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सूरा अल-अनाम - शब्द द्वारा शब्द

Al-An'am

(पशु)

bismillaahirrahmaanirrahiim

اَلْحَمْدُ لِلّٰهِ الَّذِيْ خَلَقَ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضَ وَجَعَلَ الظُّلُمٰتِ وَالنُّوْرَ ەۗ ثُمَّ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا بِرَبِّهِمْ يَعْدِلُوْنَ ١

al-ḥamdu
ٱلْحَمْدُ
सब तारीफ़
lillahi
لِلَّهِ
अल्लाह के लिए है
alladhī
ٱلَّذِى
वो जिसने
khalaqa
خَلَقَ
पैदा किया
l-samāwāti
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों
wal-arḍa
وَٱلْأَرْضَ
और ज़मीन को
wajaʿala
وَجَعَلَ
और उसने बनाया
l-ẓulumāti
ٱلظُّلُمَٰتِ
अँधेरों
wal-nūra
وَٱلنُّورَۖ
और रोशनी को
thumma
ثُمَّ
फिर
alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो जिन्होंने
kafarū
كَفَرُوا۟
कुफ़्र किया
birabbihim
بِرَبِّهِمْ
साथ अपने रब के
yaʿdilūna
يَعْدِلُونَ
वो बराबर क़रार देते हैं
प्रशंसा अल्लाह के लिए है, जिसने आकाशों और धरती को पैदा किया और अँधरों और उजाले का विधान किया; फिर भी इनकार करनेवाले लोग दूसरों को अपने रब के समकक्ष ठहराते है ([६] अल-अनाम: 1)
Tafseer (तफ़सीर )

هُوَ الَّذِيْ خَلَقَكُمْ مِّنْ طِيْنٍ ثُمَّ قَضٰٓى اَجَلًا ۗوَاَجَلٌ مُّسَمًّى عِنْدَهٗ ثُمَّ اَنْتُمْ تَمْتَرُوْنَ ٢

huwa
هُوَ
वो ही है
alladhī
ٱلَّذِى
जिसने
khalaqakum
خَلَقَكُم
पैदा किया तुम्हें
min
مِّن
मिट्टी से
ṭīnin
طِينٍ
मिट्टी से
thumma
ثُمَّ
फिर
qaḍā
قَضَىٰٓ
उस ने मुक़र्रर की
ajalan
أَجَلًاۖ
एक मुद्दत
wa-ajalun
وَأَجَلٌ
और एक (और) मुद्दत
musamman
مُّسَمًّى
मुक़र्रर है
ʿindahu
عِندَهُۥۖ
उसके यहाँ
thumma
ثُمَّ
फिर (भी)
antum
أَنتُمْ
तुम
tamtarūna
تَمْتَرُونَ
तुम शक करते हो
वही है जिसने तुम्हें मिट्टी से पैदा किया, फिर (जीवन की) एक अवधि निश्चित कर दी और उसके यहाँ (क़ियामत की) एक अवधि और निश्चित है; फिर भी तुम संदेह करते हो! ([६] अल-अनाम: 2)
Tafseer (तफ़सीर )

وَهُوَ اللّٰهُ فِى السَّمٰوٰتِ وَفِى الْاَرْضِۗ يَعْلَمُ سِرَّكُمْ وَجَهْرَكُمْ وَيَعْلَمُ مَا تَكْسِبُوْنَ ٣

wahuwa
وَهُوَ
और वो है
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
فِى
आसमानों में
l-samāwāti
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों में
wafī
وَفِى
और ज़मीन में
l-arḍi
ٱلْأَرْضِۖ
और ज़मीन में
yaʿlamu
يَعْلَمُ
वो जानता है
sirrakum
سِرَّكُمْ
पोशीदा तुम्हारा
wajahrakum
وَجَهْرَكُمْ
और ज़ाहिर तुम्हारा
wayaʿlamu
وَيَعْلَمُ
और वो जानता है
مَا
जो
taksibūna
تَكْسِبُونَ
तुम कमाते हो
वही अल्लाह है, आकाशों में भी और धरती में भी। वह तुम्हारी छिपी और तुम्हारी खुली बातों को जानता है, और जो कुछ तुम कमाते हो, वह उससे भी अवगत है ([६] अल-अनाम: 3)
Tafseer (तफ़सीर )

وَمَا تَأْتِيْهِمْ مِّنْ اٰيَةٍ مِّنْ اٰيٰتِ رَبِّهِمْ اِلَّا كَانُوْا عَنْهَا مُعْرِضِيْنَ ٤

wamā
وَمَا
और नहीं
tatīhim
تَأْتِيهِم
आती उनके पास
min
مِّنْ
कोई निशानी
āyatin
ءَايَةٍ
कोई निशानी
min
مِّنْ
निशानियों में से
āyāti
ءَايَٰتِ
निशानियों में से
rabbihim
رَبِّهِمْ
उनके रब की
illā
إِلَّا
मगर
kānū
كَانُوا۟
हैं वो
ʿanhā
عَنْهَا
उनसे
muʿ'riḍīna
مُعْرِضِينَ
ऐराज़ करने वाले
हाल यह है कि उनके रब की निशानियों में से कोई निशानी भी उनके पास ऐसी नहीं आई, जिससे उन्होंने मुँह न मोड़ लिया हो ([६] अल-अनाम: 4)
Tafseer (तफ़सीर )

فَقَدْ كَذَّبُوْا بِالْحَقِّ لَمَّا جَاۤءَهُمْۗ فَسَوْفَ يَأْتِيْهِمْ اَنْۢبـٰۤؤُا مَا كَانُوْا بِهٖ يَسْتَهْزِءُوْنَ ٥

faqad
فَقَدْ
पस तहक़ीक़
kadhabū
كَذَّبُوا۟
उन्होंने झुठलाया
bil-ḥaqi
بِٱلْحَقِّ
हक़ को
lammā
لَمَّا
जब
jāahum
جَآءَهُمْۖ
वो आया उनके पास
fasawfa
فَسَوْفَ
पस अनक़रीब
yatīhim
يَأْتِيهِمْ
आऐंगी उनके पास
anbāu
أَنۢبَٰٓؤُا۟
ख़बरें
مَا
उसकी जो
kānū
كَانُوا۟
थे वो
bihi
بِهِۦ
जिसका
yastahziūna
يَسْتَهْزِءُونَ
वो मज़ाक़ उड़ाते
उन्होंने सत्य को झुठला दिया, जबकि वह उनके पास आया। अतः जिस चीज़ को वे हँसी उड़ाते रहे हैं, जल्द ही उसके सम्बन्ध में उन्हें ख़बरे मिल जाएगी ([६] अल-अनाम: 5)
Tafseer (तफ़सीर )

اَلَمْ يَرَوْا كَمْ اَهْلَكْنَا مِنْ قَبْلِهِمْ مِّنْ قَرْنٍ مَّكَّنّٰهُمْ فِى الْاَرْضِ مَا لَمْ نُمَكِّنْ لَّكُمْ وَاَرْسَلْنَا السَّمَاۤءَ عَلَيْهِمْ مِّدْرَارًا ۖوَّجَعَلْنَا الْاَنْهٰرَ تَجْرِيْ مِنْ تَحْتِهِمْ فَاَهْلَكْنٰهُمْ بِذُنُوْبِهِمْ وَاَنْشَأْنَا مِنْۢ بَعْدِهِمْ قَرْنًا اٰخَرِيْنَ ٦

alam
أَلَمْ
क्या नहीं
yaraw
يَرَوْا۟
उन्होंने देखा
kam
كَمْ
कितनी ही
ahlaknā
أَهْلَكْنَا
हलाक कर दीं हमने
min
مِن
उनसे पहले
qablihim
قَبْلِهِم
उनसे पहले
min
مِّن
क़ौमें
qarnin
قَرْنٍ
क़ौमें
makkannāhum
مَّكَّنَّٰهُمْ
क़ुदरत दी थी हम ने उन्हें
فِى
ज़मीन में
l-arḍi
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में
مَا
वो जो
lam
لَمْ
नहीं
numakkin
نُمَكِّن
हमने क़ुदरत दी
lakum
لَّكُمْ
तुम्हें
wa-arsalnā
وَأَرْسَلْنَا
और भेजा हमने
l-samāa
ٱلسَّمَآءَ
आसमान को
ʿalayhim
عَلَيْهِم
उन पर
mid'rāran
مِّدْرَارًا
बहुत बरसने वाला
wajaʿalnā
وَجَعَلْنَا
और बनाईं हमने
l-anhāra
ٱلْأَنْهَٰرَ
नहरें
tajrī
تَجْرِى
जो बहती थीं
min
مِن
उनके नीचे से
taḥtihim
تَحْتِهِمْ
उनके नीचे से
fa-ahlaknāhum
فَأَهْلَكْنَٰهُم
पस हलाक कर दिया हमने उन्हें
bidhunūbihim
بِذُنُوبِهِمْ
बवजह उनके गुनाहों के
wa-anshanā
وَأَنشَأْنَا
और उठाईं हमने
min
مِنۢ
बाद उनके
baʿdihim
بَعْدِهِمْ
बाद उनके
qarnan
قَرْنًا
क़ौमें
ākharīna
ءَاخَرِينَ
दूसरी
क्या उन्होंने नहीं देखा कि उनसे पहले कितने ही गिरोहों को हम विनष्ट कर चुके है। उन्हें हमने धरती में ऐसा जमाव प्रदान किया था, जो तुम्हें नहीं प्रदान किया। और उनपर हमने आकाश को ख़ूब बरसता छोड़ दिया और उनके नीचे नहरें बहाई। फिर हमने आकाश को ख़ूब बरसता छोड़ दिया और उनके नीचे नहरें बहाई। फिर हमने उन्हें उनके गुनाहों के कारण विनष्ट़ कर दिया और उनके पश्चात दूसरे गिरोहों को उठाया ([६] अल-अनाम: 6)
Tafseer (तफ़सीर )

وَلَوْ نَزَّلْنَا عَلَيْكَ كِتٰبًا فِيْ قِرْطَاسٍ فَلَمَسُوْهُ بِاَيْدِيْهِمْ لَقَالَ الَّذِيْنَ كَفَرُوْٓا اِنْ هٰذَآ اِلَّا سِحْرٌ مُّبِيْنٌ ٧

walaw
وَلَوْ
और अगर
nazzalnā
نَزَّلْنَا
नाज़िल करते हम
ʿalayka
عَلَيْكَ
आप पर
kitāban
كِتَٰبًا
एक किताब
فِى
काग़ज़ में
qir'ṭāsin
قِرْطَاسٍ
काग़ज़ में
falamasūhu
فَلَمَسُوهُ
फिर वो छू लेते उसे
bi-aydīhim
بِأَيْدِيهِمْ
अपने हाथों से
laqāla
لَقَالَ
अलबत्ता कहते
alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो जिन्होंने
kafarū
كَفَرُوٓا۟
कुफ़्र किया
in
إِنْ
नहीं है
hādhā
هَٰذَآ
ये
illā
إِلَّا
मगर
siḥ'run
سِحْرٌ
जादू
mubīnun
مُّبِينٌ
खुल्लम-खुल्ला/वाज़ेह
और यदि हम तुम्हारे ऊपर काग़ज़ में लिखी-लिखाई किताब भी उतार देते और उसे लोग अपने हाथों से छू भी लेते तब भी, जिन्होंने इनकार किया है, वे यही कहते, 'यह तो बस एक खुला जादू हैं।' ([६] अल-अनाम: 7)
Tafseer (तफ़सीर )

وَقَالُوْا لَوْلَآ اُنْزِلَ عَلَيْهِ مَلَكٌ ۗوَلَوْ اَنْزَلْنَا مَلَكًا لَّقُضِيَ الْاَمْرُ ثُمَّ لَا يُنْظَرُوْنَ ٨

waqālū
وَقَالُوا۟
और उन्होंने कहा
lawlā
لَوْلَآ
क्यों नहीं
unzila
أُنزِلَ
उतारा गया
ʿalayhi
عَلَيْهِ
उस पर
malakun
مَلَكٌۖ
कोई फ़रिश्ता
walaw
وَلَوْ
और अगर
anzalnā
أَنزَلْنَا
उतारते हम
malakan
مَلَكًا
कोई फ़रिश्ता
laquḍiya
لَّقُضِىَ
अलबत्ता फ़ैसला कर दिया जाता
l-amru
ٱلْأَمْرُ
मामले का
thumma
ثُمَّ
फिर
لَا
ना वो मोहलत दिए जाते
yunẓarūna
يُنظَرُونَ
ना वो मोहलत दिए जाते
उनका तो कहना है, 'इस (नबी) पर कोई फ़रिश्ता (खुले रूप में) क्यों नहीं उतारा गया?' हालाँकि यदि हम फ़रिश्ता उतारते तो फ़ैसला हो चुका होता। फिर उन्हें कोई मुहल्लत न मिलती ([६] अल-अनाम: 8)
Tafseer (तफ़सीर )

وَلَوْ جَعَلْنٰهُ مَلَكًا لَّجَعَلْنٰهُ رَجُلًا وَّلَلَبَسْنَا عَلَيْهِمْ مَّا يَلْبِسُوْنَ ٩

walaw
وَلَوْ
और अगर
jaʿalnāhu
جَعَلْنَٰهُ
बनाते हम उसे
malakan
مَلَكًا
एक फ़रिश्ता
lajaʿalnāhu
لَّجَعَلْنَٰهُ
अलबत्ता बनाते हम उसे
rajulan
رَجُلًا
आदमी ही
walalabasnā
وَلَلَبَسْنَا
और अलबत्ता मुशतबा कर देते हम
ʿalayhim
عَلَيْهِم
उन पर
مَّا
जो
yalbisūna
يَلْبِسُونَ
वो शुबह करते हैं
यह बात भी है कि यदि हम उसे (नबी को) फ़रिश्ता बना देते तो उसे आदमी ही (के रूप का) बनाते। इस प्रकार उन्हें उसी सन्देह में डाल देते, जिस सन्देह में वे इस समय पड़े हुए है ([६] अल-अनाम: 9)
Tafseer (तफ़सीर )
१०

وَلَقَدِ اسْتُهْزِئَ بِرُسُلٍ مِّنْ قَبْلِكَ فَحَاقَ بِالَّذِيْنَ سَخِرُوْا مِنْهُمْ مَّا كَانُوْا بِهٖ يَسْتَهْزِءُوْنَ ࣖ ١٠

walaqadi
وَلَقَدِ
और अलबत्ता तहक़ीक़
us'tuh'zi-a
ٱسْتُهْزِئَ
मज़ाक़ उड़ाया गया
birusulin
بِرُسُلٍ
कई रसूलों का
min
مِّن
आप से पहले
qablika
قَبْلِكَ
आप से पहले
faḥāqa
فَحَاقَ
तो घेर लिया
bi-alladhīna
بِٱلَّذِينَ
उनको जिन्होंने
sakhirū
سَخِرُوا۟
तमस्ख़र किया
min'hum
مِنْهُم
उनमें से
مَّا
उसने जो
kānū
كَانُوا۟
थे वो
bihi
بِهِۦ
जिसका
yastahziūna
يَسْتَهْزِءُونَ
वो मज़ाक़ उड़ाते
तुमसे पहले कितने ही रसूलों की हँसी उड़ाई जा चुकी है। अन्ततः जिन लोगों ने उनकी हँसी उड़ाई थी, उन्हें उसी न आ घेरा जिस बात पर वे हँसी उड़ाते थे ([६] अल-अनाम: 10)
Tafseer (तफ़सीर )