४१
وَاسْتَمِعْ يَوْمَ يُنَادِ الْمُنَادِ مِنْ مَّكَانٍ قَرِيْبٍ ٤١
- wa-is'tamiʿ
- وَٱسْتَمِعْ
- और ग़ौर से सुनिए
- yawma
- يَوْمَ
- जिस दिन
- yunādi
- يُنَادِ
- पुकारेगा
- l-munādi
- ٱلْمُنَادِ
- पुकारने वाला
- min
- مِن
- एक जगह से
- makānin
- مَّكَانٍ
- एक जगह से
- qarībin
- قَرِيبٍ
- क़रीब की
और कान लगाकर सुन लेगा जिस दिन पुकारनेवाला अत्यन्त निकट के स्थान से पुकारेगा, ([५०] काफ: 41)Tafseer (तफ़सीर )
४२
يَوْمَ يَسْمَعُوْنَ الصَّيْحَةَ بِالْحَقِّ ۗذٰلِكَ يَوْمُ الْخُرُوْجِ ٤٢
- yawma
- يَوْمَ
- जिस दिन
- yasmaʿūna
- يَسْمَعُونَ
- वो सुनेंगे
- l-ṣayḥata
- ٱلصَّيْحَةَ
- चिंघाड़ को
- bil-ḥaqi
- بِٱلْحَقِّۚ
- साथ हक़ के
- dhālika
- ذَٰلِكَ
- ये होगा
- yawmu
- يَوْمُ
- दिन
- l-khurūji
- ٱلْخُرُوجِ
- निकलने का
जिस दिन लोग भयंकर चीख़ को सत्यतः सुन रहे होंगे। वही दिन होगा निकलने का।- ([५०] काफ: 42)Tafseer (तफ़सीर )
४३
اِنَّا نَحْنُ نُحْيٖ وَنُمِيْتُ وَاِلَيْنَا الْمَصِيْرُۙ ٤٣
- innā
- إِنَّا
- बेशक हम
- naḥnu
- نَحْنُ
- हम ही
- nuḥ'yī
- نُحْىِۦ
- हम ज़िन्दा करते हैं
- wanumītu
- وَنُمِيتُ
- और हम मौत देते हैं
- wa-ilaynā
- وَإِلَيْنَا
- और तरफ़ हमारे ही
- l-maṣīru
- ٱلْمَصِيرُ
- लौटना है
हम ही जीलन प्रदान करते और मृत्यु देते है और हमारी ही ओर अन्ततः आना है। - ([५०] काफ: 43)Tafseer (तफ़सीर )
४४
يَوْمَ تَشَقَّقُ الْاَرْضُ عَنْهُمْ سِرَاعًا ۗذٰلِكَ حَشْرٌ عَلَيْنَا يَسِيْرٌ ٤٤
- yawma
- يَوْمَ
- जिस दिन
- tashaqqaqu
- تَشَقَّقُ
- शक़ हो जाएगी
- l-arḍu
- ٱلْأَرْضُ
- ज़मीन
- ʿanhum
- عَنْهُمْ
- उनसे
- sirāʿan
- سِرَاعًاۚ
- तेज़ दौड़ने वाले होंगे
- dhālika
- ذَٰلِكَ
- ये है
- ḥashrun
- حَشْرٌ
- इकट्ठा करना / हशर
- ʿalaynā
- عَلَيْنَا
- हम पर
- yasīrun
- يَسِيرٌ
- बहुत आसान
जिस दिन धरती उनपर से फट जाएगी और वे तेजी से निकल पड़ेंगे। यह इकट्ठा करना हमारे लिए अत्यन्त सरल है ([५०] काफ: 44)Tafseer (तफ़सीर )
४५
نَحْنُ اَعْلَمُ بِمَا يَقُوْلُوْنَ وَمَآ اَنْتَ عَلَيْهِمْ بِجَبَّارٍۗ فَذَكِّرْ بِالْقُرْاٰنِ مَنْ يَّخَافُ وَعِيْدِ ࣖ ٤٥
- naḥnu
- نَّحْنُ
- हम
- aʿlamu
- أَعْلَمُ
- ज़्यादा जानते हैं
- bimā
- بِمَا
- उसे जो
- yaqūlūna
- يَقُولُونَۖ
- वो कहते हैं
- wamā
- وَمَآ
- और नहीं
- anta
- أَنتَ
- आप
- ʿalayhim
- عَلَيْهِم
- उन पर
- bijabbārin
- بِجَبَّارٍۖ
- ज़बरदस्ती करने वाले
- fadhakkir
- فَذَكِّرْ
- पस नसीहत कीजिए
- bil-qur'āni
- بِٱلْقُرْءَانِ
- साथ क़ुरआन के
- man
- مَن
- उसे जो
- yakhāfu
- يَخَافُ
- डरता हो
- waʿīdi
- وَعِيدِ
- मेरी वईद से
हम जानते है जो कुछ वे कहते है, तुम उनपर कोई ज़बरदस्ती करनेवाले तो हो नहीं। अतः तुम क़ुरआन के द्वारा उसे नसीहत करो जो हमारी चेतावनी से डरे ([५०] काफ: 45)Tafseer (तफ़सीर )