२१
وَفِيْٓ اَنْفُسِكُمْ ۗ اَفَلَا تُبْصِرُوْنَ ٢١
- wafī
- وَفِىٓ
- और तुम्हारे नफ़्सों में भी
- anfusikum
- أَنفُسِكُمْۚ
- और तुम्हारे नफ़्सों में भी
- afalā
- أَفَلَا
- क्या भला नहीं
- tub'ṣirūna
- تُبْصِرُونَ
- तुम देखते
और ,स्वयं तुम्हारे अपने आप में भी। तो क्या तुम देखते नहीं? ([५१] अज़-ज़ारियात: 21)Tafseer (तफ़सीर )
२२
وَفِى السَّمَاۤءِ رِزْقُكُمْ وَمَا تُوْعَدُوْنَ ٢٢
- wafī
- وَفِى
- और आसमान में
- l-samāi
- ٱلسَّمَآءِ
- और आसमान में
- riz'qukum
- رِزْقُكُمْ
- रिज़्क़ है तुम्हारा
- wamā
- وَمَا
- और जो
- tūʿadūna
- تُوعَدُونَ
- तुम वादा किए जाते हो
और आकाश मे ही तुम्हारी रोज़ी है और वह चीज़ भी जिसका तुमसे वादा किया जा रहा है ([५१] अज़-ज़ारियात: 22)Tafseer (तफ़सीर )
२३
فَوَرَبِّ السَّمَاۤءِ وَالْاَرْضِ اِنَّهٗ لَحَقٌّ مِّثْلَ مَآ اَنَّكُمْ تَنْطِقُوْنَ ࣖ ٢٣
- fawarabbi
- فَوَرَبِّ
- पस क़सम है रब की
- l-samāi
- ٱلسَّمَآءِ
- आसमान
- wal-arḍi
- وَٱلْأَرْضِ
- और ज़मीन के
- innahu
- إِنَّهُۥ
- बेशक वो
- laḥaqqun
- لَحَقٌّ
- अलबत्ता हक़ है
- mith'la
- مِّثْلَ
- मानिन्द
- mā
- مَآ
- उसके जो
- annakum
- أَنَّكُمْ
- बेशक तुम
- tanṭiqūna
- تَنطِقُونَ
- तुम बोलते हो
अतः सौगन्ध है आकाश और धरती के रब की। निश्चय ही वह सत्य बात है ऐसे ही जैसे तुम बोलते हो ([५१] अज़-ज़ारियात: 23)Tafseer (तफ़सीर )
२४
هَلْ اَتٰىكَ حَدِيْثُ ضَيْفِ اِبْرٰهِيْمَ الْمُكْرَمِيْنَۘ ٢٤
- hal
- هَلْ
- क्या
- atāka
- أَتَىٰكَ
- आई आपके पास
- ḥadīthu
- حَدِيثُ
- ख़बर
- ḍayfi
- ضَيْفِ
- मेहमानों की
- ib'rāhīma
- إِبْرَٰهِيمَ
- इब्राहीम के
- l-muk'ramīna
- ٱلْمُكْرَمِينَ
- जो मोअज़्ज़िज़ थे
क्या इबराईम के प्रतिष्ठित अतिथियों का वृतान्त तुम तक पहँचा? ([५१] अज़-ज़ारियात: 24)Tafseer (तफ़सीर )
२५
اِذْ دَخَلُوْا عَلَيْهِ فَقَالُوْا سَلٰمًا ۗقَالَ سَلٰمٌۚ قَوْمٌ مُّنْكَرُوْنَ ٢٥
- idh
- إِذْ
- जब
- dakhalū
- دَخَلُوا۟
- वो दाख़िल हुए
- ʿalayhi
- عَلَيْهِ
- उस पर
- faqālū
- فَقَالُوا۟
- तो उन्होंने कहा
- salāman
- سَلَٰمًاۖ
- सलाम हो
- qāla
- قَالَ
- उसने कहा
- salāmun
- سَلَٰمٌ
- सलाम हो
- qawmun
- قَوْمٌ
- लोग हो
- munkarūna
- مُّنكَرُونَ
- अजनबी
जब वे उसके पास आए तो कहा, 'सलाम है तुमपर!' उसने भी कहा, 'सलाम है आप लोगों पर भी!' (और जी में कहा) 'ये तो अपरिचित लोग हैं।' ([५१] अज़-ज़ारियात: 25)Tafseer (तफ़सीर )
२६
فَرَاغَ اِلٰٓى اَهْلِهٖ فَجَاۤءَ بِعِجْلٍ سَمِيْنٍۙ ٢٦
- farāgha
- فَرَاغَ
- फिर वो गया
- ilā
- إِلَىٰٓ
- तरफ़ अपने घर वालों के
- ahlihi
- أَهْلِهِۦ
- तरफ़ अपने घर वालों के
- fajāa
- فَجَآءَ
- पस वो ले आया
- biʿij'lin
- بِعِجْلٍ
- एक बछड़ा (भुना हुआ)
- samīnin
- سَمِينٍ
- मोटा ताज़ा
फिर वह चुपके से अपने घरवालों के पास गया और एक मोटा-ताज़ा बछड़ा (का भूना हुआ मांस) ले आया ([५१] अज़-ज़ारियात: 26)Tafseer (तफ़सीर )
२७
فَقَرَّبَهٗٓ اِلَيْهِمْۚ قَالَ اَلَا تَأْكُلُوْنَ ٢٧
- faqarrabahu
- فَقَرَّبَهُۥٓ
- फिर उसने क़रीब किया उसे
- ilayhim
- إِلَيْهِمْ
- तरफ़ उनके
- qāla
- قَالَ
- उसने कहा
- alā
- أَلَا
- क्या नहीं
- takulūna
- تَأْكُلُونَ
- तुम खाते
और उसे उनके सामने पेश किया। कहा, 'क्या आप खाते नहीं?' ([५१] अज़-ज़ारियात: 27)Tafseer (तफ़सीर )
२८
فَاَوْجَسَ مِنْهُمْ خِيْفَةً ۗقَالُوْا لَا تَخَفْۗ وَبَشَّرُوْهُ بِغُلٰمٍ عَلِيْمٍ ٢٨
- fa-awjasa
- فَأَوْجَسَ
- तो उसने महसूस किया
- min'hum
- مِنْهُمْ
- उनसे
- khīfatan
- خِيفَةًۖ
- ख़ौफ़
- qālū
- قَالُوا۟
- उन्होंने कहा
- lā
- لَا
- ना तुम डरो
- takhaf
- تَخَفْۖ
- ना तुम डरो
- wabasharūhu
- وَبَشَّرُوهُ
- और उन्होंने ख़ुशख़बरी दी उसे
- bighulāmin
- بِغُلَٰمٍ
- एक लड़के
- ʿalīmin
- عَلِيمٍ
- बहुत इल्म वाले की
फिर उसने दिल में उनसे डर महसूस किया। उन्होंने कहा, 'डरिए नहीं।' और उन्होंने उसे एक ज्ञानवान लड़के की मंगल-सूचना दी ([५१] अज़-ज़ारियात: 28)Tafseer (तफ़सीर )
२९
فَاَقْبَلَتِ امْرَاَتُهٗ فِيْ صَرَّةٍ فَصَكَّتْ وَجْهَهَا وَقَالَتْ عَجُوْزٌ عَقِيْمٌ ٢٩
- fa-aqbalati
- فَأَقْبَلَتِ
- तो आगे बढ़ी
- im'ra-atuhu
- ٱمْرَأَتُهُۥ
- बीवी उसकी
- fī
- فِى
- एक चीख़ के साथ
- ṣarratin
- صَرَّةٍ
- एक चीख़ के साथ
- faṣakkat
- فَصَكَّتْ
- तो उसने हाथ मारा
- wajhahā
- وَجْهَهَا
- अपने चेहरे पर
- waqālat
- وَقَالَتْ
- और वो कहने लगी
- ʿajūzun
- عَجُوزٌ
- बुढ़िया
- ʿaqīmun
- عَقِيمٌ
- बाँझ
इसपर उसकी स्त्री (चकित होकर) आगे बढ़ी और उसने अपना मुँह पीट लिया और कहने लगी, 'एक बूढ़ी बाँझ (के यहाँ बच्चा पैदा होगा)!' ([५१] अज़-ज़ारियात: 29)Tafseer (तफ़सीर )
३०
قَالُوْا كَذٰلِكِۙ قَالَ رَبُّكِ ۗاِنَّهٗ هُوَ الْحَكِيْمُ الْعَلِيْمُ ۔ ٣٠
- qālū
- قَالُوا۟
- उन्होंने कहा
- kadhāliki
- كَذَٰلِكِ
- इसी तरह होगा
- qāla
- قَالَ
- फ़रमाया है
- rabbuki
- رَبُّكِۖ
- तेरे रब ने
- innahu
- إِنَّهُۥ
- बेशक वो
- huwa
- هُوَ
- वो ही है
- l-ḥakīmu
- ٱلْحَكِيمُ
- ख़ूब हिकमत वाला
- l-ʿalīmu
- ٱلْعَلِيمُ
- बहुत इल्म वाला
उन्होंने कहा, 'ऐसी ही तेरे रब ने कहा है। निश्चय ही वह बड़ा तत्वदर्शी, ज्ञानवान है।' ([५१] अज़-ज़ारियात: 30)Tafseer (तफ़सीर )