۞ اَلَمْ تَرَ اِلَى الَّذِيْنَ نَافَقُوْا يَقُوْلُوْنَ لِاِخْوَانِهِمُ الَّذِيْنَ كَفَرُوْا مِنْ اَهْلِ الْكِتٰبِ لَىِٕنْ اُخْرِجْتُمْ لَنَخْرُجَنَّ مَعَكُمْ وَلَا نُطِيْعُ فِيْكُمْ اَحَدًا اَبَدًاۙ وَّاِنْ قُوْتِلْتُمْ لَنَنْصُرَنَّكُمْۗ وَاللّٰهُ يَشْهَدُ اِنَّهُمْ لَكٰذِبُوْنَ ١١
- alam
- أَلَمْ
- क्या नहीं
- tara
- تَرَ
- आपने देखा
- ilā
- إِلَى
- तरफ़ उनके जिन्होंने
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- तरफ़ उनके जिन्होंने
- nāfaqū
- نَافَقُوا۟
- मुनाफ़िक़त की
- yaqūlūna
- يَقُولُونَ
- वो कहते हैं
- li-ikh'wānihimu
- لِإِخْوَٰنِهِمُ
- अपने भाईयों से
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- जिन्होंने
- kafarū
- كَفَرُوا۟
- कुफ़्र किया
- min
- مِنْ
- एहले किताब में से
- ahli
- أَهْلِ
- एहले किताब में से
- l-kitābi
- ٱلْكِتَٰبِ
- एहले किताब में से
- la-in
- لَئِنْ
- अलबत्ता अगर
- ukh'rij'tum
- أُخْرِجْتُمْ
- निकाले गए तुम
- lanakhrujanna
- لَنَخْرُجَنَّ
- अलबत्ता हम ज़रूर निकलेंगे
- maʿakum
- مَعَكُمْ
- साथ तुम्हारे
- walā
- وَلَا
- और ना
- nuṭīʿu
- نُطِيعُ
- हम इताअत करेंगे
- fīkum
- فِيكُمْ
- तुम्हारे मामले में
- aḥadan
- أَحَدًا
- किसी एक की
- abadan
- أَبَدًا
- कभी भी
- wa-in
- وَإِن
- और अगर
- qūtil'tum
- قُوتِلْتُمْ
- जंग की गई तुमसे
- lananṣurannakum
- لَنَنصُرَنَّكُمْ
- अलबत्ता हम ज़रूर मदद करेंगे तुम्हारी
- wal-lahu
- وَٱللَّهُ
- और अल्लाह
- yashhadu
- يَشْهَدُ
- वो गवाही देता है
- innahum
- إِنَّهُمْ
- बेशक वो
- lakādhibūna
- لَكَٰذِبُونَ
- अलबत्ता झूठे हैं
क्या तुमने उन लोगों को नहीं देखा जिन्होंने कपटाचार की नीति अपनाई हैं, वे अपने किताबवाले उन भाइयों से, जो इनकार की नीति अपनाए हुए है, कहते है, 'यदि तुम्हें निकाला गया तो हम भी अवश्य ही तुम्हारे साथ निकल जाएँगे और तुम्हारे मामले में किसी की बात कभी भी नहीं मानेंगे। और यदि तुमसे युद्ध किया गया तो हम अवश्य तुम्हारी सहायता करेंगे।' किन्तु अल्लाह गवाही देता है कि वे बिलकुल झूठे है ([५९] अल-हष्र: 11)Tafseer (तफ़सीर )
لَىِٕنْ اُخْرِجُوْا لَا يَخْرُجُوْنَ مَعَهُمْۚ وَلَىِٕنْ قُوْتِلُوْا لَا يَنْصُرُوْنَهُمْۚ وَلَىِٕنْ نَّصَرُوْهُمْ لَيُوَلُّنَّ الْاَدْبَارَۙ ثُمَّ لَا يُنْصَرُوْنَ ١٢
- la-in
- لَئِنْ
- अलबत्ता अगर
- ukh'rijū
- أُخْرِجُوا۟
- वो निकाले गए
- lā
- لَا
- नहीं वो निकलेंगे
- yakhrujūna
- يَخْرُجُونَ
- नहीं वो निकलेंगे
- maʿahum
- مَعَهُمْ
- साथ उनके
- wala-in
- وَلَئِن
- और अलबत्ता अगर
- qūtilū
- قُوتِلُوا۟
- वो जंग किए गए
- lā
- لَا
- नहीं वो मदद करेंगे उनकी
- yanṣurūnahum
- يَنصُرُونَهُمْ
- नहीं वो मदद करेंगे उनकी
- wala-in
- وَلَئِن
- और अलबत्ता अगर
- naṣarūhum
- نَّصَرُوهُمْ
- उन्होंने मदद की भी उनकी
- layuwallunna
- لَيُوَلُّنَّ
- अलबत्ता वो ज़रूर फेर लेंगे
- l-adbāra
- ٱلْأَدْبَٰرَ
- पुश्तें
- thumma
- ثُمَّ
- फिर
- lā
- لَا
- ना वो मदद किए जाऐंगे
- yunṣarūna
- يُنصَرُونَ
- ना वो मदद किए जाऐंगे
यदि वे निकाले गए तो वे उनके साथ नहीं निकलेंगे और यदि उनसे युद्ध हुआ तो वे उनकी सहायता कदापि न करेंगे और यदि उनकी सहायता करें भी तो पीठ फेंर जाएँगे। फिर उन्हें कोई सहायता प्राप्त न होगी ([५९] अल-हष्र: 12)Tafseer (तफ़सीर )
لَاَنْتُمْ اَشَدُّ رَهْبَةً فِيْ صُدُوْرِهِمْ مِّنَ اللّٰهِ ۗذٰلِكَ بِاَنَّهُمْ قَوْمٌ لَّا يَفْقَهُوْنَ ١٣
- la-antum
- لَأَنتُمْ
- अलबत्ता तुम
- ashaddu
- أَشَدُّ
- ज़्यादा सख़्त हो
- rahbatan
- رَهْبَةً
- रोब में
- fī
- فِى
- उनके सीनों में
- ṣudūrihim
- صُدُورِهِم
- उनके सीनों में
- mina
- مِّنَ
- अल्लाह से (बढ़) कर
- l-lahi
- ٱللَّهِۚ
- अल्लाह से (बढ़) कर
- dhālika
- ذَٰلِكَ
- ये
- bi-annahum
- بِأَنَّهُمْ
- बवजह उसके कि वो
- qawmun
- قَوْمٌ
- एक क़ौम हैं
- lā
- لَّا
- नहीं वो समझते
- yafqahūna
- يَفْقَهُونَ
- नहीं वो समझते
उनके दिलों में अल्लाह से बढ़कर तुम्हारा भय समाया हुआ है। यह इसलिए कि वे ऐसे लोग है जो समझते नहीं ([५९] अल-हष्र: 13)Tafseer (तफ़सीर )
لَا يُقَاتِلُوْنَكُمْ جَمِيْعًا اِلَّا فِيْ قُرًى مُّحَصَّنَةٍ اَوْ مِنْ وَّرَاۤءِ جُدُرٍۗ بَأْسُهُمْ بَيْنَهُمْ شَدِيْدٌ ۗ تَحْسَبُهُمْ جَمِيْعًا وَّقُلُوْبُهُمْ شَتّٰىۗ ذٰلِكَ بِاَنَّهُمْ قَوْمٌ لَّا يَعْقِلُوْنَۚ ١٤
- lā
- لَا
- नहीं वो जंग करेंगे तुमसे
- yuqātilūnakum
- يُقَٰتِلُونَكُمْ
- नहीं वो जंग करेंगे तुमसे
- jamīʿan
- جَمِيعًا
- इकट्ठे
- illā
- إِلَّا
- मगर
- fī
- فِى
- बस्तियों में
- quran
- قُرًى
- बस्तियों में
- muḥaṣṣanatin
- مُّحَصَّنَةٍ
- क़िला बन्द हो कर
- aw
- أَوْ
- या
- min
- مِن
- पीछे से
- warāi
- وَرَآءِ
- पीछे से
- judurin
- جُدُرٍۭۚ
- दीवारों के
- basuhum
- بَأْسُهُم
- उनकी जंग
- baynahum
- بَيْنَهُمْ
- आपस में
- shadīdun
- شَدِيدٌۚ
- शदीद है
- taḥsabuhum
- تَحْسَبُهُمْ
- तुम समझते हो उन्हें
- jamīʿan
- جَمِيعًا
- इकट्ठा
- waqulūbuhum
- وَقُلُوبُهُمْ
- जबकि दिल उनके
- shattā
- شَتَّىٰۚ
- फटे हुए हैं
- dhālika
- ذَٰلِكَ
- ये
- bi-annahum
- بِأَنَّهُمْ
- बवजह उसके कि वो
- qawmun
- قَوْمٌ
- एक क़ौम हैं
- lā
- لَّا
- नहीं वो अक़्ल रखते
- yaʿqilūna
- يَعْقِلُونَ
- नहीं वो अक़्ल रखते
वे इकट्ठे होकर भी तुमसे (खुले मैदान में) नहीं लड़ेगे, क़िलाबन्द बस्तियों या दीवारों के पीछ हों तो यह और बात है। उनकी आपस में सख़्त लड़ाई है। तुम उन्हें इकट्ठा समझते हो! हालाँकि उनके दिल फटे हुए है। यह इसलिए कि वे ऐसे लोग है जो बुद्धि से काम नहीं लेते ([५९] अल-हष्र: 14)Tafseer (तफ़सीर )
كَمَثَلِ الَّذِيْنَ مِنْ قَبْلِهِمْ قَرِيْبًا ذَاقُوْا وَبَالَ اَمْرِهِمْۚ وَلَهُمْ عَذَابٌ اَلِيْمٌۚ ١٥
- kamathali
- كَمَثَلِ
- मानिन्द मिसाल
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- उनके जो
- min
- مِن
- उनसे पहले थे
- qablihim
- قَبْلِهِمْ
- उनसे पहले थे
- qarīban
- قَرِيبًاۖ
- क़रीब ही
- dhāqū
- ذَاقُوا۟
- उन्होंने चखा
- wabāla
- وَبَالَ
- वबाल
- amrihim
- أَمْرِهِمْ
- अपने काम का
- walahum
- وَلَهُمْ
- और उनके लिए है
- ʿadhābun
- عَذَابٌ
- अज़ाब
- alīmun
- أَلِيمٌ
- दर्दनाक
उनकी हालत उन्हीं लोगों जैसी है जो उनसे पहले निकट काल में अपने किए के वबाल का मज़ा चख चुके है, और उनके लिए दुखद यातना भी है ([५९] अल-हष्र: 15)Tafseer (तफ़सीर )
كَمَثَلِ الشَّيْطٰنِ اِذْ قَالَ لِلْاِنْسَانِ اكْفُرْۚ فَلَمَّا كَفَرَ قَالَ اِنِّيْ بَرِيْۤءٌ مِّنْكَ اِنِّيْٓ اَخَافُ اللّٰهَ رَبَّ الْعٰلَمِيْنَ ١٦
- kamathali
- كَمَثَلِ
- जैसे मिसाल
- l-shayṭāni
- ٱلشَّيْطَٰنِ
- शैतान की
- idh
- إِذْ
- जब
- qāla
- قَالَ
- वो कहता है
- lil'insāni
- لِلْإِنسَٰنِ
- इन्सान से
- uk'fur
- ٱكْفُرْ
- कुफ़्र करो
- falammā
- فَلَمَّا
- तो जब
- kafara
- كَفَرَ
- वो कुफ़्र करता है
- qāla
- قَالَ
- वो कहता है
- innī
- إِنِّى
- बेशक मैं
- barīon
- بَرِىٓءٌ
- बरी उज़-ज़िम्मा हूँ
- minka
- مِّنكَ
- तुझसे
- innī
- إِنِّىٓ
- बेशक मैं
- akhāfu
- أَخَافُ
- मैं डरता हूँ
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह से
- rabba
- رَبَّ
- जो रब है
- l-ʿālamīna
- ٱلْعَٰلَمِينَ
- तमाम जहानों का
इनकी मिसाल शैतान जैसी है कि जब उसने मनुष्य से कहा, 'क़ुफ़्र कर!' फिर जब वह कुफ़्र कर बैठा तो कहने लगा, 'मैं तुम्हारी ज़िम्मेदारी से बरी हूँ। मैं तो सारे संसार के रब अल्लाह से डरता हूँ।' ([५९] अल-हष्र: 16)Tafseer (तफ़सीर )
فَكَانَ عَاقِبَتَهُمَآ اَنَّهُمَا فِى النَّارِ خَالِدَيْنِ فِيْهَاۗ وَذٰلِكَ جَزٰۤؤُا الظّٰلِمِيْنَ ࣖ ١٧
- fakāna
- فَكَانَ
- पस हुआ
- ʿāqibatahumā
- عَٰقِبَتَهُمَآ
- अंजाम उन दोनों का
- annahumā
- أَنَّهُمَا
- कि बेशक वो दोनों
- fī
- فِى
- आग में होंगे
- l-nāri
- ٱلنَّارِ
- आग में होंगे
- khālidayni
- خَٰلِدَيْنِ
- दोनों हमेशा रहने वाले
- fīhā
- فِيهَاۚ
- उसमें
- wadhālika
- وَذَٰلِكَ
- और यही है
- jazāu
- جَزَٰٓؤُا۟
- बदला
- l-ẓālimīna
- ٱلظَّٰلِمِينَ
- ज़ालिमों का
फिर उन दोनों का परिणाम यह हुआ कि दोनों आग में गए, जहाँ सदैव रहेंगे। और ज़ालिमों का यही बदला है ([५९] अल-हष्र: 17)Tafseer (तफ़सीर )
يٰٓاَيُّهَا الَّذِيْنَ اٰمَنُوا اتَّقُوا اللّٰهَ وَلْتَنْظُرْ نَفْسٌ مَّا قَدَّمَتْ لِغَدٍۚ وَاتَّقُوا اللّٰهَ ۗاِنَّ اللّٰهَ خَبِيْرٌ ۢبِمَا تَعْمَلُوْنَ ١٨
- yāayyuhā
- يَٰٓأَيُّهَا
- ऐ लोगो जो
- alladhīna
- ٱلَّذِينَ
- ऐ लोगो जो
- āmanū
- ءَامَنُوا۟
- ईमान लाए हो
- ittaqū
- ٱتَّقُوا۟
- डरो
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह से
- waltanẓur
- وَلْتَنظُرْ
- और ज़रूर देखे
- nafsun
- نَفْسٌ
- हर नफ़्स
- mā
- مَّا
- जो
- qaddamat
- قَدَّمَتْ
- उसने आगे भेजा
- lighadin
- لِغَدٍۖ
- कल के लिए
- wa-ittaqū
- وَٱتَّقُوا۟
- और डरो
- l-laha
- ٱللَّهَۚ
- अल्लाह से
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- khabīrun
- خَبِيرٌۢ
- ख़ूब बाख़बर है
- bimā
- بِمَا
- उससे जो
- taʿmalūna
- تَعْمَلُونَ
- तुम अमल करते हो
ऐ ईमान लानेवालो! अल्लाह का डर रखो। और प्रत्येक व्यक्ति को यह देखना चाहिए कि उसने कल के लिए क्या भेजा है। और अल्लाह का डर रखो। जो कुछ भी तुम करते हो निश्चय ही अल्लाह उसकी पूरी ख़बर रखता है ([५९] अल-हष्र: 18)Tafseer (तफ़सीर )
وَلَا تَكُوْنُوْا كَالَّذِيْنَ نَسُوا اللّٰهَ فَاَنْسٰىهُمْ اَنْفُسَهُمْۗ اُولٰۤىِٕكَ هُمُ الْفٰسِقُوْنَ ١٩
- walā
- وَلَا
- और ना
- takūnū
- تَكُونُوا۟
- तुम हो जाओ
- ka-alladhīna
- كَٱلَّذِينَ
- उनकी तरह जिन्होंने
- nasū
- نَسُوا۟
- भुला दिया
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह को
- fa-ansāhum
- فَأَنسَىٰهُمْ
- तो उसने भुला दिया उन्हें
- anfusahum
- أَنفُسَهُمْۚ
- उनके नफ़्स
- ulāika
- أُو۟لَٰٓئِكَ
- यही लोग है
- humu
- هُمُ
- वो
- l-fāsiqūna
- ٱلْفَٰسِقُونَ
- जो फ़ासिक़ हैं
और उन लोगों की तरह न हो जाना जिन्होंने अल्लाह को भुला दिया। तो उसने भी ऐसा किया कि वे स्वयं अपने आपको भूल बैठे। वही अवज्ञाकारी है ([५९] अल-हष्र: 19)Tafseer (तफ़सीर )
لَا يَسْتَوِيْٓ اَصْحٰبُ النَّارِ وَاَصْحٰبُ الْجَنَّةِۗ اَصْحٰبُ الْجَنَّةِ هُمُ الْفَاۤىِٕزُوْنَ ٢٠
- lā
- لَا
- नहीं बराबर हो सकते
- yastawī
- يَسْتَوِىٓ
- नहीं बराबर हो सकते
- aṣḥābu
- أَصْحَٰبُ
- साथी
- l-nāri
- ٱلنَّارِ
- आग के
- wa-aṣḥābu
- وَأَصْحَٰبُ
- और साथी
- l-janati
- ٱلْجَنَّةِۚ
- जन्नत के
- aṣḥābu
- أَصْحَٰبُ
- साथी
- l-janati
- ٱلْجَنَّةِ
- जन्नत के
- humu
- هُمُ
- वो ही हैं
- l-fāizūna
- ٱلْفَآئِزُونَ
- जो कामयाब होने वाले हैं
आगवाले और बाग़वाले (जहन्नमवाले और जन्नतवाले) कभी समान नहीं हो सकते। बाग़वाले ही सफ़ल है ([५९] अल-हष्र: 20)Tafseer (तफ़सीर )