२१
كَتَبَ اللّٰهُ لَاَغْلِبَنَّ اَنَا۠ وَرُسُلِيْۗ اِنَّ اللّٰهَ قَوِيٌّ عَزِيْزٌ ٢١
- kataba
- كَتَبَ
- लिख दिया
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह ने
- la-aghlibanna
- لَأَغْلِبَنَّ
- अलबत्ता मैं ज़रूर ग़ालिब रहूँगा
- anā
- أَنَا۠
- मैं
- warusulī
- وَرُسُلِىٓۚ
- और मेरे रसूल
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह
- qawiyyun
- قَوِىٌّ
- बहुत क़ुव्वत वाला है
- ʿazīzun
- عَزِيزٌ
- बहुत ज़बरदस्त है
अल्लाह ने लिए दिया है, 'मैं और मेरे रसूल ही विजयी होकर रहेंगे।' निस्संदेह अल्लाह शक्तिमान, प्रभुत्वशाली है ([५८] अल-मुजादिला: 21)Tafseer (तफ़सीर )
२२
لَا تَجِدُ قَوْمًا يُّؤْمِنُوْنَ بِاللّٰهِ وَالْيَوْمِ الْاٰخِرِ يُوَاۤدُّوْنَ مَنْ حَاۤدَّ اللّٰهَ وَرَسُوْلَهٗ وَلَوْ كَانُوْٓا اٰبَاۤءَهُمْ اَوْ اَبْنَاۤءَهُمْ اَوْ اِخْوَانَهُمْ اَوْ عَشِيْرَتَهُمْۗ اُولٰۤىِٕكَ كَتَبَ فِيْ قُلُوْبِهِمُ الْاِيْمَانَ وَاَيَّدَهُمْ بِرُوْحٍ مِّنْهُ ۗوَيُدْخِلُهُمْ جَنّٰتٍ تَجْرِيْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ خٰلِدِيْنَ فِيْهَاۗ رَضِيَ اللّٰهُ عَنْهُمْ وَرَضُوْا عَنْهُۗ اُولٰۤىِٕكَ حِزْبُ اللّٰهِ ۗ اَلَآ اِنَّ حِزْبَ اللّٰهِ هُمُ الْمُفْلِحُوْنَ ࣖ ٢٢
- lā
- لَّا
- ना आप पाऐंगे
- tajidu
- تَجِدُ
- ना आप पाऐंगे
- qawman
- قَوْمًا
- उन लोगों को
- yu'minūna
- يُؤْمِنُونَ
- जो ईमान रखते हों
- bil-lahi
- بِٱللَّهِ
- अल्लाह पर
- wal-yawmi
- وَٱلْيَوْمِ
- और आख़िरी दिन पर
- l-ākhiri
- ٱلْءَاخِرِ
- और आख़िरी दिन पर
- yuwāddūna
- يُوَآدُّونَ
- कि वो दोस्ती रखते हों
- man
- مَنْ
- उनसे जिन्होंने
- ḥādda
- حَآدَّ
- मुख़ालिफ़त की
- l-laha
- ٱللَّهَ
- अल्लाह की
- warasūlahu
- وَرَسُولَهُۥ
- और उसके रसूल की
- walaw
- وَلَوْ
- और अगरचे
- kānū
- كَانُوٓا۟
- हों वो
- ābāahum
- ءَابَآءَهُمْ
- बाप उनके
- aw
- أَوْ
- या
- abnāahum
- أَبْنَآءَهُمْ
- बेटे उनके
- aw
- أَوْ
- या
- ikh'wānahum
- إِخْوَٰنَهُمْ
- भाई उनके
- aw
- أَوْ
- या
- ʿashīratahum
- عَشِيرَتَهُمْۚ
- क़बीला उनका
- ulāika
- أُو۟لَٰٓئِكَ
- यही लोग हैं
- kataba
- كَتَبَ
- उसने लिख दिया
- fī
- فِى
- उनके दिलों में
- qulūbihimu
- قُلُوبِهِمُ
- उनके दिलों में
- l-īmāna
- ٱلْإِيمَٰنَ
- ईमान
- wa-ayyadahum
- وَأَيَّدَهُم
- और उसने ताइद की उनकी
- birūḥin
- بِرُوحٍ
- साथ रूह के
- min'hu
- مِّنْهُۖ
- अपनी तरफ़ से
- wayud'khiluhum
- وَيُدْخِلُهُمْ
- और वो दाख़िल करेगा उन्हें
- jannātin
- جَنَّٰتٍ
- बाग़ात मे
- tajrī
- تَجْرِى
- बहती हैं
- min
- مِن
- उनके नीचे से
- taḥtihā
- تَحْتِهَا
- उनके नीचे से
- l-anhāru
- ٱلْأَنْهَٰرُ
- नहरें
- khālidīna
- خَٰلِدِينَ
- हमेशा रहने वाले हैं
- fīhā
- فِيهَاۚ
- उनमें
- raḍiya
- رَضِىَ
- राज़ी हो गया
- l-lahu
- ٱللَّهُ
- अल्लाह
- ʿanhum
- عَنْهُمْ
- उनसे
- waraḍū
- وَرَضُوا۟
- और वो राज़ी हो गए
- ʿanhu
- عَنْهُۚ
- उससे
- ulāika
- أُو۟لَٰٓئِكَ
- यही लोग हैं
- ḥiz'bu
- حِزْبُ
- गिरोह
- l-lahi
- ٱللَّهِۚ
- अल्लाह का
- alā
- أَلَآ
- ख़बरदार
- inna
- إِنَّ
- बेशक
- ḥiz'ba
- حِزْبَ
- गिरोह
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह का
- humu
- هُمُ
- वो ही हैं
- l-muf'liḥūna
- ٱلْمُفْلِحُونَ
- जो फ़लाह पाने वाले हैं
तुम उन लोगों को ऐसा कभी नहीं पाओगे जो अल्लाह और अन्तिम दि पर ईमान रखते है कि वे उन लोगों से प्रेम करते हो जिन्होंने अल्लाह और उसके रसूल का विरोध किया, यद्यपि वे उनके अपने बाप हों या उनके अपने बेटे हो या उनके अपने भाई या उनके अपने परिवारवाले ही हो। वही लोग हैं जिनके दिलों में अल्लाह ने ईमान को अंकित कर दिया है और अपनी ओर से एक आत्मा के द्वारा उन्हें शक्ति दी है। और उन्हें वह ऐसे बाग़ों में दाख़िल करेगा जिनके नीचे नहरें बह रही होंगी; जहाँ वे सदैव रहेंगे। अल्लाह उनसे राज़ी हुआ और वे भी उससे राज़ी हुए। वे अल्लाह की पार्टी के लोग है। सावधान रहो, निश्चय ही अल्लाह की पार्टीवाले ही सफल है ([५८] अल-मुजादिला: 22)Tafseer (तफ़सीर )