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सूरा अर-रहमान - Page: 4

Ar-Rahman

(The Beneficent, The Mercy Giving)

३१

سَنَفْرُغُ لَكُمْ اَيُّهَ الثَّقَلٰنِۚ ٣١

sanafrughu
سَنَفْرُغُ
अनक़रीब हम फ़ारिग़ हो जाऐंगे
lakum
لَكُمْ
तुम्हारे लिए
ayyuha
أَيُّهَ
l-thaqalāni
ٱلثَّقَلَانِ
दो बोझो (जिन्न व इन्स)
ऐ दोनों बोझों! शीघ्र ही हम तुम्हारे लिए निवृत हुए जाते है ([५५] अर-रहमान: 31)
Tafseer (तफ़सीर )
३२

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ٣٢

fabi-ayyi
فَبِأَىِّ
तो कौन सी
ālāi
ءَالَآءِ
नेअमतों को
rabbikumā
رَبِّكُمَا
अपने रब की
tukadhibāni
تُكَذِّبَانِ
तुम दोनों झुठलाओगे
तो तुम दोनों अपने रब की अनुकम्पाओं में से किस-किस को झुठलाओगे? ([५५] अर-रहमान: 32)
Tafseer (तफ़सीर )
३३

يٰمَعْشَرَ الْجِنِّ وَالْاِنْسِ اِنِ اسْتَطَعْتُمْ اَنْ تَنْفُذُوْا مِنْ اَقْطَارِ السَّمٰوٰتِ وَالْاَرْضِ فَانْفُذُوْاۗ لَا تَنْفُذُوْنَ اِلَّا بِسُلْطٰنٍۚ ٣٣

yāmaʿshara
يَٰمَعْشَرَ
ऐ गिरोह
l-jini
ٱلْجِنِّ
जिन्नों
wal-insi
وَٱلْإِنسِ
और इन्सानों के
ini
إِنِ
अगर
is'taṭaʿtum
ٱسْتَطَعْتُمْ
तुम इस्तिताअत रखते हो
an
أَن
कि
tanfudhū
تَنفُذُوا۟
तुम निकल जाओ
min
مِنْ
किनारों से
aqṭāri
أَقْطَارِ
किनारों से
l-samāwāti
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों
wal-arḍi
وَٱلْأَرْضِ
और ज़मीन के
fa-unfudhū
فَٱنفُذُوا۟ۚ
तो निकल जाओ
لَا
नहीं तुम निकल सकते
tanfudhūna
تَنفُذُونَ
नहीं तुम निकल सकते
illā
إِلَّا
मगर
bisul'ṭānin
بِسُلْطَٰنٍ
साथ एक क़ुव्वत के
ऐ जिन्नों और मनुष्यों के गिरोह! यदि तुममें हो सके कि आकाशों और धरती की सीमाओं को पार कर सको, तो पार कर जाओ; तुम कदापि पार नहीं कर सकते बिना अधिकार-शक्ति के ([५५] अर-रहमान: 33)
Tafseer (तफ़सीर )
३४

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ٣٤

fabi-ayyi
فَبِأَىِّ
तो कौन सी
ālāi
ءَالَآءِ
नेअमतों को
rabbikumā
رَبِّكُمَا
अपने रब की
tukadhibāni
تُكَذِّبَانِ
तुम दोनों झुठलाओगे
अतः तुम दोनों अपने रब की सामर्थ्यों में से किस-किस को झुठलाओगे? ([५५] अर-रहमान: 34)
Tafseer (तफ़सीर )
३५

يُرْسَلُ عَلَيْكُمَا شُوَاظٌ مِّنْ نَّارٍۙ وَّنُحَاسٌ فَلَا تَنْتَصِرَانِۚ ٣٥

yur'salu
يُرْسَلُ
छोड़ दिया जाएगा
ʿalaykumā
عَلَيْكُمَا
तुम दोनों पर
shuwāẓun
شُوَاظٌ
एक शोला
min
مِّن
आग का
nārin
نَّارٍ
आग का
wanuḥāsun
وَنُحَاسٌ
और धुवाँ
falā
فَلَا
तो ना
tantaṣirāni
تَنتَصِرَانِ
तुम दोनों मुक़ाबला कर सकोगे
अतः तुम दोनों पर अग्नि-ज्वाला और धुएँवाला अंगारा (पिघला ताँबा) छोड़ दिया जाएगा, फिर तुम मुक़ाबला न कर सकोगे। ([५५] अर-रहमान: 35)
Tafseer (तफ़सीर )
३६

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ٣٦

fabi-ayyi
فَبِأَىِّ
तो कौन सी
ālāi
ءَالَآءِ
नेअमतों को
rabbikumā
رَبِّكُمَا
अपने रब की
tukadhibāni
تُكَذِّبَانِ
तुम दोनों झुठलाओगे
अतः तुम दोनों अपने रब की सामर्थ्यों में से किस-किस को झुठलाओगे? ([५५] अर-रहमान: 36)
Tafseer (तफ़सीर )
३७

فَاِذَا انْشَقَّتِ السَّمَاۤءُ فَكَانَتْ وَرْدَةً كَالدِّهَانِۚ ٣٧

fa-idhā
فَإِذَا
फिर जब
inshaqqati
ٱنشَقَّتِ
फट जाएगा
l-samāu
ٱلسَّمَآءُ
आसमान
fakānat
فَكَانَتْ
तो वो हो जाएगा
wardatan
وَرْدَةً
सुर्ख़
kal-dihāni
كَٱلدِّهَانِ
मानिन्द सुर्ख़ चमड़े के
फिर जब आकाश फट जाएगा और लाल चमड़े की तरह लाल हो जाएगा। ([५५] अर-रहमान: 37)
Tafseer (तफ़सीर )
३८

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ٣٨

fabi-ayyi
فَبِأَىِّ
तो कौन सी
ālāi
ءَالَآءِ
नेअमतों को
rabbikumā
رَبِّكُمَا
अपने रब की
tukadhibāni
تُكَذِّبَانِ
तुम दोनों झुठलाओगे
- अतः तुम दोनों अपने रब के चमत्कारों में से किस-किस को झुठलाओगे? ([५५] अर-रहमान: 38)
Tafseer (तफ़सीर )
३९

فَيَوْمَئِذٍ لَّا يُسْـَٔلُ عَنْ ذَنْۢبِهٖٓ اِنْسٌ وَّلَا جَاۤنٌّۚ ٣٩

fayawma-idhin
فَيَوْمَئِذٍ
तो उस दिन
لَّا
ना पूछा जाएगा
yus'alu
يُسْـَٔلُ
ना पूछा जाएगा
ʿan
عَن
अपने गुनाह के बारे में
dhanbihi
ذَنۢبِهِۦٓ
अपने गुनाह के बारे में
insun
إِنسٌ
कोई इन्सान
walā
وَلَا
और ना
jānnun
جَآنٌّ
कोई जिन्न
फिर उस दिन न किसी मनुष्य से उसके गुनाह के विषय में पूछा जाएगा न किसी जिन्न से ([५५] अर-रहमान: 39)
Tafseer (तफ़सीर )
४०

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبٰنِ ٤٠

fabi-ayyi
فَبِأَىِّ
तो कौन सी
ālāi
ءَالَآءِ
नेअमतों को
rabbikumā
رَبِّكُمَا
अपने रब की
tukadhibāni
تُكَذِّبَانِ
तुम दोनों झुठलाओगे
अतः तुम दोनों अपने रब के चमत्कारों में से किस-किस को झुठलाओगे? ([५५] अर-रहमान: 40)
Tafseer (तफ़सीर )