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सूरा अल-कमर - Page: 6

Al-Qamar

(चाँद)

५१

وَلَقَدْ اَهْلَكْنَآ اَشْيَاعَكُمْ فَهَلْ مِنْ مُّدَّكِرٍ ٥١

walaqad
وَلَقَدْ
और अलबत्ता तहक़ीक़
ahlaknā
أَهْلَكْنَآ
हलाक किया हमने
ashyāʿakum
أَشْيَاعَكُمْ
तुम्हारे गिरोहों को
fahal
فَهَلْ
तो क्या है
min
مِن
कोई नसीहत पकड़ने वाला
muddakirin
مُّدَّكِرٍ
कोई नसीहत पकड़ने वाला
और हम तुम्हारे जैसे लोगों को विनष्ट कर चुके है। फिर क्या है कोई नसीहत हासिल करनेवाला? ([५४] अल-कमर: 51)
Tafseer (तफ़सीर )
५२

وَكُلُّ شَيْءٍ فَعَلُوْهُ فِى الزُّبُرِ ٥٢

wakullu
وَكُلُّ
और हर
shayin
شَىْءٍ
चीज़
faʿalūhu
فَعَلُوهُ
उन्होंने किया जिसे
فِى
सहीफ़ों में है
l-zuburi
ٱلزُّبُرِ
सहीफ़ों में है
जो कुछ उन्होंने किया है, वह पन्नों में अंकित है ([५४] अल-कमर: 52)
Tafseer (तफ़सीर )
५३

وَكُلُّ صَغِيْرٍ وَّكَبِيْرٍ مُّسْتَطَرٌ ٥٣

wakullu
وَكُلُّ
और हर
ṣaghīrin
صَغِيرٍ
छोटा
wakabīrin
وَكَبِيرٍ
और बड़ा
mus'taṭarun
مُّسْتَطَرٌ
लिखा हुआ है
और हर छोटी और बड़ी चीज़ लिखित है ([५४] अल-कमर: 53)
Tafseer (तफ़सीर )
५४

اِنَّ الْمُتَّقِيْنَ فِيْ جَنّٰتٍ وَّنَهَرٍۙ ٥٤

inna
إِنَّ
बेशक
l-mutaqīna
ٱلْمُتَّقِينَ
मुत्तक़ी लोग
فِى
बाग़ात में होंगे
jannātin
جَنَّٰتٍ
बाग़ात में होंगे
wanaharin
وَنَهَرٍ
और नहरों में
निश्चय ही डर रखनेवाले बाग़ो और नहरों के बीच होंगे, ([५४] अल-कमर: 54)
Tafseer (तफ़सीर )
५५

فِيْ مَقْعَدِ صِدْقٍ عِنْدَ مَلِيْكٍ مُّقْتَدِرٍ ࣖ ٥٥

فِى
जगह में
maqʿadi
مَقْعَدِ
जगह में
ṣid'qin
صِدْقٍ
सच्चाई की
ʿinda
عِندَ
बादशाह के पास
malīkin
مَلِيكٍ
बादशाह के पास
muq'tadirin
مُّقْتَدِرٍۭ
जो इक़्तिदार वाला है
प्रतिष्ठित स्थान पर, प्रभुत्वशाली सम्राट के निकट ([५४] अल-कमर: 55)
Tafseer (तफ़सीर )