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सूरा अन-नज्म - Page: 6

An-Najm

(सितारा)

५१

وَثَمُوْدَا۟ فَمَآ اَبْقٰىۙ ٥١

wathamūdā
وَثَمُودَا۟
और समूद को
famā
فَمَآ
पस ना
abqā
أَبْقَىٰ
उसने बाक़ी छोड़ा
और समूद को भी। फिर किसी को बाक़ी न छोड़ा। ([५३] अन-नज्म: 51)
Tafseer (तफ़सीर )
५२

وَقَوْمَ نُوْحٍ مِّنْ قَبْلُۗ اِنَّهُمْ كَانُوْا هُمْ اَظْلَمَ وَاَطْغٰىۗ ٥٢

waqawma
وَقَوْمَ
और क़ौमे
nūḥin
نُوحٍ
नूह को
min
مِّن
उससे क़ब्ल
qablu
قَبْلُۖ
उससे क़ब्ल
innahum
إِنَّهُمْ
बेशक वो
kānū
كَانُوا۟
थे वो
hum
هُمْ
वो
aẓlama
أَظْلَمَ
बहुत ज़ालिम
wa-aṭghā
وَأَطْغَىٰ
और ज़्यादा सरकश
और उससे पहले नूह की क़ौम को भी। बेशक वे ज़ालिम और सरकश थे ([५३] अन-नज्म: 52)
Tafseer (तफ़सीर )
५३

وَالْمُؤْتَفِكَةَ اَهْوٰىۙ ٥٣

wal-mu'tafikata
وَٱلْمُؤْتَفِكَةَ
और उलट जाने वाली बस्ती को
ahwā
أَهْوَىٰ
उसने नीचे दे मारा
उलट जानेवाली बस्ती को भी फेंक दिया। ([५३] अन-नज्म: 53)
Tafseer (तफ़सीर )
५४

فَغَشّٰىهَا مَا غَشّٰىۚ ٥٤

faghashāhā
فَغَشَّىٰهَا
तो ढाँप लिया उन्हें
مَا
जिसने
ghashā
غَشَّىٰ
ढाँपा
तो ढँक लिया उसे जिस चीज़ ने ढँक लिया; ([५३] अन-नज्म: 54)
Tafseer (तफ़सीर )
५५

فَبِاَيِّ اٰلَاۤءِ رَبِّكَ تَتَمَارٰى ٥٥

fabi-ayyi
فَبِأَىِّ
पस कौन सी
ālāi
ءَالَآءِ
नेअमतों पर
rabbika
رَبِّكَ
अपने रब की
tatamārā
تَتَمَارَىٰ
तुम शक करते हो
फिर तू अपने रब के चमत्कारों में से किस-किस के विषय में संदेह करेगा? ([५३] अन-नज्म: 55)
Tafseer (तफ़सीर )
५६

هٰذَا نَذِيْرٌ مِّنَ النُّذُرِ الْاُوْلٰى ٥٦

hādhā
هَٰذَا
ये
nadhīrun
نَذِيرٌ
एक डराने वाला है
mina
مِّنَ
डराने वालों में से
l-nudhuri
ٱلنُّذُرِ
डराने वालों में से
l-ūlā
ٱلْأُولَىٰٓ
पहले
यह पहले के सावधान-कर्ताओं के सदृश एक सावधान करनेवाला है ([५३] अन-नज्म: 56)
Tafseer (तफ़सीर )
५७

اَزِفَتِ الْاٰزِفةُ ۚ ٥٧

azifati
أَزِفَتِ
नज़दीक आ गई
l-āzifatu
ٱلْءَازِفَةُ
नज़दीक आने वाली
निकट आनेवाली (क़ियामत की घड़ी) निकट आ गई ([५३] अन-नज्म: 57)
Tafseer (तफ़सीर )
५८

لَيْسَ لَهَا مِنْ دُوْنِ اللّٰهِ كَاشِفَةٌ ۗ ٥٨

laysa
لَيْسَ
नहीं
lahā
لَهَا
उसके लिए
min
مِن
सिवाए
dūni
دُونِ
सिवाए
l-lahi
ٱللَّهِ
अल्लाह के
kāshifatun
كَاشِفَةٌ
कोई हटाने वाला
अल्लाह के सिवा कोई नहीं जो उसे प्रकट कर दे ([५३] अन-नज्म: 58)
Tafseer (तफ़सीर )
५९

اَفَمِنْ هٰذَا الْحَدِيْثِ تَعْجَبُوْنَۙ ٥٩

afamin
أَفَمِنْ
क्या भला
hādhā
هَٰذَا
इस
l-ḥadīthi
ٱلْحَدِيثِ
बात से
taʿjabūna
تَعْجَبُونَ
तुम ताअज्जुब करते हो
अब क्या तुम इस वाणी पर आश्चर्य करते हो; ([५३] अन-नज्म: 59)
Tafseer (तफ़सीर )
६०

وَتَضْحَكُوْنَ وَلَا تَبْكُوْنَۙ ٦٠

wataḍḥakūna
وَتَضْحَكُونَ
और तुम हँसते हो
walā
وَلَا
और नहीं तुम रोते
tabkūna
تَبْكُونَ
और नहीं तुम रोते
और हँसते हो और रोते नहीं? ([५३] अन-नज्म: 60)
Tafseer (तफ़सीर )