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सूरा अन-नज्म - शब्द द्वारा शब्द

An-Najm

(सितारा)

bismillaahirrahmaanirrahiim

وَالنَّجْمِ اِذَا هَوٰىۙ ١

wal-najmi
وَٱلنَّجْمِ
क़सम है सितारे की
idhā
إِذَا
जब
hawā
هَوَىٰ
वो गिरे
गवाह है तारा, जब वह नीचे को आए ([५३] अन-नज्म: 1)
Tafseer (तफ़सीर )

مَا ضَلَّ صَاحِبُكُمْ وَمَا غَوٰىۚ ٢

مَا
नहीं
ḍalla
ضَلَّ
राह भूला
ṣāḥibukum
صَاحِبُكُمْ
साथी तुम्हारा
wamā
وَمَا
और ना ही
ghawā
غَوَىٰ
वो बहका
तुम्हारी साथी (मुहम्मह सल्ल॰) न गुमराह हुआ और न बहका; ([५३] अन-नज्म: 2)
Tafseer (तफ़सीर )

وَمَا يَنْطِقُ عَنِ الْهَوٰى ٣

wamā
وَمَا
और नहीं
yanṭiqu
يَنطِقُ
वो बोलता
ʿani
عَنِ
ख़्वाहिशे नफ़्स से
l-hawā
ٱلْهَوَىٰٓ
ख़्वाहिशे नफ़्स से
और न वह अपनी इच्छा से बोलता है; ([५३] अन-नज्म: 3)
Tafseer (तफ़सीर )

اِنْ هُوَ اِلَّا وَحْيٌ يُّوْحٰىۙ ٤

in
إِنْ
नहीं
huwa
هُوَ
वो
illā
إِلَّا
मगर
waḥyun
وَحْىٌ
एक वही
yūḥā
يُوحَىٰ
जो वही की जाती है
वह तो बस एक प्रकाशना है, जो की जा रही है ([५३] अन-नज्म: 4)
Tafseer (तफ़सीर )

عَلَّمَهٗ شَدِيْدُ الْقُوٰىۙ ٥

ʿallamahu
عَلَّمَهُۥ
सिखाया उसे
shadīdu
شَدِيدُ
बहुत ज़बरदस्त
l-quwā
ٱلْقُوَىٰ
क़ुव्वत वाले ने
उसे बड़ी शक्तियोंवाले ने सिखाया, ([५३] अन-नज्म: 5)
Tafseer (तफ़सीर )

ذُوْ مِرَّةٍۗ فَاسْتَوٰىۙ ٦

dhū
ذُو
जो बड़ा ज़ोर आवर है
mirratin
مِرَّةٍ
जो बड़ा ज़ोर आवर है
fa-is'tawā
فَٱسْتَوَىٰ
फेर वो सीधा खड़ा हो गया
स्थिर रीतिवाले ने। ([५३] अन-नज्म: 6)
Tafseer (तफ़सीर )

وَهُوَ بِالْاُفُقِ الْاَعْلٰىۗ ٧

wahuwa
وَهُوَ
और वो
bil-ufuqi
بِٱلْأُفُقِ
किनारे पर था
l-aʿlā
ٱلْأَعْلَىٰ
बुलन्द
अतः वह भरपूर हुआ, इस हाल में कि वह क्षितिज के उच्चतम छोर पर है ([५३] अन-नज्म: 7)
Tafseer (तफ़सीर )

ثُمَّ دَنَا فَتَدَلّٰىۙ ٨

thumma
ثُمَّ
फिर
danā
دَنَا
वो क़रीब हुआ
fatadallā
فَتَدَلَّىٰ
पस वो उतर आया
फिर वह निकट हुआ और उतर गया ([५३] अन-नज्म: 8)
Tafseer (तफ़सीर )

فَكَانَ قَابَ قَوْسَيْنِ اَوْ اَدْنٰىۚ ٩

fakāna
فَكَانَ
तो वो हो गया
qāba
قَابَ
बक़द्र
qawsayni
قَوْسَيْنِ
दो कमानों के
aw
أَوْ
या
adnā
أَدْنَىٰ
उससे ज़्यादा क़रीब
अब दो कमानों के बराबर या उससे भी अधिक निकट हो गया ([५३] अन-नज्म: 9)
Tafseer (तफ़सीर )
१०

فَاَوْحٰىٓ اِلٰى عَبْدِهٖ مَآ اَوْحٰىۗ ١٠

fa-awḥā
فَأَوْحَىٰٓ
तो उसने वही पहुँचाई
ilā
إِلَىٰ
उस(अल्लाह) के बन्दे की तरफ़
ʿabdihi
عَبْدِهِۦ
उस(अल्लाह) के बन्दे की तरफ़
مَآ
जो
awḥā
أَوْحَىٰ
उसने वही पहुँचाई
तब उसने अपने बन्दे की ओर प्रकाशना की, जो कुछ प्रकाशना की। ([५३] अन-नज्म: 10)
Tafseer (तफ़सीर )