قَدْ خَسِرَ الَّذِيْنَ كَذَّبُوْا بِلِقَاۤءِ اللّٰهِ ۗحَتّٰٓى اِذَا جَاۤءَتْهُمُ السَّاعَةُ بَغْتَةً قَالُوْا يٰحَسْرَتَنَا عَلٰى مَا فَرَّطْنَا فِيْهَاۙ وَهُمْ يَحْمِلُوْنَ اَوْزَارَهُمْ عَلٰى ظُهُوْرِهِمْۗ اَلَا سَاۤءَ مَا يَزِرُوْنَ ٣١
- qad
- قَدْ
- तहक़ीक़
- khasira
- خَسِرَ
- ख़सारे में रहे
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- वो जिन्होंने
- kadhabū
- كَذَّبُوا۟
- झुठलाया
- biliqāi
- بِلِقَآءِ
- मुलाक़ात को
- l-lahi
- ٱللَّهِۖ
- अल्लाह कि
- ḥattā
- حَتَّىٰٓ
- यहाँ तक कि
- idhā
- إِذَا
- जब
- jāathumu
- جَآءَتْهُمُ
- आ जाएगी उनके पास
- l-sāʿatu
- ٱلسَّاعَةُ
- घड़ी (क़यामत की)
- baghtatan
- بَغْتَةً
- अचानक
- qālū
- قَالُوا۟
- वो कहेंगे
- yāḥasratanā
- يَٰحَسْرَتَنَا
- हाय अफ़सोस हमारा
- ʿalā
- عَلَىٰ
- उस पर
- mā
- مَا
- जो
- farraṭnā
- فَرَّطْنَا
- कमी-कोताही की हमने
- fīhā
- فِيهَا
- उस के बारे में
- wahum
- وَهُمْ
- और वो
- yaḥmilūna
- يَحْمِلُونَ
- वो उठाऐंगे
- awzārahum
- أَوْزَارَهُمْ
- बोझ अपने
- ʿalā
- عَلَىٰ
- अपनी पुश्तों पर
- ẓuhūrihim
- ظُهُورِهِمْۚ
- अपनी पुश्तों पर
- alā
- أَلَا
- ख़बरदार
- sāa
- سَآءَ
- कितना बुरा है
- mā
- مَا
- जो
- yazirūna
- يَزِرُونَ
- बोझ वो उठाऐंगे
वे लोग घाटे में पड़े, जिन्होंने अल्लाह से मिलने को झुठलाया, यहाँ तक कि जब अचानक उनपर वह घड़ी आ जाएगी तो वे कहेंगे, 'हाय! अफ़सोस, उस कोताही पर जो इसके विषय में हमसे हुई।' और हाल यह होगा कि वे अपने बोझ अपनी पीठों पर उठाए होंगे। देखो, कितना बुरा बोझ है जो ये उठाए हुए है! ([६] अल-अनाम: 31)Tafseer (तफ़सीर )
وَمَا الْحَيٰوةُ الدُّنْيَآ اِلَّا لَعِبٌ وَّلَهْوٌ ۗوَلَلدَّارُ الْاٰخِرَةُ خَيْرٌ لِّلَّذِيْنَ يَتَّقُوْنَۗ اَفَلَا تَعْقِلُوْنَ ٣٢
- wamā
- وَمَا
- और नहीं
- l-ḥayatu
- ٱلْحَيَوٰةُ
- ज़िन्दगी
- l-dun'yā
- ٱلدُّنْيَآ
- दुनिया की
- illā
- إِلَّا
- मगर
- laʿibun
- لَعِبٌ
- खेल
- walahwun
- وَلَهْوٌۖ
- और तमाशा
- walalddāru
- وَلَلدَّارُ
- और अलबत्ता घर
- l-ākhiratu
- ٱلْءَاخِرَةُ
- आख़िरत का
- khayrun
- خَيْرٌ
- बेहतर है
- lilladhīna
- لِّلَّذِينَ
- उनके लिए जो
- yattaqūna
- يَتَّقُونَۗ
- तक़वा करते हैं
- afalā
- أَفَلَا
- क्या भला नहीं
- taʿqilūna
- تَعْقِلُونَ
- तुम अक़्ल से काम लेते
सांसारिक जीवन तो एक खेल और तमाशे (ग़फलत) के अतिरिक्त कुछ भी नहीं है जबकि आख़िरत का घर उन लोगों के लिए अच्छा है, जो डर रखते है। तो क्या तुम बुद्धि से काम नहीं लेते? ([६] अल-अनाम: 32)Tafseer (तफ़सीर )
قَدْ نَعْلَمُ اِنَّهٗ لَيَحْزُنُكَ الَّذِيْ يَقُوْلُوْنَ فَاِنَّهُمْ لَا يُكَذِّبُوْنَكَ وَلٰكِنَّ الظّٰلِمِيْنَ بِاٰيٰتِ اللّٰهِ يَجْحَدُوْنَ ٣٣
- qad
- قَدْ
- तहक़ीक़
- naʿlamu
- نَعْلَمُ
- हम जानते हैं
- innahu
- إِنَّهُۥ
- कि बेशक वो
- layaḥzunuka
- لَيَحْزُنُكَ
- अलबत्ता ग़मगीन करता है आपको
- alladhī
- ٱلَّذِى
- जो
- yaqūlūna
- يَقُولُونَۖ
- वो कहते हैं
- fa-innahum
- فَإِنَّهُمْ
- पस बेशक वो
- lā
- لَا
- नहीं वो झुठलाते आपको
- yukadhibūnaka
- يُكَذِّبُونَكَ
- नहीं वो झुठलाते आपको
- walākinna
- وَلَٰكِنَّ
- और लेकिन
- l-ẓālimīna
- ٱلظَّٰلِمِينَ
- ज़ालिम
- biāyāti
- بِـَٔايَٰتِ
- अल्लाह की आयात का ही
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह की आयात का ही
- yajḥadūna
- يَجْحَدُونَ
- वो इन्कार करते हैं
हमें मालूम है, जो कुछ वे कहते है उससे तुम्हें दुख पहुँचता है। तो वे वास्तव में तुम्हें नहीं झुठलाते, बल्कि उन अत्याचारियो को तो अल्लाह की आयतों से इनकार है ([६] अल-अनाम: 33)Tafseer (तफ़सीर )
وَلَقَدْ كُذِّبَتْ رُسُلٌ مِّنْ قَبْلِكَ فَصَبَرُوْا عَلٰى مَا كُذِّبُوْا وَاُوْذُوْا حَتّٰٓى اَتٰىهُمْ نَصْرُنَا ۚوَلَا مُبَدِّلَ لِكَلِمٰتِ اللّٰهِ ۚوَلَقَدْ جَاۤءَكَ مِنْ نَّبَإِ۟ى الْمُرْسَلِيْنَ ٣٤
- walaqad
- وَلَقَدْ
- और अलबत्ता
- kudhibat
- كُذِّبَتْ
- झुठलाए गए
- rusulun
- رُسُلٌ
- कई रसूल
- min
- مِّن
- आप से पहले
- qablika
- قَبْلِكَ
- आप से पहले
- faṣabarū
- فَصَبَرُوا۟
- पस उन्होंने सब्र किया
- ʿalā
- عَلَىٰ
- उस पर जो
- mā
- مَا
- उस पर जो
- kudhibū
- كُذِّبُوا۟
- वो झुठलाए गए
- waūdhū
- وَأُوذُوا۟
- और वो सताए गए
- ḥattā
- حَتَّىٰٓ
- यहाँ तक कि
- atāhum
- أَتَىٰهُمْ
- आ गई उनके पास
- naṣrunā
- نَصْرُنَاۚ
- मदद हमारी
- walā
- وَلَا
- और नहीं
- mubaddila
- مُبَدِّلَ
- कोई बदलने वाला
- likalimāti
- لِكَلِمَٰتِ
- कलिमात को
- l-lahi
- ٱللَّهِۚ
- अल्लाह के
- walaqad
- وَلَقَدْ
- और अलबत्ता तहक़ीक़
- jāaka
- جَآءَكَ
- आ गईं आपके पास
- min
- مِن
- ख़बरें
- naba-i
- نَّبَإِى۟
- ख़बरें
- l-mur'salīna
- ٱلْمُرْسَلِينَ
- रसूलों की
तुमसे पहले भी बहुत-से रसूल झुठलाए जा चुके है, तो वे अपने झुठलाए जाने और कष्ट पहुँचाए जाने पर धैर्य से काम लेते रहे, यहाँ तक कि उन्हें हमारी सहायता पहुँच गई। कोई नहीं जो अल्लाह की बातों को बदल सके। तुम्हारे पास तो रसूलों की कुछ ख़बरें पहुँच ही चुकी है ([६] अल-अनाम: 34)Tafseer (तफ़सीर )
وَاِنْ كَانَ كَبُرَ عَلَيْكَ اِعْرَاضُهُمْ فَاِنِ اسْتَطَعْتَ اَنْ تَبْتَغِيَ نَفَقًا فِى الْاَرْضِ اَوْ سُلَّمًا فِى السَّمَاۤءِ فَتَأْتِيَهُمْ بِاٰيَةٍ ۗوَلَوْ شَاۤءَ اللّٰهُ لَجَمَعَهُمْ عَلَى الْهُدٰى فَلَا تَكُوْنَنَّ مِنَ الْجٰهِلِيْنَ ٣٥
- wa-in
- وَإِن
- और अगर
- kāna
- كَانَ
- है
- kabura
- كَبُرَ
- भारी
- ʿalayka
- عَلَيْكَ
- आप पर
- iʿ'rāḍuhum
- إِعْرَاضُهُمْ
- ऐराज़ करना उनका
- fa-ini
- فَإِنِ
- फिर अगर
- is'taṭaʿta
- ٱسْتَطَعْتَ
- इस्तिताअत रखते हैं आप
- an
- أَن
- कि
- tabtaghiya
- تَبْتَغِىَ
- आप तलाश करें
- nafaqan
- نَفَقًا
- एक सुरंग
- fī
- فِى
- ज़मीन में
- l-arḍi
- ٱلْأَرْضِ
- ज़मीन में
- aw
- أَوْ
- या
- sullaman
- سُلَّمًا
- एक सीढ़ी
- fī
- فِى
- आसमान में
- l-samāi
- ٱلسَّمَآءِ
- आसमान में
- fatatiyahum
- فَتَأْتِيَهُم
- तो आप ले आऐं उनके पास
- biāyatin
- بِـَٔايَةٍۚ
- कोई निशानी
- walaw
- وَلَوْ
- और अगर
- shāa
- شَآءَ
- चाहता
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह
- lajamaʿahum
- لَجَمَعَهُمْ
- अलबत्ता वो जमा कर देता उन्हें
- ʿalā
- عَلَى
- हिदायत पर
- l-hudā
- ٱلْهُدَىٰۚ
- हिदायत पर
- falā
- فَلَا
- पस ना
- takūnanna
- تَكُونَنَّ
- हरगिज़ आप हों
- mina
- مِنَ
- नादानों में से
- l-jāhilīna
- ٱلْجَٰهِلِينَ
- नादानों में से
और यदि उनकी विमुखता तुम्हारे लिए असहनीय है, तो यदि तुमसे हो सके कि धरती में कोई सुरंग या आकाश में कोई सीढ़ी ढूँढ़ निकालो और उनके पास कोई निशानी ले आओ, तो (ऐसा कर देखो), यदि अल्लाह चाहता तो उन सबको सीधे मार्ग पर इकट्ठा कर देता। अतः तुम उजड्ड और नादान न बनना ([६] अल-अनाम: 35)Tafseer (तफ़सीर )
۞ اِنَّمَا يَسْتَجِيْبُ الَّذِيْنَ يَسْمَعُوْنَ ۗوَالْمَوْتٰى يَبْعَثُهُمُ اللّٰهُ ثُمَّ اِلَيْهِ يُرْجَعُوْنَ ٣٦
- innamā
- إِنَّمَا
- बेशक
- yastajību
- يَسْتَجِيبُ
- क़ुबूल करते हैं
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- वही जो
- yasmaʿūna
- يَسْمَعُونَۘ
- सुनते हैं
- wal-mawtā
- وَٱلْمَوْتَىٰ
- और मुर्दे
- yabʿathuhumu
- يَبْعَثُهُمُ
- उठाएगा उन्हें
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह
- thumma
- ثُمَّ
- फिर
- ilayhi
- إِلَيْهِ
- उसी की तरफ़
- yur'jaʿūna
- يُرْجَعُونَ
- वो लौटाए जाऐंगे
मानते हो वही लोग है जो सुनते है, रहे मुर्दे, तो अल्लाह उन्हें (क़ियामत के दिन) उठा खड़ा करेगा; फिर वे उसी के ओर पलटेंगे ([६] अल-अनाम: 36)Tafseer (तफ़सीर )
وَقَالُوْا لَوْلَا نُزِّلَ عَلَيْهِ اٰيَةٌ مِّنْ رَّبِّهٖۗ قُلْ اِنَّ اللّٰهَ قَادِرٌ عَلٰٓى اَنْ يُّنَزِّلَ اٰيَةً وَّلٰكِنَّ اَكْثَرَهُمْ لَا يَعْلَمُوْنَ ٣٧
- waqālū
- وَقَالُوا۟
- और वो कहते हैं
- lawlā
- لَوْلَا
- क्यों ना
- nuzzila
- نُزِّلَ
- नाज़िल की गई
- ʿalayhi
- عَلَيْهِ
- उस पर
- āyatun
- ءَايَةٌ
- कोई निशानी
- min
- مِّن
- उसके रब की तरफ़ से
- rabbihi
- رَّبِّهِۦۚ
- उसके रब की तरफ़ से
- qul
- قُلْ
- कह दीजिए
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- qādirun
- قَادِرٌ
- क़ादिर है
- ʿalā
- عَلَىٰٓ
- इस पर
- an
- أَن
- कि
- yunazzila
- يُنَزِّلَ
- वो नाज़िल करे
- āyatan
- ءَايَةً
- कोई निशानी
- walākinna
- وَلَٰكِنَّ
- और लेकिन
- aktharahum
- أَكْثَرَهُمْ
- अक्सर उनके
- lā
- لَا
- नहीं वो इल्म रखते
- yaʿlamūna
- يَعْلَمُونَ
- नहीं वो इल्म रखते
वे यह भी कहते है, 'उस (नबी) पर उसके रब की ओर से कोई निशानी क्यों नहीं उतारी गई?' कह दो, 'अल्लाह को तो इसकी सामर्थ्य प्राप्त है कि कोई निशानी उतार दे; परन्तु उनमें से अधिकतर लोग नहीं जानते।' ([६] अल-अनाम: 37)Tafseer (तफ़सीर )
وَمَا مِنْ دَاۤبَّةٍ فِى الْاَرْضِ وَلَا طٰۤىِٕرٍ يَّطِيْرُ بِجَنَاحَيْهِ اِلَّآ اُمَمٌ اَمْثَالُكُمْ ۗمَا فَرَّطْنَا فِى الْكِتٰبِ مِنْ شَيْءٍ ثُمَّ اِلٰى رَبِّهِمْ يُحْشَرُوْنَ ٣٨
- wamā
- وَمَا
- और नहीं
- min
- مِن
- कोई जानदार
- dābbatin
- دَآبَّةٍ
- कोई जानदार
- fī
- فِى
- ज़मीन में
- l-arḍi
- ٱلْأَرْضِ
- ज़मीन में
- walā
- وَلَا
- और ना
- ṭāirin
- طَٰٓئِرٍ
- कोई परिन्दा
- yaṭīru
- يَطِيرُ
- जो उड़ता हो
- bijanāḥayhi
- بِجَنَاحَيْهِ
- साथ अपने दो परों के
- illā
- إِلَّآ
- मगर
- umamun
- أُمَمٌ
- गिरोह हैं
- amthālukum
- أَمْثَالُكُمۚ
- तुम्हारी ही तरह
- mā
- مَّا
- नहीं
- farraṭnā
- فَرَّطْنَا
- कमी की हमने
- fī
- فِى
- किताब में
- l-kitābi
- ٱلْكِتَٰبِ
- किताब में
- min
- مِن
- किसी चीज़ की
- shayin
- شَىْءٍۚ
- किसी चीज़ की
- thumma
- ثُمَّ
- फिर
- ilā
- إِلَىٰ
- तरफ़ अपने रब के
- rabbihim
- رَبِّهِمْ
- तरफ़ अपने रब के
- yuḥ'sharūna
- يُحْشَرُونَ
- वो इकट्ठे किए जाऐंगे
धरती में चलने-फिरनेवाला कोई भी प्राणी हो या अपने दो परो से उड़नवाला कोई पक्षी, ये सब तुम्हारी ही तरह के गिरोह है। हमने किताब में कोई भी चीज़ नहीं छोड़ी है। फिर वे अपने रब की ओर इकट्ठे किए जाएँगे ([६] अल-अनाम: 38)Tafseer (तफ़सीर )
وَالَّذِيْنَ كَذَّبُوْا بِاٰيٰتِنَا صُمٌّ وَّبُكْمٌ فِى الظُّلُمٰتِۗ مَنْ يَّشَاِ اللّٰهُ يُضْلِلْهُ وَمَنْ يَّشَأْ يَجْعَلْهُ عَلٰى صِرَاطٍ مُّسْتَقِيْمٍ ٣٩
- wa-alladhīna
- وَٱلَّذِينَ
- और वो जिन्होंने
- kadhabū
- كَذَّبُوا۟
- झुठलाया
- biāyātinā
- بِـَٔايَٰتِنَا
- हमारी आयात को
- ṣummun
- صُمٌّ
- बहरे
- wabuk'mun
- وَبُكْمٌ
- और गूँगे हैं
- fī
- فِى
- अँधेरों में हैं
- l-ẓulumāti
- ٱلظُّلُمَٰتِۗ
- अँधेरों में हैं
- man
- مَن
- जिसको
- yasha-i
- يَشَإِ
- चाहता है
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह
- yuḍ'lil'hu
- يُضْلِلْهُ
- भटका देता है उसे
- waman
- وَمَن
- और जिसको
- yasha
- يَشَأْ
- वो चाहता है
- yajʿalhu
- يَجْعَلْهُ
- वो कर देता है उसे
- ʿalā
- عَلَىٰ
- ऊपर रास्ते
- ṣirāṭin
- صِرَٰطٍ
- ऊपर रास्ते
- mus'taqīmin
- مُّسْتَقِيمٍ
- सीधे के
जिन लोगों ने हमारी आयतों को झुठलाया, वे बहरे और गूँगे है, अँधेरों में पड़े हुए हैं। अल्लाह जिसे चाहे भटकने दे और जिसे चाहे सीधे मार्ग पर लगा दे ([६] अल-अनाम: 39)Tafseer (तफ़सीर )
قُلْ اَرَءَيْتَكُمْ اِنْ اَتٰىكُمْ عَذَابُ اللّٰهِ اَوْ اَتَتْكُمُ السَّاعَةُ اَغَيْرَ اللّٰهِ تَدْعُوْنَۚ اِنْ كُنْتُمْ صٰدِقِيْنَ ٤٠
- qul
- قُلْ
- कह दीजिए
- ara-aytakum
- أَرَءَيْتَكُمْ
- क्या ग़ौर किया तुमने
- in
- إِنْ
- अगर
- atākum
- أَتَىٰكُمْ
- आ जाए तुम्हारे पास
- ʿadhābu
- عَذَابُ
- अज़ाब
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह का
- aw
- أَوْ
- या
- atatkumu
- أَتَتْكُمُ
- आ जाए तुम्हारे पास
- l-sāʿatu
- ٱلسَّاعَةُ
- घड़ी (क़यामत की)
- aghayra
- أَغَيْرَ
- क्या ग़ैर
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह को
- tadʿūna
- تَدْعُونَ
- तुम पुकारोगे
- in
- إِن
- अगर
- kuntum
- كُنتُمْ
- हो तुम
- ṣādiqīna
- صَٰدِقِينَ
- सच्चे
कहो, 'क्या तुमने यह भी सोचा कि यदि तुमपर अल्लाह की यातना आ पड़े या वह घड़ी तुम्हारे सामने आ जाए, तो क्या अल्लाह के सिवा किसी और को पुकारोगे? बोलो, यदि तुम सच्चे हो? ([६] अल-अनाम: 40)Tafseer (तफ़सीर )