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सूरा अल-मुजादिला - Page: 3

Al-Mujadila

(She That Disputeth, The Pleading Woman)

२१

كَتَبَ اللّٰهُ لَاَغْلِبَنَّ اَنَا۠ وَرُسُلِيْۗ اِنَّ اللّٰهَ قَوِيٌّ عَزِيْزٌ ٢١

kataba
كَتَبَ
लिख दिया
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह ने
la-aghlibanna
لَأَغْلِبَنَّ
अलबत्ता मैं ज़रूर ग़ालिब रहूँगा
anā
أَنَا۠
मैं
warusulī
وَرُسُلِىٓۚ
और मेरे रसूल
inna
إِنَّ
बेशक
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह
qawiyyun
قَوِىٌّ
बहुत क़ुव्वत वाला है
ʿazīzun
عَزِيزٌ
बहुत ज़बरदस्त है
अल्लाह ने लिए दिया है, 'मैं और मेरे रसूल ही विजयी होकर रहेंगे।' निस्संदेह अल्लाह शक्तिमान, प्रभुत्वशाली है ([५८] अल-मुजादिला: 21)
Tafseer (तफ़सीर )
२२

لَا تَجِدُ قَوْمًا يُّؤْمِنُوْنَ بِاللّٰهِ وَالْيَوْمِ الْاٰخِرِ يُوَاۤدُّوْنَ مَنْ حَاۤدَّ اللّٰهَ وَرَسُوْلَهٗ وَلَوْ كَانُوْٓا اٰبَاۤءَهُمْ اَوْ اَبْنَاۤءَهُمْ اَوْ اِخْوَانَهُمْ اَوْ عَشِيْرَتَهُمْۗ اُولٰۤىِٕكَ كَتَبَ فِيْ قُلُوْبِهِمُ الْاِيْمَانَ وَاَيَّدَهُمْ بِرُوْحٍ مِّنْهُ ۗوَيُدْخِلُهُمْ جَنّٰتٍ تَجْرِيْ مِنْ تَحْتِهَا الْاَنْهٰرُ خٰلِدِيْنَ فِيْهَاۗ رَضِيَ اللّٰهُ عَنْهُمْ وَرَضُوْا عَنْهُۗ اُولٰۤىِٕكَ حِزْبُ اللّٰهِ ۗ اَلَآ اِنَّ حِزْبَ اللّٰهِ هُمُ الْمُفْلِحُوْنَ ࣖ ٢٢

لَّا
ना आप पाऐंगे
tajidu
تَجِدُ
ना आप पाऐंगे
qawman
قَوْمًا
उन लोगों को
yu'minūna
يُؤْمِنُونَ
जो ईमान रखते हों
bil-lahi
بِٱللَّهِ
अल्लाह पर
wal-yawmi
وَٱلْيَوْمِ
और आख़िरी दिन पर
l-ākhiri
ٱلْءَاخِرِ
और आख़िरी दिन पर
yuwāddūna
يُوَآدُّونَ
कि वो दोस्ती रखते हों
man
مَنْ
उनसे जिन्होंने
ḥādda
حَآدَّ
मुख़ालिफ़त की
l-laha
ٱللَّهَ
अल्लाह की
warasūlahu
وَرَسُولَهُۥ
और उसके रसूल की
walaw
وَلَوْ
और अगरचे
kānū
كَانُوٓا۟
हों वो
ābāahum
ءَابَآءَهُمْ
बाप उनके
aw
أَوْ
या
abnāahum
أَبْنَآءَهُمْ
बेटे उनके
aw
أَوْ
या
ikh'wānahum
إِخْوَٰنَهُمْ
भाई उनके
aw
أَوْ
या
ʿashīratahum
عَشِيرَتَهُمْۚ
क़बीला उनका
ulāika
أُو۟لَٰٓئِكَ
यही लोग हैं
kataba
كَتَبَ
उसने लिख दिया
فِى
उनके दिलों में
qulūbihimu
قُلُوبِهِمُ
उनके दिलों में
l-īmāna
ٱلْإِيمَٰنَ
ईमान
wa-ayyadahum
وَأَيَّدَهُم
और उसने ताइद की उनकी
birūḥin
بِرُوحٍ
साथ रूह के
min'hu
مِّنْهُۖ
अपनी तरफ़ से
wayud'khiluhum
وَيُدْخِلُهُمْ
और वो दाख़िल करेगा उन्हें
jannātin
جَنَّٰتٍ
बाग़ात मे
tajrī
تَجْرِى
बहती हैं
min
مِن
उनके नीचे से
taḥtihā
تَحْتِهَا
उनके नीचे से
l-anhāru
ٱلْأَنْهَٰرُ
नहरें
khālidīna
خَٰلِدِينَ
हमेशा रहने वाले हैं
fīhā
فِيهَاۚ
उनमें
raḍiya
رَضِىَ
राज़ी हो गया
l-lahu
ٱللَّهُ
अल्लाह
ʿanhum
عَنْهُمْ
उनसे
waraḍū
وَرَضُوا۟
और वो राज़ी हो गए
ʿanhu
عَنْهُۚ
उससे
ulāika
أُو۟لَٰٓئِكَ
यही लोग हैं
ḥiz'bu
حِزْبُ
गिरोह
l-lahi
ٱللَّهِۚ
अल्लाह का
alā
أَلَآ
ख़बरदार
inna
إِنَّ
बेशक
ḥiz'ba
حِزْبَ
गिरोह
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह का
humu
هُمُ
वो ही हैं
l-muf'liḥūna
ٱلْمُفْلِحُونَ
जो फ़लाह पाने वाले हैं
तुम उन लोगों को ऐसा कभी नहीं पाओगे जो अल्लाह और अन्तिम दि पर ईमान रखते है कि वे उन लोगों से प्रेम करते हो जिन्होंने अल्लाह और उसके रसूल का विरोध किया, यद्यपि वे उनके अपने बाप हों या उनके अपने बेटे हो या उनके अपने भाई या उनके अपने परिवारवाले ही हो। वही लोग हैं जिनके दिलों में अल्लाह ने ईमान को अंकित कर दिया है और अपनी ओर से एक आत्मा के द्वारा उन्हें शक्ति दी है। और उन्हें वह ऐसे बाग़ों में दाख़िल करेगा जिनके नीचे नहरें बह रही होंगी; जहाँ वे सदैव रहेंगे। अल्लाह उनसे राज़ी हुआ और वे भी उससे राज़ी हुए। वे अल्लाह की पार्टी के लोग है। सावधान रहो, निश्चय ही अल्लाह की पार्टीवाले ही सफल है ([५८] अल-मुजादिला: 22)
Tafseer (तफ़सीर )