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सूरा अल-मुमताहिना - Page: 2

Al-Mumtahanah

(She That Is To Be Examined, Examining Her)

११

وَاِنْ فَاتَكُمْ شَيْءٌ مِّنْ اَزْوَاجِكُمْ اِلَى الْكُفَّارِ فَعَاقَبْتُمْ فَاٰتُوا الَّذِيْنَ ذَهَبَتْ اَزْوَاجُهُمْ مِّثْلَ مَآ اَنْفَقُوْاۗ وَاتَّقُوا اللّٰهَ الَّذِيْٓ اَنْتُمْ بِهٖ مُؤْمِنُوْنَ ١١

wa-in
وَإِن
और अगर
fātakum
فَاتَكُمْ
रह जाए तुमसे
shayon
شَىْءٌ
कोई चीज़ (मेहर)
min
مِّنْ
तुम्हारी बीवियों की
azwājikum
أَزْوَٰجِكُمْ
तुम्हारी बीवियों की
ilā
إِلَى
तरफ़ कुफ़्फ़ार के
l-kufāri
ٱلْكُفَّارِ
तरफ़ कुफ़्फ़ार के
faʿāqabtum
فَعَاقَبْتُمْ
फिर तुम्हारी बारी आए
faātū
فَـَٔاتُوا۟
तो दो
alladhīna
ٱلَّذِينَ
उन लोगों को
dhahabat
ذَهَبَتْ
चली गईं
azwājuhum
أَزْوَٰجُهُم
बीवियाँ जिनकी
mith'la
مِّثْلَ
मानिन्द उसके
مَآ
जो
anfaqū
أَنفَقُوا۟ۚ
उन्होंने ख़र्च किया
wa-ittaqū
وَٱتَّقُوا۟
और डरो
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह से
alladhī
ٱلَّذِىٓ
वो जो हो
antum
أَنتُم
तुम
bihi
بِهِۦ
उस पर
mu'minūna
مُؤْمِنُونَ
ईमान लाने वाले
और यदि तुम्हारी पत्नि यो (के मह्रों) में से कुछ तुम्हारे हाथ से निकल जाए और इनकार करनेवालों (अधर्मियों) की ओर रह जाए, फिर तुम्हारी नौबत आए, जो जिन लोगों की पत्नियों चली गई है, उन्हें जितना उन्होंने ख़र्च किया हो दे दो। और अल्लाह का डर रखो, जिसपर तुम ईमान रखते हो ([६०] अल-मुमताहिना: 11)
Tafseer (तफ़सीर )
१२

يٰٓاَيُّهَا النَّبِيُّ اِذَا جَاۤءَكَ الْمُؤْمِنٰتُ يُبَايِعْنَكَ عَلٰٓى اَنْ لَّا يُشْرِكْنَ بِاللّٰهِ شَيْـًٔا وَّلَا يَسْرِقْنَ وَلَا يَزْنِيْنَ وَلَا يَقْتُلْنَ اَوْلَادَهُنَّ وَلَا يَأْتِيْنَ بِبُهْتَانٍ يَّفْتَرِيْنَهٗ بَيْنَ اَيْدِيْهِنَّ وَاَرْجُلِهِنَّ وَلَا يَعْصِيْنَكَ فِيْ مَعْرُوْفٍ فَبَايِعْهُنَّ وَاسْتَغْفِرْ لَهُنَّ اللّٰهَ ۗاِنَّ اللّٰهَ غَفُوْرٌ رَّحِيْمٌ ١٢

yāayyuhā
يَٰٓأَيُّهَا
l-nabiyu
ٱلنَّبِىُّ
नबी
idhā
إِذَا
जब
jāaka
جَآءَكَ
आऐं आपके पास
l-mu'minātu
ٱلْمُؤْمِنَٰتُ
मोमिन औरतें
yubāyiʿ'naka
يُبَايِعْنَكَ
वो बैत करें आपसे
ʿalā
عَلَىٰٓ
इस (बात) पर
an
أَن
कि
لَّا
नहीं वो शरीक ठहराऐंगी
yush'rik'na
يُشْرِكْنَ
नहीं वो शरीक ठहराऐंगी
bil-lahi
بِٱللَّهِ
साथ अल्लाह के
shayan
شَيْـًٔا
किसी चीज़ को
walā
وَلَا
और ना
yasriq'na
يَسْرِقْنَ
वो चोरी करेंगी
walā
وَلَا
और ना
yaznīna
يَزْنِينَ
वो ज़िना करेंगी
walā
وَلَا
और ना
yaqtul'na
يَقْتُلْنَ
वो क़त्ल करेंगी
awlādahunna
أَوْلَٰدَهُنَّ
अपनी औलाद को
walā
وَلَا
और ना
yatīna
يَأْتِينَ
वो आऐंगी
bibuh'tānin
بِبُهْتَٰنٍ
किसी बोहतान को
yaftarīnahu
يَفْتَرِينَهُۥ
वो गढ़ लें जिसे
bayna
بَيْنَ
दर्मियान
aydīhinna
أَيْدِيهِنَّ
अपने हाथों
wa-arjulihinna
وَأَرْجُلِهِنَّ
और अपने पाँव के
walā
وَلَا
और ना
yaʿṣīnaka
يَعْصِينَكَ
वो नाफ़रमानी करेंगी आपकी
فِى
किसी मारूफ़ में
maʿrūfin
مَعْرُوفٍۙ
किसी मारूफ़ में
fabāyiʿ'hunna
فَبَايِعْهُنَّ
तो बैत कर लीजिए उनसे
wa-is'taghfir
وَٱسْتَغْفِرْ
और बख़्शिश माँगिए
lahunna
لَهُنَّ
उनके लिए
l-laha
ٱللَّهَۖ
अल्लाह से
inna
إِنَّ
बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
ghafūrun
غَفُورٌ
बहुत बख़्शने वाला है
raḥīmun
رَّحِيمٌ
निहायत रहम करने वाला है
ऐ नबी! जब तुम्हारे पास ईमानवाली स्त्रियाँ आकर तुमसे इसपर 'बैअत' करे कि वे अल्लाह के साथ किसी चीज़ को साझी नहीं ठहराएँगी और न चोरी करेंगी और न व्यभिचार करेंगी, और न अपनी औलाद की हत्या करेंगी और न अपने हाथों और पैरों को बीच कोई आरोप घड़कर लाएँगी. और न किसी भले काम में तुम्हारी अवज्ञा करेंगी, तो उनसे 'बैअत' ले लो और उनके लिए अल्लाह से क्षमा की प्रार्थना करो। निश्चय ही अत्यन्त बहुत क्षमाशील, अत्यन्त दयावान है ([६०] अल-मुमताहिना: 12)
Tafseer (तफ़सीर )
१३

يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوْا لَا تَتَوَلَّوْا قَوْمًا غَضِبَ اللّٰهُ عَلَيْهِمْ قَدْ يَىِٕسُوْا مِنَ الْاٰخِرَةِ كَمَا يَىِٕسَ الْكُفَّارُ مِنْ اَصْحٰبِ الْقُبُوْرِ ࣖ ١٣

yāayyuhā
يَٰٓأَيُّهَا
ऐ लोगो जो
alladhīna
ٱلَّذِينَ
ऐ लोगो जो
āmanū
ءَامَنُوا۟
ईमान लाए हो
لَا
ना तुम दोस्त बनाओ
tatawallaw
تَتَوَلَّوْا۟
ना तुम दोस्त बनाओ
qawman
قَوْمًا
ऐसी क़ौम को
ghaḍiba
غَضِبَ
नाराज़ हुआ
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
ʿalayhim
عَلَيْهِمْ
जिन पर
qad
قَدْ
तहक़ीक़
ya-isū
يَئِسُوا۟
वो मायूस हो गए
mina
مِنَ
आख़िरत से
l-ākhirati
ٱلْءَاخِرَةِ
आख़िरत से
kamā
كَمَا
जैसा कि
ya-isa
يَئِسَ
मायूस हुए
l-kufāru
ٱلْكُفَّارُ
काफ़िर
min
مِنْ
क़ब्रों वालों से
aṣḥābi
أَصْحَٰبِ
क़ब्रों वालों से
l-qubūri
ٱلْقُبُورِ
क़ब्रों वालों से
ऐ ईमान लानेवालो! ऐसे लोगों से मित्रता न करो जिनपर अल्लाह का प्रकोप हुआ, वे आख़िरत से निराश हो चुके है, जिस प्रकार इनकार करनेवाले क़ब्रवालों से निराश हो चुके है ([६०] अल-मुमताहिना: 13)
Tafseer (तफ़सीर )