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सूरा अर-रहमान - Page: 5

Ar-Rahman

(The Beneficent, The Mercy Giving)

४१

يُعْرَفُ الْمُجْرِمُوْنَ بِسِيْمٰهُمْ فَيُؤْخَذُ بِالنَّوَاصِيْ وَالْاَقْدَامِۚ ٤١

yuʿ'rafu
يُعْرَفُ
पहचाने जाऐंगे
l-muj'rimūna
ٱلْمُجْرِمُونَ
मुजरिम
bisīmāhum
بِسِيمَٰهُمْ
अपने चेहरों की अलामत से
fayu'khadhu
فَيُؤْخَذُ
तो वो पकड़े जाऐंगे
bil-nawāṣī
بِٱلنَّوَٰصِى
पेशानी के बालों से
wal-aqdāmi
وَٱلْأَقْدَامِ
और क़दमों से
अपराधी अपने चहरों से पहचान लिए जाएँगे और उनके माथे के बालों और टाँगों द्वारा पकड़ लिया जाएगा ([५५] अर-रहमान: 41)
Tafseer (तफ़सीर )
४२

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ٤٢

fabi-ayyi
فَبِأَىِّ
तो कौन सी
ālāi
ءَالَآءِ
नेअमतों को
rabbikumā
رَبِّكُمَا
अपने रब की
tukadhibāni
تُكَذِّبَانِ
तुम दोनों झुठलाओगे
अतः तुम दोनों अपने रब की सामर्थ्यों में से किस-किस को झुठलाओगे? ([५५] अर-रहमान: 42)
Tafseer (तफ़सीर )
४३

هٰذِهٖ جَهَنَّمُ الَّتِيْ يُكَذِّبُ بِهَا الْمُجْرِمُوْنَۘ ٤٣

hādhihi
هَٰذِهِۦ
ये है
jahannamu
جَهَنَّمُ
जहन्नम
allatī
ٱلَّتِى
वो जो
yukadhibu
يُكَذِّبُ
झुठलाते थे
bihā
بِهَا
उसे
l-muj'rimūna
ٱلْمُجْرِمُونَ
मुजरिम
यही वह जहन्नम है जिसे अपराधी लोग झूठ ठहराते रहे है ([५५] अर-रहमान: 43)
Tafseer (तफ़सीर )
४४

يَطُوْفُوْنَ بَيْنَهَا وَبَيْنَ حَمِيْمٍ اٰنٍۚ ٤٤

yaṭūfūna
يَطُوفُونَ
वो गर्दिश करेंगे
baynahā
بَيْنَهَا
दर्मियान उसके
wabayna
وَبَيْنَ
और दर्मियान
ḥamīmin
حَمِيمٍ
सख़्त गर्म पानी
ānin
ءَانٍ
खौलते हुए के
वे उनके और खौलते हुए पानी के बीच चक्कर लगा रहें होंगे ([५५] अर-रहमान: 44)
Tafseer (तफ़सीर )
४५

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ࣖ ٤٥

fabi-ayyi
فَبِأَىِّ
तो कौन सी
ālāi
ءَالَآءِ
नेअमतों को
rabbikumā
رَبِّكُمَا
अपने रब की
tukadhibāni
تُكَذِّبَانِ
तुम दोनों झुठलाओगे
फिर तुम दोनों अपने रब के सामर्थ्यों में से किस-किस को झुठलाओगे? ([५५] अर-रहमान: 45)
Tafseer (तफ़सीर )
४६

وَلِمَنْ خَافَ مَقَامَ رَبِّهٖ جَنَّتٰنِۚ ٤٦

waliman
وَلِمَنْ
और उसके लिए जो
khāfa
خَافَ
डरे
maqāma
مَقَامَ
खड़ा होने से
rabbihi
رَبِّهِۦ
अपने रब के सामने
jannatāni
جَنَّتَانِ
दो बाग़ है
किन्तु जो अपने रब के सामने खड़े होने का डर रखता होगा, उसके लिए दो बाग़ है। - ([५५] अर-रहमान: 46)
Tafseer (तफ़सीर )
४७

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِۙ ٤٧

fabi-ayyi
فَبِأَىِّ
तो कौन सी
ālāi
ءَالَآءِ
नेअमतों को
rabbikumā
رَبِّكُمَا
अपने रब की
tukadhibāni
تُكَذِّبَانِ
तुम दोनों झुठलाओगे
तो तुम दोनों अपने रब की अनुकम्पाओं में से किस-किस को झुठलाओगे? ([५५] अर-रहमान: 47)
Tafseer (तफ़सीर )
४८

ذَوَاتَآ اَفْنَانٍۚ ٤٨

dhawātā
ذَوَاتَآ
दोनों बहुत शाख़ों वाले हैं
afnānin
أَفْنَانٍ
दोनों बहुत शाख़ों वाले हैं
घनी डालियोंवाले; ([५५] अर-रहमान: 48)
Tafseer (तफ़सीर )
४९

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ٤٩

fabi-ayyi
فَبِأَىِّ
तो कौन सी
ālāi
ءَالَآءِ
नेअमतों को
rabbikumā
رَبِّكُمَا
अपने रब की
tukadhibāni
تُكَذِّبَانِ
तुम दोनों झुठलाओगे
अतः तुम दोनों अपने रब के उपकारों में से किस-किस को झुठलाओगे? ([५५] अर-रहमान: 49)
Tafseer (तफ़सीर )
५०

فِيْهِمَا عَيْنٰنِ تَجْرِيٰنِۚ ٥٠

fīhimā
فِيهِمَا
उन दोनों में
ʿaynāni
عَيْنَانِ
दो चश्मे हैं
tajriyāni
تَجْرِيَانِ
वो दोनों बहते होंगे
उन दोनो (बाग़ो) में दो प्रवाहित स्रोत है। ([५५] अर-रहमान: 50)
Tafseer (तफ़सीर )