وَمَنْ اَظْلَمُ مِمَّنِ افْتَرٰى عَلَى اللّٰهِ كَذِبًا اَوْ كَذَّبَ بِاٰيٰتِهٖۗ اِنَّهٗ لَا يُفْلِحُ الظّٰلِمُوْنَ ٢١
- waman
- وَمَنْ
- और कौन
- aẓlamu
- أَظْلَمُ
- बड़ा ज़ालिम है
- mimmani
- مِمَّنِ
- उससे जो
- if'tarā
- ٱفْتَرَىٰ
- गढ़ ले
- ʿalā
- عَلَى
- अल्लाह पर
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह पर
- kadhiban
- كَذِبًا
- झूठ
- aw
- أَوْ
- या
- kadhaba
- كَذَّبَ
- झुठलाए
- biāyātihi
- بِـَٔايَٰتِهِۦٓۗ
- उसकी आयात को
- innahu
- إِنَّهُۥ
- बेशक वो
- lā
- لَا
- नहीं वो फ़लाह पाऐंगे
- yuf'liḥu
- يُفْلِحُ
- नहीं वो फ़लाह पाऐंगे
- l-ẓālimūna
- ٱلظَّٰلِمُونَ
- जो ज़ालिम हैं
और उससे बढ़कर अत्याचारी कौन होगा, जो अल्लाह पर झूठ गढ़े या उसकी आयतों को झुठलाए। निस्सन्देह अत्याचारी कभी सफल नहीं हो सकते ([६] अल-अनाम: 21)Tafseer (तफ़सीर )
وَيَوْمَ نَحْشُرُهُمْ جَمِيْعًا ثُمَّ نَقُوْلُ لِلَّذِيْنَ اَشْرَكُوْٓا اَيْنَ شُرَكَاۤؤُكُمُ الَّذِيْنَ كُنْتُمْ تَزْعُمُوْنَ ٢٢
- wayawma
- وَيَوْمَ
- और जिस दिन
- naḥshuruhum
- نَحْشُرُهُمْ
- हम इकट्ठा करेंगे उनको
- jamīʿan
- جَمِيعًا
- सबके सब को
- thumma
- ثُمَّ
- फिर
- naqūlu
- نَقُولُ
- हम कहेंगे
- lilladhīna
- لِلَّذِينَ
- उन से जिन्होंने
- ashrakū
- أَشْرَكُوٓا۟
- शिर्क किया
- ayna
- أَيْنَ
- कहाँ हैं
- shurakāukumu
- شُرَكَآؤُكُمُ
- शरीक तुम्हारे
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- वो जो
- kuntum
- كُنتُمْ
- थे तुम
- tazʿumūna
- تَزْعُمُونَ
- तुम दावा करते
और उस दिन को याद करो जब हम सबको इकट्ठा करेंगे; फिर बहुदेववादियों से पूछेंगे, 'कहाँ है तुम्हारे ठहराए हुए साझीदार, जिनका तुम दावा किया करते थे?' ([६] अल-अनाम: 22)Tafseer (तफ़सीर )
ثُمَّ لَمْ تَكُنْ فِتْنَتُهُمْ اِلَّآ اَنْ قَالُوْا وَاللّٰهِ رَبِّنَا مَا كُنَّا مُشْرِكِيْنَ ٢٣
- thumma
- ثُمَّ
- फिर
- lam
- لَمْ
- नहीं
- takun
- تَكُن
- होगा
- fit'natuhum
- فِتْنَتُهُمْ
- उज़र उनका
- illā
- إِلَّآ
- मगर
- an
- أَن
- ये कि
- qālū
- قَالُوا۟
- वो कहेंगे
- wal-lahi
- وَٱللَّهِ
- क़सम है अल्लाह की
- rabbinā
- رَبِّنَا
- जो रब है हमारा
- mā
- مَا
- ना
- kunnā
- كُنَّا
- थे हम
- mush'rikīna
- مُشْرِكِينَ
- शिर्क करने वाले
फिर उनका कोई फ़िला (उपद्रव) शेष न रहेगा। सिवाय इसके कि वे कहेंगे, 'अपने रब अल्लाह की सौगन्ध! हम बहुदेववादी न थे।' ([६] अल-अनाम: 23)Tafseer (तफ़सीर )
اُنْظُرْ كَيْفَ كَذَبُوْا عَلٰٓى اَنْفُسِهِمْ وَضَلَّ عَنْهُمْ مَّا كَانُوْا يَفْتَرُوْنَ ٢٤
- unẓur
- ٱنظُرْ
- देखिए
- kayfa
- كَيْفَ
- किस तरह
- kadhabū
- كَذَبُوا۟
- उन्होंने झूठ बोला
- ʿalā
- عَلَىٰٓ
- अपने नफ़्सों पर
- anfusihim
- أَنفُسِهِمْۚ
- अपने नफ़्सों पर
- waḍalla
- وَضَلَّ
- और गुम हो गए
- ʿanhum
- عَنْهُم
- उनसे
- mā
- مَّا
- जो
- kānū
- كَانُوا۟
- थे वो
- yaftarūna
- يَفْتَرُونَ
- वो गढ़ते
देखो, कैसा वे अपने विषय में झूठ बोले। और वह गुम होकर रह गया जो वे घड़ा करते थे ([६] अल-अनाम: 24)Tafseer (तफ़सीर )
وَمِنْهُمْ مَّنْ يَّسْتَمِعُ اِلَيْكَ ۚوَجَعَلْنَا عَلٰى قُلُوْبِهِمْ اَكِنَّةً اَنْ يَّفْقَهُوْهُ وَفِيْٓ اٰذَانِهِمْ وَقْرًا ۗوَاِنْ يَّرَوْا كُلَّ اٰيَةٍ لَّا يُؤْمِنُوْا بِهَا ۗحَتّٰٓى اِذَا جَاۤءُوْكَ يُجَادِلُوْنَكَ يَقُوْلُ الَّذِيْنَ كَفَرُوْٓا اِنْ هٰذَآ اِلَّآ اَسَاطِيْرُ الْاَوَّلِيْنَ ٢٥
- wamin'hum
- وَمِنْهُم
- और उनमें से कोई है
- man
- مَّن
- जो
- yastamiʿu
- يَسْتَمِعُ
- कान लगाता है
- ilayka
- إِلَيْكَۖ
- तरफ़ आपके
- wajaʿalnā
- وَجَعَلْنَا
- और डाल दिए हमने
- ʿalā
- عَلَىٰ
- उनके दिलों पर
- qulūbihim
- قُلُوبِهِمْ
- उनके दिलों पर
- akinnatan
- أَكِنَّةً
- पर्दे
- an
- أَن
- कि
- yafqahūhu
- يَفْقَهُوهُ
- वो समझ सकें उसे (ना)
- wafī
- وَفِىٓ
- और उनके कानों में
- ādhānihim
- ءَاذَانِهِمْ
- और उनके कानों में
- waqran
- وَقْرًاۚ
- बोझ है
- wa-in
- وَإِن
- और अगर
- yaraw
- يَرَوْا۟
- वो देख लें
- kulla
- كُلَّ
- हर
- āyatin
- ءَايَةٍ
- निशानी
- lā
- لَّا
- ना वो ईमान लाऐंगे
- yu'minū
- يُؤْمِنُوا۟
- ना वो ईमान लाऐंगे
- bihā
- بِهَاۚ
- उस पर
- ḥattā
- حَتَّىٰٓ
- यहाँ तक कि
- idhā
- إِذَا
- जब
- jāūka
- جَآءُوكَ
- वो आते हैं आपके पास
- yujādilūnaka
- يُجَٰدِلُونَكَ
- वो झगड़ा करते हैं आपसे
- yaqūlu
- يَقُولُ
- कहते हैं
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- वो जिन्होंने
- kafarū
- كَفَرُوٓا۟
- कुफ़्र किया
- in
- إِنْ
- नहीं
- hādhā
- هَٰذَآ
- ये
- illā
- إِلَّآ
- मगर
- asāṭīru
- أَسَٰطِيرُ
- कहानियाँ
- l-awalīna
- ٱلْأَوَّلِينَ
- पहलों की
और उनमें कुछ लोग ऐसे है जो तुम्हारी ओर कान लगाते है, हालाँकि हमने तो उनके दिलों पर परदे डाल रखे है कि वे उसे समझ न सकें और उनके कानों में बोझ डाल दिया है। और वे चाहे प्रत्येक निशानी देख लें तब भी उसे मानेंगे नहीं; यहाँ तक कि जब वे तुम्हारे पास आकर तुमसे झगड़ते है, तो अविश्वास की नीति अपनानेवाले कहते है, 'यह तो बस पहले को लोगों की गाथाएँ है।' ([६] अल-अनाम: 25)Tafseer (तफ़सीर )
وَهُمْ يَنْهَوْنَ عَنْهُ وَيَنْـَٔوْنَ عَنْهُ ۚوَاِنْ يُّهْلِكُوْنَ اِلَّآ اَنْفُسَهُمْ وَمَا يَشْعُرُوْنَ ٢٦
- wahum
- وَهُمْ
- और वो
- yanhawna
- يَنْهَوْنَ
- वो रोकते हैं
- ʿanhu
- عَنْهُ
- उससे
- wayanawna
- وَيَنْـَٔوْنَ
- और वो दूर रहते हैं
- ʿanhu
- عَنْهُۖ
- उससे
- wa-in
- وَإِن
- और नहीं
- yuh'likūna
- يُهْلِكُونَ
- वो हलाक करते
- illā
- إِلَّآ
- मगर
- anfusahum
- أَنفُسَهُمْ
- अपने नफ़्सों को
- wamā
- وَمَا
- और नहीं
- yashʿurūna
- يَشْعُرُونَ
- वो शऊर रखते
और वे उससे दूसरों को रोकते है और स्वयं भी उससे दूर रहते है। वे तो बस अपने आपको ही विनष्ट कर रहे है, किन्तु उन्हें इसका एहसास नहीं ([६] अल-अनाम: 26)Tafseer (तफ़सीर )
وَلَوْ تَرٰٓى اِذْ وُقِفُوْا عَلَى النَّارِ فَقَالُوْا يٰلَيْتَنَا نُرَدُّ وَلَا نُكَذِّبَ بِاٰيٰتِ رَبِّنَا وَنَكُوْنَ مِنَ الْمُؤْمِنِيْنَ ٢٧
- walaw
- وَلَوْ
- और काश
- tarā
- تَرَىٰٓ
- आप देखें
- idh
- إِذْ
- जब
- wuqifū
- وُقِفُوا۟
- वो खड़े किए जाऐंगे
- ʿalā
- عَلَى
- ऊपर आग के
- l-nāri
- ٱلنَّارِ
- ऊपर आग के
- faqālū
- فَقَالُوا۟
- तो वो कहेंगे
- yālaytanā
- يَٰلَيْتَنَا
- ऐ काश हम
- nuraddu
- نُرَدُّ
- हम लौटाए जाऐं
- walā
- وَلَا
- और ना
- nukadhiba
- نُكَذِّبَ
- हम झुठलाऐं
- biāyāti
- بِـَٔايَٰتِ
- आयात को
- rabbinā
- رَبِّنَا
- अपने रब की
- wanakūna
- وَنَكُونَ
- और हम हों
- mina
- مِنَ
- मोमिनों मे से
- l-mu'minīna
- ٱلْمُؤْمِنِينَ
- मोमिनों मे से
और यदि तुम उस समय देख सकते, जब वे आग के निकट खड़े किए जाएँगे और कहेंगे, 'काश! क्या ही अच्छा होता कि हम फिर लौटा दिए जाएँ (कि माने) और अपने रब की आयतों को न झुठलाएँ और माननेवालों में हो जाएँ।' ([६] अल-अनाम: 27)Tafseer (तफ़सीर )
بَلْ بَدَا لَهُمْ مَّا كَانُوْا يُخْفُوْنَ مِنْ قَبْلُ ۗوَلَوْ رُدُّوْا لَعَادُوْا لِمَا نُهُوْا عَنْهُ وَاِنَّهُمْ لَكٰذِبُوْنَ ٢٨
- bal
- بَلْ
- बल्कि
- badā
- بَدَا
- ज़ाहिर हो गया
- lahum
- لَهُم
- उनके लिए
- mā
- مَّا
- जो
- kānū
- كَانُوا۟
- थे वो
- yukh'fūna
- يُخْفُونَ
- वो छुपाते
- min
- مِن
- इससे क़ब्ल
- qablu
- قَبْلُۖ
- इससे क़ब्ल
- walaw
- وَلَوْ
- और अगर
- ruddū
- رُدُّوا۟
- वो लौटाए जाऐं
- laʿādū
- لَعَادُوا۟
- अलबत्ता फिर करेंगे
- limā
- لِمَا
- उसी को जो
- nuhū
- نُهُوا۟
- वो रोके गए थे
- ʿanhu
- عَنْهُ
- जिससे
- wa-innahum
- وَإِنَّهُمْ
- और बेशक वो
- lakādhibūna
- لَكَٰذِبُونَ
- अलबत्ता झूठे हैं
कुछ नहीं, बल्कि जो कुछ वे पहले छिपाया करते थे, वह उनके सामने आ गया। और यदि वे लौटा भी दिए जाएँ, तो फिर वही कुछ करने लगेंगे जिससे उन्हें रोका गया था। निश्चय ही वे झूठे है ([६] अल-अनाम: 28)Tafseer (तफ़सीर )
وَقَالُوْٓا اِنْ هِيَ اِلَّا حَيَاتُنَا الدُّنْيَا وَمَا نَحْنُ بِمَبْعُوْثِيْنَ ٢٩
- waqālū
- وَقَالُوٓا۟
- और उन्होंने कहा
- in
- إِنْ
- नहीं
- hiya
- هِىَ
- ये
- illā
- إِلَّا
- मगर
- ḥayātunā
- حَيَاتُنَا
- ज़िन्दगी हमारी
- l-dun'yā
- ٱلدُّنْيَا
- दुनिया की
- wamā
- وَمَا
- और नहीं
- naḥnu
- نَحْنُ
- हम
- bimabʿūthīna
- بِمَبْعُوثِينَ
- उठाए जाने वाले
और वे कहते है, 'जो कुछ है बस यही हमारा सांसारिक जीवन है; हम कोई फिर उठाए जानेवाले नहीं हैं।' ([६] अल-अनाम: 29)Tafseer (तफ़सीर )
وَلَوْ تَرٰٓى اِذْ وُقِفُوْا عَلٰى رَبِّهِمْ ۗ قَالَ اَلَيْسَ هٰذَا بِالْحَقِّ ۗقَالُوْا بَلٰى وَرَبِّنَا ۗقَالَ فَذُوْقُوا الْعَذَابَ بِمَا كُنْتُمْ تَكْفُرُوْنَ ࣖ ٣٠
- walaw
- وَلَوْ
- और काश
- tarā
- تَرَىٰٓ
- आप देखें
- idh
- إِذْ
- जब
- wuqifū
- وُقِفُوا۟
- वो खड़े किए जाऐंगे
- ʿalā
- عَلَىٰ
- अपने रब के सामने
- rabbihim
- رَبِّهِمْۚ
- अपने रब के सामने
- qāla
- قَالَ
- वो फ़रमाएगा
- alaysa
- أَلَيْسَ
- क्या नहीं है
- hādhā
- هَٰذَا
- ये
- bil-ḥaqi
- بِٱلْحَقِّۚ
- हक़
- qālū
- قَالُوا۟
- वो कहेंगे
- balā
- بَلَىٰ
- क्यों नहीं
- warabbinā
- وَرَبِّنَاۚ
- क़सम है हमारे रब की
- qāla
- قَالَ
- वो फ़रमाएगा
- fadhūqū
- فَذُوقُوا۟
- पस चखो
- l-ʿadhāba
- ٱلْعَذَابَ
- अज़ाब
- bimā
- بِمَا
- बवजह उसके जो
- kuntum
- كُنتُمْ
- थे तुम
- takfurūna
- تَكْفُرُونَ
- तुम कुफ़्र करते
और यदि तुम देख सकते जब वे अपने रब के सामने खड़े किेए जाएँगे! वह कहेगा, 'क्या यह यर्थाथ नहीं है?' कहेंगे, 'क्यों नही, हमारे रब की क़सम!' वह कहेगा, 'अच्छा तो उस इनकार के बदले जो तुम करते रहें हो, यातना का मज़ा चखो।' ([६] अल-अनाम: 30)Tafseer (तफ़सीर )