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सूरा अल-हष्र - Page: 3

Al-Hashr

(Exile, Banishment)

२१

لَوْ اَنْزَلْنَا هٰذَا الْقُرْاٰنَ عَلٰى جَبَلٍ لَّرَاَيْتَهٗ خَاشِعًا مُّتَصَدِّعًا مِّنْ خَشْيَةِ اللّٰهِ ۗوَتِلْكَ الْاَمْثَالُ نَضْرِبُهَا لِلنَّاسِ لَعَلَّهُمْ يَتَفَكَّرُوْنَ ٢١

law
لَوْ
अगर
anzalnā
أَنزَلْنَا
नाज़िल करते हम
hādhā
هَٰذَا
इस
l-qur'āna
ٱلْقُرْءَانَ
क़ुरआन को
ʿalā
عَلَىٰ
ऊपर
jabalin
جَبَلٍ
किसी पहाड़ पर
lara-aytahu
لَّرَأَيْتَهُۥ
अलबत्ता देखते आप उसे
khāshiʿan
خَٰشِعًا
दबा हुआ
mutaṣaddiʿan
مُّتَصَدِّعًا
फटने वाला
min
مِّنْ
ख़ौफ़ से
khashyati
خَشْيَةِ
ख़ौफ़ से
l-lahi
ٱللَّهِۚ
अल्लाह के
watil'ka
وَتِلْكَ
और ये
l-amthālu
ٱلْأَمْثَٰلُ
मिसालें हैं
naḍribuhā
نَضْرِبُهَا
हम बयान करते हैं उन्हें
lilnnāsi
لِلنَّاسِ
लोगों के लिए
laʿallahum
لَعَلَّهُمْ
ताकि वो
yatafakkarūna
يَتَفَكَّرُونَ
ग़ौरो फ़िक्र करें
यदि हमने इस क़ुरआन को किसी पर्वत पर भी उतार दिया होता तो तुम अवश्य देखते कि अल्लाह के भय से वह दबा हुआ और फटा जाता है। ये मिशालें लोगों के लिए हम इसलिए पेश करते है कि वे सोच-विचार करें ([५९] अल-हष्र: 21)
Tafseer (तफ़सीर )
२२

هُوَ اللّٰهُ الَّذِيْ لَآ اِلٰهَ اِلَّا هُوَۚ عَالِمُ الْغَيْبِ وَالشَّهَادَةِۚ هُوَ الرَّحْمٰنُ الرَّحِيْمُ ٢٢

huwa
هُوَ
वो
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
alladhī
ٱلَّذِى
वो ही है जो
لَآ
नहीं
ilāha
إِلَٰهَ
कोई इलाह (बरहक़)
illā
إِلَّا
मगर
huwa
هُوَۖ
वो ही
ʿālimu
عَٰلِمُ
जानने वाला है
l-ghaybi
ٱلْغَيْبِ
ग़ैब
wal-shahādati
وَٱلشَّهَٰدَةِۖ
और हाज़िर का
huwa
هُوَ
वो
l-raḥmānu
ٱلرَّحْمَٰنُ
बहुत मेहरबान है
l-raḥīmu
ٱلرَّحِيمُ
निहायत रहम करने वाला है
वही अल्लाह है जिसके सिवा कोई पूज्य-प्रभु नहीं, परोक्ष और प्रत्यक्ष को जानता है। वह बड़ा कृपाशील, अत्यन्त दयावान है ([५९] अल-हष्र: 22)
Tafseer (तफ़सीर )
२३

هُوَ اللّٰهُ الَّذِيْ لَآ اِلٰهَ اِلَّا هُوَ ۚ اَلْمَلِكُ الْقُدُّوْسُ السَّلٰمُ الْمُؤْمِنُ الْمُهَيْمِنُ الْعَزِيْزُ الْجَبَّارُ الْمُتَكَبِّرُۗ سُبْحٰنَ اللّٰهِ عَمَّا يُشْرِكُوْنَ ٢٣

huwa
هُوَ
वो
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
alladhī
ٱلَّذِى
वो ही है
لَآ
नहीं
ilāha
إِلَٰهَ
कोई इलाह (बरहक़)
illā
إِلَّا
मगर
huwa
هُوَ
वो ही
l-maliku
ٱلْمَلِكُ
जो बादशाह है
l-qudūsu
ٱلْقُدُّوسُ
निहायत पाक है
l-salāmu
ٱلسَّلَٰمُ
सलामती वाला है
l-mu'minu
ٱلْمُؤْمِنُ
अमन देने वाला है
l-muhayminu
ٱلْمُهَيْمِنُ
निगहबान है
l-ʿazīzu
ٱلْعَزِيزُ
सब पर ग़ालिब है
l-jabāru
ٱلْجَبَّارُ
ज़बरदस्त ज़ोर आवर है
l-mutakabiru
ٱلْمُتَكَبِّرُۚ
बेहद बड़ाई वाला है
sub'ḥāna
سُبْحَٰنَ
पाक है
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह
ʿammā
عَمَّا
उससे जो
yush'rikūna
يُشْرِكُونَ
वो शरीक ठहराते हैं
वही अल्लाह है जिसके सिवा कोई पूज्य नहीं। बादशाह है अत्यन्त पवित्र, सर्वथा सलामती, निश्चिन्तता प्रदान करनेवाला, संरक्षक, प्रभुत्वशाली, प्रभावशाली (टुटे हुए को जोड़नेवाला), अपनी बड़ाई प्रकट करनेवाला। महान और उच्च है अल्लाह उस शिर्क से जो वे करते है ([५९] अल-हष्र: 23)
Tafseer (तफ़सीर )
२४

هُوَ اللّٰهُ الْخَالِقُ الْبَارِئُ الْمُصَوِّرُ لَهُ الْاَسْمَاۤءُ الْحُسْنٰىۗ يُسَبِّحُ لَهٗ مَا فِى السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِۚ وَهُوَ الْعَزِيْزُ الْحَكِيْمُ ࣖ ٢٤

huwa
هُوَ
वो
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
l-khāliqu
ٱلْخَٰلِقُ
जो पैदा करने वाला है
l-bāri-u
ٱلْبَارِئُ
वुजूद में लाने वाला है
l-muṣawiru
ٱلْمُصَوِّرُۖ
सूरत बनाने वाला है
lahu
لَهُ
उसके लिए हैं
l-asmāu
ٱلْأَسْمَآءُ
नाम
l-ḥus'nā
ٱلْحُسْنَىٰۚ
अच्छे-अच्छे
yusabbiḥu
يُسَبِّحُ
तस्बीह करती है
lahu
لَهُۥ
उसके लिए
مَا
(हर वो चीज़) जो
فِى
आसमानों में
l-samāwāti
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों में
wal-arḍi
وَٱلْأَرْضِۖ
और ज़मीन में है
wahuwa
وَهُوَ
और वो
l-ʿazīzu
ٱلْعَزِيزُ
बहुत ज़बरदस्त है
l-ḥakīmu
ٱلْحَكِيمُ
ख़ूब हिकमत वाला है
वही अल्लाह है जो संरचना का प्रारूपक है, अस्तित्व प्रदान करनेवाला, रूप देनेवाला है। उसी के लिए अच्छे नाम है। जो चीज़ भी आकाशों और धरती में है, उसी की तसबीह कर रही है। और वह प्रभुत्वशाली, तत्वदर्शी है ([५९] अल-हष्र: 24)
Tafseer (तफ़सीर )