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सूरा अन-नज्म - Page: 4

An-Najm

(सितारा)

३१

وَلِلّٰهِ مَا فِى السَّمٰوٰتِ وَمَا فِى الْاَرْضِۗ لِيَجْزِيَ الَّذِيْنَ اَسَاۤءُوْا بِمَا عَمِلُوْا وَيَجْزِيَ الَّذِيْنَ اَحْسَنُوْا بِالْحُسْنٰىۚ ٣١

walillahi
وَلِلَّهِ
और अल्लाह ही के लिए है
مَا
जो कुछ
فِى
आसमानों में है
l-samāwāti
ٱلسَّمَٰوَٰتِ
आसमानों में है
wamā
وَمَا
और जो कुछ
فِى
ज़मीन में है
l-arḍi
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन में है
liyajziya
لِيَجْزِىَ
ताकि वो बदला दे
alladhīna
ٱلَّذِينَ
उनको जिन्होंने
asāū
أَسَٰٓـُٔوا۟
बुरा किया
bimā
بِمَا
बवजह उसके जो
ʿamilū
عَمِلُوا۟
उन्होंने अमल किए
wayajziya
وَيَجْزِىَ
और वो बदला दे
alladhīna
ٱلَّذِينَ
उनको जिन्होंने
aḥsanū
أَحْسَنُوا۟
अच्छा किया
bil-ḥus'nā
بِٱلْحُسْنَى
साथ भलाई के
अल्लाह ही का है जो कुछ आकाशों में है और जो कुछ धरती में है, ताकि जिन लोगों ने बुराई की वह उन्हें उनके किए का बदला दे। और जिन लोगों ने भलाई की उन्हें अच्छा बदला दे; ([५३] अन-नज्म: 31)
Tafseer (तफ़सीर )
३२

اَلَّذِيْنَ يَجْتَنِبُوْنَ كَبٰۤىِٕرَ الْاِثْمِ وَالْفَوَاحِشَ اِلَّا اللَّمَمَۙ اِنَّ رَبَّكَ وَاسِعُ الْمَغْفِرَةِۗ هُوَ اَعْلَمُ بِكُمْ اِذْ اَنْشَاَكُمْ مِّنَ الْاَرْضِ وَاِذْ اَنْتُمْ اَجِنَّةٌ فِيْ بُطُوْنِ اُمَّهٰتِكُمْۗ فَلَا تُزَكُّوْٓا اَنْفُسَكُمْۗ هُوَ اَعْلَمُ بِمَنِ اتَّقٰى ࣖ ٣٢

alladhīna
ٱلَّذِينَ
वो लोग जो
yajtanibūna
يَجْتَنِبُونَ
इज्तिनाब करते हैं
kabāira
كَبَٰٓئِرَ
कबीरा
l-ith'mi
ٱلْإِثْمِ
गुनाहों से
wal-fawāḥisha
وَٱلْفَوَٰحِشَ
और बेहयाई से
illā
إِلَّا
सिवाए
l-lamama
ٱللَّمَمَۚ
छोटे गुनाहों के
inna
إِنَّ
बेशक
rabbaka
رَبَّكَ
रब आपका
wāsiʿu
وَٰسِعُ
वसीअ
l-maghfirati
ٱلْمَغْفِرَةِۚ
मग़्फ़िरत वाला है
huwa
هُوَ
वो
aʿlamu
أَعْلَمُ
ज़्यादा जानता है
bikum
بِكُمْ
तुम्हें
idh
إِذْ
जब
ansha-akum
أَنشَأَكُم
उसने पैदा किया तुम्हें
mina
مِّنَ
ज़मीन से
l-arḍi
ٱلْأَرْضِ
ज़मीन से
wa-idh
وَإِذْ
और जब
antum
أَنتُمْ
तुम
ajinnatun
أَجِنَّةٌ
जनीन थे
فِى
पेटों में
buṭūni
بُطُونِ
पेटों में
ummahātikum
أُمَّهَٰتِكُمْۖ
अपनी माओं के
falā
فَلَا
पस ना
tuzakkū
تُزَكُّوٓا۟
तुम पाक ठहराओ
anfusakum
أَنفُسَكُمْۖ
अपने नफ़्सों को
huwa
هُوَ
वो
aʿlamu
أَعْلَمُ
ज़्यादा जानता है
bimani
بِمَنِ
उसे जिसने
ittaqā
ٱتَّقَىٰٓ
तक़्वा इख़्तियार किया
वे लोग जो बड़े गुनाहों और अश्लील कर्मों से बचते है, यह और बात है कि संयोगबश कोई छोटी बुराई उनसे हो जाए। निश्चय ही तुम्हारा रब क्षमाशीलता मे बड़ा व्यापक है। वह तुम्हें उस समय से भली-भाँति जानता है, जबकि उसने तुम्हें धरती से पैदा किया और जबकि तुम अपनी माँओ के पेटों में भ्रुण अवस्था में थे। अतः अपने मन की पवित्रता और निखार का दावा न करो। वह उस व्यक्ति को भली-भाँति जानता है, जिसने डर रखा ([५३] अन-नज्म: 32)
Tafseer (तफ़सीर )
३३

اَفَرَءَيْتَ الَّذِيْ تَوَلّٰىۙ ٣٣

afara-ayta
أَفَرَءَيْتَ
क्या भला देखा आपने
alladhī
ٱلَّذِى
उसे जो
tawallā
تَوَلَّىٰ
मुँह मोड़ गया
क्या तुमने उस व्यक्ति को देखा जिसने मुँह फेरा, ([५३] अन-नज्म: 33)
Tafseer (तफ़सीर )
३४

وَاَعْطٰى قَلِيْلًا وَّاَكْدٰى ٣٤

wa-aʿṭā
وَأَعْطَىٰ
और उसने दिया
qalīlan
قَلِيلًا
थोड़ा सा
wa-akdā
وَأَكْدَىٰٓ
और उसने रोक लिया
और थोड़ा-सा देकर रुक गया; ([५३] अन-नज्म: 34)
Tafseer (तफ़सीर )
३५

اَعِنْدَهٗ عِلْمُ الْغَيْبِ فَهُوَ يَرٰى ٣٥

aʿindahu
أَعِندَهُۥ
क्या उसके पास
ʿil'mu
عِلْمُ
इल्म है
l-ghaybi
ٱلْغَيْبِ
ग़ैब का
fahuwa
فَهُوَ
तो वो
yarā
يَرَىٰٓ
वो देख रहा है
क्या उसके पास परोक्ष का ज्ञान है कि वह देख रहा है; ([५३] अन-नज्म: 35)
Tafseer (तफ़सीर )
३६

اَمْ لَمْ يُنَبَّأْ بِمَا فِيْ صُحُفِ مُوْسٰى ٣٦

am
أَمْ
या
lam
لَمْ
नहीं
yunabba
يُنَبَّأْ
वो ख़बर दिया गया
bimā
بِمَا
उसकी जो
فِى
सहीफ़ों में है
ṣuḥufi
صُحُفِ
सहीफ़ों में है
mūsā
مُوسَىٰ
मूसा के
या उसको उन बातों की ख़बर नहीं पहुँची, जो मूसा की किताबों में है ([५३] अन-नज्म: 36)
Tafseer (तफ़सीर )
३७

وَاِبْرٰهِيْمَ الَّذِيْ وَفّٰىٓ ۙ ٣٧

wa-ib'rāhīma
وَإِبْرَٰهِيمَ
और इब्राहीम के
alladhī
ٱلَّذِى
जिसने
waffā
وَفَّىٰٓ
वफ़ा की
और इबराहीम की (किताबों में है), जिसने अल्लाह की बन्दगी का) पूरा-पूरा हक़ अदा कर दिया? ([५३] अन-नज्म: 37)
Tafseer (तफ़सीर )
३८

اَلَّا تَزِرُ وَازِرَةٌ وِّزْرَ اُخْرٰىۙ ٣٨

allā
أَلَّا
कि ना
taziru
تَزِرُ
बोझ उठाएगी
wāziratun
وَازِرَةٌ
कोई बोझ उठाने वाली
wiz'ra
وِزْرَ
बोझ
ukh'rā
أُخْرَىٰ
किसी दूसरे की
यह कि कोई बोझ उठानेवाला किसी दूसरे का बोझ न उठाएगा; ([५३] अन-नज्म: 38)
Tafseer (तफ़सीर )
३९

وَاَنْ لَّيْسَ لِلْاِنْسَانِ اِلَّا مَا سَعٰىۙ ٣٩

wa-an
وَأَن
और ये कि
laysa
لَّيْسَ
नहीं है
lil'insāni
لِلْإِنسَٰنِ
इन्सान के लिए
illā
إِلَّا
मगर
مَا
जो
saʿā
سَعَىٰ
उसने कोशिश की
और यह कि मनुष्य के लिए बस वही है जिसके लिए उसने प्रयास किया; ([५३] अन-नज्म: 39)
Tafseer (तफ़सीर )
४०

وَاَنَّ سَعْيَهٗ سَوْفَ يُرٰىۖ ٤٠

wa-anna
وَأَنَّ
और ये कि
saʿyahu
سَعْيَهُۥ
कोशिश उसकी
sawfa
سَوْفَ
अनक़रीब
yurā
يُرَىٰ
वो देखी जाएगी
और यह कि उसका प्रयास शीघ्र ही देखा जाएगा। ([५३] अन-नज्म: 40)
Tafseer (तफ़सीर )