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सूरा अल-वाकिया - Page: 10

Al-Waqi'ah

(घटना, आरोध्य)

९१

فَسَلٰمٌ لَّكَ مِنْ اَصْحٰبِ الْيَمِيْنِۗ ٩١

fasalāmun
فَسَلَٰمٌ
तो सलाम है
laka
لَّكَ
तेरे लिए
min
مِنْ
(कि तुम)दाऐं जानिब वालों में से हो
aṣḥābi
أَصْحَٰبِ
(कि तुम)दाऐं जानिब वालों में से हो
l-yamīni
ٱلْيَمِينِ
(कि तुम)दाऐं जानिब वालों में से हो
तो 'सलाम है तुम्हें कि तुम सौभाग्यशाली में से हो।' ([५६] अल-वाकिया: 91)
Tafseer (तफ़सीर )
९२

وَاَمَّآ اِنْ كَانَ مِنَ الْمُكَذِّبِيْنَ الضَّاۤلِّيْنَۙ ٩٢

wa-ammā
وَأَمَّآ
और लेकिन
in
إِن
अगर
kāna
كَانَ
है वो
mina
مِنَ
झुठलाने वालों में से
l-mukadhibīna
ٱلْمُكَذِّبِينَ
झुठलाने वालों में से
l-ḍālīna
ٱلضَّآلِّينَ
गुमराह लोगों में से
किन्तु यदि वह झुठलानेवालों, गुमराहों में से है; ([५६] अल-वाकिया: 92)
Tafseer (तफ़सीर )
९३

فَنُزُلٌ مِّنْ حَمِيْمٍۙ ٩٣

fanuzulun
فَنُزُلٌ
तो महमानी है
min
مِّنْ
खौलते पानी से
ḥamīmin
حَمِيمٍ
खौलते पानी से
तो उसका पहला सत्कार खौलते हुए पानी से होगा ([५६] अल-वाकिया: 93)
Tafseer (तफ़सीर )
९४

وَّتَصْلِيَةُ جَحِيْمٍ ٩٤

wataṣliyatu
وَتَصْلِيَةُ
और जलना है
jaḥīmin
جَحِيمٍ
जहन्नम में
फिर भड़कती हुई आग में उन्हें झोंका जाना है ([५६] अल-वाकिया: 94)
Tafseer (तफ़सीर )
९५

اِنَّ هٰذَا لَهُوَ حَقُّ الْيَقِيْنِۚ ٩٥

inna
إِنَّ
बेशक
hādhā
هَٰذَا
ये
lahuwa
لَهُوَ
अलबत्ता वो ही है
ḥaqqu
حَقُّ
जो हक़ है
l-yaqīni
ٱلْيَقِينِ
यक़ीनी
निस्संदेह यही विश्वसनीय सत्य है ([५६] अल-वाकिया: 95)
Tafseer (तफ़सीर )
९६

فَسَبِّحْ بِاسْمِ رَبِّكَ الْعَظِيْمِ ࣖ ٩٦

fasabbiḥ
فَسَبِّحْ
पस तस्बीह कीजिए
bi-is'mi
بِٱسْمِ
नाम की
rabbika
رَبِّكَ
अपने रब की
l-ʿaẓīmi
ٱلْعَظِيمِ
जो निहायत अज़मत वाला है
अतः तुम अपने महान रब की तसबीह करो ([५६] अल-वाकिया: 96)
Tafseer (तफ़सीर )