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पवित्र कुरान सूरा अल-अनाम आयत ६९

Qur'an Surah Al-An'am Verse 69

अल-अनाम [६]: ६९ ~ कुरान अनुवाद शब्द द्वारा शब्द - तफ़सीर

وَمَا عَلَى الَّذِيْنَ يَتَّقُوْنَ مِنْ حِسَابِهِمْ مِّنْ شَيْءٍ وَّلٰكِنْ ذِكْرٰى لَعَلَّهُمْ يَتَّقُوْنَ (الأنعام : ٦)

wamā
وَمَا
And not
और नहीं
ʿalā
عَلَى
(is) on
उनके ज़िम्मे
alladhīna
ٱلَّذِينَ
those who
उनके ज़िम्मे
yattaqūna
يَتَّقُونَ
fear (Allah)
जो तक़वा करते हैं
min
مِنْ
of
उनके हिसाब में से
ḥisābihim
حِسَابِهِم
their account
उनके हिसाब में से
min
مِّن
[of]
कोई चीज़
shayin
شَىْءٍ
anything;
कोई चीज़
walākin
وَلَٰكِن
but
और लेकिन
dhik'rā
ذِكْرَىٰ
(for) reminder
याद दिहानी है
laʿallahum
لَعَلَّهُمْ
so that they may
ताकि वो
yattaqūna
يَتَّقُونَ
fear (Allah)
वो तक़वा करें

Transliteration:

Wa maa 'alal lazeena yattaqoona min hisaabihim min shai'inw wa laakin zikraa la'allahum yattaqoon (QS. al-ʾAnʿām:69)

English Sahih International:

And those who fear Allah are not held accountable for them [i.e., the disbelievers] at all, but [only for] a reminder – that perhaps they will fear Him. (QS. Al-An'am, Ayah ६९)

Muhammad Faruq Khan Sultanpuri & Muhammad Ahmed:

उनके हिसाब के प्रति तो उन लोगो पर कुछ भी ज़िम्मेदारी नहीं, जो डर रखते है। यदि है तो बस याद दिलाने की; ताकि वे डरें (अल-अनाम, आयत ६९)

Suhel Farooq Khan/Saifur Rahman Nadwi

और जिन लोगों ने अपने दीन को खेल और तमाशा बना रखा है और दुनिया की ज़िन्दगी ने उन को धोके में डाल रखा है ऐसे लोगों को छोड़ो और क़ुरान के ज़रिए से उनको नसीहत करते रहो (ऐसा न हो कि कोई) शख़्श अपने करतूत की बदौलत मुब्तिलाए बला हो जाए (क्योंकि उस वक्त) तो ख़ुदा के सिवा उसका न कोई सरपरस्त होगा न सिफारिशी और अगर वह अपने गुनाह के ऐवज़ सारे (जहाँन का) बदला भी दे तो भी उनमें से एक न लिया जाएगा जो लोग अपनी करनी की बदौलत मुब्तिलाए बला हुए है उनको पीने के लिए खौलता हुआ गर्म पानी (मिलेगा) और (उन पर) दर्दनाक अज़ाब होगा क्योंकर वह कुफ़्र किया करते थे

Azizul-Haqq Al-Umary

तथा उन[1] के ह़िसाब में से कुछ का भार उनपर नहीं है, जो अल्लाह से डरते हों, परन्तु याद दिला[2] देना उनका कर्तव्य है, ताकि वे भी डरने लगें।