مَثَلُ الَّذِيْنَ حُمِّلُوا التَّوْرٰىةَ ثُمَّ لَمْ يَحْمِلُوْهَا كَمَثَلِ الْحِمَارِ يَحْمِلُ اَسْفَارًاۗ بِئْسَ مَثَلُ الْقَوْمِ الَّذِيْنَ كَذَّبُوْا بِاٰيٰتِ اللّٰهِ ۗوَاللّٰهُ لَا يَهْدِى الْقَوْمَ الظّٰلِمِيْنَ ٥
- mathalu
- مَثَلُ
- मिसाल
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- उनकी जो
- ḥummilū
- حُمِّلُوا۟
- उठवाए गए
- l-tawrāta
- ٱلتَّوْرَىٰةَ
- तौरात
- thumma
- ثُمَّ
- फिर
- lam
- لَمْ
- नहीं
- yaḥmilūhā
- يَحْمِلُوهَا
- उन्होंने उठाया उसे
- kamathali
- كَمَثَلِ
- मानिन्द मिसाल
- l-ḥimāri
- ٱلْحِمَارِ
- गधे की
- yaḥmilu
- يَحْمِلُ
- जो उठाता है
- asfāran
- أَسْفَارًۢاۚ
- किताबें
- bi'sa
- بِئْسَ
- कितनी बुरी है
- mathalu
- مَثَلُ
- मिसाल
- l-qawmi
- ٱلْقَوْمِ
- उन लोगों की
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- जिन्होंने
- kadhabū
- كَذَّبُوا۟
- झुठलाया
- biāyāti
- بِـَٔايَٰتِ
- अल्लाह की आयात को
- l-lahi
- ٱللَّهِۚ
- अल्लाह की आयात को
- wal-lahu
- وَٱللَّهُ
- और अल्लाह
- lā
- لَا
- नहीं वो हिदायत देता
- yahdī
- يَهْدِى
- नहीं वो हिदायत देता
- l-qawma
- ٱلْقَوْمَ
- उन लोगों को
- l-ẓālimīna
- ٱلظَّٰلِمِينَ
- जो ज़ालिम हैं
जिन लोगों पर तारात का बोझ डाला गया, किन्तु उन्होंने उसे न उठाया, उनकी मिसाल उस गधे की-सी है जो किताबे लादे हुए हो। बहुत ही बुरी मिसाल है उन लोगों की जिन्होंने अल्लाह की आयतों को झुठला दिया। अल्लाह ज़ालिमों को सीधा मार्ग नहीं दिखाया करता ([६२] अल-जुमाअ: 5)Tafseer (तफ़सीर )
قُلْ يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ هَادُوْٓا اِنْ زَعَمْتُمْ اَنَّكُمْ اَوْلِيَاۤءُ لِلّٰهِ مِنْ دُوْنِ النَّاسِ فَتَمَنَّوُا الْمَوْتَ اِنْ كُنْتُمْ صٰدِقِيْنَ ٦
- qul
- قُلْ
- कह दीजिए
- yāayyuhā
- يَٰٓأَيُّهَا
- ऐ लोगो जो
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- ऐ लोगो जो
- hādū
- هَادُوٓا۟
- यहूदी बन गए हो
- in
- إِن
- अगर
- zaʿamtum
- زَعَمْتُمْ
- तुम ज़अम / गुमान करते हो
- annakum
- أَنَّكُمْ
- बेशक तुम
- awliyāu
- أَوْلِيَآءُ
- दोस्त हो
- lillahi
- لِلَّهِ
- अल्लाह के
- min
- مِن
- सिवाए
- dūni
- دُونِ
- सिवाए
- l-nāsi
- ٱلنَّاسِ
- लोगों के
- fatamannawū
- فَتَمَنَّوُا۟
- पस तुम तमन्ना करो
- l-mawta
- ٱلْمَوْتَ
- मौत की
- in
- إِن
- अगर
- kuntum
- كُنتُمْ
- हो तुम
- ṣādiqīna
- صَٰدِقِينَ
- सच्चे
कह दो, 'ऐ लोगों, जो यहूदी हुए हो! यदि तुम्हें यह गुमान है कि सारे मनुष्यों को छोड़कर तुम ही अल्लाह के प्रेमपात्र हो तो मृत्यु की कामना करो, यदि तुम सच्चे हो।' ([६२] अल-जुमाअ: 6)Tafseer (तफ़सीर )
وَلَا يَتَمَنَّوْنَهٗٓ اَبَدًاۢ بِمَا قَدَّمَتْ اَيْدِيْهِمْۗ وَاللّٰهُ عَلِيْمٌۢ بِالظّٰلِمِيْنَ ٧
- walā
- وَلَا
- और नहीं
- yatamannawnahu
- يَتَمَنَّوْنَهُۥٓ
- वो तमन्ना करेंगे उसकी
- abadan
- أَبَدًۢا
- कभी भी
- bimā
- بِمَا
- बवजह उसके जो
- qaddamat
- قَدَّمَتْ
- आगे भेजा
- aydīhim
- أَيْدِيهِمْۚ
- उनके हाथों ने
- wal-lahu
- وَٱللَّهُ
- और अल्लाह
- ʿalīmun
- عَلِيمٌۢ
- ख़ूब जानने वाला है
- bil-ẓālimīna
- بِٱلظَّٰلِمِينَ
- ज़ालिमों को
किन्तु वे कभी भी उसकी कामना करेंगे, उस (कर्म) के कारण जो उनके हाथों ने आगे भेजा है। अल्लाह ज़ालिमों को भली-भाँति जानता है ([६२] अल-जुमाअ: 7)Tafseer (तफ़सीर )
قُلْ اِنَّ الْمَوْتَ الَّذِيْ تَفِرُّوْنَ مِنْهُ فَاِنَّهٗ مُلٰقِيْكُمْ ثُمَّ تُرَدُّوْنَ اِلٰى عَالِمِ الْغَيْبِ وَالشَّهَادَةِ فَيُنَبِّئُكُمْ بِمَا كُنْتُمْ تَعْمَلُوْنَ ࣖ ٨
- qul
- قُلْ
- कह दीजिए
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- l-mawta
- ٱلْمَوْتَ
- मौत
- alladhī
- ٱلَّذِى
- वो जो
- tafirrūna
- تَفِرُّونَ
- तुम भागते हो
- min'hu
- مِنْهُ
- उससे
- fa-innahu
- فَإِنَّهُۥ
- तो बेशक वो
- mulāqīkum
- مُلَٰقِيكُمْۖ
- मिलने वाली है तुमसे
- thumma
- ثُمَّ
- फिर
- turaddūna
- تُرَدُّونَ
- तुम लौटाए जाओगे
- ilā
- إِلَىٰ
- तरफ़ जानने वाले
- ʿālimi
- عَٰلِمِ
- तरफ़ जानने वाले
- l-ghaybi
- ٱلْغَيْبِ
- ग़ैब के
- wal-shahādati
- وَٱلشَّهَٰدَةِ
- और हाज़िर के
- fayunabbi-ukum
- فَيُنَبِّئُكُم
- फिर वो बता देगा तुम्हें
- bimā
- بِمَا
- वो जो
- kuntum
- كُنتُمْ
- थे तुम
- taʿmalūna
- تَعْمَلُونَ
- तुम अमल करते
कह दो, 'मृत्यु जिससे तुम भागते हो, वह तो तुम्हें मिलकर रहेगी, फिर तुम उसकी ओर लौटाए जाओगे जो छिपे और खुले का जाननेवाला है। और वह तुम्हें उससे अवगत करा देगा जो कुछ तुम करते रहे होगे।' - ([६२] अल-जुमाअ: 8)Tafseer (तफ़सीर )
يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوْٓا اِذَا نُوْدِيَ لِلصَّلٰوةِ مِنْ يَّوْمِ الْجُمُعَةِ فَاسْعَوْا اِلٰى ذِكْرِ اللّٰهِ وَذَرُوا الْبَيْعَۗ ذٰلِكُمْ خَيْرٌ لَّكُمْ اِنْ كُنْتُمْ تَعْلَمُوْنَ ٩
- yāayyuhā
- يَٰٓأَيُّهَا
- ऐ लोगो जो
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- ऐ लोगो जो
- āmanū
- ءَامَنُوٓا۟
- ईमान लाए हो
- idhā
- إِذَا
- जब
- nūdiya
- نُودِىَ
- पुकारा जाए
- lilṣṣalati
- لِلصَّلَوٰةِ
- नमाज़ के लिए
- min
- مِن
- दिन
- yawmi
- يَوْمِ
- दिन
- l-jumuʿati
- ٱلْجُمُعَةِ
- जुमा के
- fa-is'ʿaw
- فَٱسْعَوْا۟
- तो दौड़ो
- ilā
- إِلَىٰ
- तरफ़ अल्लाह के ज़िक्र के
- dhik'ri
- ذِكْرِ
- तरफ़ अल्लाह के ज़िक्र के
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- तरफ़ अल्लाह के ज़िक्र के
- wadharū
- وَذَرُوا۟
- और छोड़ दो
- l-bayʿa
- ٱلْبَيْعَۚ
- ख़रीद व फ़रोख़्त
- dhālikum
- ذَٰلِكُمْ
- ये
- khayrun
- خَيْرٌ
- बेहतर है
- lakum
- لَّكُمْ
- तुम्हारे लिए
- in
- إِن
- अगर
- kuntum
- كُنتُمْ
- हो तुम
- taʿlamūna
- تَعْلَمُونَ
- तुम इल्म रखते
ऐ ईमान लानेवालो, जब जुमा के दिन नमाज़ के लिए पुकारा जाए तो अल्लाह की याद की ओर दौड़ पड़ो और क्रय-विक्रय छोड़ दो। यह तुम्हारे लिए अच्छा है, यदि तुम जानो ([६२] अल-जुमाअ: 9)Tafseer (तफ़सीर )
فَاِذَا قُضِيَتِ الصَّلٰوةُ فَانْتَشِرُوْا فِى الْاَرْضِ وَابْتَغُوْا مِنْ فَضْلِ اللّٰهِ وَاذْكُرُوا اللّٰهَ كَثِيْرًا لَّعَلَّكُمْ تُفْلِحُوْنَ ١٠
- fa-idhā
- فَإِذَا
- फिर जब
- quḍiyati
- قُضِيَتِ
- पूरी हो जाए
- l-ṣalatu
- ٱلصَّلَوٰةُ
- नमाज़
- fa-intashirū
- فَٱنتَشِرُوا۟
- तो फैल जाओ
- fī
- فِى
- ज़मीन में
- l-arḍi
- ٱلْأَرْضِ
- ज़मीन में
- wa-ib'taghū
- وَٱبْتَغُوا۟
- और तलाश करो
- min
- مِن
- अल्लाह के फ़ज़ल में से
- faḍli
- فَضْلِ
- अल्लाह के फ़ज़ल में से
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह के फ़ज़ल में से
- wa-udh'kurū
- وَٱذْكُرُوا۟
- और ज़िक्र करो
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह का
- kathīran
- كَثِيرًا
- कसरत से
- laʿallakum
- لَّعَلَّكُمْ
- ताकि तुम
- tuf'liḥūna
- تُفْلِحُونَ
- तुम फ़लाह पा जाओ
फिर जब नमाज़ पूरी हो जाए तो धरती में फैल जाओ और अल्लाह का उदार अनुग्रह (रोजी) तलाश करो, और अल्लाह को बहुत ज़्यादा याद करते रहो, ताकि तुम सफल हो। - ([६२] अल-जुमाअ: 10)Tafseer (तफ़सीर )