وَاِنْ فَاتَكُمْ شَيْءٌ مِّنْ اَزْوَاجِكُمْ اِلَى الْكُفَّارِ فَعَاقَبْتُمْ فَاٰتُوا الَّذِيْنَ ذَهَبَتْ اَزْوَاجُهُمْ مِّثْلَ مَآ اَنْفَقُوْاۗ وَاتَّقُوا اللّٰهَ الَّذِيْٓ اَنْتُمْ بِهٖ مُؤْمِنُوْنَ ١١
- wa-in
- وَإِن
- और अगर
- fātakum
- فَاتَكُمْ
- रह जाए तुमसे
- shayon
- شَىْءٌ
- कोई चीज़ (मेहर)
- min
- مِّنْ
- तुम्हारी बीवियों की
- azwājikum
- أَزْوَٰجِكُمْ
- तुम्हारी बीवियों की
- ilā
- إِلَى
- तरफ़ कुफ़्फ़ार के
- l-kufāri
- ٱلْكُفَّارِ
- तरफ़ कुफ़्फ़ार के
- faʿāqabtum
- فَعَاقَبْتُمْ
- फिर तुम्हारी बारी आए
- faātū
- فَـَٔاتُوا۟
- तो दो
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- उन लोगों को
- dhahabat
- ذَهَبَتْ
- चली गईं
- azwājuhum
- أَزْوَٰجُهُم
- बीवियाँ जिनकी
- mith'la
- مِّثْلَ
- मानिन्द उसके
- mā
- مَآ
- जो
- anfaqū
- أَنفَقُوا۟ۚ
- उन्होंने ख़र्च किया
- wa-ittaqū
- وَٱتَّقُوا۟
- और डरो
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह से
- alladhī
- ٱلَّذِىٓ
- वो जो हो
- antum
- أَنتُم
- तुम
- bihi
- بِهِۦ
- उस पर
- mu'minūna
- مُؤْمِنُونَ
- ईमान लाने वाले
और यदि तुम्हारी पत्नि यो (के मह्रों) में से कुछ तुम्हारे हाथ से निकल जाए और इनकार करनेवालों (अधर्मियों) की ओर रह जाए, फिर तुम्हारी नौबत आए, जो जिन लोगों की पत्नियों चली गई है, उन्हें जितना उन्होंने ख़र्च किया हो दे दो। और अल्लाह का डर रखो, जिसपर तुम ईमान रखते हो ([६०] अल-मुमताहिना: 11)Tafseer (तफ़सीर )
يٰٓاَيُّهَا النَّبِيُّ اِذَا جَاۤءَكَ الْمُؤْمِنٰتُ يُبَايِعْنَكَ عَلٰٓى اَنْ لَّا يُشْرِكْنَ بِاللّٰهِ شَيْـًٔا وَّلَا يَسْرِقْنَ وَلَا يَزْنِيْنَ وَلَا يَقْتُلْنَ اَوْلَادَهُنَّ وَلَا يَأْتِيْنَ بِبُهْتَانٍ يَّفْتَرِيْنَهٗ بَيْنَ اَيْدِيْهِنَّ وَاَرْجُلِهِنَّ وَلَا يَعْصِيْنَكَ فِيْ مَعْرُوْفٍ فَبَايِعْهُنَّ وَاسْتَغْفِرْ لَهُنَّ اللّٰهَ ۗاِنَّ اللّٰهَ غَفُوْرٌ رَّحِيْمٌ ١٢
- yāayyuhā
- يَٰٓأَيُّهَا
- ऐ
- l-nabiyu
- ٱلنَّبِىُّ
- नबी
- idhā
- إِذَا
- जब
- jāaka
- جَآءَكَ
- आऐं आपके पास
- l-mu'minātu
- ٱلْمُؤْمِنَٰتُ
- मोमिन औरतें
- yubāyiʿ'naka
- يُبَايِعْنَكَ
- वो बैत करें आपसे
- ʿalā
- عَلَىٰٓ
- इस (बात) पर
- an
- أَن
- कि
- lā
- لَّا
- नहीं वो शरीक ठहराऐंगी
- yush'rik'na
- يُشْرِكْنَ
- नहीं वो शरीक ठहराऐंगी
- bil-lahi
- بِٱللَّهِ
- साथ अल्लाह के
- shayan
- شَيْـًٔا
- किसी चीज़ को
- walā
- وَلَا
- और ना
- yasriq'na
- يَسْرِقْنَ
- वो चोरी करेंगी
- walā
- وَلَا
- और ना
- yaznīna
- يَزْنِينَ
- वो ज़िना करेंगी
- walā
- وَلَا
- और ना
- yaqtul'na
- يَقْتُلْنَ
- वो क़त्ल करेंगी
- awlādahunna
- أَوْلَٰدَهُنَّ
- अपनी औलाद को
- walā
- وَلَا
- और ना
- yatīna
- يَأْتِينَ
- वो आऐंगी
- bibuh'tānin
- بِبُهْتَٰنٍ
- किसी बोहतान को
- yaftarīnahu
- يَفْتَرِينَهُۥ
- वो गढ़ लें जिसे
- bayna
- بَيْنَ
- दर्मियान
- aydīhinna
- أَيْدِيهِنَّ
- अपने हाथों
- wa-arjulihinna
- وَأَرْجُلِهِنَّ
- और अपने पाँव के
- walā
- وَلَا
- और ना
- yaʿṣīnaka
- يَعْصِينَكَ
- वो नाफ़रमानी करेंगी आपकी
- fī
- فِى
- किसी मारूफ़ में
- maʿrūfin
- مَعْرُوفٍۙ
- किसी मारूफ़ में
- fabāyiʿ'hunna
- فَبَايِعْهُنَّ
- तो बैत कर लीजिए उनसे
- wa-is'taghfir
- وَٱسْتَغْفِرْ
- और बख़्शिश माँगिए
- lahunna
- لَهُنَّ
- उनके लिए
- l-laha
- ٱللَّهَۖ
- अल्लाह से
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- ghafūrun
- غَفُورٌ
- बहुत बख़्शने वाला है
- raḥīmun
- رَّحِيمٌ
- निहायत रहम करने वाला है
ऐ नबी! जब तुम्हारे पास ईमानवाली स्त्रियाँ आकर तुमसे इसपर 'बैअत' करे कि वे अल्लाह के साथ किसी चीज़ को साझी नहीं ठहराएँगी और न चोरी करेंगी और न व्यभिचार करेंगी, और न अपनी औलाद की हत्या करेंगी और न अपने हाथों और पैरों को बीच कोई आरोप घड़कर लाएँगी. और न किसी भले काम में तुम्हारी अवज्ञा करेंगी, तो उनसे 'बैअत' ले लो और उनके लिए अल्लाह से क्षमा की प्रार्थना करो। निश्चय ही अत्यन्त बहुत क्षमाशील, अत्यन्त दयावान है ([६०] अल-मुमताहिना: 12)Tafseer (तफ़सीर )
يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا لَا تَتَوَلَّوْا قَوْمًا غَضِبَ اللّٰهُ عَلَيْهِمْ قَدْ يَىِٕسُوْا مِنَ الْاٰخِرَةِ كَمَا يَىِٕسَ الْكُفَّارُ مِنْ اَصْحٰبِ الْقُبُوْرِ ࣖ ١٣
- yāayyuhā
- يَٰٓأَيُّهَا
- ऐ लोगो जो
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- ऐ लोगो जो
- āmanū
- ءَامَنُوا۟
- ईमान लाए हो
- lā
- لَا
- ना तुम दोस्त बनाओ
- tatawallaw
- تَتَوَلَّوْا۟
- ना तुम दोस्त बनाओ
- qawman
- قَوْمًا
- ऐसी क़ौम को
- ghaḍiba
- غَضِبَ
- नाराज़ हुआ
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह
- ʿalayhim
- عَلَيْهِمْ
- जिन पर
- qad
- قَدْ
- तहक़ीक़
- ya-isū
- يَئِسُوا۟
- वो मायूस हो गए
- mina
- مِنَ
- आख़िरत से
- l-ākhirati
- ٱلْءَاخِرَةِ
- आख़िरत से
- kamā
- كَمَا
- जैसा कि
- ya-isa
- يَئِسَ
- मायूस हुए
- l-kufāru
- ٱلْكُفَّارُ
- काफ़िर
- min
- مِنْ
- क़ब्रों वालों से
- aṣḥābi
- أَصْحَٰبِ
- क़ब्रों वालों से
- l-qubūri
- ٱلْقُبُورِ
- क़ब्रों वालों से
ऐ ईमान लानेवालो! ऐसे लोगों से मित्रता न करो जिनपर अल्लाह का प्रकोप हुआ, वे आख़िरत से निराश हो चुके है, जिस प्रकार इनकार करनेवाले क़ब्रवालों से निराश हो चुके है ([६०] अल-मुमताहिना: 13)Tafseer (तफ़सीर )