قُلْ اِنَّنِيْ هَدٰىنِيْ رَبِّيْٓ اِلٰى صِرَاطٍ مُّسْتَقِيْمٍ ەۚ دِيْنًا قِيَمًا مِّلَّةَ اِبْرٰهِيْمَ حَنِيْفًاۚ وَمَا كَانَ مِنَ الْمُشْرِكِيْنَ ١٦١
- qul
- قُلْ
- कह दीजिए
- innanī
- إِنَّنِى
- बेशक मैं
- hadānī
- هَدَىٰنِى
- हिदायत दी मुझे
- rabbī
- رَبِّىٓ
- मेरे रब ने
- ilā
- إِلَىٰ
- तरफ़ रास्ते
- ṣirāṭin
- صِرَٰطٍ
- तरफ़ रास्ते
- mus'taqīmin
- مُّسْتَقِيمٍ
- सीधे के
- dīnan
- دِينًا
- दीन
- qiyaman
- قِيَمًا
- दुरुस्त की
- millata
- مِّلَّةَ
- जो मिल्लत है
- ib'rāhīma
- إِبْرَٰهِيمَ
- इब्राहीम की
- ḥanīfan
- حَنِيفًاۚ
- जो यकसू था
- wamā
- وَمَا
- और ना
- kāna
- كَانَ
- था वो
- mina
- مِنَ
- मुशरिकीन में से
- l-mush'rikīna
- ٱلْمُشْرِكِينَ
- मुशरिकीन में से
कहो, 'मेरे रब ने मुझे सीधा मार्ग दिखा दिया है, बिल्कुल ठीक धर्म, इबराहीम के पंथ की ओर जो सबसे कटकर एक (अल्लाह) का हो गया था और वह बहुदेववादियों में से न था।' ([६] अल-अनाम: 161)Tafseer (तफ़सीर )
قُلْ اِنَّ صَلَاتِيْ وَنُسُكِيْ وَمَحْيَايَ وَمَمَاتِيْ لِلّٰهِ رَبِّ الْعٰلَمِيْنَۙ ١٦٢
- qul
- قُلْ
- कह दीजिए
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- ṣalātī
- صَلَاتِى
- मेरी नमाज़
- wanusukī
- وَنُسُكِى
- और मेरी क़ुर्बानी
- wamaḥyāya
- وَمَحْيَاىَ
- और मेरा जीना
- wamamātī
- وَمَمَاتِى
- और मेरा मरना
- lillahi
- لِلَّهِ
- अल्लाह ही के लिए है
- rabbi
- رَبِّ
- जो रब है
- l-ʿālamīna
- ٱلْعَٰلَمِينَ
- तमाम जहानों का
कहो, 'मेरी नमाज़ और मेरी क़ुरबानी और मेरा जीना और मेरा मरना सब अल्लाह के लिए है, जो सारे संसार का रब है ([६] अल-अनाम: 162)Tafseer (तफ़सीर )
لَا شَرِيْكَ لَهٗ ۚوَبِذٰلِكَ اُمِرْتُ وَاَنَا۠ اَوَّلُ الْمُسْلِمِيْنَ ١٦٣
- lā
- لَا
- नहीं कोई शरीक
- sharīka
- شَرِيكَ
- नहीं कोई शरीक
- lahu
- لَهُۥۖ
- उसका
- wabidhālika
- وَبِذَٰلِكَ
- और इसी का
- umir'tu
- أُمِرْتُ
- हुक्म दिया गया हूँ मैं
- wa-anā
- وَأَنَا۠
- और मैं
- awwalu
- أَوَّلُ
- सबसे पहला हूँ
- l-mus'limīna
- ٱلْمُسْلِمِينَ
- मुसलमानों में
'उसका कोई साझी नहीं है। मुझे तो इसी का आदेश मिला है और सबसे पहला मुस्लिम (आज्ञाकारी) मैं हूँ।' ([६] अल-अनाम: 163)Tafseer (तफ़सीर )
قُلْ اَغَيْرَ اللّٰهِ اَبْغِيْ رَبًّا وَّهُوَ رَبُّ كُلِّ شَيْءٍۗ وَلَا تَكْسِبُ كُلُّ نَفْسٍ اِلَّا عَلَيْهَاۚ وَلَا تَزِرُ وَازِرَةٌ وِّزْرَ اُخْرٰىۚ ثُمَّ اِلٰى رَبِّكُمْ مَّرْجِعُكُمْ فَيُنَبِّئُكُمْ بِمَا كُنْتُمْ فِيْهِ تَخْتَلِفُوْنَ ١٦٤
- qul
- قُلْ
- कह दीजिए
- aghayra
- أَغَيْرَ
- क्या सिवाय
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह के
- abghī
- أَبْغِى
- मैं तलाश करूँ
- rabban
- رَبًّا
- कोई रब
- wahuwa
- وَهُوَ
- हालाँकि वो
- rabbu
- رَبُّ
- रब है
- kulli
- كُلِّ
- हर
- shayin
- شَىْءٍۚ
- चीज़ का
- walā
- وَلَا
- और नहीं
- taksibu
- تَكْسِبُ
- कमाता
- kullu
- كُلُّ
- कोई नफ़्स
- nafsin
- نَفْسٍ
- कोई नफ़्स
- illā
- إِلَّا
- मगर
- ʿalayhā
- عَلَيْهَاۚ
- उसी पर है (वबाल)
- walā
- وَلَا
- और नहीं
- taziru
- تَزِرُ
- बोझ उठाएगी
- wāziratun
- وَازِرَةٌ
- कोई बोझ उठाने वाली
- wiz'ra
- وِزْرَ
- बोझ
- ukh'rā
- أُخْرَىٰۚ
- दूसरी का
- thumma
- ثُمَّ
- फिर
- ilā
- إِلَىٰ
- तरफ़ अपने रब के
- rabbikum
- رَبِّكُم
- तरफ़ अपने रब के
- marjiʿukum
- مَّرْجِعُكُمْ
- लौटना है तुम्हारा
- fayunabbi-ukum
- فَيُنَبِّئُكُم
- फिर वो बताएगा तुम्हें
- bimā
- بِمَا
- वो जो
- kuntum
- كُنتُمْ
- थे तुम
- fīhi
- فِيهِ
- जिस में
- takhtalifūna
- تَخْتَلِفُونَ
- तुम इख़्तिलाफ़ करते
कहो, 'क्या मैं अल्लाह से भिन्न कोई और रब ढूढूँ, जबकि हर चीज़ का रब वही है!' और यह कि प्रत्येक व्यक्ति जो कुछ कमाता है, उसका फल वही भोगेगा; कोई बोझ उठानेवाला किसी दूसरे का बोझ नहीं उठाएगा। फिर तुम्हें अपने रब की ओर लौटकर जाना है। उस समय वह तुम्हें बता देगा, जिसमें परस्पर तुम्हारा मतभेद और झगड़ा था ([६] अल-अनाम: 164)Tafseer (तफ़सीर )
وَهُوَ الَّذِيْ جَعَلَكُمْ خَلٰۤىِٕفَ الْاَرْضِ وَرَفَعَ بَعْضَكُمْ فَوْقَ بَعْضٍ دَرَجٰتٍ لِّيَبْلُوَكُمْ فِيْ مَآ اٰتٰىكُمْۗ اِنَّ رَبَّكَ سَرِيْعُ الْعِقَابِۖ وَاِنَّهٗ لَغَفُوْرٌ رَّحِيْمٌ ࣖ ١٦٥
- wahuwa
- وَهُوَ
- और वो ही है
- alladhī
- ٱلَّذِى
- जिसने
- jaʿalakum
- جَعَلَكُمْ
- बनाया तुम्हें
- khalāifa
- خَلَٰٓئِفَ
- जानशीन
- l-arḍi
- ٱلْأَرْضِ
- ज़मीन का
- warafaʿa
- وَرَفَعَ
- और बुलन्द किया
- baʿḍakum
- بَعْضَكُمْ
- तुम्हारे बाज़ को
- fawqa
- فَوْقَ
- ऊपर
- baʿḍin
- بَعْضٍ
- बाज़ के
- darajātin
- دَرَجَٰتٍ
- दरजात में
- liyabluwakum
- لِّيَبْلُوَكُمْ
- ताकि वो आज़माए तुम्हें
- fī
- فِى
- उसमें जो
- mā
- مَآ
- उसमें जो
- ātākum
- ءَاتَىٰكُمْۗ
- उसने दिया तुम्हें
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- rabbaka
- رَبَّكَ
- रब आपका
- sarīʿu
- سَرِيعُ
- जल्द देने वाला है
- l-ʿiqābi
- ٱلْعِقَابِ
- सज़ा
- wa-innahu
- وَإِنَّهُۥ
- और बेशक वो
- laghafūrun
- لَغَفُورٌ
- अलबत्ता बहुत बख़्शने वाला है
- raḥīmun
- رَّحِيمٌۢ
- बहुत रहम करने वाला है
वही है जिसने तुम्हें धरती में धरती में ख़लीफ़ा (अधिकारी, उत्ताराधिकारी) बनाया और तुममें से कुछ लोगों के दर्जे कुछ लोगों की अपेक्षा ऊँचे रखे, ताकि जो कुछ उसने तुमको दिया है उसमें वह तम्हारी ले। निस्संदेह तुम्हारा रब जल्द सज़ा देनेवाला है। और निश्चय ही वही बड़ा क्षमाशील, दयावान है ([६] अल-अनाम: 165)Tafseer (तफ़सीर )