۞ وَلَوْ اَنَّنَا نَزَّلْنَآ اِلَيْهِمُ الْمَلٰۤىِٕكَةَ وَكَلَّمَهُمُ الْمَوْتٰى وَحَشَرْنَا عَلَيْهِمْ كُلَّ شَيْءٍ قُبُلًا مَّا كَانُوْا لِيُؤْمِنُوْٓا اِلَّآ اَنْ يَّشَاۤءَ اللّٰهُ وَلٰكِنَّ اَكْثَرَهُمْ يَجْهَلُوْنَ ١١١
- walaw
- وَلَوْ
- और अगर
- annanā
- أَنَّنَا
- बेशक हम
- nazzalnā
- نَزَّلْنَآ
- उतारते हम
- ilayhimu
- إِلَيْهِمُ
- तरफ़ उनके
- l-malāikata
- ٱلْمَلَٰٓئِكَةَ
- फ़रिश्ते
- wakallamahumu
- وَكَلَّمَهُمُ
- और कलाम करते उनसे
- l-mawtā
- ٱلْمَوْتَىٰ
- मुर्दे
- waḥasharnā
- وَحَشَرْنَا
- और इकट्ठा कर लाते हम
- ʿalayhim
- عَلَيْهِمْ
- उन पर
- kulla
- كُلَّ
- हर
- shayin
- شَىْءٍ
- चीज़ को
- qubulan
- قُبُلًا
- सामने
- mā
- مَّا
- ना
- kānū
- كَانُوا۟
- थे वो
- liyu'minū
- لِيُؤْمِنُوٓا۟
- कि वो ईमान ले आते
- illā
- إِلَّآ
- मगर
- an
- أَن
- ये कि
- yashāa
- يَشَآءَ
- चाहता
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह
- walākinna
- وَلَٰكِنَّ
- और लेकिन
- aktharahum
- أَكْثَرَهُمْ
- अक्सर उनके
- yajhalūna
- يَجْهَلُونَ
- वो जहालत बरतते हैं
यदि हम उनकी ओर फ़रिश्ते भी उतार देते और मुर्दें भी उनसे बातें करने लगते और प्रत्येक चीज़ उनके सामने लाकर इकट्ठा कर देते, तो भी वे ईमान न लाते, बल्कि अल्लाह ही का चाहा क्रियान्वित है। परन्तु उनमें से अधिकतर लोग अज्ञानता से काम लेते है ([६] अल-अनाम: 111)Tafseer (तफ़सीर )
وَكَذٰلِكَ جَعَلْنَا لِكُلِّ نَبِيٍّ عَدُوًّا شَيٰطِيْنَ الْاِنْسِ وَالْجِنِّ يُوْحِيْ بَعْضُهُمْ اِلٰى بَعْضٍ زُخْرُفَ الْقَوْلِ غُرُوْرًا ۗوَلَوْ شَاۤءَ رَبُّكَ مَا فَعَلُوْهُ فَذَرْهُمْ وَمَا يَفْتَرُوْنَ ١١٢
- wakadhālika
- وَكَذَٰلِكَ
- और इसी तरह
- jaʿalnā
- جَعَلْنَا
- बनाए हमने
- likulli
- لِكُلِّ
- हर नबी के लिए
- nabiyyin
- نَبِىٍّ
- हर नबी के लिए
- ʿaduwwan
- عَدُوًّا
- दुश्मन
- shayāṭīna
- شَيَٰطِينَ
- शयातीन
- l-insi
- ٱلْإِنسِ
- इन्सानों
- wal-jini
- وَٱلْجِنِّ
- और जिन्नों (में से)
- yūḥī
- يُوحِى
- डालता है
- baʿḍuhum
- بَعْضُهُمْ
- बाज़ उनका
- ilā
- إِلَىٰ
- तरफ़ बाज़ के
- baʿḍin
- بَعْضٍ
- तरफ़ बाज़ के
- zukh'rufa
- زُخْرُفَ
- मुलम्मा की हुई
- l-qawli
- ٱلْقَوْلِ
- बात
- ghurūran
- غُرُورًاۚ
- धोखा देने के लिए
- walaw
- وَلَوْ
- और अगर
- shāa
- شَآءَ
- चाहता
- rabbuka
- رَبُّكَ
- रब आपका
- mā
- مَا
- ना
- faʿalūhu
- فَعَلُوهُۖ
- वो करते उसे
- fadharhum
- فَذَرْهُمْ
- पस छोड़ दीजिए उन्हें
- wamā
- وَمَا
- और जो
- yaftarūna
- يَفْتَرُونَ
- वो झूठ गढ़ते हैं
और इसी प्रकार हमने मनुष्यों और जिन्नों में से शैतानों को प्रत्येक नबी का शत्रु बनाया, जो चिकनी-चुपड़ी बात एक-दूसरे के मन में डालकर धोखा देते थे - यदि तुम्हारा रब चाहता तो वे ऐसा न कर सकते। अब छोड़ो उन्हें और उनके मिथ्यारोपण को। - ([६] अल-अनाम: 112)Tafseer (तफ़सीर )
وَلِتَصْغٰٓى اِلَيْهِ اَفْـِٕدَةُ الَّذِيْنَ لَا يُؤْمِنُوْنَ بِالْاٰخِرَةِ وَلِيَرْضَوْهُ وَلِيَقْتَرِفُوْا مَا هُمْ مُّقْتَرِفُوْنَ ١١٣
- walitaṣghā
- وَلِتَصْغَىٰٓ
- और ताकि माइल हों
- ilayhi
- إِلَيْهِ
- तरफ़ उसके
- afidatu
- أَفْـِٔدَةُ
- दिल
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- उनके जो
- lā
- لَا
- नहीं वो ईमान लाते
- yu'minūna
- يُؤْمِنُونَ
- नहीं वो ईमान लाते
- bil-ākhirati
- بِٱلْءَاخِرَةِ
- आख़िरत पर
- waliyarḍawhu
- وَلِيَرْضَوْهُ
- और ताकि वो राज़ी हों उससे
- waliyaqtarifū
- وَلِيَقْتَرِفُوا۟
- और ताकि वो कमाई करें
- mā
- مَا
- जो
- hum
- هُم
- वो
- muq'tarifūna
- مُّقْتَرِفُونَ
- कमाई करने वाले हैं
और ताकि जो लोग परलोक को नहीं मानते, उनके दिल उसकी ओर झुकें और ताकि वे उसे पसन्द कर लें, और ताकि जो कमाई उन्हें करनी है कर लें ([६] अल-अनाम: 113)Tafseer (तफ़सीर )
اَفَغَيْرَ اللّٰهِ اَبْتَغِيْ حَكَمًا وَّهُوَ الَّذِيْٓ اَنْزَلَ اِلَيْكُمُ الْكِتٰبَ مُفَصَّلًا ۗوَالَّذِيْنَ اٰتَيْنٰهُمُ الْكِتٰبَ يَعْلَمُوْنَ اَنَّهٗ مُنَزَّلٌ مِّنْ رَّبِّكَ بِالْحَقِّ فَلَا تَكُوْنَنَّ مِنَ الْمُمْتَرِيْنَ ١١٤
- afaghayra
- أَفَغَيْرَ
- क्या फिर सिवाय
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह के
- abtaghī
- أَبْتَغِى
- मैं तलाश करूँ
- ḥakaman
- حَكَمًا
- कोई फ़ैसला करने वाला
- wahuwa
- وَهُوَ
- हालाँकि वो ही है
- alladhī
- ٱلَّذِىٓ
- जिसने
- anzala
- أَنزَلَ
- नाज़िल की
- ilaykumu
- إِلَيْكُمُ
- तरफ़ तुम्हारे
- l-kitāba
- ٱلْكِتَٰبَ
- किताब
- mufaṣṣalan
- مُفَصَّلًاۚ
- मुफ़स्सिल
- wa-alladhīna
- وَٱلَّذِينَ
- और वो लोग जो
- ātaynāhumu
- ءَاتَيْنَٰهُمُ
- दी हमने उन्हें
- l-kitāba
- ٱلْكِتَٰبَ
- किताब
- yaʿlamūna
- يَعْلَمُونَ
- वो जानते हैं
- annahu
- أَنَّهُۥ
- कि बेशक वो
- munazzalun
- مُنَزَّلٌ
- नाज़िल करदा है
- min
- مِّن
- आपके रब की तरफ़ से
- rabbika
- رَّبِّكَ
- आपके रब की तरफ़ से
- bil-ḥaqi
- بِٱلْحَقِّۖ
- साथ हक़ के
- falā
- فَلَا
- पस हरगिज़ ना आप हों
- takūnanna
- تَكُونَنَّ
- पस हरगिज़ ना आप हों
- mina
- مِنَ
- शक करने वालों में से
- l-mum'tarīna
- ٱلْمُمْتَرِينَ
- शक करने वालों में से
अब क्या मैं अल्लाह के सिवा कोई और निर्णायक ढूढूँ? हालाँकि वही है जिसने तुम्हारी ओर किताब अवतरित की है, जिसमें बातें खोल-खोलकर बता दी गई है और जिन लोगों को हमने किताब प्रदान की थी, वे भी जानते है कि यह तुम्हारे रब की ओर से हक़ के साथ अवतरित हुई है, तो तुम कदापि सन्देह में न पड़ना ([६] अल-अनाम: 114)Tafseer (तफ़सीर )
وَتَمَّتْ كَلِمَتُ رَبِّكَ صِدْقًا وَّعَدْلًاۗ لَا مُبَدِّلَ لِكَلِمٰتِهٖ ۚوَهُوَ السَّمِيْعُ الْعَلِيْمُ ١١٥
- watammat
- وَتَمَّتْ
- और पूरी हो गई
- kalimatu
- كَلِمَتُ
- बात
- rabbika
- رَبِّكَ
- आपके रब की
- ṣid'qan
- صِدْقًا
- सच
- waʿadlan
- وَعَدْلًاۚ
- और इन्साफ़ की
- lā
- لَّا
- नहीं कोई बदलने वाला
- mubaddila
- مُبَدِّلَ
- नहीं कोई बदलने वाला
- likalimātihi
- لِكَلِمَٰتِهِۦۚ
- उसके कलिमात को
- wahuwa
- وَهُوَ
- और वो
- l-samīʿu
- ٱلسَّمِيعُ
- ख़ूब सुनने वाला है
- l-ʿalīmu
- ٱلْعَلِيمُ
- ख़ूब जानने वाला है
तुम्हारे रब की बात सच्चाई और इनसाफ़ के साथ पूरी हुई, कोई नहीं जो उसकी बातों को बदल सकें, और वह सुनता, जानता है ([६] अल-अनाम: 115)Tafseer (तफ़सीर )
وَاِنْ تُطِعْ اَكْثَرَ مَنْ فِى الْاَرْضِ يُضِلُّوْكَ عَنْ سَبِيْلِ اللّٰهِ ۗاِنْ يَّتَّبِعُوْنَ اِلَّا الظَّنَّ وَاِنْ هُمْ اِلَّا يَخْرُصُوْنَ ١١٦
- wa-in
- وَإِن
- और अगर
- tuṭiʿ
- تُطِعْ
- आप इताअत करें
- akthara
- أَكْثَرَ
- अक्सरियत की
- man
- مَن
- जो
- fī
- فِى
- ज़मीन में है
- l-arḍi
- ٱلْأَرْضِ
- ज़मीन में है
- yuḍillūka
- يُضِلُّوكَ
- वो भटका देंगे आपको
- ʿan
- عَن
- अल्लाह के रास्ते से
- sabīli
- سَبِيلِ
- अल्लाह के रास्ते से
- l-lahi
- ٱللَّهِۚ
- अल्लाह के रास्ते से
- in
- إِن
- नहीं
- yattabiʿūna
- يَتَّبِعُونَ
- वो पैरवी करते
- illā
- إِلَّا
- मगर
- l-ẓana
- ٱلظَّنَّ
- गुमान की
- wa-in
- وَإِنْ
- और नहीं
- hum
- هُمْ
- वो
- illā
- إِلَّا
- मगर
- yakhruṣūna
- يَخْرُصُونَ
- वो क़यास आराइयाँ करते हैं
और धरती में अधिकतर लोग ऐसे है, यदि तुम उनके कहने पर चले तो वे अल्लाह के मार्ग से तुम्हें भटका देंगे। वे तो केवल अटकल के पीछे चलते है और वे निरे अटकल ही दौड़ाते है ([६] अल-अनाम: 116)Tafseer (तफ़सीर )
اِنَّ رَبَّكَ هُوَ اَعْلَمُ مَنْ يَّضِلُّ عَنْ سَبِيْلِهٖۚ وَهُوَ اَعْلَمُ بِالْمُهْتَدِيْنَ ١١٧
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- rabbaka
- رَبَّكَ
- रब आपका
- huwa
- هُوَ
- वो
- aʿlamu
- أَعْلَمُ
- ज़्यादा जानता है
- man
- مَن
- कौन भटका हुआ है
- yaḍillu
- يَضِلُّ
- कौन भटका हुआ है
- ʿan
- عَن
- उसके रास्ते से
- sabīlihi
- سَبِيلِهِۦۖ
- उसके रास्ते से
- wahuwa
- وَهُوَ
- और वो
- aʿlamu
- أَعْلَمُ
- ज़्यादा जानता है
- bil-muh'tadīna
- بِٱلْمُهْتَدِينَ
- हिदायत पाने वालों को
निस्संदेह तुम्हारा रब उसे भली-भाँति जानता है, जो उसके मार्ग से भटकता और वह उन्हें भी जानता है, जो सीधे मार्ग पर है ([६] अल-अनाम: 117)Tafseer (तफ़सीर )
فَكُلُوْا مِمَّا ذُكِرَ اسْمُ اللّٰهِ عَلَيْهِ اِنْ كُنْتُمْ بِاٰيٰتِهٖ مُؤْمِنِيْنَ ١١٨
- fakulū
- فَكُلُوا۟
- पस खाओ
- mimmā
- مِمَّا
- उसमें से जो
- dhukira
- ذُكِرَ
- ज़िक्र किया गया
- us'mu
- ٱسْمُ
- नाम
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह का
- ʿalayhi
- عَلَيْهِ
- उस पर
- in
- إِن
- अगर
- kuntum
- كُنتُم
- हो तुम
- biāyātihi
- بِـَٔايَٰتِهِۦ
- उसकी आयात पर
- mu'minīna
- مُؤْمِنِينَ
- ईमान लाने वाले
अतः जिसपर अल्लाह का नाम लिया गया हो, उसे खाओ; यदि तुम उसकी आयतों को मानते हो ([६] अल-अनाम: 118)Tafseer (तफ़सीर )
وَمَا لَكُمْ اَلَّا تَأْكُلُوْا مِمَّا ذُكِرَ اسْمُ اللّٰهِ عَلَيْهِ وَقَدْ فَصَّلَ لَكُمْ مَّا حَرَّمَ عَلَيْكُمْ اِلَّا مَا اضْطُرِرْتُمْ اِلَيْهِ ۗوَاِنَّ كَثِيرًا لَّيُضِلُّوْنَ بِاَهْوَاۤىِٕهِمْ بِغَيْرِ عِلْمٍ ۗاِنَّ رَبَّكَ هُوَ اَعْلَمُ بِالْمُعْتَدِيْنَ ١١٩
- wamā
- وَمَا
- और क्या है
- lakum
- لَكُمْ
- तुम्हें
- allā
- أَلَّا
- कि नहीं
- takulū
- تَأْكُلُوا۟
- तुम खाते
- mimmā
- مِمَّا
- उसमें से जो
- dhukira
- ذُكِرَ
- ज़िक्र किया गया
- us'mu
- ٱسْمُ
- नाम
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह का
- ʿalayhi
- عَلَيْهِ
- उस पर
- waqad
- وَقَدْ
- हालाँकि तहक़ीक़
- faṣṣala
- فَصَّلَ
- उसने खोलकर बयान किया
- lakum
- لَكُم
- तुम्हारे लिए
- mā
- مَّا
- जो
- ḥarrama
- حَرَّمَ
- उसने हराम किया
- ʿalaykum
- عَلَيْكُمْ
- तुम पर
- illā
- إِلَّا
- मगर
- mā
- مَا
- वो जो
- uḍ'ṭurir'tum
- ٱضْطُرِرْتُمْ
- मजबूर कर दिए जाओ तुम
- ilayhi
- إِلَيْهِۗ
- तरफ़ उसके
- wa-inna
- وَإِنَّ
- और बेशक
- kathīran
- كَثِيرًا
- अक्सर लोग
- layuḍillūna
- لَّيُضِلُّونَ
- अलबत्ता वो गुमराह करते हैं
- bi-ahwāihim
- بِأَهْوَآئِهِم
- अपनी ख़्वाहिशात के ज़रिए
- bighayri
- بِغَيْرِ
- बग़ैर
- ʿil'min
- عِلْمٍۗ
- इल्म के
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- rabbaka
- رَبَّكَ
- रब आपका
- huwa
- هُوَ
- वो
- aʿlamu
- أَعْلَمُ
- ज़्यादा जानने वाला है
- bil-muʿ'tadīna
- بِٱلْمُعْتَدِينَ
- हद से तजावुज़ करने वालों को
और क्या आपत्ति है कि तुम उसे न खाओ, जिसपर अल्लाह का नाम लिया गया हो, बल्कि जो कुछ चीज़े उसने तुम्हारे लिए हराम कर दी है, उनको उसने विस्तारपूर्वक तुम्हे बता दिया है। यह और बात है कि उसके लिए कभी तुम्हें विवश होना पड़े। परन्तु अधिकतर लोग तो ज्ञान के बिना केवल अपनी इच्छाओं (ग़लत विचारों) के द्वारा पथभ्रष्टो करते रहते है। निस्सन्देह तुम्हारा रब मर्यादाहीन लोगों को भली-भाँति जानता है ([६] अल-अनाम: 119)Tafseer (तफ़सीर )
وَذَرُوْا ظَاهِرَ الْاِثْمِ وَبَاطِنَهٗ ۗاِنَّ الَّذِيْنَ يَكْسِبُوْنَ الْاِثْمَ سَيُجْزَوْنَ بِمَا كَانُوْا يَقْتَرِفُوْنَ ١٢٠
- wadharū
- وَذَرُوا۟
- और छोड़ दो
- ẓāhira
- ظَٰهِرَ
- ज़ाहिरी
- l-ith'mi
- ٱلْإِثْمِ
- गुनाह को
- wabāṭinahu
- وَبَاطِنَهُۥٓۚ
- और उसके छुपे को
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- वो लोग जो
- yaksibūna
- يَكْسِبُونَ
- कमाते है
- l-ith'ma
- ٱلْإِثْمَ
- गुनाह
- sayuj'zawna
- سَيُجْزَوْنَ
- अनक़रीब वो बदला दिए जाऐंगे
- bimā
- بِمَا
- उसका जो
- kānū
- كَانُوا۟
- थे वो
- yaqtarifūna
- يَقْتَرِفُونَ
- वो कमाई करते
छोड़ो खुले गुनाह को भी और छिपे को भी। निश्चय ही गुनाह कमानेवालों को उसका बदला दिया जाएगा, जिस कमाई में वे लगे रहे होंगे ([६] अल-अनाम: 120)Tafseer (तफ़सीर )