६१
فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ٦١
- fabi-ayyi
- فَبِأَىِّ
- तो कौन सी
- ālāi
- ءَالَآءِ
- नेअमतों को
- rabbikumā
- رَبِّكُمَا
- अपने रब की
- tukadhibāni
- تُكَذِّبَانِ
- तुम दोनों झुठलाओगे
अतः तुम दोनों अपने रब की अनुकम्पाओं में से किस-किस को झुठलाओगे? ([५५] अर-रहमान: 61)Tafseer (तफ़सीर )
६२
وَمِنْ دُوْنِهِمَا جَنَّتٰنِۚ ٦٢
- wamin
- وَمِن
- और उन दोनों के अलावा
- dūnihimā
- دُونِهِمَا
- और उन दोनों के अलावा
- jannatāni
- جَنَّتَانِ
- दो बाग़ हैं
उन दोनों से हटकर दो और बाग़ है। ([५५] अर-रहमान: 62)Tafseer (तफ़सीर )
६३
فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِۙ ٦٣
- fabi-ayyi
- فَبِأَىِّ
- तो कौन सी
- ālāi
- ءَالَآءِ
- नेअमतों को
- rabbikumā
- رَبِّكُمَا
- अपने रब की
- tukadhibāni
- تُكَذِّبَانِ
- तुम दोनों झुठलाओगे
फिर तुम दोनों अपने रब की अनुकम्पाओं में से किस-किस को झुठलाओगे? ([५५] अर-रहमान: 63)Tafseer (तफ़सीर )
६४
مُدْهَاۤمَّتٰنِۚ ٦٤
- mud'hāmmatāni
- مُدْهَآمَّتَانِ
- दोनों गहरे सब्ज़ हैं
गहरे हरित; ([५५] अर-रहमान: 64)Tafseer (तफ़सीर )
६५
فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ٦٥
- fabi-ayyi
- فَبِأَىِّ
- तो कौन सी
- ālāi
- ءَالَآءِ
- नेअमतों को
- rabbikumā
- رَبِّكُمَا
- अपने रब की
- tukadhibāni
- تُكَذِّبَانِ
- तुम दोनों झुठलाओगे
अतः तुम दोनों अपने रब की अनुकम्पाओं में से किस-किस को झुठलाओगे? ([५५] अर-रहमान: 65)Tafseer (तफ़सीर )
६६
فِيْهِمَا عَيْنٰنِ نَضَّاخَتٰنِۚ ٦٦
- fīhimā
- فِيهِمَا
- उन दोनों में
- ʿaynāni
- عَيْنَانِ
- दो चश्मे हैं
- naḍḍākhatāni
- نَضَّاخَتَانِ
- दोनों जोश मारने वाले
उन दोनों (बाग़ो) में दो स्रोत है जोश मारते हुए ([५५] अर-रहमान: 66)Tafseer (तफ़सीर )
६७
فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِۚ ٦٧
- fabi-ayyi
- فَبِأَىِّ
- तो कौन सी
- ālāi
- ءَالَآءِ
- नेअमतों को
- rabbikumā
- رَبِّكُمَا
- अपने रब की
- tukadhibāni
- تُكَذِّبَانِ
- तुम दोनों झुठलाओगे
अतः तुम दोनों अपने रब के चमत्कारों में से किस-किस को झुठलाओगे? ([५५] अर-रहमान: 67)Tafseer (तफ़सीर )
६८
فِيْهِمَا فَاكِهَةٌ وَّنَخْلٌ وَّرُمَّانٌۚ ٦٨
- fīhimā
- فِيهِمَا
- उन दोनों में
- fākihatun
- فَٰكِهَةٌ
- फल हैं
- wanakhlun
- وَنَخْلٌ
- और खजूर के दरख़्त
- warummānun
- وَرُمَّانٌ
- और अनार हैं
उनमें है स्वादिष्ट फल और खजूर और अनार; ([५५] अर-रहमान: 68)Tafseer (तफ़सीर )
६९
فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِۚ ٦٩
- fabi-ayyi
- فَبِأَىِّ
- तो कौन सी
- ālāi
- ءَالَآءِ
- नेअमतों को
- rabbikumā
- رَبِّكُمَا
- अपने रब की
- tukadhibāni
- تُكَذِّبَانِ
- तुम दोनों झुठलाओगे
अतः तुम दोनों अपने रब की अनुकम्पाओं में से किस-किस को झुठलाओगे? ([५५] अर-रहमान: 69)Tafseer (तफ़सीर )
७०
فِيْهِنَّ خَيْرٰتٌ حِسَانٌۚ ٧٠
- fīhinna
- فِيهِنَّ
- उन में
- khayrātun
- خَيْرَٰتٌ
- नेक औरतें हैं
- ḥisānun
- حِسَانٌ
- ख़ूबसूरत
उनमें भली और सुन्दर स्त्रियाँ होंगी। ([५५] अर-रहमान: 70)Tafseer (तफ़सीर )