५१
وَثَمُوْدَا۟ فَمَآ اَبْقٰىۙ ٥١
- wathamūdā
- وَثَمُودَا۟
- और समूद को
- famā
- فَمَآ
- पस ना
- abqā
- أَبْقَىٰ
- उसने बाक़ी छोड़ा
और समूद को भी। फिर किसी को बाक़ी न छोड़ा। ([५३] अन-नज्म: 51)Tafseer (तफ़सीर )
५२
وَقَوْمَ نُوْحٍ مِّنْ قَبْلُۗ اِنَّهُمْ كَانُوْا هُمْ اَظْلَمَ وَاَطْغٰىۗ ٥٢
- waqawma
- وَقَوْمَ
- और क़ौमे
- nūḥin
- نُوحٍ
- नूह को
- min
- مِّن
- उससे क़ब्ल
- qablu
- قَبْلُۖ
- उससे क़ब्ल
- innahum
- إِنَّهُمْ
- बेशक वो
- kānū
- كَانُوا۟
- थे वो
- hum
- هُمْ
- वो
- aẓlama
- أَظْلَمَ
- बहुत ज़ालिम
- wa-aṭghā
- وَأَطْغَىٰ
- और ज़्यादा सरकश
और उससे पहले नूह की क़ौम को भी। बेशक वे ज़ालिम और सरकश थे ([५३] अन-नज्म: 52)Tafseer (तफ़सीर )
५३
وَالْمُؤْتَفِكَةَ اَهْوٰىۙ ٥٣
- wal-mu'tafikata
- وَٱلْمُؤْتَفِكَةَ
- और उलट जाने वाली बस्ती को
- ahwā
- أَهْوَىٰ
- उसने नीचे दे मारा
उलट जानेवाली बस्ती को भी फेंक दिया। ([५३] अन-नज्म: 53)Tafseer (तफ़सीर )
५४
فَغَشّٰىهَا مَا غَشّٰىۚ ٥٤
- faghashāhā
- فَغَشَّىٰهَا
- तो ढाँप लिया उन्हें
- mā
- مَا
- जिसने
- ghashā
- غَشَّىٰ
- ढाँपा
तो ढँक लिया उसे जिस चीज़ ने ढँक लिया; ([५३] अन-नज्म: 54)Tafseer (तफ़सीर )
५५
فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكَ تَتَمَارٰى ٥٥
- fabi-ayyi
- فَبِأَىِّ
- पस कौन सी
- ālāi
- ءَالَآءِ
- नेअमतों पर
- rabbika
- رَبِّكَ
- अपने रब की
- tatamārā
- تَتَمَارَىٰ
- तुम शक करते हो
फिर तू अपने रब के चमत्कारों में से किस-किस के विषय में संदेह करेगा? ([५३] अन-नज्म: 55)Tafseer (तफ़सीर )
५६
هٰذَا نَذِيْرٌ مِّنَ النُّذُرِ الْاُوْلٰى ٥٦
- hādhā
- هَٰذَا
- ये
- nadhīrun
- نَذِيرٌ
- एक डराने वाला है
- mina
- مِّنَ
- डराने वालों में से
- l-nudhuri
- ٱلنُّذُرِ
- डराने वालों में से
- l-ūlā
- ٱلْأُولَىٰٓ
- पहले
यह पहले के सावधान-कर्ताओं के सदृश एक सावधान करनेवाला है ([५३] अन-नज्म: 56)Tafseer (तफ़सीर )
५७
اَزِفَتِ الْاٰزِفةُ ۚ ٥٧
- azifati
- أَزِفَتِ
- नज़दीक आ गई
- l-āzifatu
- ٱلْءَازِفَةُ
- नज़दीक आने वाली
निकट आनेवाली (क़ियामत की घड़ी) निकट आ गई ([५३] अन-नज्म: 57)Tafseer (तफ़सीर )
५८
لَيْسَ لَهَا مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ كَاشِفَةٌ ۗ ٥٨
- laysa
- لَيْسَ
- नहीं
- lahā
- لَهَا
- उसके लिए
- min
- مِن
- सिवाए
- dūni
- دُونِ
- सिवाए
- l-lahi
- ٱللَّهِ
- अल्लाह के
- kāshifatun
- كَاشِفَةٌ
- कोई हटाने वाला
अल्लाह के सिवा कोई नहीं जो उसे प्रकट कर दे ([५३] अन-नज्म: 58)Tafseer (तफ़सीर )
५९
اَفَمِنْ هٰذَا الْحَدِيْثِ تَعْجَبُوْنَۙ ٥٩
- afamin
- أَفَمِنْ
- क्या भला
- hādhā
- هَٰذَا
- इस
- l-ḥadīthi
- ٱلْحَدِيثِ
- बात से
- taʿjabūna
- تَعْجَبُونَ
- तुम ताअज्जुब करते हो
अब क्या तुम इस वाणी पर आश्चर्य करते हो; ([५३] अन-नज्म: 59)Tafseer (तफ़सीर )
६०
وَتَضْحَكُوْنَ وَلَا تَبْكُوْنَۙ ٦٠
- wataḍḥakūna
- وَتَضْحَكُونَ
- और तुम हँसते हो
- walā
- وَلَا
- और नहीं तुम रोते
- tabkūna
- تَبْكُونَ
- और नहीं तुम रोते
और हँसते हो और रोते नहीं? ([५३] अन-नज्म: 60)Tafseer (तफ़सीर )